Thursday, September 2, 2010

नशीली चूत का रस

बात उन िदनो की हैजब मैं १२वींकी बोडर् की परीक्षा देकर ६ी हुआ था और िरजल्ट
आनेमें तीन महीनेका समय था। येवो समय होता हैजब हर लड़का अपनेबढ़ेहुए
लंड के ूित आकािषतर् रहता हैसाथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घंुघराली झांटे
उसका मन जल्दी सेिकसी नशीली चूत का रस पान करनेको ूेिरत करती हैं। मैने
६ी टाइम को सही इःतेमाल करनेके िलयेएक इंगिलश ःपीिकंग कोसर् ज्वाइन कर
िलया। हमारेघर सेथोड़ी दरू पर एक नयेइंगिलश कोिचंग सेंटर खुला था जहांमैं
अपना एडमीशन लेनेपहुंच गया। मेरेलौड़ेकी िकःमत अच्छ􀈤 थी वहांजातेही मेरा
सामना एक कमिसन, अल्हड़, मदमःत, जवान, औरत सेहुआ जो पता चला वहां
की टीचर है। उसके गोरे-गोरेतन बदन को देखतेही मेरा तो लौड़ा चड्ढी में ही
उचकनेलगा। उसकी खुशबूदार सांसो नेमन मेतूफ़ान पैदा कर डाला था। मन तो
उसके तुरंत चोदनेको कर रहा था पर क्या करता वहांतो पढ़नेगया था।
एडमीशन देतेहुए वो भी मुझेआखं ों ही आखं ों में तौल रही थी। वो २७ साल की भरे
बदन वाली मैडम थी। शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूिचयां) आधा िकलो की थी
और उसके ग􀆧ेदार मोटेचूतड़ (गांड) उभार िलयेसंगमरमर की मूरत सेतराशेहुए
िहलतेऐसेलगतेथेजैसेकह रहेहो- “आजा राजा इस गांड को बजा जा”
मैनेएडमीशन लेकर पूछा “िकतनेबजेआना हैमैडम?” वोह मुःकरा कर बोली
“सुबह ७ बजेआना।” “साथ क्या लाना है?” “वो बोली एक कोपी बस”। मैं घर
वापस आ गया पर सारी रात सुबह होनेके इंतज़ार में सो न सका। रात भर मैडम
की हसीन मुःकान और चेहरा सामनेथा। मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो
कबूतरों का 􀃚यान कर रहा था जो बाहर आनेको बेताब थे। उनकी चूत कैसी होगी?
गुलाबी चूत पेकाला िसंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला,
मुलायम मीठा या नमकीन, िकतना नशा होगा उनके चूत के रस में? उनकी बुर की
फांके गुलाब की पि􀆣यों सी फैला दंूतो क्या हो? येकल्पना और मदहोश कर रही थी
िजससेमेरेलंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्ढी में उसनेगीला
पानी छोड़ िदया।
अगलेिदन सुबह, जल्दी सेनहा कर मैं इंगिलश की कोिचंग में टाइम सेपहुंच गया।
उस क्लास में और भी कुछ हसीन लड़िकयांथीं। कुछ खूबसूरत शादी-शुदा औरतें भी
थी जो हाई क्लास सोसाइटी में अपनी धाक जमानेके िलयेइंगिलश सीखना चाह
रही थींतािक हाई क्लास की रंगीिनयों का मज़ा उठाया जा सके। मैं पीछे की सीट
पर बैठ गया। थोड़ी देर में मैडम वहांआयी और गूड मोिन􀉍ग के साथ मुझ पर नज़र
पड़तेही बोली –“तुम आगेआकर बैठो”। उनके कहनेपर मैं आगेकी सीट पर बैठ
गया। वो सबको अपना पिरचय हुए बोली – हाय मैिनशा हूँ। अब आप लोग अपना
पिरचय दीिजये। हम सबनेअपना-अपना पिरचय िदया। िफर वो ब्लैक बोडर् की
तरफ़ मुड़कर िलखनेलगी। जैसेही वो मुड़ी उनकी गांड मेरेसामनेथी और मन िफर
उनकी गांड मारनेके ख्याल में खो गया। क्या करुं जवानी १८ साल की कहांशांत
रहती।
वो बहुत संुदर लाइट कलर की साड़ी पहनेथी। लाइट िपंक ब्लाउज़ के नीचेउनका
काला ॄा साफ़ िदख रहा था। साड़ी के पल्लुसेउनकी चूची का बोडर्र ज़बान पेपानी
ला रहा था। लालच मन में जगा रहा था। दोनो चुिचयों के बीच की गहरी लाइन ॄा
के ऊपर सेलंड को मःती िदला रही थी। वो मुड़ कर वापस क्लास को बोलनेलगी
मामर के बारेमें और मेरेएकदम पास चली आयी। मैं बैठा था और वो मेरेइतने
करीब खड़ी थी िक उनका खुला पेट वाला िहःसा मेरेमुंह के पास आ चुका था
िजसमेसेउनकी गोल-गोल गहरी टोंडी (नािभ) की महक मेरेनथुनो मेमीठा ज़हर
घोल रही थी। िफर उनका पेन हाथ सेिगरकर मेरेसामनेटपक गया िजसेलेनेवो
नीचेझुकी तो दोनो चुिचयांमेरेमुंह के सामनेपरस गये। उस िदन क्लास ऐसेही
चलता रहा। िफर जब क्लास ख􀃗म हुआ तो जब सब चलनेलगेतो मैडम नेमुझे
रुकनेको कहा। मैं अपनी कुरसी पर बैठा रहा। सबके चलेजानेके बाद मैडम मेरे
पास आयी और बोली-“ हेंडसम लग रहेहो” मैनेकहा “थैंक यू”। तुम अभी क्या
करतेहो? मैं बोला- अभी १२वींका एक्साम िदया हैअब मैं ६ी हूं। मैडम बोली –
मतलब अब तुम बािलग (एडल्ट) हो गयेहो।” “यस मैडम”, मैं बोला।
“हूऊऊऊउमÉÉ। वो कुछ सोच कर बोली, तुम्हारा केला तो काफ़ी काफ़ी बड़ा है।
‘केला???’ मैं समझ तो गया था िक मैडम मेरेलंड की तरफ़ इशारा कर रही हैं पर मैं
अंजान बना रहा। मैनेपूछा िकस केलेकी बात कर रही हैं आप? “अरेअब इतने
अंजान मत बनो मेरेराजा, तुम्हारा लौड़ा जो काफ़ी बड़ा हैऔर जो इस पैंट के नीचे
सेफूल कर बाहर हवा खानेको बेताब है। शायद इसनेअभी तक गुिझया (चूत) का
ःवाद नहींचखा। असल में मैं क्लास जल्दी पहुंचनेके चक्कर में नहा कर पैंट के
नीचेअंडरवेअर पहनना भूल गया था िजससेमोटा लौड़ा तन कर पैंट में अपनी छाप
िदखा रहा था।
मैडम को ६ी और ६ें क होता देख कर मैनेभी कह िदया “हांमैडम अभी तक िकसी
की चूत का ःवाद नहींचखा है।” वो बोली शिनवार की सुबह ६ बजेमेरेघर आ
सकतेहो, मैं अकेली रहती हूं। दर असल मेरेपित नेवी में हैं और हमारेकोई औलाद
नहींहैं। तुम आजाओगेतो मुझेकम्पनी हो जायेगी। मैनेफ़ौरन हामी भर दी। मैं
जानता तो था िक मैडम को मेरी कम्पनी क्यों चािहयेथी। उनको अपनी बुर की
खुजली िमटानी थी और िफर जब पित नेवी में गांड मरायेतो प􀆤ी िदन भर जब
टीिचंग सेलौट कर आयेतो चूत चोदनेको कोई लौड़ा तो चािहयेही। इसमेकुछ
गलत नहींहैं। हर औरत की, हर ल􀉋िडया की चूत में गरमी चढ़ती हैऔर उसकी चूत
की आग िसफ़र् और िसफ़र् लंड ही शांत कर सकता है।
सारी रात मैडम का 􀃚यान कर मैं सो न सका। सुबह घड़ी में अलामर् लगा िदया ५
बजेका। मम्मी भी सुबह अलामर् की आवाज़ सेउठ गयी और बोली इतनेसुबह कहां
जा रहेहो?? मैनेकहा सुबह रोज़ अब मैं जल्दी उठ कर जोिगंग करनेजाउंगा और
िफर वहींसेक्लास अटेंड कर वापस आउंगा। अब उनसेक्या कहता िक मैडम की
चूत की खजु ली शांत करनेजा रहा हूं। सुबह चाय पीकर मैं तुरंत टैक्सी कर मैडम के
पतेपर कोपी िलयेपहुंच गया। डोरबेल की घंटी बजायी तो थोड़ी देर बाद मैडम
ब्लैक नाइटी पहनेमुःकरा कर दरवाजा खोलती नज़र आयी। उनके नाइटी के दो
बटन ऊपर के खुलेथेऔर ॄा नहींपहनेहोनेके कारण दोनो चूिचयांमुझेसाफ़
िदख रहींथीं। नीचेपेटीकोट भी नहींथा क्योंिक उन्होनेमेरा हाथ कमर पेरख मुझे
अंदर बुलाया िजससेउनका बदन मेरेहाथ में आ गया था।
सामनेखलु ा हुआ सीना मेरेिदल की धड़कन बढ़ा रहा था। वो मुसकरा कर बोली
अब ऐसेही खड़े-खड़ेमेरी सूरत देखतेरहोगेया मुझेअपनी बाहों में उठा कर िबःतर
पेभी लेचलोगे। मेरी जवानी कबसेमोटेलंड की आग में जल रही है, मेरी जवानी के
मज़ेनहींलूटोगे??? मैनेतुरंत कोपी पास पड़ी टेबल पर फें क दी और मैडम को झट
सेअपनी बाहों में उठा िलया। उनके खुलेबाल मेरेहाथ पर थेऔर उन्होनेमेरेहोंठों
को अपनेिलप्स में कैद कर िलया। उनका बेडरूम सामनेही था। मौसम थोड़ा गरम
था इसिलयेमैं उनको पहलेबाथरूम में लेआया जहांउनको थोड़ा नहला कर
मािलश कर गरम कर सकुं।
मैनेमैडम को बाथरूम में खड़ा कर िदया और िफर उनकी काली नाइटी के ऊपर से
पूरा मांसल बदन दबाया िफर सहलाया। उनके हाथ ऊपर कर उनकी काली नाइटी
धीरेसेउतार दी। अब वो पूरी नंगी मेरेसामनेखड़ी थी। दिूधया बदन गोरी-गोरी-
मोटी चूिचयांऔर हल्के कालेघुंघरालेबालों के बीच गुलाबी मुलायम चूत। मैने
शोवर चालुकर िदया पानी ऊपर सेनीचेहर अंग को िभगो रहा था। मैनेउनको
चूमना चाटना शुरु कर िदया। होंठों सेहोंठ िफर गाल सब पर ज़बान फेर कर मज़ा
देता गया। दोनो चूिचयांबार बार दबा कर िनप्पलों को मुंह में भर िलया। उनके
िपंक िनप्पल मोटेऔर बहुत सोझट थे। ज़बान िनकाल कर गोल-गोल िनप्पल पर
घुमा कर चाट कर िपया। वो आअअहअहहÉ।।उअहअहहÉईईःसःससÉमज़ा आ
गया बोली। और िपयो येिनप्पल कब सेतरस रहेथेिक कोई इनको िपये।
मैनेकस कर चूची मदर्न िकया दबा दबा कर िनप्पलों उकेर कर दोनो िनप्पलों पर
जबान सेखूब खुजली की। मैडम भी अपनी ज़बान िनकाल कर मेरेज़बान के साथ
अपनेिनप्पलों चाट रहींथी। उनकी चूिचयांफूल कर बड़ी हो गयी थी और मैं नीचे
उनके नािभ पर आ गया था। गोल नािभ की गहरायी नापनेमें २ िमनट लगा इससे
पहलेचूिचयों का मसाज और िनप्पलों को चूस कर १० िमनट तक उनको प्यार के
नशेमें डुबाता चला गया। इस िबया सेमेरा लौड़ा भी नागराज की तरह फंुकारता
हुआ खड़ा हो कर ७इंच का हो चुका था िजस पर मैडम का हाथ पहुंच गया था। मैने
धीरेसेमैडम को बाथरूम के फ़शर् पर िलटाया तािक उनकी चूत खुल कर मेरेसामने
आ सके और मैं उनकी गुलाबी गुिझया में उंगली डाल सकूँ।
मैं धीरेसेउनकी चूत का रस पीनेके इरादेसेनीचेगया। उनकी झांटों पर पड़ी पानी
की बूंदों नेमुझेउनके झांटों पर चांदी की तरह चमकती बूंदों को पीनेकी चाह जगा
दी। मैं उनकी काली, मुलायम घुंघराली झांटों को अपनेहोंठों में कैद कर अपने
िलप्स सेपीनेलगा। उनकी जब झांटें िखंचती तो वो
अअहअहअहअहअहअहअहÉÉ।।ऊऊऊऊऊअहअहह
…।।अहहाईईइÉÉÉ।ज्जज्जजाआअन्नन्नन्नन्नन्नÉ।।ःसःसःसःसःसःस
ःससÉ करती िजससेमेरा लंड और कड़क हो जाता। उनकी झांटों सेपानी साफ़
करनेके बाद मैनेदोनो उंगिलयों सेउनकी चूत की गहरायी को नापा मतलब दोनो
उंगिलयांअंदर गुलाबी छेद में डाल दी गहरायी तक। िफर ज़बान पास लाकर उनके
चूत का िसंघाड़ा अपनेमुंह में कैद कर िलया। करीब १० िमनट तक उनकी नशीली
चूत का रस अपनी ज़बान सेपीता रहा और उनकी गरम चूत में अपनी ज़बान
चलाता रहा। ऊपर सेनीचेिफर नीचेसेऊपर और िफर ज़बान को कड़ा कर अंदर
बाहर भी। ज़बान सेचूत रस चाटतेव􀆠 मैनेएक उंगली नीचेखूबसुरत सेिदख रहे
गांड के छेद पेलगा दी। उनको तैयार कर मैनेअपना अंडरवेअर उतारा िजससेमैडम
बाथरूम के फ़शर् पर उठ कर मेरेऊपर मेरी तरफ़ गांड कर ६९ की पोजीशन में लेट
गयी और मेरा लंड अपनेमुंह में डाल िलया।
मैं मैडम की चूत मैं नीचेसेपीछे सेज़बान डाल कर उनका रस चाटेजा रहा था और
मैडम को मेरा गलु ाबी सुपाड़ा बहुत मज़ा देरहा था। वो बच्चो की तरह उसेचूसेजा
रहींथी। क्योंिक उनको लंड बहुत िदनो बाद नसीब हुआ था। मेरा तना लंड उनको
बहुत मज़ा देरहा था वो ५ िमनट तक मेरा लौड़ा अपनेहोंठों में कैद कर चूसती रहीं
ज़बान सेलंड के सुपाड़ेको चाट-चाट कर लाल कर िदया था और लंड तन कर रोड
की तरह पूरा कड़ा हो गया था पर मैडम छोड़ ही नहींरहींथी। मैनेबोला मैडम मैं
झड़नेवाला हूंतो उन्होनेमुझेखड़ा कर िदया और खदु भी मेरेऊपर सेहट गयी।
बोली-आओ राजा मेरी ज़बान पर िगरा दो। वो मेरेलंड के पास मुंह खोल कर ज़बान
िनकाल कर बैठ गयीं। मैनेअपनेहाथ सेिहला कर जल्दी सेअपना सारा गरम
गरम शहद उनकी ज़बान पेिगराया िजसेउन्होनेअपनी आंखेबंद कर जन्नत का
मज़ा िलया। वो मेरेगरम वीयर् की आिखरी बूंद तक चाट गयी। िफर उन्होनेअपना
मुंह धोया और मुझेबोली अब मुझको बेडरूम में लेचलो राजा। मैं भी उनकी चूत
चोदनेको बेताब था।
मैनेउनको उठा िलया और बेड पर िचत िलटा िदया। उनकी दोनो गोरी टांगो को
खूब फैला िदया तािक उनकी गुलाबी चूत मेरेसामनेखुल जायेऔर मुझेउनकी चूत
को चाटनेमें ज़रा भी किठनाई न हो। वो िफर सेमेरेलंड को अपनेहाथ सेपकड़ कर
आगेपीछे िहलानेलगी। उनके येकरनेसेमेरा लंड िफर सेखड़ा होनेलगा। मैने
उनकी नशीली चूत को चाट कर अपनेथूक सेिचकना िकया। वैसेउनकी चूत बहुत
मक्खन सी मुलायम और मलमल सी िचकनी थी। वो गरम-गरम मलाई सेभरपूर
चूत मुझेअब जन्नत सी लग रही थी िजसको अब चोदना बहुत ज़रूरी हो गया था।
मेरेलप-लप कर उनकी चूत को चाटनेसेवो अपनेमुंह से
सीÉसीÉऊऊऊओÉ।अअहअहअहअहअह कर रही थी। बोली मेरेराजा जल्दी से
अपना ७ इंच का शेर मेरी प्यार की गुफ़ा में घुसा दो। जल्दी सेइस चूत की खुजली
शांत करो। बहुत तड़प रहींहूं।
मैनेजल्दी सेउनकी गोरी मांसल जांघो को दरू दरू िकया और लौड़ा पकड़ कर
अपना सुपाड़ा चूत के मुंह पेिटका कर सहलाया। िफर एक धीरेसेज़ोर लगाया
िजससेलंड खच की आवाज़ सेअंदर गरम गरम चूत में अंदर तक समा गया। वो
आखं ें बंद कर मःत होनेलगी। मैं बोला िनशा तुम बहुत मःत हो। वो मुःकुरा दी।
मैनेअपनेलंड का वेग बढ़ा िदया। लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर चलनेलगा। लंड पूरे
ज़ोर सेअंदर बाहर आ जा रहा था िजससेिनशा की चूिचयांभी िहल रही थीं। दोनो
बूब्स को मैनेहाथ में भर कर मसलना शुरु कर िदया था और उनके िनप्पल भी
अपनेहोंठों में चूसनेलगा। िनशा की जवानी लूट कर १० िमनट तक गरम लंड रोड
सा उसकी बुर को फाड़ता रहा। िफर मैनेउसकी चूत सेलंड बाहर िनकाला और
अपना गरम वीयर् उसकी चूत के ऊपर और टोंढी के छेद में डाल िदया।
अब वो शांत हो चुकी थींऔर मेरा पहला प्यार का क्लास १ घंटेमें खतम हुआ था।
सेक्स की इस क्लास में मुझको मज़ा िमला था। अनोखा मज़ा।

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