Thursday, September 2, 2010

चूत में भूत-2

ूेषक : उषा, राकेश
रोमा बहुत खुल गई थी, बातों बातों में मैंनेसोना के बारेमें पूछ िलया।
रोमा नेबताया िक सोना बहुत संुदर है। साली को अपनी सुन्दरता पर
घमंड बहुत है।
मैं रोमा सेबोला- तुम मुझेसोना की चूत िदलवा सकती हो या नहीं?
रोमा बोली- साली की चूत में खुजली तो अच्छी हो रही होगी क्योंिक दो
महीनेसेउसका पित गाँव नहींआया है, लेिकन वो चुदनेको आराम से
तैयार नहींहोगी। कुितया की चूत के पास एक दाना हो गया है, मुझसे
कहती रहती हैिक कोई लेप बताओ, मुझेिदखाया भी था। पूरी िचकनी
चूत रखती है, चोदनेमें मज़ा खूब देगी।
मैंनेरोमा को कहा- आप उसेयह जरूर बताना िक मैं चूत का भूत भगा
देता हूँ ! बाकी उसकी चूत बजाना मुझ पर छोड़ दो !
रोमा बोली- ठीक हैअगर तुमनेउसेचोद िदया तो मुझेबहुत अच्छा
लगेगा।
थोड़ी देर बाद ४ बजेरमेश वापस आ गया। हम लोगों नेचाए पी और
आराम करनेलगे। रमेश नेबताया िक उसनेदो बार बसंती की चूत चोदी
और एक बार उसके मुँह में लण्ड डाल कर अपना लण्ड रस उसेिपलाया।
५ बजेसोना रोज की तरह रोमा सेिमलनेआ गई। मैंनेरमेश सेकहा- मैं
और तूआज सोना की चूत तेरेघर में ही मारेंगे ! बस तूभाभी के पास
जाकर इसके सामनेमेरी तारीफ़ कर और इससेबोल िक मैं भूत भगानेमें
माःटर हूँ।
रमेश अंदर चला गया और रोमा के पास जाकर सोना सेमेरी तारीफ़
करनेलगा। थोड़ी देर बाद रोमा भाभी मुःकराती हुई आई और बोली-
चलो भाईसाहब, आप को सोना सेिमलाती हूँ, वो आपसेिमलनेको बेचैन
है।
मैं, भाभी रमेश और सोना अब रोमा भाभी के कमरेमैं बेठे थे। सोना के
संतरेगोल गोल और बाहर की तरफ िनकल हुआ थे, चेहरा बहुत संुदर
था। सोना को देखकर तो बूढ़ों का भी लण्ड खड़ा हो जाता होगा ! वो गज़ब
का माल थी। उसकी देहाती साड़ी में सेउसकी गोल नािभ उसके पेट को
सहलानेके िलए मुझेउकसा रही थी। मेरा मन कर रहा था- साली को
नंगा कर अभी चोद दंू ! लेिकन मैं खेल नहींिबगाड़ना चाहता था। रोमा ने
सोना सेमेरा पिरचय कराया, भाभी बोली- यह राकेश भाईसाहब हैं, इन्हें
भूतों के बारेमें बहुत ज्ञान है ! जब सेइन्होंनेमेरेघर का भूत भगाया है,
मेरेआदमी की तनख्वाह बढ़ ही रही है। अब रमेश खुश भी काफी रहते
हैं।
मैंनेरमेश को हल्का सा जानेका इशारा िकया, रमेश बोला- रोमा, मैं
बच्चों को देखकर आता हूँ।
रमेश के जानेके बाद रोमा बोली- सोना जो रात को मुझेभूत तंग करता
था, जैसा मैंनेतुझेबताया था, वो भी इन्होंनेआज भगा िदया। बस एक
बार इन्होंनेरमेश के सामनेमुझेनंगा कर के मेरा बदन सहलातेहुआ
कुछ मन्ऽ पढ़ेथे। बहुत अच्छे हैं भाईसाहब ! तूअपनी परेशानी क्यों नहीं
बताती इन्हें?
सोना कुछ शरमा रही थी। रोमा बोली- भाई साहब, इसको देखकर ही बता
दो िक इसमें कोई भूत तो नहींहै ! साली के शरीर में पूरेिदन खुजली
होती रहती है। पित शहर में एक फैक्शी में गाडर् है, उसकी तनख्वाह भी
कम है। दो महीनेमें छुट्टी िमलती हैउसे ! इसको चेक कर दो इसके
अंदर तो कोई भूत नहींहै !
रोमा बोली- सोना शम􀈸ली है, मेरी तरह नंगी तो नहींहो सकती, लेिकन
आप देखकर ही कुछ बता दो !
मैं चुप सा रहा, िफ़र मैंनेकहा- अगर यह मुझेअपनी पेट की नािभ छुनेदें
तो मैं कुछ बता सकता हूँ !
रोमा नेसोना की तरफ देखा, हलके सेवो मुःकराई और उसनेधीरेसे
कहा- ठीक है !
रोमा नेकमरेका दरवाज़ा बंद कर िदया।
भाभी बोली- सोना, अपना साड़ी का पल्ला हटा ले !
सोना नेपल्ला हटा िलया। अब उसके ब्लाऊज़ में सेतनी हुई चूिचयांऔर
सुन्दर सा पेट पूरा खुला हुआ िदख रहा था। अपना हाथ मैंनेसोना की
नािभ के ऊपर रखकर उसके पेट को हल्का हल्का सहला िदया और धीरे
सेएक ऊँगली उसकी नािभ में घुसा कर उसेगोल गोल घुमानेलगा।
उसके मुँह सेहल्की हल्की सी उहऽऽ ऊह की आवाज़ िनकल गई। मैं
समझ गया िक तीर सही िनशानेपर जा रहा है।
मैं बोला- भाभी इसके अंदर भी भूत हैलेिकन शीशा चािहए बड़ा वाला !
रोमा बोली- शीशा तो बाथरूम में है !
थोड़ी देर में मैं, रोमा और सोना बाथरूम में थे। मैंनेसोना को शीशेके
सामनेखड़ा कर िदया और पीछे सेमैंनेहाथ उसकी कमर में डाल िदए।
मैंनेपूछा- अगर आपको िदक्कत हो तो बता देना !
सोना कुछ गरम िदख रही थी, उसनेइस बार बोलतेहुए कहा- नहींभाई
साहब ! आप भूत भगाइए, मुझेअच्छा लग रहा है !
शीशेमें सेिबना पल्लूके उसके ब्लाउज में बंद दधू गज़ब के सेक्सी लग
रहेथे। मैंनेपीछे जाकर उसकी गांड सेअपना तना हुआ लौड़ा सटाकर ५-
६ बार उसका पेट चारों तरफ सेसहलाया। सोना गरम होना शुरू हो गई।
मैंनेअपनी एक ऊँगली उसकी साड़ी की गांठ के पास सेअंदर घुसा दी
और धीरेधीरेउसको सहलानेलगा। मेरा लण्ड लोहेकी रोड की तरह हो
रहा था। सोना भी और गरम हो रही थी, उसकी आँखेभी बीच बीच में
कामािग्न सेबंद हो रही थीं।
रोमा भाभी नेमुझेआँख मारी और सोना सेबोली- सोना तेरी साड़ी पानी
में ख़राब हो जायेगी। तूइसेउतार क्यों नहींदेती !
मैंनेसोना को अलग िकया उसनेशरमातेहुए अपनी साड़ी उतार दी। अब
वो पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
मैं बोला- सोना जी, मेरी भी पैंट और शटर् ख़राब हो रही है, आप को बुरा न
लगेतो मैं भी यह उतार दंू !
सोना नीचेसर करके बोली- उतार दीिजये !
मैंनेभी अपनेकपड़ेउतार िदए। अब मैं चड्डी, बिनयान में था। मेरेलण्ड
का उभार िबलकुल साफ़ िदख रहा था। मैंनेआगेबढ़कर सोना की नािभ
में अपना मुँह लगा िदया और पूरेपेट पर अपनी जीभ िफरानेलगा और
उसकी नािभ चाटनेलगा। ५ िमनट तक मैंनेउसके पेट की खूब चूमा
चाटी की।
रोमा मुःकुरातेहुआ बोली- भाई साहब ! भूत का पता चला या नहीं !
मैं बोला- भाभी ! सोना को दो भूतों नेपकड़ रखा है- एक पुराना हैऔर
एक नया है। पुराना वाला इसकी चूत का रस पी रहा हैऔर उसनेइसकी
चूत में बड़ा सा दाना कर िदया है। नया वाल सोना की चूिचयों का रस पी
रहा है, अगर उसेनहींभगाया गया तो चूिचयों पर भी चूत जैसा दाना उग
आएगा। उसके बाद यह और जगह चूसेगा। अगर यह भूत जल्दी नहीं
भागेतो ३-४ महीनेमें सोना के शरीर पर दानेदानेही होंगे।
चूत में दानेकी बात सुन सोना चौंक सी गई बोली- तो भाई साहब ! भूत
भगाइए जल्दी भगाइए !
मैं चुप रहा। रोमा भाभी बोली- भाई साहब तो भूत भगा देंगेलेिकन नंगा
तो तुम्हें होना पड़ेगा।
सोना बोली- मुझेबहुत शमर् आती है, मैं नंगा नहींहोना चाहती।
सोना बोली- भाई साहब ! िबना कपड़ेउतारेअंदर हाथ डालकर भूत नहीं
भगाया जा सकता?
मैंनेकहा- ठीक है, कोिशश करतेहैं ! लेिकन ब्लाउज तो उतार दो !
बाथरूम में तो सभी नंगेनहातेहैं और थोड़ा सा तुम्हारा माल हम देख भी
लेंगेतो क्या खराबी है !
सोना शरमातेहुआ बोली- आप ही उतार दो जी !
अब मैंनेब्लाऊज़ के ऊपर सेउसकी चूिचयांकस कस कर दबायींऔर
उसकी ब्लाउज और ॄा उतार िदए। उसकी नंगी चूिचयाँफड़फड़ाकर बाहर
िनकल आईं। सोना के दोनों कबूतर नंगेदेखकर मेरेलण्ड को एक कस
कर झटका लगा। गज़ब की हसीन चूिचयांथीं। िजसेमैंनेदो तीन बार
कस कस कर दबा िदया.मेरेलण्ड सेथोड़ा सा वीयर् िनकल गया था। अब
सोना नग्न-वक्ष एक पेटीकोट में खड़ी थी। मैंनेरोमा भाभी को आँख मारी
और बोला- आप अपनेकमरेमें बेठो ! मैं इसकी चूत का भूत उतरता हूँ !
रोमा भाभी बाहर चली गई। सोना पेटीकोट में अधर्नग्न खड़ी थी, उसके
बूब्स तनेहुए चूत चोदनेका िनमंऽण देरहेथे। मैंनेअपनी बिनयान उतर
दी। सोना शीशेके सामनेखड़ी थी। उसके पीछे जाकर मैंनेसोना के दोनों
दधू अपनेहाथों में कैद कर िलए और उन्हें मसलनेलगा। नरम नरम
और कसेहुआ ःतनों को दबानेका में पूरा मज़ा लेरहा था। सोना के
चुचूक भी गोल गोल नौचतेहुआ उमेठ रहा था। उसके मँुह सेउह आह
आह आह की आवाजें िनकल रही थीं, मैंनेअपना मोटा लण्ड कस कर
उसकी गांड में िचपका रखा था।
सोना उ􀆣ेिजत हो चुकी थी, उसकी चूत लौड़ा खानेको तैयार हो गई थी।
मैंनेपेटीकोट के ऊपर सेसोना की चूत खुजला दी। सामनेशीशेमें सोना
का हसीन बदन िदख रहा था जो मुझेचोदनेको उकसा रहा था। सोना
गरम थी, वो बोली- आप मुझेचाहो तो नंगा कर दो लेिकन भाभी को मत
बताना।
मैं मुःकरा िदया। मैंनेधीरेसेसोना के पेटीकोट का नाड़ा खोल िदया और
पीछे सेअपनेको ढीला छोड़ िदया। सोना का पेटीकोट सरकता हुआ नीचे
िगर गया। अब पूरी नंगी थी उसकी सेक्सी बुर शीश में और सेक्सी लग
रही थी। उसकी चूत को मैं अपनी उँगिलयों सेसहलानेलगा। सोना का
चूत-रस जोरों सेबह रहा था। मैंनेअपना अंडरिवयर नीचेकर िदया। मेरा
गरम लौड़ा उसकी गांड सेटकराया वो आह उअह की िसःकािरयांलेने
लगी।
मेरा नंगा गरम लण्ड उसके चूतड़ों पर िफर रहा था। अब वो चुदनेको
पगला रही थी लेिकन कह नहींपा रही थी। उसकी साँसेजोरों सेचल रही
थीं।
वो बोली- अभी भूत िकतनी देर में भागेगा? कमीनेनेअंदर आग लगा
रखी है ! जल्दी मारो इसे ! मुझेबहुत शमर् आ रही है !
मैं बोला- साला तुम्हारी चूची वाला भूत तो भाग गया हैऔर कमरेमें घूम
रहा है, लेिकन चूत वाला और अंदर चूत में घुस गया है, उसकी लण्ड से
िपटाई करनी पड़ेगी।
सोना बोली- क्या ? यािन िक तुम मुझेअब चोदोगे? नहींनहीं ! मैं नहीं
चुदंगु ी ! अगर गाँव वालों को पता चल गया तो मुझेगाँव सेिनकल देंगे
और मैं तो रंडी बन जाउंगी।

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