Saturday, May 28, 2011

सेक्*स को कभी न कहें सीधा इंकार

भले ही भारतीय सेक्स एक्सपर्ट वात्सायन ने इसके बारे में कुछ न लिखा हो, मगर विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दंपति इसमें सही तरीके से दिलचस्पी लें तो यह आपकी सेक्स लाइफ को कई गुना बेहतर बना सकता है। तो आइए इस बार आपको ले चलतें हैं यौन संबंधों यानी 'इंटरकोर्स' के विपरीत बाह्य यौन संबंधों 'आउटरकोर्स' की दिलचस्प दुनिया में।

कई बार अलग-अलग वजहों से लोग यौन संबंध बनाने से बचते हैं। ऐसी स्थिति में बाहरी यौन क्रीड़ा न दंपति के लिए न सिर्फ ज्यादा सेक्सी, ज्यादा अंतरंग साबित होती है बल्कि यह उन्हें एक दूसरे के ज्यादा करीब लाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसे हर स्थिति में आजमाया जा सकता है, चाहे आप असुरक्षित यौन संबंधों से बचना चाहते हों, चाहे अपने निष्क्रीय यौन जीवन में नया जोश फूंकना चाहते हों या फिर उसमें किसी नए रोमांच की तलाश में हों।

क्या है यह आउटरकोर्स
अब आइए जानते हैं कि आउटरकोर्स या बाह्य यौन क्रीड़ा का अर्थ क्या है? दरअसल इस शब्द के भीतर सामान्य सेक्स, एनल सेक्स और ओरल सेक्स को छोड़कर सभी सेक्स संबंधी गतिविधियां शामिल हैं, जिनके जरिए पार्टनर एक-दूसरे को संतुष्ट कर सकते हैं। पिछले दिनों फाक्स न्यूज की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में इसे इसलिए भी आदर्श ठहराया गया क्योंकि यह गर्भावस्था के दिनों तथा सेक्स संबंधी संक्रमण के मामले में पूरी तरह से जोखिम रहित है।

यदि आप इस बारे में और जानकारी हासिल करने में दिलचस्पी रखते हैं तो आउटरकोर्स आपकी सेक्स लाइफ को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। जहां आप संभोग के चरम सुख जैसा आनंद उठा पाएंगे।

यह भले ही कम चर्चा का विषय हो मगर हर कोई सेक्स के दौरान इस प्रक्रिया से गुजरता है, यदि विक्टोरिया बैकहम इसका आनंद उठा सकती हैं तो फिर आप क्यों नहीं?

बाहरी यौन क्रीड़ा दपंति को एक-दूसरे के और ज्यादा करीब लाती है। जहां यह नए प्रेमियों मे एक दूसरे के प्रति भरोसा पैदा करता है वहीं पुराने दंपति इसकी मदद से अपनी सेक्स लाइफ को फिर से रोमांचक बना सकते हैं।

आइए जानें वो कौन से तरीके हैं जिनकी मदद से आप बिना परंपरागत सेक्स में लीन हुए कुछ रोमांचक पल गुजार सकते हैं।

कामुक बातचीतः अपनी रातों को चटपटा बनाने का सबसे आसान तरीका यही है। रोजमर्रा की घिसीपिटी बातों एक किनारे करें। एक बार इसे आजमाइये और देखिए यह आपके और आपके पार्टनर के लिए कितना रोमांचक हो सकता है। इस किस्म की बातचीत के दौरान यह याद रखें कि रात जवान है और आपको एक लंबा रास्ता तय करना है. आप देखिए कि सेक्सी बातों की पर्तें कैसे एक के बाद एक खुलती चली जाती हैं।

सेक्सी कहानियां सुनानाः यदि आप चाहें तो साथ बैठकर किसी इरोटिक स्टोरी का आनंद ले सकते हैं। नहीं तो अपनी कल्पनाशक्ति को जगाइए। अपने साथी को सुनाइए एक रोमांच से भरी सेक्सी कहानी। उसमे थोड़ा रियालिटी का तड़का लगाएं। अपनी पार्टनर से कहिए कि वह अपने किसी कॉलेज फ्रैंड या आफिस के सहकर्मी के साथ काल्पनिक रोमांस या सेक्स करने की कहानी सुनाए, फिर देखिए उसकी कल्पनाओं की उड़ान किस तरह से आपको और आपकी पार्टनर को रोमांचित करती है।

सिर्फ चुंबनः विशेषज्ञों का कहना है कि चुंबन अपने आप में किसी भी यौन क्रिया जितना उन्माद से भरा हुआ है। यह आपके लिए एक-दूसरे के शरीर से खेलने की अंतहीन शुरुआत हो सकती है। होठ, कान और गर्दन से आरंभ करें और आगे बढ़ते जाएँ, निश्चय ही आपके लिए यह एक न भूलने वाला अनुभव होगा।

इरोटिक मसाजः इसके लिए आपको मसाज का एक्सपर्ट होना जरूरी नहीं है। मगर आपके हाथों का संवेदना से भरा स्पर्श आपके पार्टनर की संवेदन तंत्र में प्यार की चिंगारिया पैदा करने के लिए पर्याप्त होगा। आप इस दौरान अपने साथी के शरीर के हर अंग से परिचित हो सकेंगे। यह जान सकेंगे कि आपका स्पर्श उसमें कब और कितना गहरा उन्माद पैदा करता है।

स्ट्रिपटीजः इसके लिए आपको चाहिए सिर्फ एकांत भरे कुछ क्षण और मधुर संगीत, बस। अपने एकरसता से भरी दिनचर्या को किनारे रखिए। पार्टनर के कहें कि वह उन सेंसुअस कपड़ों में आपके सामने आए, जिनमें उसे देखने की आप कल्पना करते हैं। यह आपके लिए खासा रोमांचक होगा कि वह इन कपड़ों मे कैसी लगती है, या उस वक्त जब वह इन्हें एक-एक करके आपके सामने उतारे। बस इतना ध्यान रखें कि आपके आसपास ताकझांक करने वाले पड़ोसी न हों।

सेक्स प्रोडक्ट्सः ये प्रोडक्ट अथवा सेक्स ट्वाएज दरअसल आउटरकोर्स को ध्यान में रखकर ही बनाए जाते हैं। इनकी मदद से आप कई घंटे एक-दूसरे के साथ बड़ा ही दिलचस्प समय गुजार सकते हैं। भारत में अभी सेक्स ट्वाएज को लेकर ज्यादा खुलापन नहीं है मगर महानगरों में बहुत से दंपति अब इससे अपरिचित नहीं रहे।

हस्तमैथुनः यह सिर्फ अकेले में खुद की सेक्लुअल संतुष्टि का माध्यम नहीं है। आप अपने पार्टनर के साथ इस आजमाकर देखें। यह ज्यादा उत्तेजक और आनंददायक अनुभव बन जाएगा। इसे आप के दूसरे के शरीर की मालिश के दौरान भी आजमा सकते हैं।

स्नानः ठंडा पानी भी आपकी भावनाओं को भड़का सकता है। सिर्फ शावर के नीचे एक-दूसरे के साथ नग्न खड़े हों। पानी के साथ एक-दूसरे के शरीर का स्पर्श आपके लिए बेहद उत्तेजक होगा।

कुल मिलाकर ये तरीके न सिर्फ उन लोगों के लिए दिलचस्प हैं जो सेफ सेक्स चाहते हैं। इसके अलावा जो दंपति अपनी रूटीन सेक्स लाइफ से उकता गए हों उनके लिए भी यह एक नया अनुभव होगा। उम्मीद है कि अब तक आपने सोच लिया होगा कि आपके लिए सबसे दिलचस्प क्या है!

हाय दोस्तो, मेरा नाम सैक्सी बोएय है, मैं दिल्ली में रहता हूँ।
IF YOU HAVE ANY PROBLEM ABOUT SEX TELL ME I M SOLVE YOUR PROBLEM.
CALL ME NINE TWO ONE ONE ONE TWO THREE THREE ONE EIGHT.


सेक्*स को कभी न कहें सीधा इंकार

भागदौड़ की इस जिंदगी में हर व्*यक्ति पर काम का बोझ है। आप अपने परिवार को सुख देने के लिए मेहनत करते हैं, ऑफिस में रोज कई प्रकार के तनाव आते होंगे। जाहिर है इन सबके बाद जब आप घर आते होंगे तो आपकी पत्*नी आपके करीब आने की कोशिश करती होगी। जी हां यदि आपकी पत्*नी आपके करीब आए, तो उसे कभी निराश न करें। वरना आपकी मैरेज लाइफ खराब हो सकती है। उसमें भी तनाव आ सकते हैं। यहां पर हम आपको बताएंगे कि इसके लिए आप क्*या करें और क्*या न करें।

घर पर यदि आपकी पत्*नी आपके करीब आती है और आपको स्*पर्श करती है। हो सकता है आपको आकर्षित करने के लिए वो आपसे गले लग जाए या चुंबन ले। जाहिर है यदि आपके दिमाग में कोई तनाव चल रहा होगा, तो हो सकता है आप अपने साथी को झटक कर अलग कर दें। या फिर अलग जाकर बैठ जाएं। लेकिन आप ऐसा न करें।

ऐसा करने से न केवल आपकी पत्*नी के दिल को चोट पहुंचेगी, बल्कि अगली बार जब आपके मन में सेक्*स की इच्*छा जागृत होगी, तो वो भी आपको झटक सकती है। यही फार्मूला पत्नियों पर भी लागू होता है, कभी भी अपने पती को एकदम से अपने से दूर न करें।
आमतौर पर जब भी पति या पत्*नी को एक दूसरे के करीब आने की इच्*छा होती है, तो वो शुरुआत चुंबन से करता या करती है। उसके बाद धीरे-धीरे मसाज। ऐसे में यदि आपको उस समय सेक्*स करने का मन नहीं है, तो सीधे तौर पर मना करने के बजाए चुंबन से ही जवाब दें। होठ, गाल, गर्दन या सीने पर हाथ रखें और अपने साथी को बाहों में भर लें। इससे एक दूसरे के प्रति विश्*वास कई गुना बढ़ जाता है।

इस पल में यदि आपका फोन बजने लगे तो देखें यदि फोन बहुत जरूरी नहीं हो, तो कॉल रिसीव नहीं करें। क्*योंकि आमतौर पर ऐसे समय पर फोन रिसीव करने पर पत्नियों के मन में क्रोध की भावना आने लगती है। यदि हेलदी सेक्*स के लिए तैयार हैं, तो पीछे नहीं हटें और यदि नहीं तैयार हैं, तो आप सबसे पहले आप पत्*नी की तारीफ करें।

जैसे "तुम मेरा कितना खयाल रखती हो, तुम आज बहुत अच्*छी लग रही हो, क्*या बात है आज बड़ा प्*यार आ रहा है..." इन बातों के बाद यदि आप अपने साथी के साथ वो बात शेयर करते हैं, जिसके कारण आप तनावग्रस्*त हैं तो पत्*नी आपको अपने और ज्*यादा करीब महसूस करेगी। ऐसे में पति या पत्*नी अपने आप समझ जाएंगे कि यह समय सेक्*स के लिए उचित नहीं है।

मैरेज लाइफ को कैसे सुखद रखें

1. पति-पत्*नी एक दूसरे की भावनाओं का पूरा खयाल रखें। सिर्फ सेक्*स ही आपके शादी-शुदा जीवन में खुशियां नहीं डालता।
2. आपको हमेशा इस बात का खयाल रखना चाहिए कि आपके साथी में सेक्*स की इच्*छा किस समय सबसे ज्*यादा जागृत होती है। जिससे उस मौके के आने के पहले आप अपने सारे तनाव किनारे रख सकें।
3. एक दूसरे के करीब आते समय झूठ मत बोलें, क्*योंकि झूठ आपके बीच दूरियां पैदा कर सकता है। हालांकि सिर्फ करीब आते समय नहीं, बल्कि सामान्*य जीवन में भी अपने साथी से झूठ नहीं बोलना चाहिए।
4. यह मत देखें कि आपके साथी ने आपके साथ कितनी बार सेक्*स किया, बल्कि यह देखें कि सेक्*स के दौरान आपसे कितना प्*यार किया। कितनी प्*यार भरी बातें की। इससे आपसी तालमेल अच्*छा होता है।
5. यदि आप बहुत ज्*यादा व्*यस्*त हैं आपके पास बहुत सारे काम हैं, तो अपने हेक्टिक शेड्यूल में एक समय सेक्*स के लिए भी निकालें। वो समय आपके पारिवारिक जीवन को सुखद बनाता है।
6. संभोग करने से पहले फोरप्*ले करें तो अच्*छा होता है। इससे विश्*वास बढ़ता है।
7. एक दूसरे के करीब आते समय ऑफिस के तनाव, पारिवारिक झगड़े, दोस्*त, आदि की बातें करने से बचें। सिर्फ अपनी ही बातें करें।

फोरप्लेः सबसे सही शुरुआत

क्या आपको लगता है कि सेक्स आपके जीवन का बस एक नीरस हिस्सा बनकर रह गया है। इसके प्रति न तो आपके मन में कोई उत्सुकता है और न रोमांच... बल्कि आप इसे जैसे-तैसे रोजमर्रा के किसी काम की तरह निपटाना चाहते हैं। यदि हां, तो शायद आपको फोरप्ले के बारे में गंभीरता से सोचना होगा।

सेक्स महज रूटीन वर्क नहीं

फोरप्ले... यानी कि सेक्सुअल एक्ट अथवा संभोग से पहले की एक लंबी भूमिका और शायद हमारे सेक्स जीवन का सबसे अहम हिस्सा। विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स अथवा प्यार आपके जीवन में रोजमर्रा की किसी क्रिया से कहीं ज्यादा है। और दरअसल फोरप्ले ही सेक्स को एक रुटीन वर्क से अलग करता है और उसे स्त्री और पुरुष दोनों के लिए एक आनंददायक अनुभव में बदल देता है।

स्त्री-पुरुषः अलग-अलग मानसिकता

फोरप्ले की अहम भूमिका दरअसल स्त्री और पुरुष की भिन्न मानसिकता के चलते भी है। यह सच है कि पुरुष पलक झपकते सेक्स के लिए मूड में आ जाते हैं और तैयार भी हो जाते हैं। मगर यह स्त्रियों के संदर्भ में सच नहीं है। उनके भीतर प्यार की चिनगारी भड़कने में समय लगता है। फोरप्ले दरअसल सेक्स में दोनों को बराबर का भागीदार बनाने में मदद करता है। लिहाजा, इसके लिए जरूरी है कि अपने साथी में भी वैसी ही कामुकता और उत्तेजना पैदा करें जैसी कि आपके भीतर है।

सेक्स लाइफ में कुछ नया जोड़ें
फोरप्ले सिर्फ बेडरूम पर आपके बिस्तर का हिस्सा नहीं... बल्कि वह किसी भी प्रेमी जोड़े या दंपति के जीवन का अहम हिस्सा है। अपने पहले चुंबन को याद करिए। किस तरह वह आपके और आपके साथी में सिहरन भर देता था। अगली बार उसके जादू को महसूस करते हुए अपने होठों को साथी के होठों, गरदन या कानों के पास घुमाइये... और बस उसका असर देखिए।

अपने पार्टनर के लिए सेक्सी से संदेश छोड़ें। उसके पर्स में, रात को ड्रेसिंग टेबल के शीशे पर या फिर चुपके से जेब में। मोबाइल पर कुछ गुदगुदाने वाले सेक्सी संदेशों का आदान-प्रदान करें... देखें किस तरह से सेक्स आपके लिए एक उबाऊ सी चीज़ नहीं बल्कि रिश्तों को नई तरो-ताज़गी से भर देता है।

कल्पनाशील और शरारती बनें

स्पर्श का प्यार से गहरा रिश्ता है। अपने स्पर्श के जादू से साथी को भी परिचित होने दें। उसमें कुछ नया जोड़ें। सुगंधित तेल से मसाज़, तेज शावर के नीचे साथ खड़े होना या फिर अंधेरे कमरे में सिर्फ हाथों से एक-दूसरे के होने को महसूस करना...

कल्पनाशील बनिए। शरारती बनिए। कुछ नया करने की सोचिए। देखिए आपकी जिंदगी किस तरह से उमंगों से भर जाती है और आपके साथी में आपके लिए कैसी दीवानगी और कैसा जुनून पैदा करती है।

क्या आपकी पार्टनरनर आपसे ऐसी कोई शिकायत करती है कि आप उसे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते? या फिर संभोग के बाद वो आपसे बिना कुछ कहे नाराजगी भरा व्यवहार करती है। और या फिर आपको लगता है कि आप खुद अपनी पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाए। हो सकता है ज्यादा देर तक संभोग नहीं कर पाने की वजह से इस तरह की बातें खुद आपके जहन में आती हों। लेकिन इसे लेकर बहुत ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है। संभोग से जुड़ी इस प्रकार की समस्याओं का हल हम आपको बताएंगे।

बस कुछ बाते हैं, जिनका पालन कर स्वस्थ्य सेक्स का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। हो सकता है कि आप कई बार पूरी कोशिश के बावजूद अपने पार्टनर को पूरी तरह संतुष्ट करें, लेकिन रात चढ़ने पर आपको कामयाबी नहीं मिल पाती। समय से पहले ही आपकी ऊर्जा खत्म हो जाती है। ज्यादा देर तक ऊर्जा कायम रखने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें:

अनुकूल परिस्थितियां

सेक्स का सही और अच्छा अनुभव तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब परिस्थितयां आपके साथ हों। यदि आप और आपके पार्टनर के बीच किसी प्रकार का तनाव है, आप दोनों में से किसी एक का भी मन शांत नहीं है और या आपके आस-पास का वातावरण आपकी शांति भंग कर रहा है तो आप स्वस्थ्य सेक्स नहीं कर सकते। इसलिए संभोग को लंबे समय तक खींचने के लिए सबसे पहला काम परिस्थितियों को अनुकूल बनाएं। यदि रात आने से कई घंटे पहले से ही अपने पार्टनर से कोई ऐसी बात नहीं करें, जिससे उसके दिल को ठेस पहुंचती हो या फिर वो नाराज होती हो। यही नहीं रात चढ़ने से पहले आस-पास के वातावरण से डिस्टर्बेंस उत्पन्न करने वाली वस्तुओं को अलग कर दें। कई बार मोबाइल या टेलीफोन भी डिस्टर्बेंस उत्पन्न करता है, लिहाजा उसे भी कमरे से हटा दें। यदि आपको किसी प्रकार की उलझन या तनाव है तो पार्टनर से बातें शेयर करें ताकि तनाव कम हो जाए।

फोर प्ले

सेक्स के अच्छे अनुभव के लिए आप फोरप्ले का सहारा लें तो बेहतर होगा। इसकी शुरुआत बातों से की जा सकती है। बात करते-करते पार्टनर के गाल पर हाथ रख उसे चुंबन लें। चुंबन के साथ-साथ उसे अपनी बाहों में भर लें। यहां पर हाथों से विभिन्न अंगों पर मसाज सेक्स को बढाता है। इन सबके साथ आप संभोग के लिए पूरी तरह तैयार हो जाते हैं।

पोजीशन बदलें

संभोग के दौरान यदि आपको लगने लगे कि आपकी ऊर्जा समय से पहले समाप्त होने वाली है, तो थोडी देर रुक जाएं। इससे हो सकता है आपकी पार्टनर आपको जकड़ने के प्रयास करेगी, लेकिन आघोश में आकर अपनी ऊर्जा को वहीं विराम नहीं दें। ऐसे में संभोग को लंबे समय तक खींचने के लिए पोजीशन बदलना अच्छा होता है। यदि आप बैठकर संभोग कर रहे हैं, तो लेट जाएं। यदि लेटकर तो बैठ जाएं, उलटे लेटे हैं तो सीधे लेट जाएं, आदि कुछ भी कर पोजीशन बदल लें। यहां पर ऐसी पोजीशन में सेक्स करने की कोशिश करें, जो आपने पहले कभी नहीं अपनाई हो।

ध्यान हटाएं

संभोग के दौरान यदि आपको लगने लगे कि आपकी ऊर्जा समाप्त होने वाली है, तो बिना पोजीशन बदले अपने ध्यान को पार्टनर की ओर से हटा लें। आप यह सोचें कि अभी आपको बहुत कुछ करना है। रात अभी बहुत लंबी है। संभोग से ध्यान हटाकर पार्टनर के होठों को काटना, चुंबन लेना और मसाज करना यहां सहायक साबित हो सकता है।

शराब मत पियें

संभोग से पहले शराब कभी मत पिएं। मदिरापान से आपको जल्द नींद आ सकती है। संभोग पूरा करने से पहले आपको नींद आने से आपकी पार्टनर नारज हो सकती है। दोनों के बीच तनाव पैदा हो सकते हैं। यही नहीं शराब के नशे में आपकी ऊर्जा जल्*दी समाप्*त हो जाती है।

अच्छी क्वालिटी का कंडोम इस्तेमाल करें

कई बार सेक्स का अनुभव उस समय ठंडा पड़ जाता है, जब अंतरंगों में सूखा पन आ जाए। इसलिए अच्छी क्वालिटी का कंडोम इस्तेमाल करें। अच्छा लूब्रीकेंट आपको नमी प्रदान करता है। यही नहीं यदि आपके होठ सूख गए हैं तो पानी जरूर पिएं। वैसे भी सेक्स के बीच में एक-दो बार पानी पीने से ऊर्जा बरकरार रहती है।

एक नए शोध के अनुसार यूरोपीय देशों में सत्तर से अधिक उम्र वाले दंपत्ति सेक्स संबंधों में सक्रिय है और इससे संतुष्ट भी हैं.

ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका के एक सर्वे के अनुसार स्वीडन के शोधकर्ताओं ने पिछले 30 साल की अवधि में 1500 वृद्ध दंपत्तियों से उनके सेक्स जीवन के बारे में पूछा है और ये निष्कर्ष निकाले हैं.

शोध के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो यह मानते हैं कि उनका सेक्स जीवन लंबा हुआ है और इसमें महिलाओं की भी अच्छी ख़ासी संख्या है.

ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ का कहना है कि आज के वृद्ध लोग ज्यादा खुले वातावरण में पले बढ़े हैं. शोध के अनुसार 70 साल से अधिक की उम्र के शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग सेक्स के मामले में सक्रिय हैं.
हाल में किए गए सर्वेक्षण में विवाहितों में 68 प्रतिशत पुरुषों का कहना है कि वो सक्रिय सेक्स जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि महिलाओं में यह संख्या 38 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हुई है.

सेक्स जीवन से संतुष्ट होने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.

ओटावा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पेगी क्लिनप्लाट्ज़ का कहना है कि अब डॉक्टरों को अपने सभी मरीज़ों से सेक्स के बारे में ज़रुर पूछना चाहिए क्योंकि ये एक ज़रुरी हिस्सा है स्वस्थ जीवन का.

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में सेक्स साइकोलॉजी की विशेषज्ञ पेट्रा बायनटन कहती हैं कि अभी भी लोगों को लगता है कि वृद्ध लोग सेक्स के मामले में सक्रिय नहीं हो सकते हैं जबकि ऐसी बात नहीं है.

वो कहती हैं, ''इस नए शोध को कई तरह से देखा जा सकता है. ज़रुरी नहीं कि जिनसे सवाल पूछे गए हैं उनसे यह भी पूछा गया हो कि वो किस तरह का सेक्स जीवन बिता रहे हैं. सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग से नहीं मानना चाहिए और कई दंपत्ति ऐसे भी ज़रुर होंगे जो बिल्कुल सेक्स न करते हों. ''
''इस नए शोध को कई तरह से देखा जा सकता है. ज़रुरी नहीं कि जिनसे सवाल पूछे गए हैं उनसे यह भी पूछा गया हो कि वो किस तरह का सेक्स जीवन बिता रहे हैं. सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग से नहीं मानना चाहिए और कई दंपत्ति ऐसे भी ज़रुर होंगे जो बिल्कुल सेक्स न करते हों"

क्*या आप संभोग के अंतिम पड़ाव तक पहुंचने में असफल रहती हैं? संभोग के चरम आनंद तक पहुंचने में आपको कठिनाई होती है? या फिर रति निष्*पत्ति से पहले ही आप ठंडी पड़ जाती हैं? यदि ऐसा है, तो घबराने की बात नहीं है। यह बात सच है कि पुरुष बिना किसी कठिनाई के संभोग के चरम आनंद तक पहुंच जाते हैं, लेकिन महिलाओं को वहां तक पहुंचने में समय लगता है।

कई बार महिलाएं अपने पति के साथ रोजाना संभोग करने के बाद भी खुश नहीं रहतीं। उसके पीछे एक कारण यह भी है कि उनके पार्टनर उनसे पहले ही चरम आनंद तक पहुंच जाते हैं और वो पीछे रह जाती हैं। ऐसा होने पर कम उम्र की लड़कियों को यह भ्रम हो जाता है कि उनमें कुछ कमी है। वहीं 35 की उम्र पार करने के बाद की महिलाएं सोचने लगती हैं कि अब उनके अंदर सेक्*स की भावनाएं कम हो गई हैं। जबकि ऐसा नहीं है।

पुरुष पार्टनर की भूमिका अहम

चूंकि गर्भधारण के लिए महिलाओं में रति निष्*पत्ति होना जरूरी नहीं है, इसलिए डॉक्*टर भी इस बात को ज्*यादा तरजीह नहीं देते। हाल ही में अमेरिका में इसी बात पर एक शोध किया गया। शोध में पता चला कि महिलाएं चाहें तो हर बार चरम आनंद प्राप्*त कर सकती हैं। बस कुछ बातों को ध्*यान में रखने की जरूरत है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका पुरुष पार्टनर की होती है। यदि वो सेक्*स के बारे में ज्ञान रखता है और आपकी परवाह करता है तो वो आपको चरम आनंद तक पहुंचाने में जरूर मदद कर सकता है।

शोध में पाया गया है कि चरम आनंद तक पहुंचने में सबसे ज्*यादा परेशानी 20 से 30 के बीच की उम्र में होती है। तकाम सेक्*सोलॉजिस्*ट कहते हैं कि यदि आप संभोग के दौरान चरम आनंद तक नहीं पहुंच पाती हैं, तो मैथुन करने के प्रयास करें। गुदा मैथुन चरम आनंद तक पहुंचने की क्रिया को सीखने में मदद करता है। एक शोध के मुताबिक 47 प्रतिशत स्त्रियां पहली बार मै*थुन के दौरान ही चरम आनंद पर पहुंचती हैं।

चरम आनंद के लिए कुछ टिप्*स

महिलाओं के साथ सबसे बड़ी समस्*या यह है कि यदि संभोग के बीच में वो रुक जाती हैं, तो वापस वही भावनाएं लाने में काफी समय लगता है। जबकि पुरुष जहां पर रुकते हैं वहीं से शुरू करते हैं। इसलिए संभोग से पहले अपने आस-पास से ऐसी वस्*तुओं जैसे मोबाइल फोन, अलार्म घड़ी, टेलीफोन , आदि को हटा दें जो आपको डिस्*टर्ब कर सकती है। कमरे की रोशनी कम कर दें।

इसके अलावा यदि आपको लगता है कि कोई बीच में आपके बेडरूम का दरवाजा खटखटा सकता है तो उसके लिए पहले से तैयार रहें। ऐसा होने पर एकदम से प्रतिक्रिया नहीं दें। सेक्*स के दौरान सबसे महत्*वपूर्ण होती हैं संभोग की क्रियाएं। यदि आपको चरम आनंद पहुंचने में दिक्*कत आती है तो क्रियाएं बदल-बदल कर संभोग करें।

अलग-अलग तरीके से सेक्*स करने पर चरम सुख तक पहुंचने में आसानी होती है। सबसे अहम बात यह है कि आप बीच-बीच में अपने पार्टनर को इस बात का अहसास दिलाती रहें कि वे रति निष्*पत्ति के लिए थोड़ा रुक जाएं, जाकि आपको समय मिल सके। इसके अलावा संभोग से पहले पार्टनर को फोर प्*ले के लिए उकसाने से भी लाभ मिलता है।

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सेक्स से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य






सेक्स को हमेशा से इंसान एक खास संवेदना के रूप में देखता है। गौर करें तो किसी भी व्यक्ति के जीवन की खुशियां बहुत कुछ उसकी सेक्स लाइफ पर ही निर्भर होती हैं। मगर जीवन का इतना अहम हिस्सा होने के बावजूद इंसान की यह संवेदना हमेशा एक रहस्य का आवरण लिए रहती है।

प्राचीन कहावतों पर यकीन करें तो सेक्स को कोई अपने जीवन काल में भी पूरा नहीं समझ सकता, क्योंकि वह ब्रह्मांड की तरह विस्तृत, गहरा और असीम है। प्रत्येक व्यक्ति का यौन अनुभव दूसरे किसी से अलग हो सकता है। आइए मैं आपको सेक्स से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य बताता हूं, उम्मीद है कि यह आपके लिए दिलचस्प होगा।

अमेरिका मे हुए एक शोध से पता चला है कि बीते तीन दशकों में वहां के एक औसत पुरुष की शुक्राणु संख्या में करीब तीस प्रतिशत की गिरावट आई है।


यौन क्रिया के दौरान महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को कहीं ज्यादा पसीना आता है। स्त्रियां की शारीरिक संरचना में बदन से निकलने वाले पानी को नियंत्रित करने की क्षमता होती है।

आज धड़ल्ले से इस्तेमाल होने वाला कंडोम सन 1500 में ही अस्तित्व में आ गया था।

कंडोम का सबसे दिलचस्प इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देखने में आया था। उस वक्त सिपाही अपनी राइफलों की नली को इससे ढका करते थे क्योंकि भीतर खारा पानी जाने से वह खराब हो जाती थीं।

एक मिनट के लिए लिया गया चुंबन शरीर की 26 कैलोरी जला सकता है।

किसी व्यक्ति के पूरे जीवन में चुंबन के लिए खर्च किए जाने वाले समय को जोड़ा जाए...तो यह 336 घंटे या 20.160 मिनटों के बराबर बैठता है। यानी कि पूरे जीवन में कुल 14 दिन।

महिलाओं के लिए संभोग एक कारगर दर्द निवारक है। क्योंकि संभोग के दौरान शरीर में एंडोमार्फीन का स्राव होता है, जो कि एक शकितशाली दर्द निवारक माना जाता है।

यदि पूरी दुनिया भर में हो रही सेक्सुअल गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो यह एक दिन में करीब 100 मिलियन बैठती है।

पुरुष औसतन प्रत्येक सात सेकेंड में एक बार सेक्स के बारे में सोचते हैं।

मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि पश्चिमी समाज में पैर यौन आकर्षण का सबसे प्रमुख केंद्र हैं।

सेक्स में सक्रिय व्यक्ति की दाढ़ी उसकी निष्क्रिय अवस्था में रहने की तुलना में कही ज्यादा तेजी से बढ़ती है।

हमारे जीवन को चार भागों में विभाजित किया गया है। पहला भाग है बाल्यावस्था यानि बचपन, दूसरा भाग है किशोरावस्था, तीसरा भाग है यौवनावस्था यानि जवानी और अंतिम भाग है वृद्धावस्था यानि बुढ़ापा।



सामान्यत: यौवनावस्था में व्यक्ति धनार्जन करता है जिससे उसके परिवार के साथ-साथ उसका खुद का बुढ़ापा सुखी हो सके। कई लोगों को जवानी से ज्यादा बुढ़ापे में सुख अधिक प्राप्त होता है। वे कौन लोग होते हैं जिनकी किस्मत में वृद्धावस्था में अधिक सुख लिखा होता है? इस प्रश्न का उत्तर हाथ के अंगूठे का अध्ययन करने से मिल सकता है।



हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार अंगूठे के अध्ययन से भी हमारा भविष्य कैसा होगा मालुम किया जा सकता है। हमारे हाथों के अंगूठे तीन भागों में विभाजित रहते हैं। इन्हीं तीनों भागों का ध्यान से अध्ययन किया जाता है। जिस व्यक्ति का बुढ़ापा अधिक सुखी होता है उसके अंगूठे का पहला भाग अर्थात् नाखुन की ओर वाला हिस्सा तथा इसके नीचे वाला दूसरा भाग दोनों ही बराबर होते हैं।



जिस व्यक्ति के हाथों में अंगूठे का पहला और दूसरा भाग एक समान लंबाई वाला होता है वह व्यक्ति बुढ़ापे में ज्यादा सुख, धन और खुशी प्राप्त करता है। यदि प्रथम और द्वितीय भाग बराबर है, तो ऐसा व्यक्ति समाज में सम्माननीय स्थान प्राप्त करते हैं। ये लोग न तो सहज ही किसी धोखा देते है, ना किसी से आसानी से धोखा खाते हैं। ऐसे लोगो के जीवन में मित्रों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराते रहते हैं।

एक स्वस्थ मनुष्य संभोग के दौरान करीब पांच मिलीलीटर वीर्य स्खलित करता है, जिसमें तीस करोड़ से पचास करोड़ तक शुक्राणु मौजूद होते हैं।

जो पुरुष या स्त्री हफ्ते में दो या तीन बार सेक्स करते है वोह उनकी तुलना में ज्यादा स्वस्थ
पाए जाते हैं जो हफ्ते में सिर्फ एक बार सेक्स करते हैं

जो सेक्स में सक्रिय रहते हैं उनका जीवनकाल औरों की अपेक्षा अधिक लंबा होता है

सेक्स में सक्रिय रहने वालों को प्रोस्टेट केंसर का खतरा नगण्य होता है

चाहे पुरुष हो या महिला अच्छी सेक्स लाइफ सौंदर्य को बरकरार रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक सेक्स के समय फेरोमोंस नामक रसायन शरीर में एक प्रकार की गंध उत्पन्न करता है। यह गंध पुरुष व महिला दोनों को उत्तेजित करता है और दोनों को एक दूसरे के करीब लाने में मदद करता है। खास बात यह है कि सेक्स परफ्यूम का काम करने वाली यह गंध दिल व दिमाग को असाधारण सुख व शांति देता है। इससे व्यक्ति हृदय रोग, मानसिक तनाव, रक्तचाप और दिल के दौरे दूर रखता है।

सेक्स से शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे कि चर्बी घटती है। मोटापा कम होता है।

सेक्स से व्यक्ति का कार्डियोवस्कुलर सिस्टम मजबूत होता है जो हृदय को मजबूत बनाता है।

सेक्स आपके शरीर में इंसुलीन की मात्रा को कम नहीं होने देता। सेक्स से कैलोरी बर्न होती हैं, जो डाइबिटीज यानी मधुमेह से नहीं होने देतीं

चिकित्सकों के मुताबिक सेक्स के दौरान शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन उत्पन्न होते हैं। यही हार्मोन आपके शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। पहला हार्मोन है 'एस्ट्रोजन हार्मोन' जो ऑस्टियोपोरोसिस नाम की बीमारी से रोकता है। दूसरा 'एस्ट्रोजन हार्मोन', जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण 'एंडार्फिन हार्मोन' होता है, जिसकी मात्रा सेक्स के दौरान बढ़ जाती है। ऐसा होने पर पर त्वचा में निखार आता है। त्वचा सुंदर, चिकनी व चमकदार बनती है। खास तौर पर स्त्रियां सेक्स के बाद काफी तरोताजा महसूस करती हैं। उनके चेहरे पर चमक आ जाती है, जो लंबे समय तक बरकरार रहती है।

Museum of Sex के मुताबिक आजकल महिलाएं जो vibrator(कम्पन द्वारा महिलायों को यौनानंद देने वाला sex toy) इस्तेमाल करती हैं, वो अपने शुरुआती समय 19वीं शताब्दी में महिलाओं के रोग "hysteria" का उपचार करने के काम आता था.

स्तनपायी जीवों में नर चमकादढ़ सबसे ज्यादा समलेंगिक होते हैं.

रिसर्च से पता चला है कि कॉलिज जाने वाली लड़की हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ देने वाली लड़की कि अपेक्षा ज्यादा मुखमैथुन पसंद करती है.

पहले माना जाता था कि हस्तमैथुन से अंधापन, पागलपन और आकस्मिक मृत्यु आदि हो सकती है, बल्कि नए रिसर्च के अनुसार ऐसा कुछ नहीं है.

"Ithyphallophobia" एक ऐसी बीमारी है जिसमे उत्तेजित लिंग को देखने या उसके बारे में सोचने से डर लगता है

20वीं सदी की most celebrated sex icon मर्लिन मुनरो ने अपने एक नजदीकी मित्र को बताया था की 3 पति और आशिकों की लम्बी फेहरिस्त होने के वावजूद भी उन्हें कभी सेक्स में चरम-आनंद की प्राप्ति नहीं हुई.

सूअर का चरम-आनंद 30 मिनट लम्बा होता है.

1910 में दुनिया के सबसे कम उम्र के माता-पिता बनने वाले जोड़े की उम्र सिर्फ 8(लड़की) और 9(लड़का) साल थी. ऐसा चीन में हुआ था.

सांप के पास दो यौनांग होते हैं.

फ्रेंच किस करने से से दांतों की सडन से बचा जा सकता है.

दुनिया भर में पुरुषों के लिंग की औसत लम्बाई 5 इंच (उत्तेजित अवस्था में) है.

इन्टरनेट पर हर 6 वेबपजेस में से 5 पोर्न पेज (व्यस्क सामिग्री से भरे) होते हैं.

महिलाओं की योनि उनके मुंह की तुलना में कहीं ज्यादा साफ़ और बेक्टीरिया रहित होती है, क्यूंकि आँखों अलावा सिर्फ योनि में ही स्वतः साफ़ होने की प्रक्रिया होती है

दुनिया की सभी पोर्न साइटों पे लड़कियों के नाम से ९७.५% लडके ही बात करते है या यूँ कहे की लड़कियों के नाम से लडके होते है और ऐसा उनकी कामुक मानसिकता या पारिवारिक कारणों के कारण होता है

लिंग को उत्तेजित होने के लिए औसतन 2 चम्मच खून की ज़रुरत पड़ती है.

एक बार फिनलैंड में डोनाल्ड डक कोमिक्स को सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया था क्यूंकि डोनाल्ड डक पैंट्स नहीं पहनता.

इंग्लैंड के लिवरपूल नामक स्थान पर topless saleswomen को कानूनी मान्यता मिली हुई है, पर सिर्फ उष्णकटिबन्धी मछलियों की दुकानों में.

Romance novels पढने वाली महिलाएं, romance novels न पढने वाली महिलायों की अपेक्षा दुगना सेक्स करतीं हैं.

अध्ययन से सिद्ध हो चुका है कि 85 प्रतिशत जो पुरुष सेक्स करते वक़्त हार्ट अटैक की वजह से मारे गए उनका अपनी बीवी के अलावा भी और महिलाओं से सम्बन्ध था.

सन 1920 की तरफ यह माना जाने लगा था कि "jazz music" सुनने वाला व्यक्ति अपने ऊपर से काम नियंत्रण बिलकुल खो देता है. इसीलिए इसे कई शहरों में बैन भी कर दिया गया था.

Viagra सन 1998 में रिलीज़ की गयी थी और पहले 3 महीने में ही इसे 411 million डॉलर का profit हुआ था.

Sex" शब्द की उत्पत्ति सन 1382 में हुई थी.

मैं भी यहाँ बताना चाहता हू कि पहला कंडोम जानवर की खाल का बनाया गया था.

सेक्स के तुरंत बाद स्त्री एवं पुरुष दोनों का मुह खुला रहता है

इंसान और डाल्फिन, विश्व की दो ऐसी प्रजातियां हैं जो अपने आनंद के लिए सेक्स का सहारा लेती हैं।

यदि हम इतिहास के झरोखे में देखें तो 60 के दशक में डॉक्*टर लोगों को मैथुन न करने की सलाह देते थे। उनका तर्क रहता था कि इससे स्*वास्*थ्*य गिर जाता है, व्*यक्ति कमजोर हो जाता है, हड्डियां कमजोर पड़ जाती हैं, उम्र कम होती है, लंबाई नहीं बढ़ती, आंखें कमजोर पड़ जाती हैं, वीर्य पतला हो जाता है (लड़कियों में अंडाणु कम हो जाते हैं), लिंग कमजोर पड़ जाता है, लिंग छोटा हो जाता है, भविष्*य में संतान पैदा करने योग्*य नहीं रह जाता, वगैरह-वगैरह..

नियमित सेक्*स के फायदे

-सेक्स महिलाओं के पेट, पैर और पूरे फिगर को फिट रखता है।
-आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। जो फ्लू आदि के इंफेक्*शन से दूर रखती है।
-सेक्स आपके शरीर में इंसुलीन की मात्रा को कम नहीं होने देता। सेक्स से कैलोरी बर्न होती हैं, जो डाइबिटीज यानी मधुमेह से नहीं होने देतीं।
-नियमित सेक्*स महिलाओं को माहवारी के विकारों से दूर रखता है।
-सेक्स से शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे कि चर्बी घटती है। मोटापा कम होता है।
-नियमित रूप से संभोग व्*यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर से दूर रखता है।
-सिरदर्द, माइग्रेन, दिमाग की नसों में सिकुड़न, हिस्टीरिया आदि दूर हो जाते हैं।
-सेक्स से व्*यक्ति का कार्डियोवस्कुलर सिस्टम मजबूत होता है जो हृदय को मजबूत बनाता है।

यौन आकांक्षा अधिक!
अधिकतर महिलाओं के यौन जीवन में बहार तब आती है, जब उनकी उम्र चालीस के करीब पहुँचने वाली होती है। उनमें ऐसा उम्रदराज होने की आशंका के कारण होता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि युवावस्था की तुलना में तीस साल के बाद और चालीस साल की शुरुआत के समय महिलाओं में यौन आकांक्षा की संभावना बढ़ जाती है। यह परिवर्तन इस तथ्य के बावजूद पाया गया, जबकि उनकी उम्र ढलान पर होती है।

‘द डेली टेलीग्राफ’ ने खबर प्रकाशित की है कि यह प्रवृत्ति इसलिए पाई जाती है क्योंकि महिलाओं की जवानी जैसे ही ढलान की ओर होती है उन्हें ऐसा लगता है कि बच्चे जन्मने का अवसर तथा प्रजनन क्षमता समाप्त होने की ओर है।

वैज्ञानिकों ने 900 महिलाओं पर किए गए अपने सर्वे में पाया कि इसके फलस्वरूप उनकी यौन आकांक्षा बढ़ जाती है। इस सर्वे में शामिल महिलाओं को तीन वर्गों में बाँटा गया था। प्रजनन क्षमता के उत्तम समय वाली (19 से 26 वर्ष की आयु), अपेक्षाकृत कम प्रजनन क्षमता वाली (27 से 45 वर्ष) तथा रजोनिवृत्ति की आयु वाली।

सर्वे के अनुसार अधेड़ महिलाओं में यौनाकांक्षा अधिक होती है। इन महिलाओं में पाया गया कि वे अधिक उम्र और युवतियों की अपेक्षा अधिक यौन संबंध बनाने में अधिक सक्रिय होती हैं।

मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर डेविड बस ने कहा कि परिणाम इस बात की ओर संकेत करते हैं कि प्रजनन क्षमता के ढलान की दहलीज पर महिलाओं में यौन आकांक्षाएँ बढ़ती हैं।

उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों से पता चलता है कि महिलाओं की जैविक घड़ी के तेजी से आगे बढ़ने के साथ महिलाओं के यौन व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है और अपनी प्रजनन क्षमता समाप्त होने से पहले वे गर्भाधान का अवसर प्राप्त कर सकें। इन निष्कर्षों का प्रकाशन ‘पर्सनैलिटी एंड इंडिविजुयल डिफरेंसेज’ जर्नल में हुआ है।

दिल्ली हो या देश का कोई और शहर हर जगह लड़कियों से छेड़छाड़ और बलात्कार की घटना सामान्य सी बात है. कोई भी ऐसा कोना आप बता सकते हैं जहॉ लड़की सुरक्षित हो, मेरे ख्याल से तो नहीं. घर में उसके ही नजदीकी रिश्तेदार उसके लिए खतरा बन जाते हैं, अगर किसी से दो शब्द भी हंस के बात कर ली तो फिर मुसीबत शुरू. बाहर निकलिए तो लोग यूं घूरते हैं जैसे कोई लड़की ना होकर खाने की चीज हो.


नारी मुक्ति मोर्चा और स्त्री अधिकार की बातें करने वाले बुद्धिजीवी और संगठन नारी सम्मान की बजाय केवल नारी अधिकार की बात करते हैं और इसे ही सारी समस्यायों का एकमात्र हल बताते फिरते हैं. मेरी राय में वे पूरी तरह गलत हैं और उनमें से अधिकांश केवल निहित स्वार्थवश स्त्री की अधिकाधिक आजादी के पक्षधर हैं. कई तो इसकी आंड़ में हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल और स्त्री देह व्यापार का धन्धा भी चलाते हैं.


दो बातें मौलिक हैं जिसे हर किसी को समझ में आनी चाहिए. स्त्री प्राकृतिक रूप से शारीरिक बल में कम है और पुरुष स्वाभाविक रूप से आक्रामक. तो फिर स्त्री की अधिकाधिक आजादी तो पुरुष के लिए और भी मजे और आसान मजे की बात हो जाएगी. ऐसे में विशुद्ध रूप से अधिकार को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बना के पूरी नारी जाति को बरगलाना कहॉ तक उचित है?


मेरी नजर में यदि कोई वास्तविक रूप से स्त्रियों का भला चाहता है तो उसे केवल स्त्री सम्मान का मामला उठाना चाहिए. स्त्री सम्मान का अर्थ ये है कि स्त्री को कमजोर समझ उसे अधिकारों से नवाजने की कवायद करने की बजाय उसके प्रति श्रद्धा और स्नेह की नजर विकसित करें. अधिकार केवल झगड़े का कारण और कलह का उत्प्रेरक सिद्ध होता है. छीना-झपटी और चालबाजी के लिए आप ज्यादातर अधिकार की लड़ाई को जिम्मेदार मान सकते हैं. लेकिन यदि स्त्री अधिकार की बजाय आप स्त्री सम्मान की बात करें तो अधिकांश समस्याएं खुद ही सुलझ जाएंगी.


स्त्री-पुरुष की समानता के पक्षधरों की बात भी काफी हास्यास्पद लगती है. जब ईश्वर ने स्त्री-पुरुष का विभेद पहले ही पैदा कर रखा है तो आप कौन होते हैं उसे समान करने वाले. और समानता की सारी बातें एक झूठ और प्रपंच के सिवा और कुछ नहीं लगतीं. नैसर्गिक भेद को आप अप्राकृतिक तरीके से कैसे बदल पाएंगे?


इसलिए नजरिया बदलने की जरूरत है ना कि अधिकारों की बात करने की. समाज और परिवार के सामंजस्य को बिगाड़ने की रवायतें खतरनाक हैं. आप केवल सम्मान की बात कीजिए बाकी स्वयं समाज खुद करने में सक्षम है.

अमेरिका में तेजी से तरक्की कर रहे चिकित्सा विज्ञान के साथ ही मानो यहां के चिकित्सकों की सोच भी बदल रही है। एक सर्वेक्षण की माने तो अमेरिकी चिकित्सक मरीजों के साथ शारीरिक सम्बंध को गलत नहीं मानते।

चिकित्सा के क्षेत्र में परामर्श देने वाली संस्था 'वेबएमडी' ने यह सर्वेक्षण कराया है। इस सर्वेक्षण में लगभग 10,000 अमेरिकी चिकित्सकों से कई मसलों पर सीधे सवाल पूछे गए थे।

सर्वेक्षण में शामिल चिकित्सकों में 11.7 फीसदी ने माना कि उनके अपने मरीजों के साथ नजदीकी रिश्ते रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने उपचार के दौरान मरीजों के साथ सम्बंध नहीं बनाए बल्कि इलाज के कम से कम छह महीने बाद वे मरीजों के साथ जिस्मानी तालुक्कात में शामिल हुए।

स्थानीय समाचार पत्र 'न्यूयार्क पोस्ट' ने इस सर्वेक्षण के नतीजे को प्रकाशित किया है। एक चिकित्सक ने कहा, "जब हम मरीज को देखते हैं तो हमें दिमाग में रोमानी खयाल नहीं रखने चाहिए। परंतु अगर बाहर मरीज के साथ मिलते हैं और नजदकी बढ़ाते हैं तो मुझे इसमें कोई समस्या नजर नहीं आती।"

यह बात जरूर हैं कि 83.1 फीसदी चिकित्सकों ने माना कि औषधि और प्यार को एकसाथ शामिल नहीं करना चाहिए। 23.2 फीसदी चिकित्सकों ने कहा कि वे मरीजों का साथ हमेशा देते हैं।

* किस यानी चुंबन। इसकी बात चले तो हर कोई यही कहेगा कि मैं इसमें मास्*टर हूं। हर व्*यक्ति यही कहेगा कि इसमें क्*या है, किस करना तो सबसे आसान काम है। क्*या आप भी यही सोचते हैं, कि आप 'किसिंग मास्*टर' हैं। यदि हां तो बात कहने से पहले जरा सोच लीजिए, क्*योंकि हो सकता है आप इस मामले में बहुत पीछे हों। खैर हम आज बात करेंगे कि बेहतरीन किस किसे कहते हैं।
* सबसे पहले आपको यह मानना होगा कि चुंबन हमारे जीवन का बहुत अहम हिस्*सा है। इसके माध्*यम सेसे भी करीब ला सकते हैं। आपका किस आपके बिगड़ते संबंधों को मजबूत कर सकता है। आपका किस आपकी पूरी राह तो सुहावनी बना सकता है। यही नहीं चुंबन आपको संभोग से भी ज्*यादा बेहतरीन अनुभव प्रदान कर सकता है।
* सेक्स से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य
* कई बार लोगों को लगता है अब चुंबन में क्*या रखा है? इसी लिए वो इसकी गहराई समझ नहीं पाते। चुंबन के समय सबसे अहम होता है कि आप अपने पार्टनर को किस तरह पकड़े हुए हैं। या फिर चुंबन के समय आपकी प्रतिक्रिया क्*या होती है। लिप किस यानी होठ से होंठ मिलाकर चुंबन का असीम अनुभव प्राप्*त करने के लिए आप अपने पार्टनर को अपनी बाहों में भर लें। उसे जरा भी ढीला न छोड़ें। साथ ही किस के दौरान सबसे पहले पार्टनर के बालों में अपने हाथ ले जाएं, वहां से पीठ पर और फिर कमर तक सहलाते हुए ले जाएं।
* इससे आपकी पार्टनर आपके काफी करीब महसूस करेगी। यही बात महिलाओं पर भी लागू होती है। बेहतर होगा कि लिप किस के दौरान चेहरे के किसी अन्*य भाग पर किस मत करें। उससे सेक्*स अनुभव कम होता है। लिप किस भी पंद्रह मिनट से ज्*यादा नहीं होन चाहिए, वरना उबाऊ हो सकता है।
* होठों के बाद दूसरा टार्गेट गर्दन के पीछे का हिस्*सा होना चाहिए। उससे महिलाओं को बेहतरीन अनुभूति होती है। धीरे-धीरे गर्दन के चारों ओर और फिर कंधे पर। अच्*छा होगा यदि आप सबसे अंत में गाल पर किस करें। किस के दौरान अगर अपने पार्टनर की छाती पर और फिर कमर के हिस्*से पर मसाज करते हैं, तो संभोग के लिए उत्*तेजना बढ़ती है।
* संभोग के दौरान चुंबन उन महिलाओं के लिए सहायक साबित होता है, जिन्*हें चरम सीमा तक पहुंचने में काफी देर लगती है। पुरुषों को हमेशा यह बात ध्*यान में रखनी चाहिए कि चुंबन संभोग की एक अहम क्रिया है, लिहाजा उन्*हें अपने मुंह को साफ रखना चाहिए। यदि आपके मुंह से दुर्गंध आती है, तो माउथ फ्रेशनर का प्रयोग करें, क्*योंकि इससे न केवल आपकी पार्टनर का मजा ठंडा हो जाएगा, बल्कि आपको भी सेक्*स करने में मज़ा नहीं आएगा।

गर्भवती होने के बाद ज्*यादातर महिलाएं अपने पति से दूर रहने की कोशिश करती हैं। वो सोचती हैं कि ऐसे समय में संभोग करने से बच्*चे पर असर पड़ेगा। यही बात पति भी सोचते हैं। पति-पत्*नी एक दूसरे से तब और दूरियां बना लेते हैं, जब प्रेगनेंसी टेस्*ट पॉजिटिव होने पर डॉक्*टर संभोग करने से मना कर देते हैं।

लेकिन क्*या हर व्*यक्ति के लिए 9 महीने तक सेक्*स नहीं करना आसान बात है? क्*या गर्भावस्*था के दौरान सेक्*स करने से वाकई में बच्*चे पर असर पड़ता है? क्*या 9 महीने तक कतई संभोग नहीं करना चाहिए? इन सभी सवालों का हल आपको यहां मिलेगा।

सबसे पहले बात करते हैं डॉक्*टर की सलाह की, जो संभोग करने से मना करते हैं। असल में डॉक्*टर गर्भवती महिलाओं को संभोग के लिए सख्*ती से तभी मना करते हैं, जब बच्*चे में किसी प्रकार के कॉम्*प्*लीकेशंस हों। यदि बच्*चे की ग्रोथ अच्*छी है, तो तीन महीने पूरे होने पर सेक्*स किया जा सकता है।

यहां पर यह तो साफ हो गया कि गर्भावस्*था में संभोग कर सकते हैं, लेकिन यहां पर जरूरी है सावधानी। जी हां ऐसे समय में सेक्*स के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं। उसका ध्*यान पति को ज्*यादा रखना पड़ता है, क्*योंकि गर्भावस्*था के दौरान अधिकांश महिलाओं में सेक्*स करने की इच्*छा तीव्र होती है।

इन पोजीशंस में करें सेक्*स

गर्भावस्था के दौरान सेक्स करते समय पोजिशन का ध्*यान रखना जरूरी होता है। कुछ पोजीशन (अवस्*थाएं) ऐसी हैं, जिन्*हें बनाकर सेक्*स करने से बच्*चे पर प्रभाव नहीं पड़ता।

पोजीशन-1: पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेट जाएं। महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख दे। इस अवस्*था में संभोग करने से गर्भ को झटके नहीं लगते। हालांकि सातवें महीने से ऐसा करना थोड़ा कठिन होता है।

पोजीशन-2: महिला पुरुष के ऊपर बैठ जाए। महिला का मुख या तो पुरूष के मुख की ओर हो या पैरों की ओर। इस पोजीशन पर सेक्*स करने से गर्भवती महिला के शरीर पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता। ऐसी अवस्*था में चुंबन लेते वक्*त सावधानी बरतनी चाहिए, क्*योंकि चुंबन लेते समय महिला का पेट दब सकता है।

पोजीशन-3: महिला पीठ के बल टखने मोड़कर लेट जाए। अपनी टांगें पुरूष के कंधे पर रख दे और सेक्*स करें। इस पोजिशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता।

पोजीशन-4: पुरुष किसी आरामदायक कुर्सी, बैड, आर्मचेयर आदि पर बैठे। उसके ऊपर महिला बैठ जाए और संभोग कर सेफ सेक्*स किया जा सकता है।

पोजीशन-5: महिला अपनी तरफ सिकुड़कर लेट जाए। पुरूष पीछे लेटकर संभोग की क्रिया करे। इससे भी प्रेगनेंसी पर असर नहीं पड़ता। खास बात यह है कि इस पोजीशन में आठवें व नवें महीने तक संभोग किया जा सकता है।

Friday, May 27, 2011

पोर्न-स्टार दुनिया का सबसे अच्छा करियर नही *पर्दे के पीछे के कडवे सच*



अश्लील फील्मो का हीरो बनना सबसे अच्छा करियर नही है- पढीए पोर्न के रुपेरी परदे के पीछे का कडवा सच.....ये सुत्र उन नौजवानो के लीए है जो ये समजते है कि अश्लील फील्मो का हीरो बनना सबसे अच्छा करियर है.

मिशेल अवंती : गुप्त रोग, ब्लेडर इन्फेंकशन, मूत्र में खून का स्त्राव: रोज की बात.


मिशेल अवंती जो की एक जमाने की मशहुर अश्लील फिल्मो की नायिका थी उन्होने अश्लील फिल्मोमें काम करना छोड दिया है. उसका कारण उनसे खुद सुनिये

उनके बात का निम्नलीखीत वेबसाइट से हीन्दी मे अनुवाद करके लीख रहा हु.
http://www.shelleylubben.com/shelley...ti-leaves-porn

मेरा नाम मेडीलीन है, लेकिन मैं अश्लील अभिनेत्री मिशेल अवंती के नामसे जानी जाती हुं. मैने आजतक 100 से अधिक XXX पोर्न मुवीज में काम कर चुकी हुं.

मेरा जन्म 19 अप्रैल 1980 को हुआ. मेरे पिता के शराब और ड्रग्स के नशे में डूब कर खत्म हो गए, उन्होने मेरी माँ को तलाक दे दिया.

अच्छी परवरिश न मीलने के कारण मैं हाइस्कुल में गलत लोगो की सोबत में पडी ओर हाइस्कुल से निकाली गइ. उनदिनो में ड्रग्स ओर शराब का सेवन करती थी. एकबार एक दोस्त ने मेरा बलात्कार भी किया जोकी मेरा आखरी बलात्कार नही था.

पढाइ में ठीक से पुरा नही कर पाइ,अपने नशे की लत के लीए पैसो का इंतजाम करने के लीए में एक बीयरबार में वेइट्रेस का काम करती, लेकिन वहां से भी मुजे अपनी शराब की आदतो के कारण निकाला गया. मजबुरन मैंने नंगी फील्मो मे जल्दी से पैसे बनाने के लीए काम करना शुरु कीया.

मुजे बताया गया था कि पोर्न मे काम करते वक्त हर फील्म के पहेले आपका एड्स, गोनोरीया, सीफीलीस ओर क्लेमेडीया के टेस्ट करवाने होते है,

लेकिन दोस्तो इसके अलावाभी ओर कइ रोग होते है जो कि यौनसंबंध से फेलते है, जैसे की हिपेटाइटीस, हर्पीस, यीस्ट इन्फेक्शन, इत्यादि, लेकीन इनके लीए कोइ टेस्ट नही कीया जाता,
ओर क्योकी, अश्लील फिल्मोमें कंडोम का इस्तेमाल नही किया जाता क्योकी दर्शक कंडोम के साथ हो रहे सेक्स को देखना पसंद नही करते है,
अत: ज्यादातर पोर्नफील्मो मे काम करने वाले महीला या पुरुश, इसमे से कीसी ना कीसी गुप्त बीमारी से हंमेशा ग्रस्त होते है.

खेर, उस वक्त मुजे इन बातो की परवा नही थी क्योकी मुजे तो बस पैसे बनाने थे.
हर फील्म के लीए मुजे 1000 डोलर मीलने थे, ओर उसमे से 10 प्रतीशत कमीशन मुजे अपने एजन्ट को चुकाना पडता.

पोर्न मुवीज में काम करना आसान नही होता, इसलीए, Vicodin, Xanax, Norcos, Prozac and Zoloft. जैसी नशीली दवाइया डोक्टर की रसीद पर खरीद कर ली जाती है, जीनसे की आपके शरीर मैं एसी ताकत ओर जोश आ जाता है कि जीससे आप लंबे समय तक एसे नंगे सीन दे सके जो एक सामान्य महीला या पुरुश की क्षमता के बहार होते है.
ओर डोकटरो को भी एसी नशीली दवाइओ की prescription देने के लीए फील्म निर्माताओ से तगडा कमीशन मीलता है.
पोर्न फील्म के सेट पर नशीली दवाइ ओर शराब का खुलेआम भरपुर मात्रा में इस्तेमाल होता है क्योकी इसके बीना शुटिंग संभव नही है.
लेकीन इन नशीली दवाइओ के सेवन से शरीर पर बहोत बुरा असर पडता है.

जैसे जैसे में फील्मे करती गइ, मैं ज्यादा ओर ज्यादा गुप्तरोगो का शिकार बनती गइ,
कयोकी अश्लील फिल्मोमें कंडोम का इस्तेमाल नही किया जाता क्योकी दर्शक कंडोम के साथ हो रहे सेक्स को देखना पसंद नही करते है.
कभी कभी तो मेरे गुप्तभागो में इतनी जलन रहती जैसे की उन्हे आगमें जलाया जा रहा हो.
मुजे यीस्ट ओर ब्लेडर इन्फेकशन तो रोज के लीए ही रहेता था, ओर इसके कारण हर बार मुत्र के साथ खुन का भी स्त्राव होता था.

फीर एक समय एसा आ गया कि ओर काम करना मेरे लीए असंभव हो गया ओर मेरे पैसे भी ख्तम होने चले, मेने अपने एजंट से बात की, उसने कहा कि मुजे वैश्यावृति या बार में नाचना शुरु करना चाहीए. खेर ये सब करते करते भी मैं कभी अपना उधार नही चुका पाती क्योकी सारा पैसा मेरे नशे के सेवन ओर गुप्तरोगो के इलाज मे ही चला जाता.

जनवरी 2009 मैं मैने भगवान से प्रार्थना की ओर पोर्न इंडस्ट्री को अलवीदा कहा.
मैनें Pink Cross Foundation का संपर्क कीया ओर उन्होने मुजे नशे की लत ओर पोर्न इन्डस्ट्री से बहार नीकल ने मे आर्थीक रुप से मदद की.

मैने महेसुस कीया की मेरी सारी परेशानीओ की जड मेरे नशे की लत थी, जीससे मेने अपनो को खोया, ओर गलत लोगो की सोबत मे पडी. हां इन नशीली दवाइओ से मुजे मजा बहोत आया लेकीन मैने अपना कीमती समय, पैसा ओर दोस्त खोये.

अब में अपने नशे की लत से भी आजाद हुं ओर एक अच्छे जीवन के लीए प्रयत्न कर रही हुं.

मै मानती हु कि मेरी इस कहानी को पढकर, आप सबको ये एहसास हुआ होगा ही भगवान ने हम सबको पोर्न मुवीज में काम करने से बहेतर जींदगी में कुछ करने के लीए पेदा कीया है.

तो दोस्तो अगर नायिका को ये सब गुप्त रोग हो सकते है तो जाहीर है, नायक को भी होगें ही ना??



ज्यादातर ये होता है, की एकाद फील्म की शुटींग के बात ये लोग 15-20 दीन का ब्रेक ले लेते है, जबतक उनका इलाज नही होता, ओर फीर काम शुरु कर देते है. ओर पुरा इलाज नही होता, सीर्फ बाहरी गुप्तांग ही स्वस्थ दीखे एसा कुछ कामचलाउ दवाइ ओर मेकअप के जरीए दीखाया जाया है.
अपने मुंह की बाते नही जोड रहा हु..ये सब मेने पढा है, आप भी गुगल सर्च करके ज्यादा जानकारी पाने की कोशीश करेंगे तो ये ही पायेंगे.

दुसरा की जो गंदी फील्मो में मर्द कइ मिनटो तक बीना स्खलीत हुए चुदाइ करते है उसका भी राझ जानीए.
संदर्भ:-
http://www.sfgate.com/cgi-bin/articl...violetblue.DTL

जेक जो की गंदी फील्मो मे काम करने के अनुभवी है उनके अनुसार,

इस बात का आमतौर पर चर्चा नही होता लेकीन, Viagra/Cialis/Levitra जैसी दवाइया तो हर फील्म के सेट पर जमकर खाइ जाती है. कुछ हीरो तो इससे भी बडे कारगर लेकीन खतरनाक तरीके आजमाते है जैसे की Caverject इन्जेक्शन सीधा अपने लींग पर भोंक देना, ये इन्जेक्शन वीयाग्रा आने के पहेले पोर्न फील्मो मे इस्तेमाल की जाती थी.



इससे हो ता ये है की लिंग सुन्न हो जाता है लेकीन 10 घंटो तक खडा रहेता है. इनसब के बिना तो 2-3 घंटे की फील्म मे काम करना, शुटिंग करना नामुम्कीन ही है.

लेकीन इन सब के साइड इफेक्ट भी उतने ही बडे होते है- जेसे प्रोस्टेट केन्सर वगैराह.

इनको आपने टारजन वाली अश्लील मूवी में देखा होगा.

उनके एक इंटरव्यू के मुताबिक
तकरीबन हर पोर्न स्टार "हरपीज" गुप्त रोग से पीड़ित होता ही है. और क्योकि कंडोम वाली मूवी कोई पसंद नही करता इसलिए, प्राय: हर मूवी खत्म करने के बाद हरेक कलाकार को ये रोग फिर से हो जाता है. उन्हें इसी कारण हफ्ता दो हफ्ता आराम लेना पड़ता है, इस दोरान पेशाब करने में इतनी पीड़ा होती है मानो जान निकल जाएगी.

तो दोस्तो क्या आपलोग नंगी फील्मो के हीरो बनके अपनी सेहत ओर जवानी की वाट लगाना चाहते है की फीर शरीफो की तरह कुछ नौकरी धंधा करेंगे?