Saturday, September 25, 2010
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Sunday, September 12, 2010
मःती कोठेकी
this is my friend story.
बात उन िदनों की हैजब मुंबई में दंगेचल रहेथे। पुणेमें भी कुछ िदनों के िलए बस
सिवर्स बंद थी।
मैं उन िदनों पुणेके िलए एक बस में चली। बस में मेरी बगल में उषा नाम की आंटी
बैठी थीं। उषा आंटी सेमेरी अच्छी जान पहचान हो गई।
बस बड़ी धीरेसफर कर रही थी। शाम के 2 बजेबस ख़राब हो गई। बस वालेनेकहा
अब बस नहींचलेगी। पुणे४० िकमी दरू था। बस में मैं और आंटी ही अकेली औरतें
थीं। मैं घबरा रही थी बस में कुछ गुण्डेटाइप लोग भी थेजो राःतेभर हमें गंदेगंदे
इशारेकर रहेथे।
आंटी मुझसेबोली- मैंनेटैक्सी बुलाई है, तुम पुणेतक साथ चल सकती हो लेिकन
उसके आगेराःतेबंद हैं। मैं खुश हो गयी, मैंनेकहा- आंटी मैं आपके साथ रुक
जाऊंगी।
आंटी बोली ठीक हैलेिकन मैं तुम्हें कुछ बताना चाहती हूँ। आटं ी नेकहा- बेटी, मैं एक
कोठेकी मालिकन हूँमेरा कोठा बुधवार पेठ में हैवहाँपर ५० -६० लड़िकयांधंधा
करती हैं। पूरेिदन रात उनकी चुदाई होती है। पर यह मेरा वादा हैिक अगर तुम मेरे
साथ चलोगी तो तुम्हारी मज�� के िबना मैं तुम्हारी चुदाई तो नहींहोनेदंगू ी लेिकन
तुम्हारी चूची और चूतड़ दब सकतेहैं, मतलब तुम्हारी जवानी लुटेगी तो नहींलेिकन
मेरेगुंडेमःती करनेसेबाज़ नही आयेंगे। बाकी अगर कहींऔर रूकती हो तो जवानी
लुट भी जायेगी और ब्लूिफ़ल्म अलग सेबन जायेगी, मुझेपुणेका सब पता है, वैसे
तुम शादीशुदा हो कोठेपेछेड़छाड़ सेमजा ही आएगा।
आंटी की बात सुन मैं डर गई लेिकन मेरी चूत में खुजली सी भी मची िक कोठेकी
मःती में मज़ा तो बहुत आएगा।
मैंने- कहा आंटी, यहाँचूत तो चुदेगी ही, जान का भी खतरा है। यह बस के ही लोग
मुझेचौद डालेंगे, सब गुण्डेटाइप लग रहेहैं। आप लेचलो, कोठेपेही सही।
थोड़ी देर में आंटी की टैक्सी आ गई। हम उसमें बैठ गए। आंटी नेपुणेसे५-६
िकलोमीटर पहलेही मुझेबुरका पहना िदया और ख़ुद भी बुरका पहन िलया।
शाम ४ बजेहम बुधवार पेठ में आंटी के कोठेपेथे। कोठेपेहमारेघुसतेही एक
मुःटंडेनेमेरेचूतड़ पीछेसेदबा िदए और बोला- मौसी माल तो बड़ा तगड़ा लायी हो,
आज्ञा हो तो नंगा कर दँूकुितया को।
मौसी नेकहा- हरामी हाथ मत लगाइयो, मेहमान है, चल बेटी अंदर चलें।
अंदर रंिडयाँअ��र्नग्न खड़ी थी कुछ पेटीकोट और आधेसेज्यादा खुलेब्लाऊज़ पहने
थी.
मौसी मुझेचौंकतेदेख कर बोली- अरेचौंक क्यों रही हैयह कोठा है, रात को
िदखाउंगी कैसेयह रंिडयाँ६-६ लंड खाती हैं. आ चल थोड़ा ृी हो लें। तुझेभी तो थोड़ी
रंडीबाजी िसखा दँगू ी, तािक तुझेयाद तो रहेकी कभी कोठेकी सैर भी की थी। घबरा
मत तेरी चूत तभी चुदेगी जब तूचाहेगी लेिकन मद�� के लंड तो पकड़ ही सकती है
और चूची चूतड़ तो दबवा ही सकती है। रोज रोज एस मःती तो नही िमलेगी।
परमानेंट रंडी बननेमें तो ूॉब्लम हैं लेिकन एक िदन रंडीबाजी करनेमें तो मज़ा ही
मज़ा है।
मौसी की बात मुझेकुछ सही लगी। मैं और आंटी अब आंटी के कमरेमें आ गई थी।
कमरा फाइव ःटार जैसा था। आंटी नेअपनी साड़ी ब्लाउज उतार िदया। आंटी की
चूिचयांपपीतेजैसेलटक रहींथी, आंटी िसफ़र् पेटीकोट पहनेथीं। आंटी नेघंटी बजाई,
एक मुःटंडा अंदर आया, आंटी बोली- कालूजरा पानी-वाणी िपला !
आंटी मुझेदेखकर मुःकरा कर बोली- शरमा रही है, अभी तुझेनंगा कराती हूँ, कोठे
की मःती तो चख ले।
मैंनेकहा- नहींमौसी, मुझेनंगा नही होना !
मौसी मुःकराईं, बोली- हमारा वादा केवल तेरी चुदाई न होनेतक का है।
कालूपानी लेकर आ गया। हम दोनों को बड़ेप्यार सेउसनेपानी िपलाया. मौसी
बोली- अबेकालूतेरी मौसी नंगी खड़ी हैं और साली यह हरामन कपड़ेपहनेहुए है,
चल जरा इसेनंगा तो कर।
कालूनेएक झटके में मेरी साड़ी खींच दी और मेरा ब्लाउज हाथ सेखींच कर फाड़
िदया। मेरी ॄा आधी लटक गई िजसेउसनेएक झटके में उतार िदया। अब मैं
पेटीकोट में थी, यह सब कुछ सेकंड में ही हो गया मैं िवरोध भी नहींकर पाई। कालू
पेटीकोट भी फाड़नेवाला था लेिकन मौसी नेइशारेसेउसेबाहर भेज िदया।
मेरी संतरेजैसी चुिचयों पर मौसी नेहाथ िफराकर कहा- माल तो बड़ा तगड़ा हैं तेरा !
एक रात के दस हज़ार तो आराम सेलगेंगे, बोल चुदना हैक्या पूरेदस तेरे ! मेरी चूत
में हलचल हो रही थी।
मौसी नेमुझेिबःतर पर िलटा िदया और ख़ुद भी बगल में लेट गयीं, कहा- तुझेमैं
कोठेकी मःती करवाती हूँ, करके देख, कैसेरंिडयांलोड़ेसेखेलती हैं, मद�� की मुठ
कैसेमारती हैं, लंड चूसती हैं तुझेिसखाती हूँ। चुदनेका मन हो तो बताना चुदाई भी
करवा दँगू ी गांड और चूत दोनों की। फुल मःती कर आज रात िजन्दगी भर याद
रहेगी।
मौसी की बातों सेमुझेमःती आनेलगी। मेरा मन मुःटंडौं के सामनेनंगी होनेका
करनेलगा, मेरी चूत सेभी पानी िरसनेलगा था।
मौसी बोली- अब तूमेरेकोठेकी रांड है, तेरी चूत और गांड तेरी मज़�� पर छोड़ती हूँ,
बाकी तेरेको आज की रात के िलयेरंडी बनाती हूँ, समझी! रंडीबाजी का मतलब होता
हैनग्न अदायें िदखाना, नंगी चूिचयांकर के कःटमर सेदबवानी, लंड चूसना, लोड़ों
को हाथों सेमसलना और लंड की मुठ मारनी, पूरी नंगी होकर चूत चुसवानी, बाकी
बची चूत और गांड की चुदाई तो वह सब सेआिख़र में आती है।
५ बज रहेथे, मौसी नेएक चुन्नी मेरेनग्न दधू ों पेडाल दी और बोली- चल तेरा
रंिडयों जसै ा िसंगार करवाती हूँ। मौसी मुझेिसंगार रूम में लेजानेलगींराःतेमें
मौसी के गुंडेघूम रहेथे। मेरी नग्न चूिचयांसब घूर घूर कर देख रहेथे।
िसंगार रूम का सीन बड़ा आकषर्क था। चार -पाँच रंिडयाँशीशेके सामनेमेक अप
कर रहींथी, सभी टोपलेस थीं, कुछ नंगी होकर चूत में बीम लगा रहींथीं। कुछ गुंडे
टाइप लोग कमरेमें घूम रहेथे। एक दो गुंडेरांडो की चूिचयांमसल रहेथे। सीन बड़ा
ही सेक्सी था।
मौसी मुझेदेखकर मुःकराईं बोली- चल तूभी नंगी हो ! तेरा माल भी तो देखें जरा
हम !
मौसी नेकहा- चल पेटीकोट उतार ! शरमा नहीं ! रंडी बन जा आज रात के िलए !
अगर मःती के साथ करोगी तो बहुत मजा आएगा, देख सब राँडेनंगी मःता रहींहैं।
मेरी चुिचयाँतो नग्न थी हीं, मैंनेशरमातेहुयेअपना पेटीकोट भी उतार िदया। अब मैं
िसफ़र् चड्डी में थी। चड्डी उतारनेमें मुझेशमर् आ रही थी। मौसी नेसीटी बजा कर
कालूको इशारा िकया। कालूनेपीछेसेआकर मेरी चूिचयांकस कर मसल दी। इस
बीच राजूमुःटंडेनेआगेसेमेरी चड्डी उतार दी, अब मैं पूरी नंगी थी।
मौसी नेमेरी झांटो वाली चूत की तरफ़ देख कर कहा- अरेतुम साली औरतें पित को
भी मःती ठीक सेनहींदेती क्या काला जंगल उगा रखा है ! मौसी नेएक रंडी को
इशारा कर कहा- जरा झांटेसाफ़ करनेवाली बीम तो ला !
मौसी नेमेरी चूत पर बीम लगा दी और मुझेएक ग��ेपेबठनेको कहा और बोली-
पाँच िमनट में तेरी झांटेसाफ़ हो जाएँगी।
अब मैं नंगी बैठी कोठेके नज़ारेदेख रही थी, शमर् आ रही थी, गुंडेबार बार गंदेइशारे
कर रहेथे। पाँच िमनट बाद मोनी नाम की रांड नेमेरी चूत गीलेकपड़ेऔर पानी से
साफ़ कर दी, अब मेरी िचकनी चूत चमचमा रही थी। मेरी शमर् भी धीरेधीरेकम हो
रही थी।
मौसी नेकहा- ६ बज गए हैं, धंधेका टाइम हो रहा है, मैं जरा धंधेको देखती हूँ, तू
जरा कोठेपेघूम और रंिडयों की तरह मःता ! तेरेसाथ मोनी नाम की रंडी की ड्यूटी
लगा देती हूँ। ८ बजेतेरेऊपर भी एक-दो कःटमर चढ़वाती हूँ।
मौसी की बातों और कोठेके नजारों सेमेरी चुदनेकी इच्छा बढती जा रही थी। मोनी
नेमुझेबताया- तूमेहमान हैइसिलए मौसी इतनेप्यार सेबात कर रहींहैं वरना
िजस रंडी सेगुःसा हो जाती हैं, पूरी रात उसकी गांड और चूत अपनेमुःटंडों से
चुदवाती हैं और पीटती अलग हैं सब मुःटंडों के लंड बहुत मोटेऔर लंबेहैं। सारे
मुःटंडेकु��ेकी तरह मौसी के आगेदमु िहलातेहैं, मौसी के एक इशारेपेयह जेल
पहुँच जातेहैं इतनी तगड़ी पहुँच हैमौसी की। चल तुझेकोठेकी सैर कराती हूँ, धंधा
भी शुरू हो चुका है। पेटीकोट और ब्लाऊज़ डाल ले !
मैंनेसाइड में पड़ा हुआ एक पेटीकोट और ब्लाऊज़ पहन िलये। ब्लाऊज़ में एक ही
हूक था, चुिचयाँआधी सेजयादा खलु ी थी, थोड़ा िहलनेपेिनप्पल भी िदखनेलगते
थे, पेटीकोट नािभ के काफ़ी नीचेबंधा थे। मोनी भी एक िमनी ःकटर् और मेरी तरह
ब्लाऊज़ पहनेथी।
मैं िबल्कुल धंधेवािलयों जैसेलग रही थी। मौसी नेमेरी चूत पेजो बीम लगायी थी
उससेमेरी चूत में लंड खानेकी इच्छा भी बढ़ रही थी. मैंनेजब मोनी को यह बताया
तो मोनी मुःकराई, बोली- मौसी तुझेचुदवा कर ही जानेदेंगी ! बड़ी गुरु हैं मौसी !
मोनी मुझेपहलेडांस रूम में लेआई। यहींसेकःटमर अंदर आतेथे। डांस रूम काफी
बड़ा था। मौसी वहाँग��ी पर बैठी हुईं थीं, मुःटंडेचारों तरफ़ टहल रहेथे। ५-६
लड़िकयाँअधर्नंगी होकर डांस कर रहींथी। साइड में मेरी जैसेसेस पहने१०-१०, २०-
२० के झंुड में रंिडयांबैठी हुईं थी. नाचनेवाली लड़िकयाँडांस कम रंडीबाजी ज्यादा
कर रहींथी वो अपना लहंगा बार बार उठा रहींथी और बार बार अपनी चूत िदखा रहीं
थी।
मुःटंडों सेबीच बीच में कुछ सेकंड्स के िलए अपनी चूिचयांमसलवा रही थीं। बीच
बीच में एक दो गण्ु्डेआकर रंिडयों की ब्लाऊज़ और टॉप उठाकर उनकी चंुिचयाँखोल
देतेथे, िजसेवो दबु ारा ढक लेती थीं।
करीब १०-२० माहक वहाँडांस देख रहेथेऔर वो बीच बीच में नोट भी फें क देतेथे।
मोनी नेमुझेबताया- यहाँतीन रेट में लड़िकयाँिबकती हैं, वो जो घिटया सी िदख
रहींहैं आटं ी टाइप उनके रेट १०० से३०० रुपए एक तक घंटेहैं, दसू री साइड वािलयों
के ५०० से१००० रूपए तक एक घंटेका हैं। मौसी के पास जो बैठींहैं उनके रेट मौसी
बताती हैं, सब १००० सेऊपर वाली हैं।
मौसी हर कःटमर का पूरा ध्यान रखती हैं, रंडी अगर मःती नहींदेती तो उसकी खाट
खड़ी कर देती हैं। मौसी का कहना है- चूिचयांमसलवानेके िलए और चूत चुदवानेके
िलए है, कःटमर को जम कर मज़ा दो उसका लंड चाटो और चूसो एक घंटेमैं अपना
दीवाना बना दो गांड भी मरवाओ उससे !
अगर िकसी भी रांड की िशकायत आती हैिक उसनेचूत चुदवानेमें नखरेकरेहैं तो
उसकी खाल तो जलाती ही हैं साथ ही साथ १०-१० गुंडों सेगांड और चूत भी चुदवाती
हैं।
मौसी नेएक सेएक नखरेवाली रंिडयों को ठीक कर िदया है। वो जो जली हुई िदख
रही हैन उसनेएक सफ़ेद दाग वालेनेताजी का लंड चूसनेसेमना कर िदया था,
मौसी नेउसेजला िदया, अब सब करवाती है।
मौसी बड़ी खतरनाक हैं, लेिकन अगर कोई दारू में टुन्न आता हैया अकड़ िदखाता है
तो उसके नोट भी रख लेती हैं और लंड झड़वा के धक्के देकर भगा देती हैं।
मोनी नेबताया उसके रेट ३०००-४००० के बीच लगतेहैं और वो सब करवाती है
केवल गांड छोड़कर, गांड मौसी के ही कहनेपेचुदवाती हूँअब तक ४-५ बार ही कुछ
बड़ेलोगो सेगांड मरवाई है। मुझेधंधा करतेहुए ६ माह हो गए। मेरा ूेमी बेच कर
गया था मुझे, चल आ मौसी के पास बैठतेहैदेख कैसेरंिडयांिबकती हैं !!!!!
शाम के सात बज रहेथे, मौसी नेमुझेबगल में बुला कर िबठा िलया, मैं मौसी के
पास जाकर बैठ गई। रंिडयों का नाच चालूथा, कोठेपर भीड़ बढ़ गई थी। मौसी बोली,
"३० लड़िकयाँचुदनेजा चुकी हैं। २५-३० और बच रही हैं, आठ बजेतक सब िबक
जाएँगी। उसके बाद तो दसू रा राउंड शुरू हो जाएगा, नाच-वािलयाँ१० बजेतक नाचती
हैं, उसके बाद इनको चुदवाती हूँ।"
तभी एक माहक आकार सोना नाम की रंडी का दाम पूछनेलगा। सोना, मौसी के पीछे
ही बैठी थी। मौसी बोली, "५००० हैं, चूत और गाँड दोनों चुदवाएगी।"
"३००० दँगू ा, पुराना माहक हूँ।"
"हरामी तुझेबहुत अच्छी तरह जानती हूँ, ८ इंच लंबा लंड हैतेरा, गाँड फाड़ कर रख
देता है। िपछली बार रेशमा को चोदा था साली एक घंटेतक उठ नहींपाई थी, चल
४००० देऔर लेजा इसे। सोना, गाण्ड में बीम लगा िलयो... वरना रोएगी, यह बहुत
बड़ा चोदूहै। और तूजरा आदमी की तरह चोिदयो, वरना घुसनेनही दँगू ी कोठेपर...
हरामी। सोना के अभी मुझेदो राउंड और करानेहैं"
मौसी मुःकुराई, माहक भी मुःकुरातेहुई सोना को लेकर चला गया। सःती रंिडयों (
१०० से३०० वािलयों) की िबबी राजूमुःटंडा देख रहा था। मौसी नेउसेबुला कर पूछा
- "िकतनेजमा हो गए?"
"सःती वािलयों में से२० धंधेपेबैठी हैं मौसी। ३० मद�� को िनपटा चुकी हैं, १५ से
चुदवा रहींहैं। ५ उधर बैठी हुई हैं, २ बीमार हैं। कुल १४,००० रुपयेजमा हुए हैं" - राजू
नेजानकारी दी।
"टॉप पर कौन चल रही है?"
"अगं रू ी टॉप पर है, २ बार चुदवा चुकी, १ को िनपटानेमें लगी हुई है। १२०० रुपयेउसी
के नाम के हैं।"
"ठीक है, आज ३०००० सेकम की रक़म जमा नहींहोनी चािहए। जा धंधा देख।"
पप्पू५०० से१००० वािलयों की दलाली कर रहा था। मौसी नेउस सेपूछा, "धंधा कैसा
चल रहा है?"
"मौसी, २४ लौंिडयाँधंधेपेहैं, २० बार िबक चुकी हैं, १९ अन्दर लगवा रही हैं, ५ चुदने
का इंतज़ार कर रही हैं। कुल १६००० रूपयेजमा हुए हैं।" - पप्पूनेउ��र िदया।
मौसी नेनज़र लड़िकयों की तरफ़ घुमा कर देखी और कहा, "यह रेखा और सीमा
आजकल कम िबक रही हैं। कल भी सािलयों नेएक-एक बार ही चुदवाया था। कम से
कम साली ३-४ बार तो चुदें। येरंडीबाज़ी ठीक सेनहींकर रही हैं। कल सेसःती
वािलयों में बैठाती हूँ, जब िरक्शेवालेचोदेंगेतब मज़ा आएगा इन्हें। तूआज ५००००
रुपयेकलेक्ट कर िदयो, कुि��यों को चाहे८-८ बार चुदवाना पड़े।"
मौसी के पास बैठी १२ रंिडयों में से८ चुदनेजा चुकी थीं। मुझेिमला कर ४ रंिडयाँ
बची थींतभी वहाँदो लड़के मौसी की तरफ़ आए और मुझेदेख कर बोले- "मौसी
नया माल लग रहा है, िकतनेमें दोगी?"
"तूबता िकतनेमें चोदेगा? पुराना माहक है" - मौसी बोली
"दो-दो हज़ार लेलेना, इसके और मोनी के!"
"चोदूचोद तो बहुत चुका, लेिकन माल की समझ नहींहैतुझे, इसके संतरेदेख ज़रा"
- यह कहकर मौसी नेमेरेब्लाउज़ का एकमाऽ हुक खोल िदया।
मेरी गोल-गोल चूिचयाँफरफरा कर िनकल पड़ीं। मैं एक दम सेशमार् गई, मैंनेदोनों
चूिचयाँअपनेहाथों सेिछपा लीं। मौसी डपट कर बोली - "हरािमन, ज्यादा नखरे
िकए तो यहींसबके सामनेचुदवा दँगू ी मुःटंडों से, चल हाथ हटा और मौसी नेमेरे
हाथ को हटा िदया।"
अब मेरी चूिचयों के दशर्न वो लड़के कर रहेथे, लड़कों के मुँह सेिनकल गया - "मौसी
वाह, इसके संतरेतो बड़ेलाजवाब हैं।"
मेरी चूत में खुजली बढ़ गई थी, मेरा मन अब चुदनेका ज़ोरों सेकरनेलगा था। मैं
मन ही मन सोच रही थी की मौसी मुझेचुदनेभेज देइन लड़कों के साथ। लड़के बोले
- "मौसी हम तो ५००० रुपयेलायेहैं, इसेदेदो दो घंटेको ५००० में। हम-दोनों एक से
ही काम चला लेंगे।"
मौसी बोली, "१०००० रुपयेसेकम में नहींउठेगी। नयी रंडी है, तूकल चोद िलयो
इसे। तेरेबाप नेतो २०-२०,००० में रंिडयों को चोदा है, ज़रा चूिचयाँमसल कर तो देख
इसकी! ख़ुद ही कहेगा भाव अिधक नहींहै।"
मौसी नेमुझसेकहा - "जरा खड़ी हो कर चूची मसलवानेका मज़ा ले, पुरानेमाहक हैं,
यहाँकी हर बिढ़या रंडी चोद चुके हैं।"
मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के नेमेरी दोनों चूिचयों को
हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल िदया। मेरेमुँह सेआह... ऊह... की आवाज़
िनकल गई, इसके बाद वहाँखड़ेमुःटंडेनेउसेहटा िदया। अब दसू रेवालेनेएक हाथ
सेमेरी एक चूची मसली और दसू रेसेमेरी दसू री चूची की घंुडी कस कर घुमा दी, मेरी
चूत पानी-पानी हो गई।
मौसी नेमुझेहाथ पकड़ कर नीचेबैठा िलया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने
बगल में बैठी दोनों लड़िकयाँउनकी तरफ़ बढ़ा दींऔर बोली, "कल तेरेिलए इसेबुक
करती हूँ, अभी तूइन दोनों की चूत फाड़" - और मौसी नेवेदो रंिडयाँउन्हें सौंप दीं।
अब मैं और मोनी, दो ही लड़िकयाँमौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते
हुए मुःकुरा कर बोली, "मज़ा आया? देख तेरी चूिचयाँिदखा कर दोनों २-२ हज़ार में
उठा दीं, वरना साली आज १००० में भी नही उठ रहींथीं।"
मैंनेकहा - "मौसी मःती तो बहुत आई।
डर नही मज़ेकर, अभी तो तूनेलौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मःती कर। चूत
और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तूख़ुद कहेगी िक मौसी मुझेचुदवाओ।" - मौसी ने
मेरेचूतङों पेहाथ िफरा कर कहा
मौसी बोली - "६ बजेसेधंधा शुरू करवाती हूँ। पहला राउंड ६-९ चलता है, दसू रा ९-११
चलता है, तीसरा ११-२ चलता है। सःती वािलयों को छोड़, बाकी सब १-१, २-२ घंटेके
िलयेउठतींहैं। कुछ रंिडयाँएक राउंड में २-३ बार भी चुद लेती हैं, वरना एक-एक बार
तो सबको चुदना ही पड़ता है। अगर कोई रात भर में तीन बार नहींचुदती हैं तो
उसको िदन में पेलवाती हूँ। दसू रेराउंड में ७-८ रंिडयों को नंगा करा के मुःटंडों और
माहकों की गोद में िबठाती हूँ। मुःटंडेऔर माहक उनकी चूिचयों और चूत की
मसलाई करतेहैं और रंिडयाँउनके लौड़ेिनकाल कर मुट्ठ मारतींहैं, िजन्हें दसू रे
माहक बड़ेमःत होकर देखतेहैं। आज मोनी और तुझेमाहकों की गोद में उनके लौ़ड़ों
पर िबठाऊँगी। जब वो तेरी चूिचयाँऔर चूत मसलेंगे, तो तुझेबड़ा मज़ा आएगा।
आधेघंटेमें यह मसलाई वाला शो कराती हूँ, तािक माहकों के लंड टनटनाएँऔर
सारी रंिडयाँजल्दी-जल्दी िबकें ।"
मौसी की बात सुनकर मेरी चूत बुरी तरह सनसना गई और मेरी चूत में सेपानी
िनकल गया। मौसी बोली, "अब तूएक काम कर, जा ज़रा कोठा घूम कर आ..." मोनी
की तरफ़ इशारा करतेहुई मौसी नेकहा, "मोनी, अब तो कोठेपेचुदाई का माहौल
होगा। ज़रा हमारी नई रंडी रानी को कोठेकी चुदाई तो िदखा के ला।" मेरी तरफ़
देखतेहुआ मौसी नेकहा, "जा ज़रा चुदाई देख कर आ, अभी ७:३० बज रहेहैं, ८:३०
बजेतक आ जाना। तुम दोनों की चूत और चूची का मुज़रा भी तो करना हैमुझे।"
और इतना कह कर मौसी मुःकुरा दी
मोनी नेमुझेसाथ िलया और बोली - "चल घुमा कर लाती हूँ।"
सबसेपहलेहम एक बड़ेसेहॉल में पहुँचे, "वहाँसःती वाली रंिडयों की चुदाई हो रही
थी
बग़ल में बहुत सेग��ेपड़ेथे, िजन पर रंिडयाँलेटी हुईं थीं। सब मोटी और भ��ी सी थीं
और कुछ िरक्शेवालेजसै ेलोग उनके ऊपर चढ़ेहुए थे। मोनी बोली - "सब की चूत
भोंसड़ा हो रहींहैं। २०-२० साल सेचुदवा रहींहैं, मौसी तो इन्हें भोंसड़ी वाली कह कर
बुलाती हैं। सािलयाँएक िदन में १०-१० को िनपटा देतींहैं। आ पास सेिदखाती हूँ।"
मैंनेपास जाकर दखा तो एक भैंस जैसी मोटी औरत पर एक ५० साल का कमज़ोर
सा बुड्ढा चढ़ा हुआ था, औरत की चूिचयाँपेट सेिचपक रहींथीं, बुड्ढा धक्के लगा
रहा था। मोनी नेकहा - "जरा इस रिसया का लौड़ा तो देख, झड़ा पड़ा है, िफर भी यह
साला चूत पर चढ़ा पड़ा है।"
हम दोनों हँसतेहुए आगेबढ़ गए। सब जगह एक सा ही हाल था। मोनी बोली -
"इनमें सेकई तो ऐसी हैं, अगर १० िमनट सेज्यादा अगर कोई चोदे, तो यह एक
झपकी नींद की भी मार लेतींहैं।" हम दोनों िखलिखला कर हँस पड़े।
अब मोनी मुझेऊपर वाली मंिजल पर लेगई। वहाँकई कोठरी जसै ेकमरेबनेहुए थे।
इस मंिजल पर ५०० से१००० वाली चुदती थीं। मोनी नेकहा - "िजतनेकमरेबंद हैं,
वहाँलड़िकयाँचुद रहींहैं, जो खुलेहैं वो खाली हैं। एक कमरेमें दो या दो सेअिधक भी
चुद सकती हैं।"
मोनी बोली - "हर कमरेके दरवाज़ेपर एक छेद बना हुआ है, अदं र का नज़ारा देखने
के िलए। आ... ज़रा झाँक कर लड़िकयों की चुदाई देखतेहैं।"
मोनी एक-एक छेद में झाँक-झाँक कर देखती जा रही थी। एक जगह उसनेकहा -
"यहाँझाँक कर देख, मज़ा आएगा।"
मैंनेजब झाँक कर देखा तो मैं देख कर दंग रह गई। अंदर एक लड़की मुँह में लौड़ा
लेकर बड़ी मःती सेलॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और लड़का उसके चूतड़ दबा रहा
था। कुछ देर बाद लड़के नेलौड़ा मुँह सेिनकलवा िदया और बोला रानी ज़रा घोड़ी
बनो, तुम्हारी चूत पीछेसेचोदता हूँ। उसनेउसेघोड़ी बना िदया और उसकी चूत में
अपना लंड एक झटके में घुसा िदया। लड़की के मुँह से "आह मर गई..." की तेज़
आवाज़ िनकली। लड़के नेकमर सेपकड़ कर उसकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के मारने
जारी रखे। लड़की ज़ोरों सेिचल्ला रही थी। कुछ देर बाद लड़के नेधक्के मारना धीमा
कर िदया और उस पर झुक कर उसकी चूिचयाँबेदद�� सेमसलनेलगा। लेिकन रंडी
िचल्लायेजा रही थी। ऐसा लग रहा था जसै ेउसेबहुत ददर् हो रहा हो।
मोनी बोली - "यह १००० वाली रंिडयाँऐिक्टंग करनेमें बहुत तेज़ होतींहैं। सालेका ५
इंच का ही लौड़ा हैऔर यह कुितया ऐसेिचल्ला रही हैजैसेचूत में सेबच्चा िनकल
रहा हो।"
िफर एक और कमरेमें मैंनेझाँका। अदं र दो लड़के एक लड़की पर चढ़ेहुए थे। लड़की
सीधी लेटी हुई थी, एक लड़की की जाँघें पकड़ कर फैलाए हुए था और उसकी चूत में
सटासट लंड आगे-पीछेकर उसेचोद रहा था, तो दसू रा बगल सेरंडी का मँुह ितरछा
कर अपना लौड़ा चुसवा रहा था। क़रीब २ िमनट तक लगातार लड़की की चूत चुदती
रही। िफर चूत में सेलड़के नेलंड खींच िलया उसका लंड झड़नेवाला था। लौण्डेने
कंडोम उतार कर दो झटके लंड पर मारेऔर ढेर सारा वीयर् लड़की की चूिचयों पर
िगरा िदया। िफर उसनेअपनेहाथों सेलड़की की चूिचयाँकस-कस कर मसली और
अपनेगाढ़ेलंड-रस सेलड़की की मािलश कर दी। दसू रेवालेनेरंडी के मँुह सेलंड
िनकाल िलया था। रंडी बोली तूभी चोद राजा कब तक लंड खड़ा रखेगा। दसू रेवाले
का लंड काफ़ी अच्छा था, मेरा मन भी उसके लंड सेचुदवानेका करनेलग रहा था।
दसू रेवालेनेरंडी को घोड़ी बना िदया और उसकी गाण्ड पर ढेर सारा थूक डाल िदया
था। रंडी घबरा गई बोली - "राजा गाँड रहनेदो, चूत मार लो, बहुत ददर् होगा। आपका
लौड़ा बहुत बड़ा है।" लड़का बोला - "गाँड थोड़ेही न मार रहा हूँ, थोड़ा चेक कर रहा
हूँ।" कह कर उसनेअपनी ऊँगली उसकी गाँड में डाल दी और कस-कस उसेघुमाने
लगा।
मुझेयह सब देखनेमें बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लड़के नेऊँगली िनकाल कर
एक झटके में उसकी गाँड में अपना लंड घुसा िदया... लड़की एक दम सेिचल्ला
पड़ी... ऊही... मर गई..., मर गई...। लड़के नेसटासट उसकी गाँड मारनी जारी रखी।
रंडी के िचल्लानेकी आवाज़ बाहर तक आ रही थी। मोनी नेपीछेसेमेरा पेटीकोट
उठा कर मेरी गाँड में अपनी पूरी ऊँगली घुसा दी। मेरेमुँह सेएक दम से "उई... मर
गई" की आवाज़ िनकल गई।
मोनी बोली, "दसू रेकी गाँड चुदाई देखनेमें बड़ेमज़ेआ रहेहैं। रात को जब तेरी मारी
जाएगी, तब देखती हूँ।
मैंनेशरमातेहुए एक मुःकान भरी... मैंनेकहा - "मोनी चुदनेका अब बहुत मन कर
रहा है।"
मोनी बोली - "चुदेगी, तूभी चुदेगी... और आज रात ही चुदेगी... और मोटेलंड से
चुदेगी। मौसी तुझेऐसेही नही छोड़ेगी।"
मोनी नेआगेबताया - "येसब रंिडयाँठेके पर २०-२० िदनों के िलए आतींहैं। २०
िदनों के बाद यह दसू रेकोठेपर चली जाएँगी। इनकी जगह नई आ जाएँगी, तािक
कोठों की रौनक बनी रहे। केवल ५-६ ही यहाँकी परमानेंट रंिडयाँहैं। चल, अब सबसे
ऊपर की मंिजल पर चलतेहैं, जहाँमँहगी वाली लड़िकयाँचुदती हैं।
ऊपर वाली मंिजल पर भी कमरेबनेहुऐ थे। मोनी नेबताया िक यहाँमँहगी वाली
रंिडयाँचुदतींहैं। यहाँकुछ वातानुकूिलत कमरेभी हैं, हर कमरेमें वीिडयो और टीवी
है। माहक xxx देखतेहुए चोदतेहैं। मैं अभी तक हर बार यहींचुदी हूँ। तूभी इन्ही में
सेिकसी एक कमरेमें चुदेगी। अंदर एक कमरेमें मैंनेझाँक कर देखा तो एक आदमी
रंडी को गोद में िबठाए हुए था और उसका लौड़ा उसकी चूत में घुसा हुआ था। दारू का
िगलास लड़की के हाथ में था िजससेवह हल्की-हल्की चुिःकयाँलेरहा था और
लड़की के चूची की घुंिडयों को नोच रहा था। शायद कोई xxx देख रहा था। बाकी
कमरों के छेदों सेकुछ लोगो की गाँड के िसवा कुछ नही िदखा।
यह सब देख मैं काफ़ी गरम हो गई थी। राजूऔर कालूवहाँचौकीदारी कर रहेथे।
मुझेदेखकर राजूबोला, "जब सेतुम्् हें देखा है, मेरा लंड तो नीचेबैठ ही नहींरहा है
रानी। चूत नही तो एक बार चूिचयों का दधू तो िपला दो। इस कालूनेतो िफर भी एक
बार तुम्हारी दबा रक्खी हैं।"
राजूकी बात सुन कर मैं और मोनी हल्के सेमुःकुरा िदए। मोनी बोली - "क्यों मैडम
एक बार इन्हें दधू िपला दें?"
मैंनेकहा - "चल, थोड़ा सा दधू इन्हें िपला देतेहैं।
हमलोग एक खाली कमरेमें आ गए। मेरी चूत चुदनेको चुनमुना रही थी। मैंने
अपनी ब्लाउज़ का हुक खोल िदया। अब मेरेदोनों संतरेबाहर थे। मैं बोली - "लो राज,ू
दधू िपयो, तुम भी क्या याद रखोगे।"
राजूनेकस-कस कर मेरी दोनों चूिचयाँएक-दसू रेसेिचपका दींऔर मेरी घँुिडयाँ
ज़ोर-ज़ोर सेचूसनेलगा। मुझेगज़ब की मःती छानेलगी थी। राजूकस-कस कर मेरे
दधू दबा रहा था और मेरी घुँिडयाँजम कर चूसेजा रहा था। मेरी चूत सेबुरी तरह से
पानी बहनेलगा था।
मैंनेकहा - "राजूडािल��ग, मेरी चूत फाड़ो, मेरेहोंठ चूस डालो... मुझेआज तुम चोद
कर ही छोडना।"
राजूनेमेरी चूिचयाँछोड़ कर, मुझेकस कर अपनेसेभींच िलया और मेरेमुँह में
अपनी जीभ डाल दी और मेरेहोंठों को चूसनेलगा। राजूका मोटा लंड मेरी चूत से
िचपक रहा था, उसनेमुझेजोरों सेभींच रखा था। मेरेहोंठ ज़बदर्ःत तरीके सेवो चूस
रहा था। तभी मौसी उधर आ गईं और मेरेचूतड़ों पर कस कर हाथ मारती हुई बोली,
"अरेमेरेरंडी रानी तुम तो यहाँरंडीबाज़ी कर रही हो!"
मैं और राजूअब हट गए थे। मोनी मुःकुरा रही थी। मुझसेरहा नहींगया, मैंनेकहा -
"मौसी... अब मुझेचुदवाओ, मैं चुदना चाहती हूँ। मेरी चूत चुदनेके िलए फड़क रही
है।"
राजूमुःकुरा रहा था, मौसी नेकहा, "अभी थोड़ी रंडीबाज़ी तो सीख। लंड सेतो तू
खेली भी नही है> अभी तूनेढंग सेलंड देखा भी नहींहै। पहलेतूलंड सेतो थोड़ा
खेलना सीख, चुदवा तो मैं तुझेएक िमनट में दँगू ी।" राजूमुःकुराए जा रहा था।
मौसी बोली - "राजू, पहलेतूइसेअपना लंड िदखा।" राजूनेएक झटके सेअपना
पाजामा उतार िदया। राजूका ८ इंच लंबा और मोटा लंड मेरेसामनेथा। मैं अपने
होठों पर जीभ िफरनेलगी थी। मैं इतना मोटा-नंगा लंड इतनेक़रीब सेआज पहली
बार देख रही थी। मौसी पलंग पर बैठ गईं और मुझेभी बगल में िबठा िलया।
राजूको मौसी नेबुलाया और कहा - "जरा इसकी चुिचयों पर लंड िफरा।"
मैं पलंग पर बैठी थी और राजूअब मेरी चूिचयों पर अपना लंड हाथ सेपकड़ कर
िफरानेलगा। उसनेमेरी घुंिडयों पर लंड का सुपाड़ा दबा-दबा कर िफराया। मैं पूरी
मःती में आ गई थी।
मौसी नेराजूका लंड अपनेहाथ सेपकड़ कर मेरेहाथ में पकड़ा िदया और बोली, "ले
जरा इसेमसल और जरा मुट्ठ मार।"
जैसेही मैंनेलौड़ा हाथ में पकड़ा, मैं सनसना गई। लौड़ा बहुत गरम था, मेरी बुर
पिनया रही थी। मैं कस-कस कर लौड़ा मसलनेलगी। मुझेबहुत मज़ा आ रहा था।
राजूमेरेबालों को सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद राजूनेमुझेखड़ा कर िदया। मुझेलग रहा था शायद राजूमुझेअब चोद
देगा, लेिकन राजूनेएक बार मुझेिफर भींच िलया। अब वह और कस-कस कर मेरे
होंठों के बीच सेअपनी जीभ डाल कर चूसेजा रहा था।
तभी राजूनेमुझेपीछेकी तरफ़ मोड़ िदया, अब मेरा मुँह मौसी की तरफ़ था। राजूने
जोर सेमेरी घुँडी नोच ली और मेरी चूिचयाँदबाईं। पीछेसेराजूका मोटा लंड कस कर
मेरी गाँड दबा रहा था। मौसी आगेबढींऔर मेरेपेटीकोट का नाड़ा खोल िदया। राजू
नेमुझेढीला छोड़ िदया। मेरी पेटीकोट अब ज़मीन पर थी।
नंगी गाँड पर राजूका नंगा लंड लगतेही मैं उचक पड़ी। अब मैं चुदवानेकी उ��ेजना
की चरम सीमा का अनुभव करनेलगी थी। दो िमनट बाद मौसी के इशारेपर राजूहट
गया। मेरी बुर का पानी जाँघों तक आ रहा था। मैं िचल्ला सी पड़ी, "मौसी मुझे
चुदवाओ ना... मेरी चूत में आग लगी पड़ी है, राजूसेकहो मेरी चूत चोदेऔर मेरी
प्यास बुझाए।"
मौसी बोली - "गाँड मरवाएगी... तो तुझेचुदवाऊँ।"
में पगला सी रही थी। मैंनेकहा - "गाँड, चूत एक सेनहीं६-६ सेमरवा लूँगी... प्लीज़
मौसी मुझेचुदवाओ, जल्दी चुदवाओ। राजूसेबोलो िक वो अपना लंड जल्दी सेमेरी
चूत में डाल दे।"
मौसी मुःकुराई - "लेज़रा इसेपहलेकंडोम पहना अपनेहाथ से।"
मैंनेकंडोम लेकर राजूके सुपाड़ेपर लगाया। एक बड़ा रोमांचकारी अनुभव था।
मौसी बोली - "नीचेतो सरका दे।"
नीचेसरकानेके िलए मुझेएक हाथ सेनीचेउसका लंड पकड़ना पड़ा और दसू रेहाथ
सेमैंनेउसेनीचेसरका िदया। मेरी चूत की जलन बढ़ती जा रही थी, मुझेअब लग
रहा था िक मेरी चुदाई शुरू होनेवाली है।
मौसी राजूसेबोली - "जरा इसकी चूत पर दो तीन बार लंड िफरा दे, िफर जरा नीचे
चल के इसकी चूत के दशर्न माहकों को करातेहैं।"
राजूनेमुझेपलंग पर िलटा िदया और कस-कस कर मेरी चूत पर अपना लंड िफरा
िदया। एक बार उसनेआधा इंच लौड़ा मेरी चूत में घुसाया लेिकन मौसी नेउसेडपट
कर लौड़ा हटवा िदया।
मौसी नेराजूको हटा िदया और बोली - "चलो अब नीचेचलतेहैं, वहाँइसेमाहकों की
गोदी में उनके लौड़ेपर िबठाती हूँ।"
मैं चुदनेको पागल हुई जा रही थी... मुझसेरहा नहींजा रहा था। मैंनेकहा - "मौसी
मुझेचुदवाओ, मेरी चूत में जलन हो रही है, मैं पगला सी रही थी।"
मौसी नेमेरी तरफ़ देखा और बोली - "चूत में तो इसके वाक़ई आग लगी हुई है, राजू
तूएक काम कर, इसकी चूत को चूस। २-३ िमनट में यह पानी छोड़ देगी िफर इसे
थोड़ी सी शािन्त िमलेगी।"
राजूनेअब मेरी चूत पर अपना मुँह लगा िदया और कस-कस कर मेरी चूत चूसने
लगा। मौसी के इशारेपर कालूनेमेरा िसर अपनी गोद में रख िलया और मेरी चूिचयाँ
ज़ोरों सेदबानेलगा। राजूकु��ेकी तरह मेरी चूत चाट रहा था। उसनेबुरी तरह सेमेरी
चूत के मुहानेको चाटना जारी रखा।
कुछ देर बाद उसनेअपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और उसकी १ इंच लम्बी
जीभ अब मेरी चूत में िफर रही थी। मेरी मःती सेकमरा उह... आह... उह... आह...
ऊह... आह... सेगूँज उठा। थोड़ी देर में मेरी चूत सेबड़ी तेजी सेचूत-रस िनकला िजसे
राजूलपालप पीनेलगा।
मुझेचूत में कुछ शािन्त सी लगी। मौसी नेइसके बाद राजूऔर कालूको नीचेभेज
िदया और बोली - "चल इधर बहुत मःती लेली अब नीचेमःती किरयो। येमेरा वादा
हैिक १२ बजेतक तेरी चूत के अदं र मोटा लंड मैं घुसवा दँगू ी और आज रात तेरी गाँड
भी ठुकवा दँगू ी।"
मैं उठ गई थी, मोनी नेमुझेपेटीकोट और ब्लाउज़ पहना िदया। ९ बजनेवालेथे,
मौसी नेकहा - "आओ मेरी रंिडयों, अब तुम नीचेचलो और थोड़ा धंधा शुरू करो।"
सािथयो,
इनमें आपनेदेखा िक िकस तरह मैं मःत होकर मौसी के कोठेपर घूम रही थी और
रंिडयों की चुदाई देख रही थी लेिकन मुझेक्या पता था िक मौसी मुझेभी कोठेकी
रंडी बना देंगी !
पिढ़येकैसेमौसी नेमुझेबना िदया कोठेकी कुितया
हम लोग ९ बजेमौसी के कमरेमें थे। मौसी नेमेरेऔर मोनी के िलए कमरेमें ही
खाना मँगा िलया। खानेमें मुग�� की टांगें और मटन था।
मौसी बोली- लो खाओ, देसी मुगार् हैं, चूत में आग लगा देगा ! खाओ िपयो और
मिःतयाओ ! थोड़ी देर बाद माहकों के लौड़ों पर बैठना और अपनी जवानी का रस
िपलाना !
खाना बहुत ःवािद�� था, हम लोगों नेपेट भर के खाया।
खानेके बाद मौसी बोली- अब तूमिःतया बहुत ली है, चल अब तुझेधंधेपर बैठाती
हूँ ! मुझत में तो मैं पानी भी नहींिपलाती। अब ध्यान सेमेरी बात सुन, नीचेःपेशल
हाल में तुझेिमलाकर कोठेकी सबसेहसीन सात लड़िकयांखड़ी होंगी और दो
लड़िकयांनंगी होकर नाचेंगी। माहक तुम्हें खरीदेंगेऔर गोद में बैठाकर तुम्हें नंगा
करेंगेऔर तुम्हारी चूत और चूिचयों को मसलेंगे। तुम सब उनके लंड बाहर िनकाल
कर चूसोगी और मसलोगी।
डांस देखनेका िटकट ५०० रुपयेहै, गोद में बैठाकर रंिडयों की मसलाई करनेके कम
सेकम १००० रूपये१० िमनट के हैं, उसके बाद हर ५ िमनट के ५०० रुपए हैं। लौड़ा
चुसवानेके १००० रूपयेअलग सेहैं। कोई ५००० या ज्यादा देता हैतो लोंडी १० िमनट
के िलए उसकी ! वो इन १० िमनट में वो लोंडी की चूत मार सकता है।
१ घण्टा यह धंधा चलता है, हर लोंिडया को कम सेकम ५००० रुपए कमा के देनेहोते
हैं। चल १० िमनट के िलए तुझेशेिनंग िदलवा देती हूँ !
मौसी नेघन्टी बजा दी, एक लड़की अंदर आई, मौसी बोली- शो करानेवालेचारों
मुःटंडों को भेज ! चारों मुःटंडेथोड़ी देर में अंदर थे, उनके नाम रोकी, िपंटू, टीनूऔर
भूरा थे। सब खतरनाक चेहरेके गुंडेलग रहेथे।
मौसी बोली- रोकी, तूजहाँलड़िकयांिबकें गी, वहांखड़ा होगा ! िपंटूजहाँरंिडयां
मसली जा रही होंगी वहाँबैठेगा और रंडी अगर ५ िमनट के अंदर लौड़ा नहीं
िनकालेगी तो उस पर िसगरेट की िचंगारी डालेगा, टीनूपैसेइकठा करेगा, भूरा देखने
वालेमाहकों को कण्शोल करेगा।
मौसी िपंटूसेमेरी तरफ इशारा करतेहुए बोली- बाकी रंिडयांतो सब खेली खाई हैं,
यह नई है, तूजरा इसेगोद में बैठा ! बाकी मैं िसखाती हूँ !
िपंटूनेमुझेगोद में उठाया और पलंग पर अपनी जांघों पर िबठा िलया सभी गुंडे
कुिटल मुःकान के साथ मुझेदेख रहेथे। िपंटूनेमेरेब्लाउज़ और पेटीकोट उतार कर
मुझेपूरा नंगा कर िदया और बोला- रंडी, साली ! अब तूपूरी कोठेकी कुितया लग रही
है ! उसनेकस कस कर मेरी चूिचयांमसलनी शुरू कर दीं।
मौसी मेरेपास आईं और मेरा हाथ िपंटूके लौड़ेपर रख िदया और बोली- जरा इसके
शेर को तो बाहर िनकाल !
मुझेलौड़ा िनकलनेमैं शमर् आ रही थी, तभी एक गडंु ेनेमेरेऊपर जलती हुई िसगरेट
की राख़ डाल दी, मैं उई मर गई ! कहकर उठनेलगी लेिकन िपंटूइतनी कस कर
पकड़ा हुआ था िक मैं उठ नहींपाई।
मौसी बोली- लौड़ेको नहींिनकलेगी तो यही हाल होगा ! चल सारेबटन खोल इसके
और लौड़ा मसल !
मैं घबरा गई, मैंनेजल्दी जल्दी िपंटूकी पैंट के सारेबटन खोल िदए नीचेमुःटंडा
कुछ नहींपहना था, उसका सात इंच मोटा लंड तनतना के िनकल आया, िजसेमैंने
कस कस कर मुठी में दबा िलया। मौसी नेएक ट्यूब िपंटूकी तरफ बढ़ा दी िजसे
उसनेमेरी चूत पर लगा िदया। मेरी चूत में चुदनेकी कुलबुलाहट भर गई। मौसी ने
दो िमनट लगातार मुझसेिपंटूके लंड की मुठ मरवाई। इसके बाद मौसी नेमुझेउठा
िदया और खड़ेखड़ेही मुझसेसभी मुःटंडों के लंड िनकलवाए िजसमें सेदो चड्डी
पहनेहुए थेऔर उनकी चड्डी नीचेसरका के मुझेउनके लंड िनकालनेपड़े।
इसके बाद मौसी नेउनमें सेजो सबसेभ��ा और गन्दा िदख रहा था, िजसका नाम
भूरा था, उसका लौड़ा मुझेपकड़ाया और बोली लेइसका लंड चूस !
भूरा काफी गन्दा था, मैं बोली- मौसी मैं इसका लंड मुँह में नहींलूंगी !
मौसी नेिपंटूके हाथ सेिसगरेट ली और मेरेनंगेचूतड़ों पर मसल कर बुझा दी। मैं
जोरों सेचीख उठी। मौसी गरु ातर् ेहुए बोली- हरामखोर, साली, मैं प्यार सेबात कर रही
हूँऔर तूअपनेको कोठेकी रानी समझ रही है? यह सालेमोटेमोटेमुःटंडेमुझेना
नहींकरते, तूना कर रही है? और उन्होंनेमेर बाल खींच िदए। मैं िबलिबला गई।
मरती क्या नहींकरती, मैंनेभूरा का गन्दा सा काला लंड अपनेमुँह में डाल िलया।
मौसी बोली- कुितया, ठीक सेआगेपीछेकर के चूस ! यहाँरानी कोई नहीं, सब रंिडयां
हैं अपनेको अब तूकोठेकी कुितया मान ! इतनेनखरेकरेगी तो हाल में क्या लौड़ा
चूसेगी।
मैं बहुत डर गई थी, मैं लपालप भूरा का लौड़ा चूसनेलगी। आज तक मैंनेलौड़ा नहीं
चूसा था। भूरा गन्दा जरूर था लेिकन उसका लौड़ा चूसनेमें मुझेमज़ा आ गया।
िचकना लौड़ा मेरेमुँह में आगेपीछेहो रहा था। मुझेलौड़ा चूसनेमें गज़ब का मजा
आनेलगा। मैंने५ िमनट तक मःत होकर लौड़ा चूसा। मौसी नेमुझसेभूरा के टट्टों
पर भी जीभ िफरवाई।
मौसी नेथोड़ी देर बाद सबको बाहर भेज िदया और मुझसेबोली- देख, धंधेके मजेले
! मैं जसै ा कहूँगी वैसा करेगी तो बहुत मज़ा आएगा और नहींकरेगी तो तेरी चमड़ी को
जला दँगू ी ! कल मैं तुझेछोड़ दंगू ी। तूकोठेसेचली जाना। लेिकन जो सेक्स का मजा
यहाँलेलेगी वो तुझेऔर कहींनहींिमलेगा !
उसके बाद मौसी मुझेएक कमरेमें लेगईं, वहांमोनी और मुझेिमलाकर सात
लड़िकयांथी। मौसी नेहम सबके कपड़ेउतरवा िदए। अब हम सातों रंिडयांपूरी नंगी
थीं।
मौसी बोली- तुम्हारी चुिचयों पर एक पतली चुन्नी रहेगी और चूत पर पतली चड्डी
होगी िजसेमाहक उतार कर तुम्हारी चूत सहलाएगा और तुम सब उनके लौड़े
मसलना ! चलो अब हाल में चलनेको तैयार हो जाओ। जो भी कुितया नखरेकरेगी
उसकी गांड और चूत जला दँगू ी ! हर माहक को पूरा मजा देना हैऔर उनको इतना
मःत करना हैिक वो अपना लौड़ा चुसवाएंऔर १०-१० हज़ार तुम्हारी चूत मारनेके दें
! चलो अब हाल में चलें !
हाल में एक तरफ ग��ेदार कुिसर्यांपड़ी थीं, मोनी नेबताया िक इन सोफों पर माहक
हमारी चूत और चूिचयांमसलेंगे। पास में ही एक काउंटर था जहाँहम सातों रंिडयां
जाकर खड़ी हो गईं। मौसी नेहम सब की चूत पर जेली लगा रखी थी िजससेचूत में
एक अजीब सी खुजली हो रही थी। बार बार हाथ चूत खुजलानेको चला जा रहा था।
सामनेडांस के िलए जगह थी, जहाँदो रंिडयांलहंगा पहन कर नाचनेके िलए तैयार
थीं।
मोनी नेबताया िक नाचते-नाचतेयेदोनों नंगी करी जाएँगी और बीच बीच में मुःटंडे
इनकी चूत और चूतड़ों को मसलेंगे। आधेघंटेके बाद यह बदल जाएँगी और दसू री दो
लड़िकयांनाचनेआएँगी। सभी नाचनेवाली लड़िकयांबॉम्बेसेआती हैं और एक शो
के १०-१० हज़ार लेती हैं। यह लड़िकयां१-२ घिटया िहंदी िफल्मों में छोटा मोटा रोल
करेहोती हैं। आज जो लड़िकयांडांस करेंगी, 'वो लुट गई लैला' और 'मःत जवानी'
िफल्म की हेरोइन रह चुकी हैं।
मौसी अंदर आई और बोली- लो मेरेकोठेकी कुि��यों, एक एक कड़ेपहनो !
सभी कड़ेअलग-अलग रंग के थे। मेरेिहःसेमें हरा कड़ा आया।
मौसी बोली- माहक कड़ेके रंग सेतुम्हारी बोली लगायेंगे ! चलो सब लाइन सेखड़ी
हो जाओ और थोडा मःतीयाओ तािक तुम सबके रेट ज्यादा लगें।
िपंटूचल घंटी बजा और माहकों को अंदर बुला, तब तक रोकी और भूरा, तुम इनकी
घुिन्डयाँमसल कर खड़ी कर दो िजससेिक इनकी चूत की आग जोरों सेभड़के।
रोकी और भूरा नेनोच नोच कर हमारी िनप्प्लें खड़ी कर दीं। हम सब नग्न दधू ों पर
पतली चुन्नी डालेखड़ी थी।
माहकों का अंदर आना शुरू हो गया था, रंिडयांनाचनी शुरू हो गईं थीं। मेरेसाथ की
रंिडयांकभी अगं ड़ाई लेरही थी, कभी अपनेसंतरेदबातेहुआ माहकों पर चुम्मेफ़ें क
रही थीं।
रोकी हमारेपास घूम रहा था ! उसनेमेरेचूतड़ पर हाथ फेरतेहुए कहा- जरा मचल !
देख बाकी कुितयांकैसेमचल रही हैं !
मौसी पास ही घूम रही थीं, मुझसेबोली- कुितया, जैसेसभी रंिडयांमचल रही हैं, वैसे
मचल ! अब तूधंधेपर बैठ गई है, नखरेन कर, इस समय तूमेरेकोठेकी कुितया है,
मेरी कुितयांजसै ा मैं कहती हूँ, वैसा करती हैं ! नहींतो उनकी गांड जला देती हूँ !
मौसी नेमेरा एक हाथ उठाया और मेरी चड्डी में डाल िदया और दसू रा हाथ मेरी चूची
पर रख िदया। उसके बाद बोलीं- दोनों को धीरेधीरेमसल ! तेरा रेट अपनेआप चढ़ेगा
! आज कोठेपर तूसबसेसेक्सी कुितया लग रही है ! ५ िमनट बाद मःत होकर
अपनेराजा का लौड़ा मसलना ! तुझसेइस शो में मुझे१०००० रु कमानेहैं।
नाच जोरों पेथा, लड़िकयों की ॄा उतार दी गई थी, उनके नंगेःतन िबलकुल सीधे
तनेहुए थे, वो अपनी चुिचयाँकभी लेट कर कभी झुककर िहला रही थीं, उनका नंगा
डांस जोरों पर चल रहा था।
एक दो माहक अपनेलंड िनकाल कर वहींपर सहला रहेथे। हम सबकी बोली की
आवाजें लग रही थी- कोई िचल्ला रहा था लाल वाली २००० हरी वाली १६०० !
१० िमनट बाद मौसी हमारी तरफ आई और रोकी सेबोली- चल इन रंिडयों को इनके
खरीददारों के साथ भेज और इनका धंधा शुरू करा ! मेरा ४ नंबर था पहली ३ को
उनके माहक उनकी चूिचयांमसलतेहुए सोफे की तरफ लेगए। मेरा खरीददार एक
नेताजी जैसा लगनेवाला आदमी था जो मुझेबुरी तरह कामुक नज़रों सेघूर रहा था।
मौसी बोली- पूरे२२०० में उठी हैतू ! जरा मःत होकर नेताजी का लौड़ा गरम किरयो
! नेताजी अगर खुश हो गए तो मालामाल कर देंगेऔर तुझेहेरोइन बनवा देंगे !
मौसी नेमेरा हाथ नेताजी के हाथ में देिदया।
नेताजी नेमेरी चुन्नी उतार कर फ़ें क दी और अपना एक हाथ पीछेसेडालकर मेरी
एक चूची अपनेहाथ में दबा ली उसेदबातेहुए बोलनेलगे- साली बहन की लोड़ी !
तेरा माल तो बड़ा गज़ब का है ! आज तो तेरा पूरा रस पीकर ही यहाँसेजाऊँगा ! और
वो मुझेसोफे की तरफ लेगए। नेताजी के मुँह सेदारू की जोर की बदबूआ रही थी।
उन्होंनेसोफे पर मुझेअपनी एक जांघ पर बैठा िलया और मेरेःतनों की मािलश
करतेहुए मेरेहोठ चूसनेलगे।
बगल में मोनी की मसलाई हो रही थी। मोनी मुझेदेख कर बोली- लौड़ा िनकाल के
खेल, वनार् अभी िपंटूिसगरेट सेजला देगा।
मैं संभल गई और नेताजी के पजामेका नाड़ा खोलनेलगी। नेताजी अंदर कुछ नहीं
पहनेथे, उनका ६ इंच लम्बा लौड़ा खड़ा हुआ था, िजसेमैंनेअपनेहाथों में कस कर
पकड़ िलया और दबानेलगी। मेरी चूत बुरी तरह सेखुजला रही थी। नेताजी नेमेरी
पतली चड्डी एक झटके में खींच कर फाड़ दी और जोर जोर सेचूत की मसलाई करने
लगे।
मेरी बुर बुरी तरह सेगरम हो रही थी, मैंनेअपनी टांगें चौड़ी कर दींथींऔर मेरी
गरम खलु ी हुई चूत साइड में खड़ेकु��ों को मिःतया रही थी।
नेताजी मेरेचूत का दाना रगड़ेजा रहेथे। नेताजी के लौड़ेपर मेरी पकड़ मजबूत होती
जा रही थी और मैं उनका लोड़ा जोरों सेसहला रही थी। मेरेआस-पास भी इसी तरह
की रंडीबाजी चल रही थी। वाकई मैं अब कुितया बन गई थी।
अगल बगल में सभी लड़िकयाँअपनेहाथों में लंड पकड़ेहुए थींऔर उनको मसल रही
थीं। मोनी को एक मोटेसेसेठ नेअपनी गोद में बठा रखा था। सेठ ने१००० रूपये
िपंटूकी तरफ बढ़ा िदए। िपंटूनेमोनी को आंख मार कर लौड़ा चूसनेका इशारा
िकया। मोनी जमीन पर बैठ गई और उसनेसेठ का ४ इंच लम्बा लौड़ा मुँह में ले
िलया और उसेलोलीपोप की तरह चूसनेलगी।
नेताजी मेरी चूत में अपनी उँगिलयाँआगेपीछेकर रहेथेतभी एक एक माहक मेरी
तरफ आया और १०-१० के नोट मेरेऊपर फें कनेलगा। िपंटूपीछेसेआकर मेरी
चुिचयों की घुिन्डयाँगोल गोल घुमानेलगा और नेताजी नेमुझेअपनी दोनों टांगों
पर िबठा िलया और मेरी चूत के होंठ सहलानेलगे। उनका लंड मेरी चूत सेछू रहा
था। मेरी चूत की खजु ली बहुत बढ़ गई थी और मन कर रहा था िक चूत में लंड घुसे
और मैं चुदाई का मःत मज़ा लूं। नेताजी मेरी चूत की मसलाई जोरों सेकर रहेथे।
माहक नेपूरी १० के नोट की गड्डी मुझ पर लुटा दी। उसके बाद एक मुःटंडेनेउसे
वहांसेहटा िदया।
१० िमनट वाली घंटी बज गई। नेताजी को िमलाकर पांच लोगों ने१००० रु. बढ़ा िदए।
अब वो लोंडी को १० िमनट और मसल सकतेथे। २ रंिडयों के माहक झड़ चुके थेवो
दोनों उठ गई और िफर काउंटर पर जाकर खड़ी हो गई। ७ में से३ लडिकयाँलौड़ा
चूस रही थीं। नेताजी नेअपनी जेब से१००० की गड्डी िनकाली और एक नोट िपंटूकी
तरफ बढ़ा िदया। िपंटूनेमेरा एक संतरा जोरों सेमसलतेहुआ कहा चल अब जरा
साहब का लौड़ा चूस।
मैं मरती क्या न करती। मुझेअब नेताजी के पैरों में बैठकर उनका लौड़ा मुँह में लेना
पड़ा। लौड़ा पूरा वीयर् सेगीला हो रहा था। मुँह में लौड़ा घुसतेही एक कसेला सा ःवाद
मुझेलगा। दो तीन बार लौड़ा चूसनेसेमुझेमःती आनेलगी और मैं मःत होकर
नेताजी का लौड़ा चूसनेलगी। नेताजी मेरेचूतड़ों को कस कस कर दबा रहेथेऔर
कह रहेथे,"रंडी तूतो बड़ा मःत लौड़ा चूसती हैचल जरा मेरा सुपाड़ा चाट ! अगर
मुझेखशु कर देगी तो कुितया, मैं तुझेिहरोइन बनवा दंगू ा !"
अब मैंनेनेताजी का सुपाड़ा चाटना और चूसना शुरू कर िदया था। नेताजी नेमेरे
ऊपर दो-तीन १०००-१००० के नोट लुटा िदए। तभी वहांमौसी के साथ ४-५ पुिलस
वालेआ गए। सभी सादी वद�� में थेमौसी बोली- कोई घबराए नहीं, सब कुछ २-३
िमनट के िलए है।
एक पुिलस वालेनेमेरेबाल खींचेऔर मुझेधक्का िदया और बोला,"साली रंडी हट
इधर सेहट !"
मैं पीठ के बल िगरी और एक पुिलस वालेनेनेताजी को १०-१२ थप्पड़ मार िदए। िफर
बोला,"कलुआ ! सालेहमें धोखा देता हैसाला बैंक लूटता हैÉ हरामी कहींके ! तुझे
अभी थानेमें चलकर बताता हूँिक पुिलस को परेशान करनेका मतलब क्या होता है
?"
पुिलस नेताजी को धक्के मार कर लेगई। उनका इंसपेक्टर मौसी सेबोला,"मौसी,
आपकी मदद सेहम इसेपकड़नेमें सफल रहे, धन्यवाद।"
मौसी कुिटल मुःकराहट सेबोली,"हजूर हम तो आपके सेवक हैं !"
उनके जानेके बाद मौसी बोली,"भाई, सभी मःती करो, डरनेकी बात कोई नहीं। कुते
के पास जो नोटों की गिड्डयाँथी उस पर िजस बैंक की मोहर थी वो कल ही लूटी गई
थी। मैं समझ गई थी िक सालेबैंक लूट कर आयेहैं। यह साला कलुआ बदमाश था
२०,००० का इनाम हैइस पर हरामी पर। नेता बनता हैसाला भडुआ !"
हम सभी रंिडयों के माहक हमें छोड़कर भाग गए थे। हम सभी रंिडयाँएक बार िफर
साइड में जाकर खड़ी हो गईं। रोकी नेहमें पतलेकपड़ेकी चिड्डयाँपहना दी थी और
हमारेगलेमें मालाएंडाल दी थीं। नाचनेवाली लड़िकयों की चिड्डयाँमुःटंडों ने
उतार दी थीं। वो अब वो फशर् पर लेटकर अपनी चूत कभी फैला रही थींकभी छुपा रही
थीं। माहकों की भीड़ दबु ारा बढ़ गई थी हम लोगों की बोली दबु ारा लग गई थी। इस
बार मेरेिहःसेमें एक मिरयल सा ५५ साल का बुड्ढा आया था िजसनेमुझेमसलने
के िलए १५०० रुपए लगाए थे।
बुड्ढेनेमेरी माला के फूल मसल िदए और अपनेदोनों हाथों में मेरेःतनों को पकड़
कर उन्हें धीरेधीरेदबानेलगा। मैंनेबुड्ढेके पैंट के बटन खोल िदए और उसकी
चड्डी नीचेकर दी। बुड्ढेका पतला लंड खड़ा हुआ था जो मुिँकल से४ इंच का होगा।
मुझेउसेपकड़नेमें ऐसा लग रहा था जैसेिक कोई बड़ी मूंगफली अपनेहाथों में दबी
है। धीरेधीर मैं बुड्ढेकी मूंगफली मसलनेलगी। बुड्ढा मेरी चूिचयाँमसलेजा रहा
था। मेरी तरफ देखकर खी-खी करतेहुआ बुड्ढा बोला,"तेरी चूिचयाँिबलकुल मेरी बहू
की तरह िचकनी हैं !"
मैं हैरान थी मैं बोली,"क्यों ? तूअपनी बहूको भी चोदता हैक्या?"
बुड्ढा खी-खी करतेहुआ बोला,"चोदी तो नहींहै, लेिकन जब भी मुन्नेको दधू
िपलाती हैतो उसकी चूिचयाँछुपकर देखता हूँ ! िबल्कुल तेरी जसै ी िचकनी हैं !"
मैं हैरान थी िक ऐसेभी लोग होतेहैं। मैंनेउसके लौड़ेको मसलतेहुआ पूछा,"और
ताऊ क्या देखा है?"
बुढ़ऊ फुसफुसाया,"बाथरूम में २-३ बार नंगेनहातेहुए भी देखा है, एक बार जब मेरा
लड़का १०-१२ िदन के िलए बाहर गया हुआ था तो बाथरूम में उसेचूत में मोमब��ी
डालतेहुए भी देखा था। साली को चोदनेका मन तो करता हैलेिकन शराफत भी तो
कोई चीज़ है।"
मौसी उधर सेिनकली और बुड्ढेकी तरफ देखती हुई बोली।"चचा दधू ही मसलते
रहोगेया कुछ और भी करोगे? थोड़ा इसकी सुरंग में ऊँगली करो, मज़ा आ जायेगा।"
ताऊ की उँगिलयाँअब मेरा चूत के होटों पर िफसल रही थीं। एक िमनट बाद ही ताऊ
नेअपना पानी छोड़ िदया िजसकी धार मेरेहाथ और पेट पर जाकर िगरी। ताऊ के १०
िमनट पूरेहोनेवालेथे। िपंटूबोला,"ताऊ टाइम हो गया है, और देर तक कुितया को
मसलना हैतो १००० रु िनकालो !"
ताउ मुझेहटा कर अपनी पैन्ट ऊपर चढ़ातेहुए बोला,"और पैसेनहींहैं, वो राजूकी
अम्मा बटुआ भूल गई थी, उसमें से२००० रूपयेिनकाल लाया था ! िसफर् २०० रु बचे
हैं। साली कुितया बहुत मजा देरही है। तूमौसी सेबोल २०० रूपयेमें लौड़ा चुसवानेदे
बाकी बाद में देदंगू ा !"
िपंटूबोला,"नो पैसा, नो मजा ! अब जाओ िफर बाद में आना लाइन में और लगेहैं !"
रंिडयों की मसलाई जोरों पर थी। दो रंिडयों की चूत में लौड़ा भी घुसा हुआ था उनके
कःटमर उनको सबके सामनेचोद रहेथे। मोनी के सेठ नेएक ५० की गड्डी िपंटूकी
तरफ बढ़ा दी और बोला,"साली की चूत चोदनी है !"
िपंटूनेएक कंडोम का पैकेट उसकी तरफ बढ़ा िदया और बोला,"लेसेठ १५ िमनट में
कुितया को िनपटा िदयो, वरना ५००० और देनेपड़ेंगे !"
सेठ नेअपना लौड़ा मोनी की चूत में िफट कर िदया और उसकी चुदाई शुरू कर दी।
मोनी सिहत तीन रंिडयाँडांस हाल में चुद रही थीं। ३ की मसलाई सोफों पर हो रही
थी। मैं काउंटर पर नंगी खड़ी थी। इतनी देर तक हाल में नंगी खड़ी होनेसेमेरी शमर्
िबलकुल ख़त्म हो गई थी। मैं अपनेको रंडी मान चुकी थी मेरा मन लौड़ा खानेको
कर रहा था। िपंटूनेमेरेमेरेचून्चों पर एक जोर का हाथ मारा और बोला,"अभी २०
िमनट और हैं, एक माहक को और िनपटाना है !"
मौसी वहींघूम रही थीं। उन्होंनेआकर एक केला मुझेपकड़ा िदया और बोली,"हल्के-
हल्के अपनी चूत पर िफरा और अपनेमुँह सेइशारेकर ! इस बार तेरा दाम २००० रु
सेऊपर लगना चािहए, समझी ! वरना एक और कु��ा तेरेऊपर चढ़वाना पड़ेगा !"
तभी आशा नाम की एक और रंडी काउंटर पर आकर खड़ी हो गई थी। हम दोनों केला
अपनी चूत पर िफरानेलगी और माहकों की तरफ देखकर चुम्मी फें कनेलगी। मैं अब
अपनेको मौसी की लोंडी मान चुकी थी। मेरेअन्दर उनकी बात टालनेकी िहम्मत
नहींथी। सामनेलड़िकयों की चूत में लौड़ेघुसेहुए थे। मेरी चूत बहुत जोरों से
खुिजया रही थी, मन कर रहा था िक अबकी बार मैं भी चुदं।ू नाचनेवाली लडिकयाँ
बार बार अपनी चूत में मोमब��ी डाल रही थी। मौसी मुःकरा रही थी और रोकी सेकह
रही थीं,"सभी रंिडयाँिबक चुकी हैं १-२ को छोड़कर। भोंसड़ी वािलयों के भी रेट आज
५०० सेउपर लग रहेहैं !"
तभी दो माहक हमारी तरफ आए। मौसी उन्हें लेकर आई थी। मौसी मुझसेबोली,"यह
छोटा खलील और उसके चेलेहैं, पूरेपूना का अन्डरवडर् देखतेहैं। तुम दोनों की चुदाई
और मसलाई दोनों करेंगे। १२ हज़ार देचुके है। चूत चुदवा और जम के मज़ा ले। ऐसा
मज़ा दबु ारा नहींिमलेगा।"
मेरेचूतड़ों पर हाथ फेरतेहुए िपंटूबोला,"तेरी चूत में बहुत खजु ली हो रही हैन ? जा
अभी यह िमटा देंगे। कुितया चल जा चुद और मिःतया !"
छोटा खलील और उसके साथी के साथ हम दोनों सोफों की तरफ बढ़ गईं। दो सोफे
पास पास खाली नहींथे। िपंटूनेएक माहक को उठाकर दसू री साइड में िबठा िदया।
खलील और उसका साथी पहलेभी कोठेपर आ चुके थे। दोनों नेपैन्ट खोल कर
अपनेलौड़ेहम दोनों के हाथ में पकड़ा िदए। थोड़ा मसलनेपर खलील का लौड़ा ८ इंच
लम्बा हो गया। खलील का लंड अच्छा मोटा था। खलील और उसके चेलेनेअच्छे
पैसेिदए थेइसिलए उन पर कोई रोक नहींथी। वो हमारी चूत भी बजा सकतेथे।
खलील मेरी चूत रगड़तेहुआ बोला,"हम पी कम्पनी के गडंु ेहैं अब तक ५६ आदिमयों
को िनपटा चुके हैं। कुितया तूनई आई लगती हैतेरी चूत तो बड़ी माल हैिबलकुल
घरेलूनई बहूकी तरह है। मेरी बीबी भी जब नई थी तो उसकी भी ऐसी ही मःत थी,
साली के अब तो ६ बच्चेहो गए हैं, घुसानेमें मजा ही नहींआता। आज मुझेकुछ
काम हैइसिलए आज तो तेरी चूत का ःवाद चख लेता हूँकल आकर पूरी रात बजाता
हूँ। इतनी हसींचूत तो बॉम्बेकी फाइव ःटार कॉल गल्सर् की भी नहींहोती है। ऐसी
चूत रोज़ रोज़ थोड़ेही िमलती हैतुझेचोदनेमें तो रंडी मज़ा आ जायेगा।"
खलील में काफी ताकत थी वो जोर जोर सेमेरेदधू और िनप्पल्स मसल रहा था और
चूत में ऊँगली कर रहा था उसका लौड़ा िबलकुल लोहेकी रोड की तरह तन गया था।
मुझेलौड़ा उमेठनेमें मज़ा आ रहा था और खलील के लंड सेमिःतया रही थी। मैंने
खलील के होटों पर अपनेहोठ रख िदए और चूसनेलगी थी। उसनेमेरी गांड पर
चुटकी काटी और बोला,"लेजरा लंड राज को चूस !"
मैं घोड़ी बन कर खलील का लंड चूसनेलगी। उसनेअपनी एक ऊँगली मेरी गांड में
डाल दी और आगेपीछेकरनेलगा। साथ ही साथ बुदबुदा रहा था,"कुितया तेरी गांड
तो लगता हैअभी तक मारी ही नहींगई, िबलकुल ताजा माल है।"
थोड़ी देर बाद उसनेमुझेहटा िदया और सोफे सेमुझेगोद में उठाया और िफर सोफे
पर पटक िदया और मेरी दोनों टांगें चौड़ी कर मेरेचूत के मुँह पर अपना लंड रख िदया
और मेरी दोनों चूिचयाँकस कस के मसलतेहुए अपना लंड एक झटके में मेरी चूत में
डाल िदया। मैं जोर सेिचल्ला उठी उईÉ,"मर गई … मर गई मर गई … छोड़ साले
कु��े ! चूत फट गई, बाहर िनकाल ! बहुत ददर् हो रहा है !"
शायद उसेइसमें मज़ा आया। उसनेमेरी चूत और जोर जोर सेफाड़नी जारी रखी।
मेरी बगल में आशा भी चुद रही थी। हाल में २० -२५ बाहर के लोग शो देख रहेथे। वो
रंिडयों का ब्लूडांस कम हमारी चुदाई देखनेका आनंद ज्यादा लेरहेथे। ३-४ धक्कों
के बाद मुझेचुदनेका मज़ा आनेलगा। अभी खलील ने१०-१२ धक्के ही मारेथेिक
आवाज़ आई,"मैं हूँडॉनÉ मैं हूँडॉनÉ"
खलील का फ़ोन बजा था। वो एकदम सेघबरा उठा और फ़ोन उठा कर िघघयातेहुए
बोला,"जी साहब जी साहब अभी आता हूँसाहब …"
उसनेऔर उसके चेल नेअपनेलंड बाहर खींच िलए बोला,"गुरु क्या बात है?
खलील बोला,"पी साहब का फ़ोन था अभी चलना हैएक को िनपटाना है !"
खलील का लंड िबल्कुल डाउन हो गया था, शायद पी साहब का डर बोल रहा था। वो
दोनों तेजी सेबाहर िनकल गए मेरी चूत में वो एक आग लगा गया था।
खलील और उसके चेलेचलेगए थेशो ख़त्म हो गया था। उनके जानेके बाद एक
मुःटंडा परदेके पीछेसेआया और हमें मौसी के कमरेमें लेगया। मौसी दारू पी रही
थी, मौसी बोली,"अरेबड़ी जल्दी बाहर आ गईं? क्या हुआ चुदी नहींक्या?"
सीमा बोली,"सालेलंड छुला कर भाग गए, उनके साहब का फ़ोन आ गया था !"
मौसी बोली,"तुम दोनों नंगी बहुत संुदर लग रही हो ! थोड़ा ऊपर वालेहाल में मटक
लो। २-४ रंिडयाँबच रही हैं वो भी उठ जाएँगी। यह लो पतली लाल साड़ी पहन ले,
इसमें सेजब तेरी चूिचयाँचमकें गी तो ढेर नोट िगरेंगेतेरेऊपर !"
मौसी एक मुःटंडेकी तरफ इशारा कर के िफर बोली,"अरेकालू, जरा इन दोनों को
ऊपर नचा !"
मेरी गांड पर चुटकी काटतेहुऐ मौसी बोली,"जा ! जरा मःत होकर मटक। बड़ा मज़ा
आएगा !"
कालूमुःटंडा हम दोनों को ऊपर लेगया। आशा बोली,"डर नहीं, जैसेमैं करुँ वैसेकर
! कमर और ःतन मटका। बड़ा मज़ा आएगा और रुिकयो नहीं, वनार् सालेमुःटंडेगांड
के अंदर िसगरेट बुझा देतेहैं।"
मैं सोच चुकी थी िक अब रंडी बननेमें ही भलाई है। तीन चार रंिडयाँवहांपर पहलेसे
ही मटक रही थीं। धीर धीरेमैं भी अपनेचूतड़ और चूिचयाँिहलानेलगी कभी नीचे
झुककर कभी साड़ी का पल्लूिगरा कर मैं माहकों को अपनेदधू ों के दशनर् करा रही
थी। मेरेऊपर कुछ नोट १०-१० के िगरे। मैं अब जोर जोर सेअपनेचूतड़ िहला रही
थी। मेरा पल्लूनीचेिगर गया था मेरी नंगी चूिचयाँअब जोरों सेिहल रही थीं। वहां
खड़ेसभी माहक मेरेपर नोट फ़ें क रहेथे। एक मुःटंडेनेपीछेसेआकर मेरी चूिचयाँ
मसली और गोद में उठाकर जाँघों तक मेरी साड़ी उठा दी और माहकों के मुँह के
सामनेमेरी चूत खोल के रख दी। मेरी चूत का दीदार अब सामनेखड़े५- ६ माहक कर
रहेथे। उन्होंनेमेरेऊपर १०-१२ नोट फें क िदए। थोड़ी देर में गानेचलनेबंद हो गए।
सभी रंिडयाँधंधेपर लग चुकी थीं। नाचनेवाली ३-४ रंिडयाँकोनेमें जाकर बैठ गईं।
मुझेपता चल गया था िक यहाँसब लड़िकयाँमौसी की कुितया हैं इस सेज्यादा कुछ
नहीं। मौसी हाल में आयींऔर बोली,"िपंटू, मोनी और इसेमेरेकमरेमें पहुंचा ! बाकी
बची हुई नाचनेवािलयों को धंधेपर लगा दे !"
रात के ११ बज़ रहेथे। मौसी के कमरेमें ए. सी. चल रहा था मैं और मोनी वहांएक
नेकर पहन कर बैठ गई। मौसी आई और वहांलेट गई और हमें अगल बगल में
िचपका कर िलटा मेरेचूतड़ों पर हाथ लगा कर बोली,"अब चुदनेको तैयार हो जा !"
मौसी नेफ़ोन उठाया और बोली,"मोंटी साहब कैसेहो ? कब आ रहेहो? नई रंडी आई
हैइसकी चूत का उदघाटन करवाना है। मोनी कुितया भी तुम्हारा लौड़ा खानेको
बेताब हो रही है !"
कुछ देर बात हुई िफर मौसी नेफ़ोन रख िदया और बोली,"मोंटी साहब आधेघंटेमें
आ रहेहैं, चोद चोद कर तुझेमःत कर देंगे। चल ! तब तक तूमेरी चूत में यह मोटा
केला कर और मोनी मेरी चूिचयाँसहलाएगी !"
मौसी नेमेरेहाथ में एक १० इंच लम्बा और ४ इंच मोटा केला पकड़ा िदया। मौसी की
चूत भोंसड़ा हो रही थी। उनकी चूत में केला िबलकुल िफट बैठ रहा था। मैंनेमौसी की
चूत में केला आगेपीछेकरना शुरू कर िदया। मोनी उनकी चूिचयाँदबा रही थी।
मौसी हल्की हल्की िसःकािरयाँलेनेलगी थी।
मौसी के कमरेमें कुछ हल्लेकी आवाज़ सी सुनाई दी। मौसी नेराजूको बुलाया और
पूछा,"क्या बात है? हल्ला क्यों हो रहा है?"
राजूबोला,"येसीमा है, साली िबकी तो १००० में है, माहक गांड मारना चाह रहा हैतो
लड़ रही है।"
मौसी बोली,"कुितया, एक तो सही रेट पर िबक नहींरही, ऊपर सेआज साली के रेट
ठीक लगेहैं तो कोठेका माहौल ख़राब करती है। तूऐसा कर पहलेमाहक को बुला,
िफर कुितया को नंगी करके भेज और सामनेसीमा बाई के कोठेसेहब्शी को बुला ले।
आज साली की गांड हब्शी सेफड़वाती हूँ !"
राजूनेमाहक को अंदर भेज िदया। मैं और मोनी मौसी की चूत में केला कर रहेथे।
सामनेमौसी चूत चोड़ी कर के लेटी हुई थींमाहक को देख कर मैं रूक गई। मौसी
बोली,,"कुितया रुक क्यों गई अपना काम जारी रख।"
मौसी माहक सेबोली,"अरेसाहब क्यों नाराज हो रहेहो ? मेरेकोठेपर चुदाई का मज़ा
न िमलेऐसा हो ही नहींसकता। टॉप की रंडी दँगू ी, िबलकुल ृी। दोनों छेद फाड़ िदयो
कुितया के।"
मौसी नेराजूसेपूछा,"कोई लोंिडया खाली हुई या नहीं?"
राजूबोला,"शोभा खाली हैइस समय !"
मौसी नेकहा,"शोभा को इसेसौंप और उससेकहना िक मौसी के ःपेशल माहक हैं,
पूरेमजेदेना है, जैसेयेचाहें। चल राजा जा मजेकर और राजूतूसीमा को नंगी कर
के मेरेपास भेज इस को मजा मैं चखाती हूँ।"
राजूऔर िपंटूसीमा को लेआया। सीमा पूरी नंगी थी। मौसी नेहम दोनों को हटाया।
मौसी उठी और उन्होंनेसीमा के गाल पर तीन चार थप्पड़ जड़ िदए और उसेधक्का
देकर नीचेिगरा िदया उसके चूतड़ों पर ४-५ लातें मारी। मौसी िचल्ला रही
थी,"हरािमन रंडी हैतू, सारेछेदों में लंड खाना पड़ेगा तुझेकुितया ! गांड मरवानेमें
नखरेकरती है। आज तेरी इतनी गांड फड़वाती हूँिक तूिजन्दगी भर याद रखेगी !"
सीमा रो रही थी। मौसी मेरी और मोनी की तरफ देखकर बोली,"तुम दोनों राजूऔर
िपंटूके लौड़ेचूस कर खड़ेकरो इस की गांड में घुसवाउंगी। साली िहरोइन बनती है !"
मौसी लकड़ी के डंडेसेसीमा को पीट रही थी। मौसी नेउसके बाल खींचेऔर
बोली,"चल घोड़ी बन। तेरी गांड में लंड डलवाती हूँ !"
सीमा डर के घोड़ी बन गई। मौसी नेउसकी गांड पर ढेर सारा थूक डाल िदया। मौसी
के भयानक रूप सेमैं भी डरी हुई थी और राजूका डर कर लपालप लौड़ा चूसेजा रही
थी। मौसी नेराजूको इशारा िकया और बोली इसकी गांड का छेद चोड़ा कर िफर
हब्शी आ रहा हैउससेफड़वाती हूँ। राजूनेमेरेमँुह सेलौड़ा िनकला और घोड़ी बनी
हुई सीमा की गांड पर लगा िदया और उसकी गांड में अपना मोटा नंगा लंड लगाकर
जोर सेझटका िदया। आधा लंड गांड में घुस गया। सीमा जोर सेिचल्ला उठी,"मर
गई ! उई मर गई ! छोड़ कु��ेछोड़ ! मुझेमत चोद !" लेिकन राजूनेजोर सेलंड उसमें
पूरा ठोंक िदया और अपनेलंड को तेजी सेउसकी गांड में आगेपीछेकरनेलग रहा
था।
थोड़ा िचल्लानेके बाद सीमा िससकारी लेती हुई गांड मरवानेलगी । सीमा की
िसःकािरयाँिनकल रही थीं। मौसी नेराजूसेकहा तूअब लंड िनकाल और इसकी
गांड वाला लंड इसके मुँह में डाल। सीमा के मुँह पर लेजाकर राजूनेअपना लंड रख
िदया लेिकन सीमा मुँह नहींखोल रही थी। मौसी नेिपंटूके मुँह सेिसगरेट लेकर
सीमा की गांड में छुला दी बोली,"कुितया तेरी जसै ेहजारों मैंनेरंडी बना दींऔर तू
िहरोइन बन रही? चुपचाप लंड चूस ! वरना तेजाब सेमँुह और जला दँगू ी !"
सीमा के चीखनेकी आवाज़ नीचेगली तक गई होगी। उसनेमुँह खोल के राजूका लंड
मुँह में लेिलया और चूसनेलगी। इस बीच मौसी नेिपंटूको सीमा की गांड मारनेका
आदेश देिदया। िपंटूएक वफादर कु��ेकी तरह सीमा की गांड मारनेलगा।
सीमा की गांड का ठुकना जारी था तभी एक अृीकन हब्शी कमरेमें आया। मौसी ने
हब्शी को अपनी बाँहों में लेिलया और बोली," राजा मेरेकोबरा ! आज तूइस कुितया
सीमा को बजा ! साली रंडी मेरा कहना नहींमानती।"
मेरी तरफ देखकर मौसी मुझसेबोली," कुितया, जरा मेरेकोबरा का लौड़ा चूस !"
हब्शी का नाम कोबरा था। उसनेअपनी पैन्ट उतार दी। नीचेकुछ पहन नहींरखा था।
उसका ठंडा लौड़ा भी ६ इंच लम्बा होगा पूरा काला लंड था। मैं मौसी का भयानक रूप
देखकर बहुत डरी हुई थी। मैंनेझुककर कोबरा का लौड़ा अपनेमँुह में डाल िलया और
उसेआगेपीछेमुँह कर के चूसनेलगी। थोड़ी देर में ही लंड नेबड़ा िवकराल रूप ले
िलया वो बहुत लम्बा हो गया था और ४ इंच सेजयादा मोटा हो रहा था। मेरा मँुह लंड
सेबुरी तरह भर गया था। लंड १० इंच सेऊपर लम्बा हो रहा था। पूरा मेरेमुँह में नहीं
आ रहा था। कोबरा मेरेचूतड़ दबा रहा था। मुझसेबोला- ऊपर ऊपर चूस तूकुितया
बहुत िचकनी है, तेरा माल िबलकुल ताजा है। कोबरा का लंड ११ इंच लम्बा और ५
इंच मोटा होगा। मैं यह सोच कर काँप रही थी िक अगर इस हब्शी का लंड मेरी चूत में
घुस गया तो मैं तो मर ही जाउंगी ।
मौसी नेकोबरा को बुला िलया और बोली इस सीमा की चूत और गांड बजा ! साली
को बताती हूँरंडी क्या होती है। मौसी नेिपंटूको हटा िदया और सीमा को सीधा खड़ा
कर िदया। सीमा की आँखों के आगेहब्शी का ूचंड लंड लहरा रहा था।
मौसी मुःकरातेहुए बोली,"घुसवानेके िलए तैयार हो जा ! पूरे२० िदन में तूने
२०००० भी कमा के नहींिदए। सोच रही होगी २-३ िदन में दसू रेकोठेपर भाग
जायेगी। कुितया मौसी के कोठेपर धंधा न करनेऔर माहकों को तंग करनेका मज़ा
चखाती हूँ।"
सीमा मौसी के पैरों पर िगर गई," मौसी मुझेमाफ़ करो, मुझेछोड़ दो ! जैसा तुम
कहोगी वैसा करूंगी।"
मौसी कुिटलता सेमुःकरा रही थी। हब्शी नेपीछेआकर सीमा की चूत में लौड़ा लगा
िदया और एक झटके में लौड़ा ३-४ इंच घुसा िदया। सीमा जोर सेिचल्ला उठी- उई
मर गईÉ मर गईÉ मर गई।
लेिकन हब्शी और मौसी मुःकरा रहेथे। हब्शी नेजोर सेझटका मारा और लंड ८-९
इंच अंदर पेल िदया सीमा के चीखनेकी आवाजें तेज हो गई, वो िचल्ला रही थी," मर
गई, मर गई, उई मत चोदो राजा ! लौड़ा िनकालो ! फट गई फट गई उई उई !!!! बहुत
ददर् हो रहा हैछोड़ो ! मुझेछोड़ो! मुझेमत चोदो मर गई मर गई बहुत ददर् हो रहा है।"
मौसी नेमेरेचूतड़ों पर हाथ मारा और बोली,"साली की जब गांड फटेगी तब देिखयो
कैसेरोती हैअभी तो चुद रही हैतब इतना िचल्ला रही है !"
हब्शी नेकस कर सीमा की कमर पकड़ रखी थी और उसको बुरी तरह सेठोंके जा रहा
था। मौसी बोली,"कोबरा, कुितया की गांड़ मार ! आज इस हरािमन की चूत और गांड
दोनों का भोंसड़ा करवा के ही छोडूंगी।"
हब्शी नेलंड बाहर खींच िलया और उसकी गांड पर लंड रख िदया सीमा िचल्ला उठी-
नहींमौसी ! मुझेछोड़ दो नहींÉ नहीं। लेिकन रंडी कब तक खैर मनाएगी और आज
साली का िदन ख़राब था। हब्शी ने३ इंच लंड उसकी गांड में घुसा िदया और उसकी
चूिचयाँकस कस कर मसल दीं। कोबरा पूरा गरम हो रहा था उसनेगांड पर कस कर
झटका मारा और अपना लंड और अंदर उसकी गांड में घुसा िदया। सीमा िचल्ला रही
थी, अभी कोबरा अपना आधा लंड अंदर डाल कर ही सीमा की गांड मार रहा था।
सीमा की ददर् भरी आवाज़ कमरेमें गूँज रही थी। मुझेपता चल गया था िक औरत के
िलए रंडी सबसेबड़ी गाली क्यों होती है.. मुझेसीमा पर दया आ रही थी लेिकन डर के
मारेमैं कुछ नहींकह पा रही थी।
कुछ देर बाद मौसी नेहब्शी सेकहा,"अब इसेछोड़ दे ! अब येकभी माहक से
बद्तमीजी नहींकरेगी।"
सीमा ददर् सेजमीन पर लेट गई। मौसी िपंटूसेबोली,"साली को बाहर खिटया पर
डाल देऔर हकीम को बुलाकर इसकी गांड पर लेप लगवा िदयो ! कुितया साली
िहरोइन बन रही थी।"
हब्शी का लंड लोहेकी रॉड की तरह ११ इंच लम्बा खड़ा हुआ था। मौसी हब्शी सेबोली-
थोड़ा हमारी इस नई कुितया की चूत और गांड पर अपना लंड िफरा दे। मैं डर गई मैं
बोली,"नहींमौसी नहीं ! मेरी चूत में इस राक्षस का लंड मत डलवाओ ! मैं मर जाउंगी
!"
मौसी मेरेचूतड़ों पर हाथ फेरती हुई बोली,"तुझेमरनेथोड़ी दँगू ी ! तूतो दधू देनेवाली
गाय है, अभी तो तुझेचुदनेके िलए भी बैठाना है ! चल जरा झुक तो, बड़ा मजा
आएगा !"
मैं डर के मारेझुक नहींपा रही थी। मौसी नेवहांपड़ी एक लकड़ी उठाई और जोरों से
मेरेचु��ड़ों पर मारी और गुरार्कर बोली,"कुितया घोड़ी बनती हैया नहीं?"
हब्शी मुःकरा रहा था। मैं मौसी के डर सेझुक गई। मेरा बदन पूरा पसीनेपसीनेहो
रहा था। हब्शी नेपीछेसेआकर मेरी चूिचयाँअपनेहाथों मैं पकड़ लींऔर धीरेधीरे
मसलनेलगा। उसका मोटा लंड मेरी चूत पर िफर रहा था। उसनेआधा इंच लंड का
सुपाड़ा मेरी चूत में घुसा िदया। मेरी आँखों के आगेतारेघूम गए। मैं जोर सेिचल्ला
उठी,"उई उईÉ. उई मर गईÉ. मर गईÉ.."
मौसी नेहब्शी को उठा िदया और बोली- साली की फट गई तो रेट अच्छेनहींिमलेंगे
! तूऐसा कर, इसकी गांड पर लंड िफरा। हब्शी अपनेहाथ सेलंड पकड़ कर मेरी गांड
में िफरानेलगा अचानक सेमेरी गांड में कुछ घुसा, मैं जोर सेिचल्ला उठी- उई मेरी
फट गई। सब लोग जोरों सेहंस पड़े, मौसी बोली,"कुितया चल उठ !"
मैंनेउठकर देखा तो मौसी एक पतली मोमब��ी िलए खड़ी थींिजसेउन्होंनेमेरी गांड
में डाल िदया था। मौसी बोली,"अब असली धंधेके िलए तैयार हो जा रंडी। तुझेमैं
खास माहकों सेचुदवाऊँगी ! अगर नखरेिकयेतो हब्शी का लंड सीमा की तरह तेरी
गांड और चूत में घुसेगा !"
मैं समझ गई िक मौसी नेयह नाटक इसिलए िकया था तािक मैं अब चुदतेसमय
नखरेन करुँ।
मौसी बोली- कोबरा मेरेराजा ! थोड़ा मुझेचोद दे ! अब तो बस तेरेलौड़ेसेही चुदवाने
में मजा आता है। मौसी पलंग पर लेट गई और अपनी दोनों टाँगें फ़ैला दीं। मौसी की
चूत अंदर तक खुली िदख रही थी। हब्शी नेआगेबढ़कर अपना लौड़ा मौसी की चूत
में पेल िदया और मौसी को चोदना शरू कर िदया। कोबरा का लंड इतना तगड़ा था िक
मौसी भी हलके हलके िससकारी लेरही थींऔर िचल्ला रही थी," राजा मजा आ गया
! और चोद जोरों सेचोद मेरेशेर ! तेरेसेही चुदनेमें मजा आता हैअब ! चोद ! मादर
चोद चोद ! बहुत मजा आ रहा है।"
मैं और मोनी मौसी की साइड में लेटकर मौसी के बूब्स दबा रहेथे। कोबरा १५ िमनट
तक मौसी की चूत चोदता रहा। मौसी बोली,"राजा, अपनेलंड का रस मेरेमुँह में
िपलािययो ! क्या मःत लौड़ा हैतेरा कु��े !"
हब्शी मौसी को जोर जोर सेधक्के मार रहा था कुछ देर बाद हब्शी नेअपना लौड़ा
िनकाल िलया और मौसी के मुँह पर जाकर दो झटके मारे, मौसी नेपूरा मुँह खोल
िदया, हब्शी के गाढ़ेवीयर् नेमौसी के मुँह को पूरा भर िदया। मौसी नेइशारेसेकोबरा
को मेरेऔर मोनी के मुँह में भी लंड रस डालनेको कहा।
हम दोनों मौसी की कुितया थी ही। मैंनेऔर मोनी नेअपनेमुँह खोल िदए। कोबरा ने
मेरेऔर मोनी के मुँह भी अपनेवीयर् सेभर िदए। मौसी लपालप उसका पूरा रस पी
गई। मैंनेऔर मोनी नेलंड रस िमल्क शेक की तरह मुँह में लेिलया। मुझेहब्शी के
लौड़ेका रस बहुत ःवािद�� लगा। इसके बाद मौसी नेअपनेचेहरेपर िगरा हुआ रस
भी हम दोनों सेचटवाया।
मौसी उठी और हब्शी को गलेसेलगा कर बोली- राजा तूनेमःत कर िदया ! और
उन्होंनेअपनेपलंग के नीचेसेिनकाल कर १००० रु हब्शी को पकड़ा िदए और बोली-
लेराजा तेरा इनाम !
हब्शी बोला- मौसी गांड तो नहींमरवानी?
तो मौसी बोली,"कु��े, मौसी सेमजाक मत करा कर ! वनार् सालेचरस जेब में डाले
घूमता रहता है, अभी जेल में डलवा दँगू ी !"
कोबरा मौसी के पैरों में िगर पड़ा और बोला,"मौसी मुझेमाफ़ करना, तूतो मेरी माँ
जैसी है।"
मौसी कुिटल मुःकराहट सेबोली,"मादरचोद ! अब तूचुपचाप यहाँसेचला जा !"
थोड़ी देर बाद राजूअंदर आया और बोला- मौसी मोंटी साहब आ गए हैं, ऊपर कमरेमें
बैठेहैं।
मौसी बोली,"चल अब चुदनेको तैयार हो जा ! अभी १२ बजनेको हैं अब पूरी रात
चुदवाईयो। बहुत अच्छी चूत बजातेहैं मोंटी साहब।"
मौसी नेएक ट्यूब िनकल कर मेरी चूत में डालकर िपचका दी और बोली,"चल उलटी
हो एक तेरी गांड में िपचका देती हूँ, चुदनेमें ददर् कम होगा।"
मौसी नेमुझेउल्टा िकया और दसू री ट्यूब मेरी गांड के अदं र डालकर िपचका दी और
अपनी उँगिलयों सेमेरेदोनों छेदों की मािलश कर दी। मुझेऔर मोनी को एक एक
पतली मैक्सी पहना दींऔर बोली,"चलो अब अपनेसेठों के पास जैसा मैंनेबताया है
वैसा करोगी तो मज़ेकरोगी नहींतो दोनों के चूतड़ मार मार कर लाल कर दँगू ी और
हब्शी का लंड तुम दोनों की गांड और चूत में डलवाऊँगी !"
सािथयों ! मौसी नेमुझेकोठेकी रंडी बना िदया। आपकी प्यारी ने चूत और गांड फ़डवा कर भोसड़ी बना दी।
हालांिक यह कहानी काल्पिनक हैपर मुझेयकीन हैआपको जरुर पसंद आई होगी।
आपको यह कहानी कैसी लगी मेल करें।
बात उन िदनों की हैजब मुंबई में दंगेचल रहेथे। पुणेमें भी कुछ िदनों के िलए बस
सिवर्स बंद थी।
मैं उन िदनों पुणेके िलए एक बस में चली। बस में मेरी बगल में उषा नाम की आंटी
बैठी थीं। उषा आंटी सेमेरी अच्छी जान पहचान हो गई।
बस बड़ी धीरेसफर कर रही थी। शाम के 2 बजेबस ख़राब हो गई। बस वालेनेकहा
अब बस नहींचलेगी। पुणे४० िकमी दरू था। बस में मैं और आंटी ही अकेली औरतें
थीं। मैं घबरा रही थी बस में कुछ गुण्डेटाइप लोग भी थेजो राःतेभर हमें गंदेगंदे
इशारेकर रहेथे।
आंटी मुझसेबोली- मैंनेटैक्सी बुलाई है, तुम पुणेतक साथ चल सकती हो लेिकन
उसके आगेराःतेबंद हैं। मैं खुश हो गयी, मैंनेकहा- आंटी मैं आपके साथ रुक
जाऊंगी।
आंटी बोली ठीक हैलेिकन मैं तुम्हें कुछ बताना चाहती हूँ। आटं ी नेकहा- बेटी, मैं एक
कोठेकी मालिकन हूँमेरा कोठा बुधवार पेठ में हैवहाँपर ५० -६० लड़िकयांधंधा
करती हैं। पूरेिदन रात उनकी चुदाई होती है। पर यह मेरा वादा हैिक अगर तुम मेरे
साथ चलोगी तो तुम्हारी मज�� के िबना मैं तुम्हारी चुदाई तो नहींहोनेदंगू ी लेिकन
तुम्हारी चूची और चूतड़ दब सकतेहैं, मतलब तुम्हारी जवानी लुटेगी तो नहींलेिकन
मेरेगुंडेमःती करनेसेबाज़ नही आयेंगे। बाकी अगर कहींऔर रूकती हो तो जवानी
लुट भी जायेगी और ब्लूिफ़ल्म अलग सेबन जायेगी, मुझेपुणेका सब पता है, वैसे
तुम शादीशुदा हो कोठेपेछेड़छाड़ सेमजा ही आएगा।
आंटी की बात सुन मैं डर गई लेिकन मेरी चूत में खुजली सी भी मची िक कोठेकी
मःती में मज़ा तो बहुत आएगा।
मैंने- कहा आंटी, यहाँचूत तो चुदेगी ही, जान का भी खतरा है। यह बस के ही लोग
मुझेचौद डालेंगे, सब गुण्डेटाइप लग रहेहैं। आप लेचलो, कोठेपेही सही।
थोड़ी देर में आंटी की टैक्सी आ गई। हम उसमें बैठ गए। आंटी नेपुणेसे५-६
िकलोमीटर पहलेही मुझेबुरका पहना िदया और ख़ुद भी बुरका पहन िलया।
शाम ४ बजेहम बुधवार पेठ में आंटी के कोठेपेथे। कोठेपेहमारेघुसतेही एक
मुःटंडेनेमेरेचूतड़ पीछेसेदबा िदए और बोला- मौसी माल तो बड़ा तगड़ा लायी हो,
आज्ञा हो तो नंगा कर दँूकुितया को।
मौसी नेकहा- हरामी हाथ मत लगाइयो, मेहमान है, चल बेटी अंदर चलें।
अंदर रंिडयाँअ��र्नग्न खड़ी थी कुछ पेटीकोट और आधेसेज्यादा खुलेब्लाऊज़ पहने
थी.
मौसी मुझेचौंकतेदेख कर बोली- अरेचौंक क्यों रही हैयह कोठा है, रात को
िदखाउंगी कैसेयह रंिडयाँ६-६ लंड खाती हैं. आ चल थोड़ा ृी हो लें। तुझेभी तो थोड़ी
रंडीबाजी िसखा दँगू ी, तािक तुझेयाद तो रहेकी कभी कोठेकी सैर भी की थी। घबरा
मत तेरी चूत तभी चुदेगी जब तूचाहेगी लेिकन मद�� के लंड तो पकड़ ही सकती है
और चूची चूतड़ तो दबवा ही सकती है। रोज रोज एस मःती तो नही िमलेगी।
परमानेंट रंडी बननेमें तो ूॉब्लम हैं लेिकन एक िदन रंडीबाजी करनेमें तो मज़ा ही
मज़ा है।
मौसी की बात मुझेकुछ सही लगी। मैं और आंटी अब आंटी के कमरेमें आ गई थी।
कमरा फाइव ःटार जैसा था। आंटी नेअपनी साड़ी ब्लाउज उतार िदया। आंटी की
चूिचयांपपीतेजैसेलटक रहींथी, आंटी िसफ़र् पेटीकोट पहनेथीं। आंटी नेघंटी बजाई,
एक मुःटंडा अंदर आया, आंटी बोली- कालूजरा पानी-वाणी िपला !
आंटी मुझेदेखकर मुःकरा कर बोली- शरमा रही है, अभी तुझेनंगा कराती हूँ, कोठे
की मःती तो चख ले।
मैंनेकहा- नहींमौसी, मुझेनंगा नही होना !
मौसी मुःकराईं, बोली- हमारा वादा केवल तेरी चुदाई न होनेतक का है।
कालूपानी लेकर आ गया। हम दोनों को बड़ेप्यार सेउसनेपानी िपलाया. मौसी
बोली- अबेकालूतेरी मौसी नंगी खड़ी हैं और साली यह हरामन कपड़ेपहनेहुए है,
चल जरा इसेनंगा तो कर।
कालूनेएक झटके में मेरी साड़ी खींच दी और मेरा ब्लाउज हाथ सेखींच कर फाड़
िदया। मेरी ॄा आधी लटक गई िजसेउसनेएक झटके में उतार िदया। अब मैं
पेटीकोट में थी, यह सब कुछ सेकंड में ही हो गया मैं िवरोध भी नहींकर पाई। कालू
पेटीकोट भी फाड़नेवाला था लेिकन मौसी नेइशारेसेउसेबाहर भेज िदया।
मेरी संतरेजैसी चुिचयों पर मौसी नेहाथ िफराकर कहा- माल तो बड़ा तगड़ा हैं तेरा !
एक रात के दस हज़ार तो आराम सेलगेंगे, बोल चुदना हैक्या पूरेदस तेरे ! मेरी चूत
में हलचल हो रही थी।
मौसी नेमुझेिबःतर पर िलटा िदया और ख़ुद भी बगल में लेट गयीं, कहा- तुझेमैं
कोठेकी मःती करवाती हूँ, करके देख, कैसेरंिडयांलोड़ेसेखेलती हैं, मद�� की मुठ
कैसेमारती हैं, लंड चूसती हैं तुझेिसखाती हूँ। चुदनेका मन हो तो बताना चुदाई भी
करवा दँगू ी गांड और चूत दोनों की। फुल मःती कर आज रात िजन्दगी भर याद
रहेगी।
मौसी की बातों सेमुझेमःती आनेलगी। मेरा मन मुःटंडौं के सामनेनंगी होनेका
करनेलगा, मेरी चूत सेभी पानी िरसनेलगा था।
मौसी बोली- अब तूमेरेकोठेकी रांड है, तेरी चूत और गांड तेरी मज़�� पर छोड़ती हूँ,
बाकी तेरेको आज की रात के िलयेरंडी बनाती हूँ, समझी! रंडीबाजी का मतलब होता
हैनग्न अदायें िदखाना, नंगी चूिचयांकर के कःटमर सेदबवानी, लंड चूसना, लोड़ों
को हाथों सेमसलना और लंड की मुठ मारनी, पूरी नंगी होकर चूत चुसवानी, बाकी
बची चूत और गांड की चुदाई तो वह सब सेआिख़र में आती है।
५ बज रहेथे, मौसी नेएक चुन्नी मेरेनग्न दधू ों पेडाल दी और बोली- चल तेरा
रंिडयों जसै ा िसंगार करवाती हूँ। मौसी मुझेिसंगार रूम में लेजानेलगींराःतेमें
मौसी के गुंडेघूम रहेथे। मेरी नग्न चूिचयांसब घूर घूर कर देख रहेथे।
िसंगार रूम का सीन बड़ा आकषर्क था। चार -पाँच रंिडयाँशीशेके सामनेमेक अप
कर रहींथी, सभी टोपलेस थीं, कुछ नंगी होकर चूत में बीम लगा रहींथीं। कुछ गुंडे
टाइप लोग कमरेमें घूम रहेथे। एक दो गुंडेरांडो की चूिचयांमसल रहेथे। सीन बड़ा
ही सेक्सी था।
मौसी मुझेदेखकर मुःकराईं बोली- चल तूभी नंगी हो ! तेरा माल भी तो देखें जरा
हम !
मौसी नेकहा- चल पेटीकोट उतार ! शरमा नहीं ! रंडी बन जा आज रात के िलए !
अगर मःती के साथ करोगी तो बहुत मजा आएगा, देख सब राँडेनंगी मःता रहींहैं।
मेरी चुिचयाँतो नग्न थी हीं, मैंनेशरमातेहुयेअपना पेटीकोट भी उतार िदया। अब मैं
िसफ़र् चड्डी में थी। चड्डी उतारनेमें मुझेशमर् आ रही थी। मौसी नेसीटी बजा कर
कालूको इशारा िकया। कालूनेपीछेसेआकर मेरी चूिचयांकस कर मसल दी। इस
बीच राजूमुःटंडेनेआगेसेमेरी चड्डी उतार दी, अब मैं पूरी नंगी थी।
मौसी नेमेरी झांटो वाली चूत की तरफ़ देख कर कहा- अरेतुम साली औरतें पित को
भी मःती ठीक सेनहींदेती क्या काला जंगल उगा रखा है ! मौसी नेएक रंडी को
इशारा कर कहा- जरा झांटेसाफ़ करनेवाली बीम तो ला !
मौसी नेमेरी चूत पर बीम लगा दी और मुझेएक ग��ेपेबठनेको कहा और बोली-
पाँच िमनट में तेरी झांटेसाफ़ हो जाएँगी।
अब मैं नंगी बैठी कोठेके नज़ारेदेख रही थी, शमर् आ रही थी, गुंडेबार बार गंदेइशारे
कर रहेथे। पाँच िमनट बाद मोनी नाम की रांड नेमेरी चूत गीलेकपड़ेऔर पानी से
साफ़ कर दी, अब मेरी िचकनी चूत चमचमा रही थी। मेरी शमर् भी धीरेधीरेकम हो
रही थी।
मौसी नेकहा- ६ बज गए हैं, धंधेका टाइम हो रहा है, मैं जरा धंधेको देखती हूँ, तू
जरा कोठेपेघूम और रंिडयों की तरह मःता ! तेरेसाथ मोनी नाम की रंडी की ड्यूटी
लगा देती हूँ। ८ बजेतेरेऊपर भी एक-दो कःटमर चढ़वाती हूँ।
मौसी की बातों और कोठेके नजारों सेमेरी चुदनेकी इच्छा बढती जा रही थी। मोनी
नेमुझेबताया- तूमेहमान हैइसिलए मौसी इतनेप्यार सेबात कर रहींहैं वरना
िजस रंडी सेगुःसा हो जाती हैं, पूरी रात उसकी गांड और चूत अपनेमुःटंडों से
चुदवाती हैं और पीटती अलग हैं सब मुःटंडों के लंड बहुत मोटेऔर लंबेहैं। सारे
मुःटंडेकु��ेकी तरह मौसी के आगेदमु िहलातेहैं, मौसी के एक इशारेपेयह जेल
पहुँच जातेहैं इतनी तगड़ी पहुँच हैमौसी की। चल तुझेकोठेकी सैर कराती हूँ, धंधा
भी शुरू हो चुका है। पेटीकोट और ब्लाऊज़ डाल ले !
मैंनेसाइड में पड़ा हुआ एक पेटीकोट और ब्लाऊज़ पहन िलये। ब्लाऊज़ में एक ही
हूक था, चुिचयाँआधी सेजयादा खलु ी थी, थोड़ा िहलनेपेिनप्पल भी िदखनेलगते
थे, पेटीकोट नािभ के काफ़ी नीचेबंधा थे। मोनी भी एक िमनी ःकटर् और मेरी तरह
ब्लाऊज़ पहनेथी।
मैं िबल्कुल धंधेवािलयों जैसेलग रही थी। मौसी नेमेरी चूत पेजो बीम लगायी थी
उससेमेरी चूत में लंड खानेकी इच्छा भी बढ़ रही थी. मैंनेजब मोनी को यह बताया
तो मोनी मुःकराई, बोली- मौसी तुझेचुदवा कर ही जानेदेंगी ! बड़ी गुरु हैं मौसी !
मोनी मुझेपहलेडांस रूम में लेआई। यहींसेकःटमर अंदर आतेथे। डांस रूम काफी
बड़ा था। मौसी वहाँग��ी पर बैठी हुईं थीं, मुःटंडेचारों तरफ़ टहल रहेथे। ५-६
लड़िकयाँअधर्नंगी होकर डांस कर रहींथी। साइड में मेरी जैसेसेस पहने१०-१०, २०-
२० के झंुड में रंिडयांबैठी हुईं थी. नाचनेवाली लड़िकयाँडांस कम रंडीबाजी ज्यादा
कर रहींथी वो अपना लहंगा बार बार उठा रहींथी और बार बार अपनी चूत िदखा रहीं
थी।
मुःटंडों सेबीच बीच में कुछ सेकंड्स के िलए अपनी चूिचयांमसलवा रही थीं। बीच
बीच में एक दो गण्ु्डेआकर रंिडयों की ब्लाऊज़ और टॉप उठाकर उनकी चंुिचयाँखोल
देतेथे, िजसेवो दबु ारा ढक लेती थीं।
करीब १०-२० माहक वहाँडांस देख रहेथेऔर वो बीच बीच में नोट भी फें क देतेथे।
मोनी नेमुझेबताया- यहाँतीन रेट में लड़िकयाँिबकती हैं, वो जो घिटया सी िदख
रहींहैं आटं ी टाइप उनके रेट १०० से३०० रुपए एक तक घंटेहैं, दसू री साइड वािलयों
के ५०० से१००० रूपए तक एक घंटेका हैं। मौसी के पास जो बैठींहैं उनके रेट मौसी
बताती हैं, सब १००० सेऊपर वाली हैं।
मौसी हर कःटमर का पूरा ध्यान रखती हैं, रंडी अगर मःती नहींदेती तो उसकी खाट
खड़ी कर देती हैं। मौसी का कहना है- चूिचयांमसलवानेके िलए और चूत चुदवानेके
िलए है, कःटमर को जम कर मज़ा दो उसका लंड चाटो और चूसो एक घंटेमैं अपना
दीवाना बना दो गांड भी मरवाओ उससे !
अगर िकसी भी रांड की िशकायत आती हैिक उसनेचूत चुदवानेमें नखरेकरेहैं तो
उसकी खाल तो जलाती ही हैं साथ ही साथ १०-१० गुंडों सेगांड और चूत भी चुदवाती
हैं।
मौसी नेएक सेएक नखरेवाली रंिडयों को ठीक कर िदया है। वो जो जली हुई िदख
रही हैन उसनेएक सफ़ेद दाग वालेनेताजी का लंड चूसनेसेमना कर िदया था,
मौसी नेउसेजला िदया, अब सब करवाती है।
मौसी बड़ी खतरनाक हैं, लेिकन अगर कोई दारू में टुन्न आता हैया अकड़ िदखाता है
तो उसके नोट भी रख लेती हैं और लंड झड़वा के धक्के देकर भगा देती हैं।
मोनी नेबताया उसके रेट ३०००-४००० के बीच लगतेहैं और वो सब करवाती है
केवल गांड छोड़कर, गांड मौसी के ही कहनेपेचुदवाती हूँअब तक ४-५ बार ही कुछ
बड़ेलोगो सेगांड मरवाई है। मुझेधंधा करतेहुए ६ माह हो गए। मेरा ूेमी बेच कर
गया था मुझे, चल आ मौसी के पास बैठतेहैदेख कैसेरंिडयांिबकती हैं !!!!!
शाम के सात बज रहेथे, मौसी नेमुझेबगल में बुला कर िबठा िलया, मैं मौसी के
पास जाकर बैठ गई। रंिडयों का नाच चालूथा, कोठेपर भीड़ बढ़ गई थी। मौसी बोली,
"३० लड़िकयाँचुदनेजा चुकी हैं। २५-३० और बच रही हैं, आठ बजेतक सब िबक
जाएँगी। उसके बाद तो दसू रा राउंड शुरू हो जाएगा, नाच-वािलयाँ१० बजेतक नाचती
हैं, उसके बाद इनको चुदवाती हूँ।"
तभी एक माहक आकार सोना नाम की रंडी का दाम पूछनेलगा। सोना, मौसी के पीछे
ही बैठी थी। मौसी बोली, "५००० हैं, चूत और गाँड दोनों चुदवाएगी।"
"३००० दँगू ा, पुराना माहक हूँ।"
"हरामी तुझेबहुत अच्छी तरह जानती हूँ, ८ इंच लंबा लंड हैतेरा, गाँड फाड़ कर रख
देता है। िपछली बार रेशमा को चोदा था साली एक घंटेतक उठ नहींपाई थी, चल
४००० देऔर लेजा इसे। सोना, गाण्ड में बीम लगा िलयो... वरना रोएगी, यह बहुत
बड़ा चोदूहै। और तूजरा आदमी की तरह चोिदयो, वरना घुसनेनही दँगू ी कोठेपर...
हरामी। सोना के अभी मुझेदो राउंड और करानेहैं"
मौसी मुःकुराई, माहक भी मुःकुरातेहुई सोना को लेकर चला गया। सःती रंिडयों (
१०० से३०० वािलयों) की िबबी राजूमुःटंडा देख रहा था। मौसी नेउसेबुला कर पूछा
- "िकतनेजमा हो गए?"
"सःती वािलयों में से२० धंधेपेबैठी हैं मौसी। ३० मद�� को िनपटा चुकी हैं, १५ से
चुदवा रहींहैं। ५ उधर बैठी हुई हैं, २ बीमार हैं। कुल १४,००० रुपयेजमा हुए हैं" - राजू
नेजानकारी दी।
"टॉप पर कौन चल रही है?"
"अगं रू ी टॉप पर है, २ बार चुदवा चुकी, १ को िनपटानेमें लगी हुई है। १२०० रुपयेउसी
के नाम के हैं।"
"ठीक है, आज ३०००० सेकम की रक़म जमा नहींहोनी चािहए। जा धंधा देख।"
पप्पू५०० से१००० वािलयों की दलाली कर रहा था। मौसी नेउस सेपूछा, "धंधा कैसा
चल रहा है?"
"मौसी, २४ लौंिडयाँधंधेपेहैं, २० बार िबक चुकी हैं, १९ अन्दर लगवा रही हैं, ५ चुदने
का इंतज़ार कर रही हैं। कुल १६००० रूपयेजमा हुए हैं।" - पप्पूनेउ��र िदया।
मौसी नेनज़र लड़िकयों की तरफ़ घुमा कर देखी और कहा, "यह रेखा और सीमा
आजकल कम िबक रही हैं। कल भी सािलयों नेएक-एक बार ही चुदवाया था। कम से
कम साली ३-४ बार तो चुदें। येरंडीबाज़ी ठीक सेनहींकर रही हैं। कल सेसःती
वािलयों में बैठाती हूँ, जब िरक्शेवालेचोदेंगेतब मज़ा आएगा इन्हें। तूआज ५००००
रुपयेकलेक्ट कर िदयो, कुि��यों को चाहे८-८ बार चुदवाना पड़े।"
मौसी के पास बैठी १२ रंिडयों में से८ चुदनेजा चुकी थीं। मुझेिमला कर ४ रंिडयाँ
बची थींतभी वहाँदो लड़के मौसी की तरफ़ आए और मुझेदेख कर बोले- "मौसी
नया माल लग रहा है, िकतनेमें दोगी?"
"तूबता िकतनेमें चोदेगा? पुराना माहक है" - मौसी बोली
"दो-दो हज़ार लेलेना, इसके और मोनी के!"
"चोदूचोद तो बहुत चुका, लेिकन माल की समझ नहींहैतुझे, इसके संतरेदेख ज़रा"
- यह कहकर मौसी नेमेरेब्लाउज़ का एकमाऽ हुक खोल िदया।
मेरी गोल-गोल चूिचयाँफरफरा कर िनकल पड़ीं। मैं एक दम सेशमार् गई, मैंनेदोनों
चूिचयाँअपनेहाथों सेिछपा लीं। मौसी डपट कर बोली - "हरािमन, ज्यादा नखरे
िकए तो यहींसबके सामनेचुदवा दँगू ी मुःटंडों से, चल हाथ हटा और मौसी नेमेरे
हाथ को हटा िदया।"
अब मेरी चूिचयों के दशर्न वो लड़के कर रहेथे, लड़कों के मुँह सेिनकल गया - "मौसी
वाह, इसके संतरेतो बड़ेलाजवाब हैं।"
मेरी चूत में खुजली बढ़ गई थी, मेरा मन अब चुदनेका ज़ोरों सेकरनेलगा था। मैं
मन ही मन सोच रही थी की मौसी मुझेचुदनेभेज देइन लड़कों के साथ। लड़के बोले
- "मौसी हम तो ५००० रुपयेलायेहैं, इसेदेदो दो घंटेको ५००० में। हम-दोनों एक से
ही काम चला लेंगे।"
मौसी बोली, "१०००० रुपयेसेकम में नहींउठेगी। नयी रंडी है, तूकल चोद िलयो
इसे। तेरेबाप नेतो २०-२०,००० में रंिडयों को चोदा है, ज़रा चूिचयाँमसल कर तो देख
इसकी! ख़ुद ही कहेगा भाव अिधक नहींहै।"
मौसी नेमुझसेकहा - "जरा खड़ी हो कर चूची मसलवानेका मज़ा ले, पुरानेमाहक हैं,
यहाँकी हर बिढ़या रंडी चोद चुके हैं।"
मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के नेमेरी दोनों चूिचयों को
हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल िदया। मेरेमुँह सेआह... ऊह... की आवाज़
िनकल गई, इसके बाद वहाँखड़ेमुःटंडेनेउसेहटा िदया। अब दसू रेवालेनेएक हाथ
सेमेरी एक चूची मसली और दसू रेसेमेरी दसू री चूची की घंुडी कस कर घुमा दी, मेरी
चूत पानी-पानी हो गई।
मौसी नेमुझेहाथ पकड़ कर नीचेबैठा िलया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने
बगल में बैठी दोनों लड़िकयाँउनकी तरफ़ बढ़ा दींऔर बोली, "कल तेरेिलए इसेबुक
करती हूँ, अभी तूइन दोनों की चूत फाड़" - और मौसी नेवेदो रंिडयाँउन्हें सौंप दीं।
अब मैं और मोनी, दो ही लड़िकयाँमौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते
हुए मुःकुरा कर बोली, "मज़ा आया? देख तेरी चूिचयाँिदखा कर दोनों २-२ हज़ार में
उठा दीं, वरना साली आज १००० में भी नही उठ रहींथीं।"
मैंनेकहा - "मौसी मःती तो बहुत आई।
डर नही मज़ेकर, अभी तो तूनेलौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मःती कर। चूत
और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तूख़ुद कहेगी िक मौसी मुझेचुदवाओ।" - मौसी ने
मेरेचूतङों पेहाथ िफरा कर कहा
मौसी बोली - "६ बजेसेधंधा शुरू करवाती हूँ। पहला राउंड ६-९ चलता है, दसू रा ९-११
चलता है, तीसरा ११-२ चलता है। सःती वािलयों को छोड़, बाकी सब १-१, २-२ घंटेके
िलयेउठतींहैं। कुछ रंिडयाँएक राउंड में २-३ बार भी चुद लेती हैं, वरना एक-एक बार
तो सबको चुदना ही पड़ता है। अगर कोई रात भर में तीन बार नहींचुदती हैं तो
उसको िदन में पेलवाती हूँ। दसू रेराउंड में ७-८ रंिडयों को नंगा करा के मुःटंडों और
माहकों की गोद में िबठाती हूँ। मुःटंडेऔर माहक उनकी चूिचयों और चूत की
मसलाई करतेहैं और रंिडयाँउनके लौड़ेिनकाल कर मुट्ठ मारतींहैं, िजन्हें दसू रे
माहक बड़ेमःत होकर देखतेहैं। आज मोनी और तुझेमाहकों की गोद में उनके लौ़ड़ों
पर िबठाऊँगी। जब वो तेरी चूिचयाँऔर चूत मसलेंगे, तो तुझेबड़ा मज़ा आएगा।
आधेघंटेमें यह मसलाई वाला शो कराती हूँ, तािक माहकों के लंड टनटनाएँऔर
सारी रंिडयाँजल्दी-जल्दी िबकें ।"
मौसी की बात सुनकर मेरी चूत बुरी तरह सनसना गई और मेरी चूत में सेपानी
िनकल गया। मौसी बोली, "अब तूएक काम कर, जा ज़रा कोठा घूम कर आ..." मोनी
की तरफ़ इशारा करतेहुई मौसी नेकहा, "मोनी, अब तो कोठेपेचुदाई का माहौल
होगा। ज़रा हमारी नई रंडी रानी को कोठेकी चुदाई तो िदखा के ला।" मेरी तरफ़
देखतेहुआ मौसी नेकहा, "जा ज़रा चुदाई देख कर आ, अभी ७:३० बज रहेहैं, ८:३०
बजेतक आ जाना। तुम दोनों की चूत और चूची का मुज़रा भी तो करना हैमुझे।"
और इतना कह कर मौसी मुःकुरा दी
मोनी नेमुझेसाथ िलया और बोली - "चल घुमा कर लाती हूँ।"
सबसेपहलेहम एक बड़ेसेहॉल में पहुँचे, "वहाँसःती वाली रंिडयों की चुदाई हो रही
थी
बग़ल में बहुत सेग��ेपड़ेथे, िजन पर रंिडयाँलेटी हुईं थीं। सब मोटी और भ��ी सी थीं
और कुछ िरक्शेवालेजसै ेलोग उनके ऊपर चढ़ेहुए थे। मोनी बोली - "सब की चूत
भोंसड़ा हो रहींहैं। २०-२० साल सेचुदवा रहींहैं, मौसी तो इन्हें भोंसड़ी वाली कह कर
बुलाती हैं। सािलयाँएक िदन में १०-१० को िनपटा देतींहैं। आ पास सेिदखाती हूँ।"
मैंनेपास जाकर दखा तो एक भैंस जैसी मोटी औरत पर एक ५० साल का कमज़ोर
सा बुड्ढा चढ़ा हुआ था, औरत की चूिचयाँपेट सेिचपक रहींथीं, बुड्ढा धक्के लगा
रहा था। मोनी नेकहा - "जरा इस रिसया का लौड़ा तो देख, झड़ा पड़ा है, िफर भी यह
साला चूत पर चढ़ा पड़ा है।"
हम दोनों हँसतेहुए आगेबढ़ गए। सब जगह एक सा ही हाल था। मोनी बोली -
"इनमें सेकई तो ऐसी हैं, अगर १० िमनट सेज्यादा अगर कोई चोदे, तो यह एक
झपकी नींद की भी मार लेतींहैं।" हम दोनों िखलिखला कर हँस पड़े।
अब मोनी मुझेऊपर वाली मंिजल पर लेगई। वहाँकई कोठरी जसै ेकमरेबनेहुए थे।
इस मंिजल पर ५०० से१००० वाली चुदती थीं। मोनी नेकहा - "िजतनेकमरेबंद हैं,
वहाँलड़िकयाँचुद रहींहैं, जो खुलेहैं वो खाली हैं। एक कमरेमें दो या दो सेअिधक भी
चुद सकती हैं।"
मोनी बोली - "हर कमरेके दरवाज़ेपर एक छेद बना हुआ है, अदं र का नज़ारा देखने
के िलए। आ... ज़रा झाँक कर लड़िकयों की चुदाई देखतेहैं।"
मोनी एक-एक छेद में झाँक-झाँक कर देखती जा रही थी। एक जगह उसनेकहा -
"यहाँझाँक कर देख, मज़ा आएगा।"
मैंनेजब झाँक कर देखा तो मैं देख कर दंग रह गई। अंदर एक लड़की मुँह में लौड़ा
लेकर बड़ी मःती सेलॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और लड़का उसके चूतड़ दबा रहा
था। कुछ देर बाद लड़के नेलौड़ा मुँह सेिनकलवा िदया और बोला रानी ज़रा घोड़ी
बनो, तुम्हारी चूत पीछेसेचोदता हूँ। उसनेउसेघोड़ी बना िदया और उसकी चूत में
अपना लंड एक झटके में घुसा िदया। लड़की के मुँह से "आह मर गई..." की तेज़
आवाज़ िनकली। लड़के नेकमर सेपकड़ कर उसकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के मारने
जारी रखे। लड़की ज़ोरों सेिचल्ला रही थी। कुछ देर बाद लड़के नेधक्के मारना धीमा
कर िदया और उस पर झुक कर उसकी चूिचयाँबेदद�� सेमसलनेलगा। लेिकन रंडी
िचल्लायेजा रही थी। ऐसा लग रहा था जसै ेउसेबहुत ददर् हो रहा हो।
मोनी बोली - "यह १००० वाली रंिडयाँऐिक्टंग करनेमें बहुत तेज़ होतींहैं। सालेका ५
इंच का ही लौड़ा हैऔर यह कुितया ऐसेिचल्ला रही हैजैसेचूत में सेबच्चा िनकल
रहा हो।"
िफर एक और कमरेमें मैंनेझाँका। अदं र दो लड़के एक लड़की पर चढ़ेहुए थे। लड़की
सीधी लेटी हुई थी, एक लड़की की जाँघें पकड़ कर फैलाए हुए था और उसकी चूत में
सटासट लंड आगे-पीछेकर उसेचोद रहा था, तो दसू रा बगल सेरंडी का मँुह ितरछा
कर अपना लौड़ा चुसवा रहा था। क़रीब २ िमनट तक लगातार लड़की की चूत चुदती
रही। िफर चूत में सेलड़के नेलंड खींच िलया उसका लंड झड़नेवाला था। लौण्डेने
कंडोम उतार कर दो झटके लंड पर मारेऔर ढेर सारा वीयर् लड़की की चूिचयों पर
िगरा िदया। िफर उसनेअपनेहाथों सेलड़की की चूिचयाँकस-कस कर मसली और
अपनेगाढ़ेलंड-रस सेलड़की की मािलश कर दी। दसू रेवालेनेरंडी के मँुह सेलंड
िनकाल िलया था। रंडी बोली तूभी चोद राजा कब तक लंड खड़ा रखेगा। दसू रेवाले
का लंड काफ़ी अच्छा था, मेरा मन भी उसके लंड सेचुदवानेका करनेलग रहा था।
दसू रेवालेनेरंडी को घोड़ी बना िदया और उसकी गाण्ड पर ढेर सारा थूक डाल िदया
था। रंडी घबरा गई बोली - "राजा गाँड रहनेदो, चूत मार लो, बहुत ददर् होगा। आपका
लौड़ा बहुत बड़ा है।" लड़का बोला - "गाँड थोड़ेही न मार रहा हूँ, थोड़ा चेक कर रहा
हूँ।" कह कर उसनेअपनी ऊँगली उसकी गाँड में डाल दी और कस-कस उसेघुमाने
लगा।
मुझेयह सब देखनेमें बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लड़के नेऊँगली िनकाल कर
एक झटके में उसकी गाँड में अपना लंड घुसा िदया... लड़की एक दम सेिचल्ला
पड़ी... ऊही... मर गई..., मर गई...। लड़के नेसटासट उसकी गाँड मारनी जारी रखी।
रंडी के िचल्लानेकी आवाज़ बाहर तक आ रही थी। मोनी नेपीछेसेमेरा पेटीकोट
उठा कर मेरी गाँड में अपनी पूरी ऊँगली घुसा दी। मेरेमुँह सेएक दम से "उई... मर
गई" की आवाज़ िनकल गई।
मोनी बोली, "दसू रेकी गाँड चुदाई देखनेमें बड़ेमज़ेआ रहेहैं। रात को जब तेरी मारी
जाएगी, तब देखती हूँ।
मैंनेशरमातेहुए एक मुःकान भरी... मैंनेकहा - "मोनी चुदनेका अब बहुत मन कर
रहा है।"
मोनी बोली - "चुदेगी, तूभी चुदेगी... और आज रात ही चुदेगी... और मोटेलंड से
चुदेगी। मौसी तुझेऐसेही नही छोड़ेगी।"
मोनी नेआगेबताया - "येसब रंिडयाँठेके पर २०-२० िदनों के िलए आतींहैं। २०
िदनों के बाद यह दसू रेकोठेपर चली जाएँगी। इनकी जगह नई आ जाएँगी, तािक
कोठों की रौनक बनी रहे। केवल ५-६ ही यहाँकी परमानेंट रंिडयाँहैं। चल, अब सबसे
ऊपर की मंिजल पर चलतेहैं, जहाँमँहगी वाली लड़िकयाँचुदती हैं।
ऊपर वाली मंिजल पर भी कमरेबनेहुऐ थे। मोनी नेबताया िक यहाँमँहगी वाली
रंिडयाँचुदतींहैं। यहाँकुछ वातानुकूिलत कमरेभी हैं, हर कमरेमें वीिडयो और टीवी
है। माहक xxx देखतेहुए चोदतेहैं। मैं अभी तक हर बार यहींचुदी हूँ। तूभी इन्ही में
सेिकसी एक कमरेमें चुदेगी। अंदर एक कमरेमें मैंनेझाँक कर देखा तो एक आदमी
रंडी को गोद में िबठाए हुए था और उसका लौड़ा उसकी चूत में घुसा हुआ था। दारू का
िगलास लड़की के हाथ में था िजससेवह हल्की-हल्की चुिःकयाँलेरहा था और
लड़की के चूची की घुंिडयों को नोच रहा था। शायद कोई xxx देख रहा था। बाकी
कमरों के छेदों सेकुछ लोगो की गाँड के िसवा कुछ नही िदखा।
यह सब देख मैं काफ़ी गरम हो गई थी। राजूऔर कालूवहाँचौकीदारी कर रहेथे।
मुझेदेखकर राजूबोला, "जब सेतुम्् हें देखा है, मेरा लंड तो नीचेबैठ ही नहींरहा है
रानी। चूत नही तो एक बार चूिचयों का दधू तो िपला दो। इस कालूनेतो िफर भी एक
बार तुम्हारी दबा रक्खी हैं।"
राजूकी बात सुन कर मैं और मोनी हल्के सेमुःकुरा िदए। मोनी बोली - "क्यों मैडम
एक बार इन्हें दधू िपला दें?"
मैंनेकहा - "चल, थोड़ा सा दधू इन्हें िपला देतेहैं।
हमलोग एक खाली कमरेमें आ गए। मेरी चूत चुदनेको चुनमुना रही थी। मैंने
अपनी ब्लाउज़ का हुक खोल िदया। अब मेरेदोनों संतरेबाहर थे। मैं बोली - "लो राज,ू
दधू िपयो, तुम भी क्या याद रखोगे।"
राजूनेकस-कस कर मेरी दोनों चूिचयाँएक-दसू रेसेिचपका दींऔर मेरी घँुिडयाँ
ज़ोर-ज़ोर सेचूसनेलगा। मुझेगज़ब की मःती छानेलगी थी। राजूकस-कस कर मेरे
दधू दबा रहा था और मेरी घुँिडयाँजम कर चूसेजा रहा था। मेरी चूत सेबुरी तरह से
पानी बहनेलगा था।
मैंनेकहा - "राजूडािल��ग, मेरी चूत फाड़ो, मेरेहोंठ चूस डालो... मुझेआज तुम चोद
कर ही छोडना।"
राजूनेमेरी चूिचयाँछोड़ कर, मुझेकस कर अपनेसेभींच िलया और मेरेमुँह में
अपनी जीभ डाल दी और मेरेहोंठों को चूसनेलगा। राजूका मोटा लंड मेरी चूत से
िचपक रहा था, उसनेमुझेजोरों सेभींच रखा था। मेरेहोंठ ज़बदर्ःत तरीके सेवो चूस
रहा था। तभी मौसी उधर आ गईं और मेरेचूतड़ों पर कस कर हाथ मारती हुई बोली,
"अरेमेरेरंडी रानी तुम तो यहाँरंडीबाज़ी कर रही हो!"
मैं और राजूअब हट गए थे। मोनी मुःकुरा रही थी। मुझसेरहा नहींगया, मैंनेकहा -
"मौसी... अब मुझेचुदवाओ, मैं चुदना चाहती हूँ। मेरी चूत चुदनेके िलए फड़क रही
है।"
राजूमुःकुरा रहा था, मौसी नेकहा, "अभी थोड़ी रंडीबाज़ी तो सीख। लंड सेतो तू
खेली भी नही है> अभी तूनेढंग सेलंड देखा भी नहींहै। पहलेतूलंड सेतो थोड़ा
खेलना सीख, चुदवा तो मैं तुझेएक िमनट में दँगू ी।" राजूमुःकुराए जा रहा था।
मौसी बोली - "राजू, पहलेतूइसेअपना लंड िदखा।" राजूनेएक झटके सेअपना
पाजामा उतार िदया। राजूका ८ इंच लंबा और मोटा लंड मेरेसामनेथा। मैं अपने
होठों पर जीभ िफरनेलगी थी। मैं इतना मोटा-नंगा लंड इतनेक़रीब सेआज पहली
बार देख रही थी। मौसी पलंग पर बैठ गईं और मुझेभी बगल में िबठा िलया।
राजूको मौसी नेबुलाया और कहा - "जरा इसकी चुिचयों पर लंड िफरा।"
मैं पलंग पर बैठी थी और राजूअब मेरी चूिचयों पर अपना लंड हाथ सेपकड़ कर
िफरानेलगा। उसनेमेरी घुंिडयों पर लंड का सुपाड़ा दबा-दबा कर िफराया। मैं पूरी
मःती में आ गई थी।
मौसी नेराजूका लंड अपनेहाथ सेपकड़ कर मेरेहाथ में पकड़ा िदया और बोली, "ले
जरा इसेमसल और जरा मुट्ठ मार।"
जैसेही मैंनेलौड़ा हाथ में पकड़ा, मैं सनसना गई। लौड़ा बहुत गरम था, मेरी बुर
पिनया रही थी। मैं कस-कस कर लौड़ा मसलनेलगी। मुझेबहुत मज़ा आ रहा था।
राजूमेरेबालों को सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद राजूनेमुझेखड़ा कर िदया। मुझेलग रहा था शायद राजूमुझेअब चोद
देगा, लेिकन राजूनेएक बार मुझेिफर भींच िलया। अब वह और कस-कस कर मेरे
होंठों के बीच सेअपनी जीभ डाल कर चूसेजा रहा था।
तभी राजूनेमुझेपीछेकी तरफ़ मोड़ िदया, अब मेरा मुँह मौसी की तरफ़ था। राजूने
जोर सेमेरी घुँडी नोच ली और मेरी चूिचयाँदबाईं। पीछेसेराजूका मोटा लंड कस कर
मेरी गाँड दबा रहा था। मौसी आगेबढींऔर मेरेपेटीकोट का नाड़ा खोल िदया। राजू
नेमुझेढीला छोड़ िदया। मेरी पेटीकोट अब ज़मीन पर थी।
नंगी गाँड पर राजूका नंगा लंड लगतेही मैं उचक पड़ी। अब मैं चुदवानेकी उ��ेजना
की चरम सीमा का अनुभव करनेलगी थी। दो िमनट बाद मौसी के इशारेपर राजूहट
गया। मेरी बुर का पानी जाँघों तक आ रहा था। मैं िचल्ला सी पड़ी, "मौसी मुझे
चुदवाओ ना... मेरी चूत में आग लगी पड़ी है, राजूसेकहो मेरी चूत चोदेऔर मेरी
प्यास बुझाए।"
मौसी बोली - "गाँड मरवाएगी... तो तुझेचुदवाऊँ।"
में पगला सी रही थी। मैंनेकहा - "गाँड, चूत एक सेनहीं६-६ सेमरवा लूँगी... प्लीज़
मौसी मुझेचुदवाओ, जल्दी चुदवाओ। राजूसेबोलो िक वो अपना लंड जल्दी सेमेरी
चूत में डाल दे।"
मौसी मुःकुराई - "लेज़रा इसेपहलेकंडोम पहना अपनेहाथ से।"
मैंनेकंडोम लेकर राजूके सुपाड़ेपर लगाया। एक बड़ा रोमांचकारी अनुभव था।
मौसी बोली - "नीचेतो सरका दे।"
नीचेसरकानेके िलए मुझेएक हाथ सेनीचेउसका लंड पकड़ना पड़ा और दसू रेहाथ
सेमैंनेउसेनीचेसरका िदया। मेरी चूत की जलन बढ़ती जा रही थी, मुझेअब लग
रहा था िक मेरी चुदाई शुरू होनेवाली है।
मौसी राजूसेबोली - "जरा इसकी चूत पर दो तीन बार लंड िफरा दे, िफर जरा नीचे
चल के इसकी चूत के दशर्न माहकों को करातेहैं।"
राजूनेमुझेपलंग पर िलटा िदया और कस-कस कर मेरी चूत पर अपना लंड िफरा
िदया। एक बार उसनेआधा इंच लौड़ा मेरी चूत में घुसाया लेिकन मौसी नेउसेडपट
कर लौड़ा हटवा िदया।
मौसी नेराजूको हटा िदया और बोली - "चलो अब नीचेचलतेहैं, वहाँइसेमाहकों की
गोदी में उनके लौड़ेपर िबठाती हूँ।"
मैं चुदनेको पागल हुई जा रही थी... मुझसेरहा नहींजा रहा था। मैंनेकहा - "मौसी
मुझेचुदवाओ, मेरी चूत में जलन हो रही है, मैं पगला सी रही थी।"
मौसी नेमेरी तरफ़ देखा और बोली - "चूत में तो इसके वाक़ई आग लगी हुई है, राजू
तूएक काम कर, इसकी चूत को चूस। २-३ िमनट में यह पानी छोड़ देगी िफर इसे
थोड़ी सी शािन्त िमलेगी।"
राजूनेअब मेरी चूत पर अपना मुँह लगा िदया और कस-कस कर मेरी चूत चूसने
लगा। मौसी के इशारेपर कालूनेमेरा िसर अपनी गोद में रख िलया और मेरी चूिचयाँ
ज़ोरों सेदबानेलगा। राजूकु��ेकी तरह मेरी चूत चाट रहा था। उसनेबुरी तरह सेमेरी
चूत के मुहानेको चाटना जारी रखा।
कुछ देर बाद उसनेअपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और उसकी १ इंच लम्बी
जीभ अब मेरी चूत में िफर रही थी। मेरी मःती सेकमरा उह... आह... उह... आह...
ऊह... आह... सेगूँज उठा। थोड़ी देर में मेरी चूत सेबड़ी तेजी सेचूत-रस िनकला िजसे
राजूलपालप पीनेलगा।
मुझेचूत में कुछ शािन्त सी लगी। मौसी नेइसके बाद राजूऔर कालूको नीचेभेज
िदया और बोली - "चल इधर बहुत मःती लेली अब नीचेमःती किरयो। येमेरा वादा
हैिक १२ बजेतक तेरी चूत के अदं र मोटा लंड मैं घुसवा दँगू ी और आज रात तेरी गाँड
भी ठुकवा दँगू ी।"
मैं उठ गई थी, मोनी नेमुझेपेटीकोट और ब्लाउज़ पहना िदया। ९ बजनेवालेथे,
मौसी नेकहा - "आओ मेरी रंिडयों, अब तुम नीचेचलो और थोड़ा धंधा शुरू करो।"
सािथयो,
इनमें आपनेदेखा िक िकस तरह मैं मःत होकर मौसी के कोठेपर घूम रही थी और
रंिडयों की चुदाई देख रही थी लेिकन मुझेक्या पता था िक मौसी मुझेभी कोठेकी
रंडी बना देंगी !
पिढ़येकैसेमौसी नेमुझेबना िदया कोठेकी कुितया
हम लोग ९ बजेमौसी के कमरेमें थे। मौसी नेमेरेऔर मोनी के िलए कमरेमें ही
खाना मँगा िलया। खानेमें मुग�� की टांगें और मटन था।
मौसी बोली- लो खाओ, देसी मुगार् हैं, चूत में आग लगा देगा ! खाओ िपयो और
मिःतयाओ ! थोड़ी देर बाद माहकों के लौड़ों पर बैठना और अपनी जवानी का रस
िपलाना !
खाना बहुत ःवािद�� था, हम लोगों नेपेट भर के खाया।
खानेके बाद मौसी बोली- अब तूमिःतया बहुत ली है, चल अब तुझेधंधेपर बैठाती
हूँ ! मुझत में तो मैं पानी भी नहींिपलाती। अब ध्यान सेमेरी बात सुन, नीचेःपेशल
हाल में तुझेिमलाकर कोठेकी सबसेहसीन सात लड़िकयांखड़ी होंगी और दो
लड़िकयांनंगी होकर नाचेंगी। माहक तुम्हें खरीदेंगेऔर गोद में बैठाकर तुम्हें नंगा
करेंगेऔर तुम्हारी चूत और चूिचयों को मसलेंगे। तुम सब उनके लंड बाहर िनकाल
कर चूसोगी और मसलोगी।
डांस देखनेका िटकट ५०० रुपयेहै, गोद में बैठाकर रंिडयों की मसलाई करनेके कम
सेकम १००० रूपये१० िमनट के हैं, उसके बाद हर ५ िमनट के ५०० रुपए हैं। लौड़ा
चुसवानेके १००० रूपयेअलग सेहैं। कोई ५००० या ज्यादा देता हैतो लोंडी १० िमनट
के िलए उसकी ! वो इन १० िमनट में वो लोंडी की चूत मार सकता है।
१ घण्टा यह धंधा चलता है, हर लोंिडया को कम सेकम ५००० रुपए कमा के देनेहोते
हैं। चल १० िमनट के िलए तुझेशेिनंग िदलवा देती हूँ !
मौसी नेघन्टी बजा दी, एक लड़की अंदर आई, मौसी बोली- शो करानेवालेचारों
मुःटंडों को भेज ! चारों मुःटंडेथोड़ी देर में अंदर थे, उनके नाम रोकी, िपंटू, टीनूऔर
भूरा थे। सब खतरनाक चेहरेके गुंडेलग रहेथे।
मौसी बोली- रोकी, तूजहाँलड़िकयांिबकें गी, वहांखड़ा होगा ! िपंटूजहाँरंिडयां
मसली जा रही होंगी वहाँबैठेगा और रंडी अगर ५ िमनट के अंदर लौड़ा नहीं
िनकालेगी तो उस पर िसगरेट की िचंगारी डालेगा, टीनूपैसेइकठा करेगा, भूरा देखने
वालेमाहकों को कण्शोल करेगा।
मौसी िपंटूसेमेरी तरफ इशारा करतेहुए बोली- बाकी रंिडयांतो सब खेली खाई हैं,
यह नई है, तूजरा इसेगोद में बैठा ! बाकी मैं िसखाती हूँ !
िपंटूनेमुझेगोद में उठाया और पलंग पर अपनी जांघों पर िबठा िलया सभी गुंडे
कुिटल मुःकान के साथ मुझेदेख रहेथे। िपंटूनेमेरेब्लाउज़ और पेटीकोट उतार कर
मुझेपूरा नंगा कर िदया और बोला- रंडी, साली ! अब तूपूरी कोठेकी कुितया लग रही
है ! उसनेकस कस कर मेरी चूिचयांमसलनी शुरू कर दीं।
मौसी मेरेपास आईं और मेरा हाथ िपंटूके लौड़ेपर रख िदया और बोली- जरा इसके
शेर को तो बाहर िनकाल !
मुझेलौड़ा िनकलनेमैं शमर् आ रही थी, तभी एक गडंु ेनेमेरेऊपर जलती हुई िसगरेट
की राख़ डाल दी, मैं उई मर गई ! कहकर उठनेलगी लेिकन िपंटूइतनी कस कर
पकड़ा हुआ था िक मैं उठ नहींपाई।
मौसी बोली- लौड़ेको नहींिनकलेगी तो यही हाल होगा ! चल सारेबटन खोल इसके
और लौड़ा मसल !
मैं घबरा गई, मैंनेजल्दी जल्दी िपंटूकी पैंट के सारेबटन खोल िदए नीचेमुःटंडा
कुछ नहींपहना था, उसका सात इंच मोटा लंड तनतना के िनकल आया, िजसेमैंने
कस कस कर मुठी में दबा िलया। मौसी नेएक ट्यूब िपंटूकी तरफ बढ़ा दी िजसे
उसनेमेरी चूत पर लगा िदया। मेरी चूत में चुदनेकी कुलबुलाहट भर गई। मौसी ने
दो िमनट लगातार मुझसेिपंटूके लंड की मुठ मरवाई। इसके बाद मौसी नेमुझेउठा
िदया और खड़ेखड़ेही मुझसेसभी मुःटंडों के लंड िनकलवाए िजसमें सेदो चड्डी
पहनेहुए थेऔर उनकी चड्डी नीचेसरका के मुझेउनके लंड िनकालनेपड़े।
इसके बाद मौसी नेउनमें सेजो सबसेभ��ा और गन्दा िदख रहा था, िजसका नाम
भूरा था, उसका लौड़ा मुझेपकड़ाया और बोली लेइसका लंड चूस !
भूरा काफी गन्दा था, मैं बोली- मौसी मैं इसका लंड मुँह में नहींलूंगी !
मौसी नेिपंटूके हाथ सेिसगरेट ली और मेरेनंगेचूतड़ों पर मसल कर बुझा दी। मैं
जोरों सेचीख उठी। मौसी गरु ातर् ेहुए बोली- हरामखोर, साली, मैं प्यार सेबात कर रही
हूँऔर तूअपनेको कोठेकी रानी समझ रही है? यह सालेमोटेमोटेमुःटंडेमुझेना
नहींकरते, तूना कर रही है? और उन्होंनेमेर बाल खींच िदए। मैं िबलिबला गई।
मरती क्या नहींकरती, मैंनेभूरा का गन्दा सा काला लंड अपनेमुँह में डाल िलया।
मौसी बोली- कुितया, ठीक सेआगेपीछेकर के चूस ! यहाँरानी कोई नहीं, सब रंिडयां
हैं अपनेको अब तूकोठेकी कुितया मान ! इतनेनखरेकरेगी तो हाल में क्या लौड़ा
चूसेगी।
मैं बहुत डर गई थी, मैं लपालप भूरा का लौड़ा चूसनेलगी। आज तक मैंनेलौड़ा नहीं
चूसा था। भूरा गन्दा जरूर था लेिकन उसका लौड़ा चूसनेमें मुझेमज़ा आ गया।
िचकना लौड़ा मेरेमुँह में आगेपीछेहो रहा था। मुझेलौड़ा चूसनेमें गज़ब का मजा
आनेलगा। मैंने५ िमनट तक मःत होकर लौड़ा चूसा। मौसी नेमुझसेभूरा के टट्टों
पर भी जीभ िफरवाई।
मौसी नेथोड़ी देर बाद सबको बाहर भेज िदया और मुझसेबोली- देख, धंधेके मजेले
! मैं जसै ा कहूँगी वैसा करेगी तो बहुत मज़ा आएगा और नहींकरेगी तो तेरी चमड़ी को
जला दँगू ी ! कल मैं तुझेछोड़ दंगू ी। तूकोठेसेचली जाना। लेिकन जो सेक्स का मजा
यहाँलेलेगी वो तुझेऔर कहींनहींिमलेगा !
उसके बाद मौसी मुझेएक कमरेमें लेगईं, वहांमोनी और मुझेिमलाकर सात
लड़िकयांथी। मौसी नेहम सबके कपड़ेउतरवा िदए। अब हम सातों रंिडयांपूरी नंगी
थीं।
मौसी बोली- तुम्हारी चुिचयों पर एक पतली चुन्नी रहेगी और चूत पर पतली चड्डी
होगी िजसेमाहक उतार कर तुम्हारी चूत सहलाएगा और तुम सब उनके लौड़े
मसलना ! चलो अब हाल में चलनेको तैयार हो जाओ। जो भी कुितया नखरेकरेगी
उसकी गांड और चूत जला दँगू ी ! हर माहक को पूरा मजा देना हैऔर उनको इतना
मःत करना हैिक वो अपना लौड़ा चुसवाएंऔर १०-१० हज़ार तुम्हारी चूत मारनेके दें
! चलो अब हाल में चलें !
हाल में एक तरफ ग��ेदार कुिसर्यांपड़ी थीं, मोनी नेबताया िक इन सोफों पर माहक
हमारी चूत और चूिचयांमसलेंगे। पास में ही एक काउंटर था जहाँहम सातों रंिडयां
जाकर खड़ी हो गईं। मौसी नेहम सब की चूत पर जेली लगा रखी थी िजससेचूत में
एक अजीब सी खुजली हो रही थी। बार बार हाथ चूत खुजलानेको चला जा रहा था।
सामनेडांस के िलए जगह थी, जहाँदो रंिडयांलहंगा पहन कर नाचनेके िलए तैयार
थीं।
मोनी नेबताया िक नाचते-नाचतेयेदोनों नंगी करी जाएँगी और बीच बीच में मुःटंडे
इनकी चूत और चूतड़ों को मसलेंगे। आधेघंटेके बाद यह बदल जाएँगी और दसू री दो
लड़िकयांनाचनेआएँगी। सभी नाचनेवाली लड़िकयांबॉम्बेसेआती हैं और एक शो
के १०-१० हज़ार लेती हैं। यह लड़िकयां१-२ घिटया िहंदी िफल्मों में छोटा मोटा रोल
करेहोती हैं। आज जो लड़िकयांडांस करेंगी, 'वो लुट गई लैला' और 'मःत जवानी'
िफल्म की हेरोइन रह चुकी हैं।
मौसी अंदर आई और बोली- लो मेरेकोठेकी कुि��यों, एक एक कड़ेपहनो !
सभी कड़ेअलग-अलग रंग के थे। मेरेिहःसेमें हरा कड़ा आया।
मौसी बोली- माहक कड़ेके रंग सेतुम्हारी बोली लगायेंगे ! चलो सब लाइन सेखड़ी
हो जाओ और थोडा मःतीयाओ तािक तुम सबके रेट ज्यादा लगें।
िपंटूचल घंटी बजा और माहकों को अंदर बुला, तब तक रोकी और भूरा, तुम इनकी
घुिन्डयाँमसल कर खड़ी कर दो िजससेिक इनकी चूत की आग जोरों सेभड़के।
रोकी और भूरा नेनोच नोच कर हमारी िनप्प्लें खड़ी कर दीं। हम सब नग्न दधू ों पर
पतली चुन्नी डालेखड़ी थी।
माहकों का अंदर आना शुरू हो गया था, रंिडयांनाचनी शुरू हो गईं थीं। मेरेसाथ की
रंिडयांकभी अगं ड़ाई लेरही थी, कभी अपनेसंतरेदबातेहुआ माहकों पर चुम्मेफ़ें क
रही थीं।
रोकी हमारेपास घूम रहा था ! उसनेमेरेचूतड़ पर हाथ फेरतेहुए कहा- जरा मचल !
देख बाकी कुितयांकैसेमचल रही हैं !
मौसी पास ही घूम रही थीं, मुझसेबोली- कुितया, जैसेसभी रंिडयांमचल रही हैं, वैसे
मचल ! अब तूधंधेपर बैठ गई है, नखरेन कर, इस समय तूमेरेकोठेकी कुितया है,
मेरी कुितयांजसै ा मैं कहती हूँ, वैसा करती हैं ! नहींतो उनकी गांड जला देती हूँ !
मौसी नेमेरा एक हाथ उठाया और मेरी चड्डी में डाल िदया और दसू रा हाथ मेरी चूची
पर रख िदया। उसके बाद बोलीं- दोनों को धीरेधीरेमसल ! तेरा रेट अपनेआप चढ़ेगा
! आज कोठेपर तूसबसेसेक्सी कुितया लग रही है ! ५ िमनट बाद मःत होकर
अपनेराजा का लौड़ा मसलना ! तुझसेइस शो में मुझे१०००० रु कमानेहैं।
नाच जोरों पेथा, लड़िकयों की ॄा उतार दी गई थी, उनके नंगेःतन िबलकुल सीधे
तनेहुए थे, वो अपनी चुिचयाँकभी लेट कर कभी झुककर िहला रही थीं, उनका नंगा
डांस जोरों पर चल रहा था।
एक दो माहक अपनेलंड िनकाल कर वहींपर सहला रहेथे। हम सबकी बोली की
आवाजें लग रही थी- कोई िचल्ला रहा था लाल वाली २००० हरी वाली १६०० !
१० िमनट बाद मौसी हमारी तरफ आई और रोकी सेबोली- चल इन रंिडयों को इनके
खरीददारों के साथ भेज और इनका धंधा शुरू करा ! मेरा ४ नंबर था पहली ३ को
उनके माहक उनकी चूिचयांमसलतेहुए सोफे की तरफ लेगए। मेरा खरीददार एक
नेताजी जैसा लगनेवाला आदमी था जो मुझेबुरी तरह कामुक नज़रों सेघूर रहा था।
मौसी बोली- पूरे२२०० में उठी हैतू ! जरा मःत होकर नेताजी का लौड़ा गरम किरयो
! नेताजी अगर खुश हो गए तो मालामाल कर देंगेऔर तुझेहेरोइन बनवा देंगे !
मौसी नेमेरा हाथ नेताजी के हाथ में देिदया।
नेताजी नेमेरी चुन्नी उतार कर फ़ें क दी और अपना एक हाथ पीछेसेडालकर मेरी
एक चूची अपनेहाथ में दबा ली उसेदबातेहुए बोलनेलगे- साली बहन की लोड़ी !
तेरा माल तो बड़ा गज़ब का है ! आज तो तेरा पूरा रस पीकर ही यहाँसेजाऊँगा ! और
वो मुझेसोफे की तरफ लेगए। नेताजी के मुँह सेदारू की जोर की बदबूआ रही थी।
उन्होंनेसोफे पर मुझेअपनी एक जांघ पर बैठा िलया और मेरेःतनों की मािलश
करतेहुए मेरेहोठ चूसनेलगे।
बगल में मोनी की मसलाई हो रही थी। मोनी मुझेदेख कर बोली- लौड़ा िनकाल के
खेल, वनार् अभी िपंटूिसगरेट सेजला देगा।
मैं संभल गई और नेताजी के पजामेका नाड़ा खोलनेलगी। नेताजी अंदर कुछ नहीं
पहनेथे, उनका ६ इंच लम्बा लौड़ा खड़ा हुआ था, िजसेमैंनेअपनेहाथों में कस कर
पकड़ िलया और दबानेलगी। मेरी चूत बुरी तरह सेखुजला रही थी। नेताजी नेमेरी
पतली चड्डी एक झटके में खींच कर फाड़ दी और जोर जोर सेचूत की मसलाई करने
लगे।
मेरी बुर बुरी तरह सेगरम हो रही थी, मैंनेअपनी टांगें चौड़ी कर दींथींऔर मेरी
गरम खलु ी हुई चूत साइड में खड़ेकु��ों को मिःतया रही थी।
नेताजी मेरेचूत का दाना रगड़ेजा रहेथे। नेताजी के लौड़ेपर मेरी पकड़ मजबूत होती
जा रही थी और मैं उनका लोड़ा जोरों सेसहला रही थी। मेरेआस-पास भी इसी तरह
की रंडीबाजी चल रही थी। वाकई मैं अब कुितया बन गई थी।
अगल बगल में सभी लड़िकयाँअपनेहाथों में लंड पकड़ेहुए थींऔर उनको मसल रही
थीं। मोनी को एक मोटेसेसेठ नेअपनी गोद में बठा रखा था। सेठ ने१००० रूपये
िपंटूकी तरफ बढ़ा िदए। िपंटूनेमोनी को आंख मार कर लौड़ा चूसनेका इशारा
िकया। मोनी जमीन पर बैठ गई और उसनेसेठ का ४ इंच लम्बा लौड़ा मुँह में ले
िलया और उसेलोलीपोप की तरह चूसनेलगी।
नेताजी मेरी चूत में अपनी उँगिलयाँआगेपीछेकर रहेथेतभी एक एक माहक मेरी
तरफ आया और १०-१० के नोट मेरेऊपर फें कनेलगा। िपंटूपीछेसेआकर मेरी
चुिचयों की घुिन्डयाँगोल गोल घुमानेलगा और नेताजी नेमुझेअपनी दोनों टांगों
पर िबठा िलया और मेरी चूत के होंठ सहलानेलगे। उनका लंड मेरी चूत सेछू रहा
था। मेरी चूत की खजु ली बहुत बढ़ गई थी और मन कर रहा था िक चूत में लंड घुसे
और मैं चुदाई का मःत मज़ा लूं। नेताजी मेरी चूत की मसलाई जोरों सेकर रहेथे।
माहक नेपूरी १० के नोट की गड्डी मुझ पर लुटा दी। उसके बाद एक मुःटंडेनेउसे
वहांसेहटा िदया।
१० िमनट वाली घंटी बज गई। नेताजी को िमलाकर पांच लोगों ने१००० रु. बढ़ा िदए।
अब वो लोंडी को १० िमनट और मसल सकतेथे। २ रंिडयों के माहक झड़ चुके थेवो
दोनों उठ गई और िफर काउंटर पर जाकर खड़ी हो गई। ७ में से३ लडिकयाँलौड़ा
चूस रही थीं। नेताजी नेअपनी जेब से१००० की गड्डी िनकाली और एक नोट िपंटूकी
तरफ बढ़ा िदया। िपंटूनेमेरा एक संतरा जोरों सेमसलतेहुआ कहा चल अब जरा
साहब का लौड़ा चूस।
मैं मरती क्या न करती। मुझेअब नेताजी के पैरों में बैठकर उनका लौड़ा मुँह में लेना
पड़ा। लौड़ा पूरा वीयर् सेगीला हो रहा था। मुँह में लौड़ा घुसतेही एक कसेला सा ःवाद
मुझेलगा। दो तीन बार लौड़ा चूसनेसेमुझेमःती आनेलगी और मैं मःत होकर
नेताजी का लौड़ा चूसनेलगी। नेताजी मेरेचूतड़ों को कस कस कर दबा रहेथेऔर
कह रहेथे,"रंडी तूतो बड़ा मःत लौड़ा चूसती हैचल जरा मेरा सुपाड़ा चाट ! अगर
मुझेखशु कर देगी तो कुितया, मैं तुझेिहरोइन बनवा दंगू ा !"
अब मैंनेनेताजी का सुपाड़ा चाटना और चूसना शुरू कर िदया था। नेताजी नेमेरे
ऊपर दो-तीन १०००-१००० के नोट लुटा िदए। तभी वहांमौसी के साथ ४-५ पुिलस
वालेआ गए। सभी सादी वद�� में थेमौसी बोली- कोई घबराए नहीं, सब कुछ २-३
िमनट के िलए है।
एक पुिलस वालेनेमेरेबाल खींचेऔर मुझेधक्का िदया और बोला,"साली रंडी हट
इधर सेहट !"
मैं पीठ के बल िगरी और एक पुिलस वालेनेनेताजी को १०-१२ थप्पड़ मार िदए। िफर
बोला,"कलुआ ! सालेहमें धोखा देता हैसाला बैंक लूटता हैÉ हरामी कहींके ! तुझे
अभी थानेमें चलकर बताता हूँिक पुिलस को परेशान करनेका मतलब क्या होता है
?"
पुिलस नेताजी को धक्के मार कर लेगई। उनका इंसपेक्टर मौसी सेबोला,"मौसी,
आपकी मदद सेहम इसेपकड़नेमें सफल रहे, धन्यवाद।"
मौसी कुिटल मुःकराहट सेबोली,"हजूर हम तो आपके सेवक हैं !"
उनके जानेके बाद मौसी बोली,"भाई, सभी मःती करो, डरनेकी बात कोई नहीं। कुते
के पास जो नोटों की गिड्डयाँथी उस पर िजस बैंक की मोहर थी वो कल ही लूटी गई
थी। मैं समझ गई थी िक सालेबैंक लूट कर आयेहैं। यह साला कलुआ बदमाश था
२०,००० का इनाम हैइस पर हरामी पर। नेता बनता हैसाला भडुआ !"
हम सभी रंिडयों के माहक हमें छोड़कर भाग गए थे। हम सभी रंिडयाँएक बार िफर
साइड में जाकर खड़ी हो गईं। रोकी नेहमें पतलेकपड़ेकी चिड्डयाँपहना दी थी और
हमारेगलेमें मालाएंडाल दी थीं। नाचनेवाली लड़िकयों की चिड्डयाँमुःटंडों ने
उतार दी थीं। वो अब वो फशर् पर लेटकर अपनी चूत कभी फैला रही थींकभी छुपा रही
थीं। माहकों की भीड़ दबु ारा बढ़ गई थी हम लोगों की बोली दबु ारा लग गई थी। इस
बार मेरेिहःसेमें एक मिरयल सा ५५ साल का बुड्ढा आया था िजसनेमुझेमसलने
के िलए १५०० रुपए लगाए थे।
बुड्ढेनेमेरी माला के फूल मसल िदए और अपनेदोनों हाथों में मेरेःतनों को पकड़
कर उन्हें धीरेधीरेदबानेलगा। मैंनेबुड्ढेके पैंट के बटन खोल िदए और उसकी
चड्डी नीचेकर दी। बुड्ढेका पतला लंड खड़ा हुआ था जो मुिँकल से४ इंच का होगा।
मुझेउसेपकड़नेमें ऐसा लग रहा था जैसेिक कोई बड़ी मूंगफली अपनेहाथों में दबी
है। धीरेधीर मैं बुड्ढेकी मूंगफली मसलनेलगी। बुड्ढा मेरी चूिचयाँमसलेजा रहा
था। मेरी तरफ देखकर खी-खी करतेहुआ बुड्ढा बोला,"तेरी चूिचयाँिबलकुल मेरी बहू
की तरह िचकनी हैं !"
मैं हैरान थी मैं बोली,"क्यों ? तूअपनी बहूको भी चोदता हैक्या?"
बुड्ढा खी-खी करतेहुआ बोला,"चोदी तो नहींहै, लेिकन जब भी मुन्नेको दधू
िपलाती हैतो उसकी चूिचयाँछुपकर देखता हूँ ! िबल्कुल तेरी जसै ी िचकनी हैं !"
मैं हैरान थी िक ऐसेभी लोग होतेहैं। मैंनेउसके लौड़ेको मसलतेहुआ पूछा,"और
ताऊ क्या देखा है?"
बुढ़ऊ फुसफुसाया,"बाथरूम में २-३ बार नंगेनहातेहुए भी देखा है, एक बार जब मेरा
लड़का १०-१२ िदन के िलए बाहर गया हुआ था तो बाथरूम में उसेचूत में मोमब��ी
डालतेहुए भी देखा था। साली को चोदनेका मन तो करता हैलेिकन शराफत भी तो
कोई चीज़ है।"
मौसी उधर सेिनकली और बुड्ढेकी तरफ देखती हुई बोली।"चचा दधू ही मसलते
रहोगेया कुछ और भी करोगे? थोड़ा इसकी सुरंग में ऊँगली करो, मज़ा आ जायेगा।"
ताऊ की उँगिलयाँअब मेरा चूत के होटों पर िफसल रही थीं। एक िमनट बाद ही ताऊ
नेअपना पानी छोड़ िदया िजसकी धार मेरेहाथ और पेट पर जाकर िगरी। ताऊ के १०
िमनट पूरेहोनेवालेथे। िपंटूबोला,"ताऊ टाइम हो गया है, और देर तक कुितया को
मसलना हैतो १००० रु िनकालो !"
ताउ मुझेहटा कर अपनी पैन्ट ऊपर चढ़ातेहुए बोला,"और पैसेनहींहैं, वो राजूकी
अम्मा बटुआ भूल गई थी, उसमें से२००० रूपयेिनकाल लाया था ! िसफर् २०० रु बचे
हैं। साली कुितया बहुत मजा देरही है। तूमौसी सेबोल २०० रूपयेमें लौड़ा चुसवानेदे
बाकी बाद में देदंगू ा !"
िपंटूबोला,"नो पैसा, नो मजा ! अब जाओ िफर बाद में आना लाइन में और लगेहैं !"
रंिडयों की मसलाई जोरों पर थी। दो रंिडयों की चूत में लौड़ा भी घुसा हुआ था उनके
कःटमर उनको सबके सामनेचोद रहेथे। मोनी के सेठ नेएक ५० की गड्डी िपंटूकी
तरफ बढ़ा दी और बोला,"साली की चूत चोदनी है !"
िपंटूनेएक कंडोम का पैकेट उसकी तरफ बढ़ा िदया और बोला,"लेसेठ १५ िमनट में
कुितया को िनपटा िदयो, वरना ५००० और देनेपड़ेंगे !"
सेठ नेअपना लौड़ा मोनी की चूत में िफट कर िदया और उसकी चुदाई शुरू कर दी।
मोनी सिहत तीन रंिडयाँडांस हाल में चुद रही थीं। ३ की मसलाई सोफों पर हो रही
थी। मैं काउंटर पर नंगी खड़ी थी। इतनी देर तक हाल में नंगी खड़ी होनेसेमेरी शमर्
िबलकुल ख़त्म हो गई थी। मैं अपनेको रंडी मान चुकी थी मेरा मन लौड़ा खानेको
कर रहा था। िपंटूनेमेरेमेरेचून्चों पर एक जोर का हाथ मारा और बोला,"अभी २०
िमनट और हैं, एक माहक को और िनपटाना है !"
मौसी वहींघूम रही थीं। उन्होंनेआकर एक केला मुझेपकड़ा िदया और बोली,"हल्के-
हल्के अपनी चूत पर िफरा और अपनेमुँह सेइशारेकर ! इस बार तेरा दाम २००० रु
सेऊपर लगना चािहए, समझी ! वरना एक और कु��ा तेरेऊपर चढ़वाना पड़ेगा !"
तभी आशा नाम की एक और रंडी काउंटर पर आकर खड़ी हो गई थी। हम दोनों केला
अपनी चूत पर िफरानेलगी और माहकों की तरफ देखकर चुम्मी फें कनेलगी। मैं अब
अपनेको मौसी की लोंडी मान चुकी थी। मेरेअन्दर उनकी बात टालनेकी िहम्मत
नहींथी। सामनेलड़िकयों की चूत में लौड़ेघुसेहुए थे। मेरी चूत बहुत जोरों से
खुिजया रही थी, मन कर रहा था िक अबकी बार मैं भी चुदं।ू नाचनेवाली लडिकयाँ
बार बार अपनी चूत में मोमब��ी डाल रही थी। मौसी मुःकरा रही थी और रोकी सेकह
रही थीं,"सभी रंिडयाँिबक चुकी हैं १-२ को छोड़कर। भोंसड़ी वािलयों के भी रेट आज
५०० सेउपर लग रहेहैं !"
तभी दो माहक हमारी तरफ आए। मौसी उन्हें लेकर आई थी। मौसी मुझसेबोली,"यह
छोटा खलील और उसके चेलेहैं, पूरेपूना का अन्डरवडर् देखतेहैं। तुम दोनों की चुदाई
और मसलाई दोनों करेंगे। १२ हज़ार देचुके है। चूत चुदवा और जम के मज़ा ले। ऐसा
मज़ा दबु ारा नहींिमलेगा।"
मेरेचूतड़ों पर हाथ फेरतेहुए िपंटूबोला,"तेरी चूत में बहुत खजु ली हो रही हैन ? जा
अभी यह िमटा देंगे। कुितया चल जा चुद और मिःतया !"
छोटा खलील और उसके साथी के साथ हम दोनों सोफों की तरफ बढ़ गईं। दो सोफे
पास पास खाली नहींथे। िपंटूनेएक माहक को उठाकर दसू री साइड में िबठा िदया।
खलील और उसका साथी पहलेभी कोठेपर आ चुके थे। दोनों नेपैन्ट खोल कर
अपनेलौड़ेहम दोनों के हाथ में पकड़ा िदए। थोड़ा मसलनेपर खलील का लौड़ा ८ इंच
लम्बा हो गया। खलील का लंड अच्छा मोटा था। खलील और उसके चेलेनेअच्छे
पैसेिदए थेइसिलए उन पर कोई रोक नहींथी। वो हमारी चूत भी बजा सकतेथे।
खलील मेरी चूत रगड़तेहुआ बोला,"हम पी कम्पनी के गडंु ेहैं अब तक ५६ आदिमयों
को िनपटा चुके हैं। कुितया तूनई आई लगती हैतेरी चूत तो बड़ी माल हैिबलकुल
घरेलूनई बहूकी तरह है। मेरी बीबी भी जब नई थी तो उसकी भी ऐसी ही मःत थी,
साली के अब तो ६ बच्चेहो गए हैं, घुसानेमें मजा ही नहींआता। आज मुझेकुछ
काम हैइसिलए आज तो तेरी चूत का ःवाद चख लेता हूँकल आकर पूरी रात बजाता
हूँ। इतनी हसींचूत तो बॉम्बेकी फाइव ःटार कॉल गल्सर् की भी नहींहोती है। ऐसी
चूत रोज़ रोज़ थोड़ेही िमलती हैतुझेचोदनेमें तो रंडी मज़ा आ जायेगा।"
खलील में काफी ताकत थी वो जोर जोर सेमेरेदधू और िनप्पल्स मसल रहा था और
चूत में ऊँगली कर रहा था उसका लौड़ा िबलकुल लोहेकी रोड की तरह तन गया था।
मुझेलौड़ा उमेठनेमें मज़ा आ रहा था और खलील के लंड सेमिःतया रही थी। मैंने
खलील के होटों पर अपनेहोठ रख िदए और चूसनेलगी थी। उसनेमेरी गांड पर
चुटकी काटी और बोला,"लेजरा लंड राज को चूस !"
मैं घोड़ी बन कर खलील का लंड चूसनेलगी। उसनेअपनी एक ऊँगली मेरी गांड में
डाल दी और आगेपीछेकरनेलगा। साथ ही साथ बुदबुदा रहा था,"कुितया तेरी गांड
तो लगता हैअभी तक मारी ही नहींगई, िबलकुल ताजा माल है।"
थोड़ी देर बाद उसनेमुझेहटा िदया और सोफे सेमुझेगोद में उठाया और िफर सोफे
पर पटक िदया और मेरी दोनों टांगें चौड़ी कर मेरेचूत के मुँह पर अपना लंड रख िदया
और मेरी दोनों चूिचयाँकस कस के मसलतेहुए अपना लंड एक झटके में मेरी चूत में
डाल िदया। मैं जोर सेिचल्ला उठी उईÉ,"मर गई … मर गई मर गई … छोड़ साले
कु��े ! चूत फट गई, बाहर िनकाल ! बहुत ददर् हो रहा है !"
शायद उसेइसमें मज़ा आया। उसनेमेरी चूत और जोर जोर सेफाड़नी जारी रखी।
मेरी बगल में आशा भी चुद रही थी। हाल में २० -२५ बाहर के लोग शो देख रहेथे। वो
रंिडयों का ब्लूडांस कम हमारी चुदाई देखनेका आनंद ज्यादा लेरहेथे। ३-४ धक्कों
के बाद मुझेचुदनेका मज़ा आनेलगा। अभी खलील ने१०-१२ धक्के ही मारेथेिक
आवाज़ आई,"मैं हूँडॉनÉ मैं हूँडॉनÉ"
खलील का फ़ोन बजा था। वो एकदम सेघबरा उठा और फ़ोन उठा कर िघघयातेहुए
बोला,"जी साहब जी साहब अभी आता हूँसाहब …"
उसनेऔर उसके चेल नेअपनेलंड बाहर खींच िलए बोला,"गुरु क्या बात है?
खलील बोला,"पी साहब का फ़ोन था अभी चलना हैएक को िनपटाना है !"
खलील का लंड िबल्कुल डाउन हो गया था, शायद पी साहब का डर बोल रहा था। वो
दोनों तेजी सेबाहर िनकल गए मेरी चूत में वो एक आग लगा गया था।
खलील और उसके चेलेचलेगए थेशो ख़त्म हो गया था। उनके जानेके बाद एक
मुःटंडा परदेके पीछेसेआया और हमें मौसी के कमरेमें लेगया। मौसी दारू पी रही
थी, मौसी बोली,"अरेबड़ी जल्दी बाहर आ गईं? क्या हुआ चुदी नहींक्या?"
सीमा बोली,"सालेलंड छुला कर भाग गए, उनके साहब का फ़ोन आ गया था !"
मौसी बोली,"तुम दोनों नंगी बहुत संुदर लग रही हो ! थोड़ा ऊपर वालेहाल में मटक
लो। २-४ रंिडयाँबच रही हैं वो भी उठ जाएँगी। यह लो पतली लाल साड़ी पहन ले,
इसमें सेजब तेरी चूिचयाँचमकें गी तो ढेर नोट िगरेंगेतेरेऊपर !"
मौसी एक मुःटंडेकी तरफ इशारा कर के िफर बोली,"अरेकालू, जरा इन दोनों को
ऊपर नचा !"
मेरी गांड पर चुटकी काटतेहुऐ मौसी बोली,"जा ! जरा मःत होकर मटक। बड़ा मज़ा
आएगा !"
कालूमुःटंडा हम दोनों को ऊपर लेगया। आशा बोली,"डर नहीं, जैसेमैं करुँ वैसेकर
! कमर और ःतन मटका। बड़ा मज़ा आएगा और रुिकयो नहीं, वनार् सालेमुःटंडेगांड
के अंदर िसगरेट बुझा देतेहैं।"
मैं सोच चुकी थी िक अब रंडी बननेमें ही भलाई है। तीन चार रंिडयाँवहांपर पहलेसे
ही मटक रही थीं। धीर धीरेमैं भी अपनेचूतड़ और चूिचयाँिहलानेलगी कभी नीचे
झुककर कभी साड़ी का पल्लूिगरा कर मैं माहकों को अपनेदधू ों के दशनर् करा रही
थी। मेरेऊपर कुछ नोट १०-१० के िगरे। मैं अब जोर जोर सेअपनेचूतड़ िहला रही
थी। मेरा पल्लूनीचेिगर गया था मेरी नंगी चूिचयाँअब जोरों सेिहल रही थीं। वहां
खड़ेसभी माहक मेरेपर नोट फ़ें क रहेथे। एक मुःटंडेनेपीछेसेआकर मेरी चूिचयाँ
मसली और गोद में उठाकर जाँघों तक मेरी साड़ी उठा दी और माहकों के मुँह के
सामनेमेरी चूत खोल के रख दी। मेरी चूत का दीदार अब सामनेखड़े५- ६ माहक कर
रहेथे। उन्होंनेमेरेऊपर १०-१२ नोट फें क िदए। थोड़ी देर में गानेचलनेबंद हो गए।
सभी रंिडयाँधंधेपर लग चुकी थीं। नाचनेवाली ३-४ रंिडयाँकोनेमें जाकर बैठ गईं।
मुझेपता चल गया था िक यहाँसब लड़िकयाँमौसी की कुितया हैं इस सेज्यादा कुछ
नहीं। मौसी हाल में आयींऔर बोली,"िपंटू, मोनी और इसेमेरेकमरेमें पहुंचा ! बाकी
बची हुई नाचनेवािलयों को धंधेपर लगा दे !"
रात के ११ बज़ रहेथे। मौसी के कमरेमें ए. सी. चल रहा था मैं और मोनी वहांएक
नेकर पहन कर बैठ गई। मौसी आई और वहांलेट गई और हमें अगल बगल में
िचपका कर िलटा मेरेचूतड़ों पर हाथ लगा कर बोली,"अब चुदनेको तैयार हो जा !"
मौसी नेफ़ोन उठाया और बोली,"मोंटी साहब कैसेहो ? कब आ रहेहो? नई रंडी आई
हैइसकी चूत का उदघाटन करवाना है। मोनी कुितया भी तुम्हारा लौड़ा खानेको
बेताब हो रही है !"
कुछ देर बात हुई िफर मौसी नेफ़ोन रख िदया और बोली,"मोंटी साहब आधेघंटेमें
आ रहेहैं, चोद चोद कर तुझेमःत कर देंगे। चल ! तब तक तूमेरी चूत में यह मोटा
केला कर और मोनी मेरी चूिचयाँसहलाएगी !"
मौसी नेमेरेहाथ में एक १० इंच लम्बा और ४ इंच मोटा केला पकड़ा िदया। मौसी की
चूत भोंसड़ा हो रही थी। उनकी चूत में केला िबलकुल िफट बैठ रहा था। मैंनेमौसी की
चूत में केला आगेपीछेकरना शुरू कर िदया। मोनी उनकी चूिचयाँदबा रही थी।
मौसी हल्की हल्की िसःकािरयाँलेनेलगी थी।
मौसी के कमरेमें कुछ हल्लेकी आवाज़ सी सुनाई दी। मौसी नेराजूको बुलाया और
पूछा,"क्या बात है? हल्ला क्यों हो रहा है?"
राजूबोला,"येसीमा है, साली िबकी तो १००० में है, माहक गांड मारना चाह रहा हैतो
लड़ रही है।"
मौसी बोली,"कुितया, एक तो सही रेट पर िबक नहींरही, ऊपर सेआज साली के रेट
ठीक लगेहैं तो कोठेका माहौल ख़राब करती है। तूऐसा कर पहलेमाहक को बुला,
िफर कुितया को नंगी करके भेज और सामनेसीमा बाई के कोठेसेहब्शी को बुला ले।
आज साली की गांड हब्शी सेफड़वाती हूँ !"
राजूनेमाहक को अंदर भेज िदया। मैं और मोनी मौसी की चूत में केला कर रहेथे।
सामनेमौसी चूत चोड़ी कर के लेटी हुई थींमाहक को देख कर मैं रूक गई। मौसी
बोली,,"कुितया रुक क्यों गई अपना काम जारी रख।"
मौसी माहक सेबोली,"अरेसाहब क्यों नाराज हो रहेहो ? मेरेकोठेपर चुदाई का मज़ा
न िमलेऐसा हो ही नहींसकता। टॉप की रंडी दँगू ी, िबलकुल ृी। दोनों छेद फाड़ िदयो
कुितया के।"
मौसी नेराजूसेपूछा,"कोई लोंिडया खाली हुई या नहीं?"
राजूबोला,"शोभा खाली हैइस समय !"
मौसी नेकहा,"शोभा को इसेसौंप और उससेकहना िक मौसी के ःपेशल माहक हैं,
पूरेमजेदेना है, जैसेयेचाहें। चल राजा जा मजेकर और राजूतूसीमा को नंगी कर
के मेरेपास भेज इस को मजा मैं चखाती हूँ।"
राजूऔर िपंटूसीमा को लेआया। सीमा पूरी नंगी थी। मौसी नेहम दोनों को हटाया।
मौसी उठी और उन्होंनेसीमा के गाल पर तीन चार थप्पड़ जड़ िदए और उसेधक्का
देकर नीचेिगरा िदया उसके चूतड़ों पर ४-५ लातें मारी। मौसी िचल्ला रही
थी,"हरािमन रंडी हैतू, सारेछेदों में लंड खाना पड़ेगा तुझेकुितया ! गांड मरवानेमें
नखरेकरती है। आज तेरी इतनी गांड फड़वाती हूँिक तूिजन्दगी भर याद रखेगी !"
सीमा रो रही थी। मौसी मेरी और मोनी की तरफ देखकर बोली,"तुम दोनों राजूऔर
िपंटूके लौड़ेचूस कर खड़ेकरो इस की गांड में घुसवाउंगी। साली िहरोइन बनती है !"
मौसी लकड़ी के डंडेसेसीमा को पीट रही थी। मौसी नेउसके बाल खींचेऔर
बोली,"चल घोड़ी बन। तेरी गांड में लंड डलवाती हूँ !"
सीमा डर के घोड़ी बन गई। मौसी नेउसकी गांड पर ढेर सारा थूक डाल िदया। मौसी
के भयानक रूप सेमैं भी डरी हुई थी और राजूका डर कर लपालप लौड़ा चूसेजा रही
थी। मौसी नेराजूको इशारा िकया और बोली इसकी गांड का छेद चोड़ा कर िफर
हब्शी आ रहा हैउससेफड़वाती हूँ। राजूनेमेरेमँुह सेलौड़ा िनकला और घोड़ी बनी
हुई सीमा की गांड पर लगा िदया और उसकी गांड में अपना मोटा नंगा लंड लगाकर
जोर सेझटका िदया। आधा लंड गांड में घुस गया। सीमा जोर सेिचल्ला उठी,"मर
गई ! उई मर गई ! छोड़ कु��ेछोड़ ! मुझेमत चोद !" लेिकन राजूनेजोर सेलंड उसमें
पूरा ठोंक िदया और अपनेलंड को तेजी सेउसकी गांड में आगेपीछेकरनेलग रहा
था।
थोड़ा िचल्लानेके बाद सीमा िससकारी लेती हुई गांड मरवानेलगी । सीमा की
िसःकािरयाँिनकल रही थीं। मौसी नेराजूसेकहा तूअब लंड िनकाल और इसकी
गांड वाला लंड इसके मुँह में डाल। सीमा के मुँह पर लेजाकर राजूनेअपना लंड रख
िदया लेिकन सीमा मुँह नहींखोल रही थी। मौसी नेिपंटूके मुँह सेिसगरेट लेकर
सीमा की गांड में छुला दी बोली,"कुितया तेरी जसै ेहजारों मैंनेरंडी बना दींऔर तू
िहरोइन बन रही? चुपचाप लंड चूस ! वरना तेजाब सेमँुह और जला दँगू ी !"
सीमा के चीखनेकी आवाज़ नीचेगली तक गई होगी। उसनेमुँह खोल के राजूका लंड
मुँह में लेिलया और चूसनेलगी। इस बीच मौसी नेिपंटूको सीमा की गांड मारनेका
आदेश देिदया। िपंटूएक वफादर कु��ेकी तरह सीमा की गांड मारनेलगा।
सीमा की गांड का ठुकना जारी था तभी एक अृीकन हब्शी कमरेमें आया। मौसी ने
हब्शी को अपनी बाँहों में लेिलया और बोली," राजा मेरेकोबरा ! आज तूइस कुितया
सीमा को बजा ! साली रंडी मेरा कहना नहींमानती।"
मेरी तरफ देखकर मौसी मुझसेबोली," कुितया, जरा मेरेकोबरा का लौड़ा चूस !"
हब्शी का नाम कोबरा था। उसनेअपनी पैन्ट उतार दी। नीचेकुछ पहन नहींरखा था।
उसका ठंडा लौड़ा भी ६ इंच लम्बा होगा पूरा काला लंड था। मैं मौसी का भयानक रूप
देखकर बहुत डरी हुई थी। मैंनेझुककर कोबरा का लौड़ा अपनेमँुह में डाल िलया और
उसेआगेपीछेमुँह कर के चूसनेलगी। थोड़ी देर में ही लंड नेबड़ा िवकराल रूप ले
िलया वो बहुत लम्बा हो गया था और ४ इंच सेजयादा मोटा हो रहा था। मेरा मँुह लंड
सेबुरी तरह भर गया था। लंड १० इंच सेऊपर लम्बा हो रहा था। पूरा मेरेमुँह में नहीं
आ रहा था। कोबरा मेरेचूतड़ दबा रहा था। मुझसेबोला- ऊपर ऊपर चूस तूकुितया
बहुत िचकनी है, तेरा माल िबलकुल ताजा है। कोबरा का लंड ११ इंच लम्बा और ५
इंच मोटा होगा। मैं यह सोच कर काँप रही थी िक अगर इस हब्शी का लंड मेरी चूत में
घुस गया तो मैं तो मर ही जाउंगी ।
मौसी नेकोबरा को बुला िलया और बोली इस सीमा की चूत और गांड बजा ! साली
को बताती हूँरंडी क्या होती है। मौसी नेिपंटूको हटा िदया और सीमा को सीधा खड़ा
कर िदया। सीमा की आँखों के आगेहब्शी का ूचंड लंड लहरा रहा था।
मौसी मुःकरातेहुए बोली,"घुसवानेके िलए तैयार हो जा ! पूरे२० िदन में तूने
२०००० भी कमा के नहींिदए। सोच रही होगी २-३ िदन में दसू रेकोठेपर भाग
जायेगी। कुितया मौसी के कोठेपर धंधा न करनेऔर माहकों को तंग करनेका मज़ा
चखाती हूँ।"
सीमा मौसी के पैरों पर िगर गई," मौसी मुझेमाफ़ करो, मुझेछोड़ दो ! जैसा तुम
कहोगी वैसा करूंगी।"
मौसी कुिटलता सेमुःकरा रही थी। हब्शी नेपीछेआकर सीमा की चूत में लौड़ा लगा
िदया और एक झटके में लौड़ा ३-४ इंच घुसा िदया। सीमा जोर सेिचल्ला उठी- उई
मर गईÉ मर गईÉ मर गई।
लेिकन हब्शी और मौसी मुःकरा रहेथे। हब्शी नेजोर सेझटका मारा और लंड ८-९
इंच अंदर पेल िदया सीमा के चीखनेकी आवाजें तेज हो गई, वो िचल्ला रही थी," मर
गई, मर गई, उई मत चोदो राजा ! लौड़ा िनकालो ! फट गई फट गई उई उई !!!! बहुत
ददर् हो रहा हैछोड़ो ! मुझेछोड़ो! मुझेमत चोदो मर गई मर गई बहुत ददर् हो रहा है।"
मौसी नेमेरेचूतड़ों पर हाथ मारा और बोली,"साली की जब गांड फटेगी तब देिखयो
कैसेरोती हैअभी तो चुद रही हैतब इतना िचल्ला रही है !"
हब्शी नेकस कर सीमा की कमर पकड़ रखी थी और उसको बुरी तरह सेठोंके जा रहा
था। मौसी बोली,"कोबरा, कुितया की गांड़ मार ! आज इस हरािमन की चूत और गांड
दोनों का भोंसड़ा करवा के ही छोडूंगी।"
हब्शी नेलंड बाहर खींच िलया और उसकी गांड पर लंड रख िदया सीमा िचल्ला उठी-
नहींमौसी ! मुझेछोड़ दो नहींÉ नहीं। लेिकन रंडी कब तक खैर मनाएगी और आज
साली का िदन ख़राब था। हब्शी ने३ इंच लंड उसकी गांड में घुसा िदया और उसकी
चूिचयाँकस कस कर मसल दीं। कोबरा पूरा गरम हो रहा था उसनेगांड पर कस कर
झटका मारा और अपना लंड और अंदर उसकी गांड में घुसा िदया। सीमा िचल्ला रही
थी, अभी कोबरा अपना आधा लंड अंदर डाल कर ही सीमा की गांड मार रहा था।
सीमा की ददर् भरी आवाज़ कमरेमें गूँज रही थी। मुझेपता चल गया था िक औरत के
िलए रंडी सबसेबड़ी गाली क्यों होती है.. मुझेसीमा पर दया आ रही थी लेिकन डर के
मारेमैं कुछ नहींकह पा रही थी।
कुछ देर बाद मौसी नेहब्शी सेकहा,"अब इसेछोड़ दे ! अब येकभी माहक से
बद्तमीजी नहींकरेगी।"
सीमा ददर् सेजमीन पर लेट गई। मौसी िपंटूसेबोली,"साली को बाहर खिटया पर
डाल देऔर हकीम को बुलाकर इसकी गांड पर लेप लगवा िदयो ! कुितया साली
िहरोइन बन रही थी।"
हब्शी का लंड लोहेकी रॉड की तरह ११ इंच लम्बा खड़ा हुआ था। मौसी हब्शी सेबोली-
थोड़ा हमारी इस नई कुितया की चूत और गांड पर अपना लंड िफरा दे। मैं डर गई मैं
बोली,"नहींमौसी नहीं ! मेरी चूत में इस राक्षस का लंड मत डलवाओ ! मैं मर जाउंगी
!"
मौसी मेरेचूतड़ों पर हाथ फेरती हुई बोली,"तुझेमरनेथोड़ी दँगू ी ! तूतो दधू देनेवाली
गाय है, अभी तो तुझेचुदनेके िलए भी बैठाना है ! चल जरा झुक तो, बड़ा मजा
आएगा !"
मैं डर के मारेझुक नहींपा रही थी। मौसी नेवहांपड़ी एक लकड़ी उठाई और जोरों से
मेरेचु��ड़ों पर मारी और गुरार्कर बोली,"कुितया घोड़ी बनती हैया नहीं?"
हब्शी मुःकरा रहा था। मैं मौसी के डर सेझुक गई। मेरा बदन पूरा पसीनेपसीनेहो
रहा था। हब्शी नेपीछेसेआकर मेरी चूिचयाँअपनेहाथों मैं पकड़ लींऔर धीरेधीरे
मसलनेलगा। उसका मोटा लंड मेरी चूत पर िफर रहा था। उसनेआधा इंच लंड का
सुपाड़ा मेरी चूत में घुसा िदया। मेरी आँखों के आगेतारेघूम गए। मैं जोर सेिचल्ला
उठी,"उई उईÉ. उई मर गईÉ. मर गईÉ.."
मौसी नेहब्शी को उठा िदया और बोली- साली की फट गई तो रेट अच्छेनहींिमलेंगे
! तूऐसा कर, इसकी गांड पर लंड िफरा। हब्शी अपनेहाथ सेलंड पकड़ कर मेरी गांड
में िफरानेलगा अचानक सेमेरी गांड में कुछ घुसा, मैं जोर सेिचल्ला उठी- उई मेरी
फट गई। सब लोग जोरों सेहंस पड़े, मौसी बोली,"कुितया चल उठ !"
मैंनेउठकर देखा तो मौसी एक पतली मोमब��ी िलए खड़ी थींिजसेउन्होंनेमेरी गांड
में डाल िदया था। मौसी बोली,"अब असली धंधेके िलए तैयार हो जा रंडी। तुझेमैं
खास माहकों सेचुदवाऊँगी ! अगर नखरेिकयेतो हब्शी का लंड सीमा की तरह तेरी
गांड और चूत में घुसेगा !"
मैं समझ गई िक मौसी नेयह नाटक इसिलए िकया था तािक मैं अब चुदतेसमय
नखरेन करुँ।
मौसी बोली- कोबरा मेरेराजा ! थोड़ा मुझेचोद दे ! अब तो बस तेरेलौड़ेसेही चुदवाने
में मजा आता है। मौसी पलंग पर लेट गई और अपनी दोनों टाँगें फ़ैला दीं। मौसी की
चूत अंदर तक खुली िदख रही थी। हब्शी नेआगेबढ़कर अपना लौड़ा मौसी की चूत
में पेल िदया और मौसी को चोदना शरू कर िदया। कोबरा का लंड इतना तगड़ा था िक
मौसी भी हलके हलके िससकारी लेरही थींऔर िचल्ला रही थी," राजा मजा आ गया
! और चोद जोरों सेचोद मेरेशेर ! तेरेसेही चुदनेमें मजा आता हैअब ! चोद ! मादर
चोद चोद ! बहुत मजा आ रहा है।"
मैं और मोनी मौसी की साइड में लेटकर मौसी के बूब्स दबा रहेथे। कोबरा १५ िमनट
तक मौसी की चूत चोदता रहा। मौसी बोली,"राजा, अपनेलंड का रस मेरेमुँह में
िपलािययो ! क्या मःत लौड़ा हैतेरा कु��े !"
हब्शी मौसी को जोर जोर सेधक्के मार रहा था कुछ देर बाद हब्शी नेअपना लौड़ा
िनकाल िलया और मौसी के मुँह पर जाकर दो झटके मारे, मौसी नेपूरा मुँह खोल
िदया, हब्शी के गाढ़ेवीयर् नेमौसी के मुँह को पूरा भर िदया। मौसी नेइशारेसेकोबरा
को मेरेऔर मोनी के मुँह में भी लंड रस डालनेको कहा।
हम दोनों मौसी की कुितया थी ही। मैंनेऔर मोनी नेअपनेमुँह खोल िदए। कोबरा ने
मेरेऔर मोनी के मुँह भी अपनेवीयर् सेभर िदए। मौसी लपालप उसका पूरा रस पी
गई। मैंनेऔर मोनी नेलंड रस िमल्क शेक की तरह मुँह में लेिलया। मुझेहब्शी के
लौड़ेका रस बहुत ःवािद�� लगा। इसके बाद मौसी नेअपनेचेहरेपर िगरा हुआ रस
भी हम दोनों सेचटवाया।
मौसी उठी और हब्शी को गलेसेलगा कर बोली- राजा तूनेमःत कर िदया ! और
उन्होंनेअपनेपलंग के नीचेसेिनकाल कर १००० रु हब्शी को पकड़ा िदए और बोली-
लेराजा तेरा इनाम !
हब्शी बोला- मौसी गांड तो नहींमरवानी?
तो मौसी बोली,"कु��े, मौसी सेमजाक मत करा कर ! वनार् सालेचरस जेब में डाले
घूमता रहता है, अभी जेल में डलवा दँगू ी !"
कोबरा मौसी के पैरों में िगर पड़ा और बोला,"मौसी मुझेमाफ़ करना, तूतो मेरी माँ
जैसी है।"
मौसी कुिटल मुःकराहट सेबोली,"मादरचोद ! अब तूचुपचाप यहाँसेचला जा !"
थोड़ी देर बाद राजूअंदर आया और बोला- मौसी मोंटी साहब आ गए हैं, ऊपर कमरेमें
बैठेहैं।
मौसी बोली,"चल अब चुदनेको तैयार हो जा ! अभी १२ बजनेको हैं अब पूरी रात
चुदवाईयो। बहुत अच्छी चूत बजातेहैं मोंटी साहब।"
मौसी नेएक ट्यूब िनकल कर मेरी चूत में डालकर िपचका दी और बोली,"चल उलटी
हो एक तेरी गांड में िपचका देती हूँ, चुदनेमें ददर् कम होगा।"
मौसी नेमुझेउल्टा िकया और दसू री ट्यूब मेरी गांड के अदं र डालकर िपचका दी और
अपनी उँगिलयों सेमेरेदोनों छेदों की मािलश कर दी। मुझेऔर मोनी को एक एक
पतली मैक्सी पहना दींऔर बोली,"चलो अब अपनेसेठों के पास जैसा मैंनेबताया है
वैसा करोगी तो मज़ेकरोगी नहींतो दोनों के चूतड़ मार मार कर लाल कर दँगू ी और
हब्शी का लंड तुम दोनों की गांड और चूत में डलवाऊँगी !"
सािथयों ! मौसी नेमुझेकोठेकी रंडी बना िदया। आपकी प्यारी ने चूत और गांड फ़डवा कर भोसड़ी बना दी।
हालांिक यह कहानी काल्पिनक हैपर मुझेयकीन हैआपको जरुर पसंद आई होगी।
आपको यह कहानी कैसी लगी मेल करें।
एक खड़ेलंड की करतूत
"अच्छा चलो एक बात बताओ िजस माली नेपेड़ लगाया हैक्या उसेउस पेड़ के फल
खानेका हक नहींहोना चािहए ? या िजस िकसान नेइतनेप्यार सेफसल तैयार की
हैउसेउसके के अनाज को खानेका हक नहींहोना चािहए ? अब अगर मैं अपनी बेटी
को चोदना चाहता हूंतो क्या गलत है ?"
…. इसी कहानी से
मेरा एक ई-िमऽ हैतरुण ! बस ऐसेही जान पहचान हो गई थी। वो मेरी कहािनयों का
बड़ा ूशंसक था। उसेिकसी लड़की को पटानेके टोटके पता करनेथे। एक िदन जब
मैं अपनेमेल्स चेक कर रहा था तो उस सेचाट पर बात हुई थी। िफर तो बातों ये
िसलसला चल ही पड़ा। यह कहानी उसके साथ हुई बातों पर आधािरत है। लीिजये
उसकी जबानी सुिनए :
दोःतों मेरा नाम तरुण है। 20 साल का हूँ। कॉलेज में पढता हूँ। िपछलेसाल गिमयर् ों
की छुिट्टयों में मैं अपनेनािनहाल अमतृ सर घूमनेगया हुआ था। मेरेमामा का छोटा
सा पिरवार है। मेरेमामाजी रुःतम सेठ 45 साल के हैं और मामी सिवता 42 के
अलावा उनकी एक बेटी हैकिनका 18 साल की। मःत क़यामत बन गई हैअब तो
अच्छे-अच्छो का पानी िनकल जाता हैउसेदेख कर। वो भी अब मोहल्लेके लौंडे
लपाडों को देख कर नैन मट्टका करनेलगी है।
एक बात खास तौर पर बताना चाहूँगा िक मेरेनानाजी का पिरवार लाहोर से
अमृतसर 1947 में आया था और यहाँआकर बस गया। पहलेतो सजी की छोटी सी
दकू ान ही थी पर अब तो काम कर िलए हैं। खालसा कॉलेज के सामनेएक जनरल
ःटोर हैिजसमें पिलक टेलीफ़ोन, कंप्यूटर और नेट आिद की सुिवधा भी है। साथ में
जसू बार और फलों की दकू ान भी है। अपना दो मंिजला मकान हैऔर घर में सब
आराम है। िकसी चीज की कोई कमी नहींहै। आदमी को और क्या चािहए। रोटी
कपड़ा और मकान के अलावा तो बस सेक्स की जरुरत रह जाती है।
मैं बचपन सेही बहुत शमला रहा हूँमुझेअभी तक सेक्स का यादा अनुभव नहीं
था। बस एक बार बचपन में मेरेचाचा नेमेरी गांड मारी थी। जब सेजवान हुआ था
अपनेलंड को हाथ में िलए ही घूम रहा था। कभी कभार नेट पर सेक्सी कहािनयांपढ़
लेता था और लूिफल्म भी देख लेता था। सच पूछो तो मैं िकसी लड़की या औरत को
चोदनेके िलए मरा ही जा रहा था। मामाजी और मामी को कई बार रात में चुदाई
करतेदेखा था। वाहÉ 42 साल की उॆ में भी मेरी मामी सिवता एक दम जवान
पट्ठी ही लगती है। लयब तरीके सेिहलतेमोटेमोटेिनतम्ब और गोल गोल ःतन
तो देखनेवालों पर िबजिलयाँही िगरा देतेहैं। यादातर वो सलवार और कुरता ही
पहनती हैपर कभी कभार जब काली साड़ी और कसा हुआ लाउज पहनती हैतो
उसकी लचकती कमर और गहरी नािभ देखकर तो कई मनचलेसीटी बजानेलगते
हैं। लेिकन दो दो चूतों के होतेहुए भी मैं अब तक प्यासा ही था।
जून का महीना था। सभी लोग छत पर सोया करतेथे। रात के कोई दो बजेहोंगे। मेरी
अचानक आँख खुली तो मैंनेदेखा मामा और मामी दोनों ही नहींहैं। किनका बगल में
लेटी हुई है। मैं नीचेपेशाब करनेचला गया। पेशाब करनेके बाद जब मैं वापस आने
लगा तो मैंनेदेखा मामा और मामी के कमरेकी लाईट जल रही है। मैं पहलेतो कुछ
समझा नहींपर हाईई ओह … या … उईई … की हलकी हलकी आवाज नेमुझे
िखड़की सेझांकनेको मजबूर कर िदया। िखड़की का पदार् थोड़ा सा हटा हुआ था।
अन्दर का दृँय देख कर तो मैं जड़ ही हो गया। मामा और मामी दोनों नंगेबेड पर
अपनी रात रंगीन कर रहेथे। मामा नीचेलेटेथेऔर मामी उनके ऊपर बैठी थी।
मामा का लंड मामी की चूत में घुसा हुआ था और वो मामा के सीनेपर हाथ रख कर
धीरेधीरेधक्के लगा रही थी और आहÉ उन्हÉ। या … की आवाजें िनकाल रही थी।
उसके मोटेमोटेिनतम्ब तो ऊपर नीचेहोतेऐसेलग रहेथेजैसेकोई फ़ुटबाल को
िकक मार रहा हो। उनकी चूत पर उगी काली काली झांटों का झुरमुट तो िकसी
मधुमक्खी के छेजैसा था।
वो दोनों ही चुदाई में मग्न थे। कोई 8-10 िमनट तक तो इसी तरह चुदाई चली होगी।
पता नहींकब सेलगेथे। िफर मामी की रफ्तार तेज होती चली गई और एक जोर की
सीत्कार करतेहुए वो ढीली पड़ गई और मामा पर ही पसर गई। मामा नेउसेकस
कर बाहों में जकड़ िलया और जोर सेमामी के होंठ चूम िलए।
"सिवता डािलग ! एक बात बोलूं ?"
"क्या ? "
"तुम्हारी चूत अब बहुत ढीली हो गई हैिबलकुल मजा नहींआता ?"
"तुम गांड भी तो मार लेतेहो वो तो अभी भी टाइट हैना ?"
"ओह तुम नहींसमझी ?"
"बताओ ना ?"
"वो तुम्हारी बहन बिबता की चूत और गांड दोनों ही बड़ी मःत थी ? और तुम्हारी
भाभी जया तो तुम्हारी ही उॆ की हैपर क्या टाइट चूत हैसाली की ? मज़ा ही आ
जाता हैचोद कर"
"तो येकहो ना िक मुझ सेजी भर गया हैतुम्हारा ?"
"अरेनहींसिवता रानी ऐसी बात नहींहैदरअसल मैं सोच रहा था िक तुम्हारेछोटे
वालेभाई की बीवी बड़ी मःत है। उसेचोदनेको जी करता है ?"
"पर उसकी तो अभी नई नई शादी हुई हैवो भला कैसेतैयार होगी ? "
"तुम चाहो तो सब हो सकता है ?"
"वो कैसे ?"
"तुम अपनेबड़ेभाई सेतो पता नहींिकतनी बार चुदवा चुकी हो अब छोटेसेभी
चुदवा लो और मैं भी उस क़यामत को एक बार चोद कर िनहाल हो जाऊं !"
"बात तो तुम ठीक कह रहेहो, पर अिवनाश नहींमानेगा ?"
"क्यों ?"
"उसेमेरी इस चुदी चुदाई भोसड़ी में भला क्या मज़ा आएगा ?"
"ओह तुम भी एक नंबर की फुूहो ! उसेकिनका का लालच देदो ना ?"
"किनका … ? अरेनहीं. वो अभी बच्ची है !"
"अरेबच्ची कहाँहै ! पूरेअट्ठारह साल की तो हो गई है ? तुम्हें अपनी याद नहींहै
क्या ? तुम तो केवल सोलह साल की ही थी जब हमारी शादी हुई थी और मैंनेतो
सुहागरात में ही तुम्हारी गांड भी मार ली थी !"
"हाँयेतो सच हैपर …."
"पर क्या ?"
"मुझेभी तो जवान लंड चािहए ना ? तुम तो बस नई नई चूतों के पीछेपड़ेरहतेहो
मेरा तो जरा भी ख़याल नहींहैतुम्हें ?"
"अरेतुमनेभी तो अपनेजीजा और भाई सेचुदवाया था ना और गांड भी तो मरवाई
थी ना ?"
"पर वो नए कहाँथेमुझेभी नया और ताजा लंड चािहए बस कह िदया ?"
"ओहÉ तुम तरुण को क्यों नहींतैयार कर लेती ? तुम उसके मज़ेलो और मैं किनका
की सील तोड़नेका मजा लेलूँगा !"
"पर वो मेरेसगेभाई की औलाद हैं क्या यह ठीक रहेगा ?"
"क्यों इसमें क्या बुराई है ?"
"पर वोÉ नहीं ..। मुझेऐसा करना अच्छा नहींलगता !"
"अच्छा चलो एक बात बताओ िजस माली नेपेड़ लगाया हैक्या उसेउस पेड़ के फल
खानेका हक नहींहोना चािहए ? या िजस िकसान नेइतनेप्यार सेफसल तैयार की
हैउसेउस फसल के अनाज को खानेका हक नहींिमलना चािहए ? अब अगर मैं
अपनी इस बेटी को चोदना चाहता हूँतो इसमें क्या गलत है ? "
"ओह तुम भी एक नंबर के ठरकी हो। अच्छा ठीक हैबाद में सोचेंगे ?"
और िफर मामी नेमामा का मुरझाया लंड अपनेमुंह में भर िलया और चूसनेलगी।
मैं उनकी बातें सुनकर इतना उेिजत हो गया था िक मुट्ठ मारनेके अलावा मेरेपास
अब कोई और राःता नहींबचा था। मैं अपना 7 इंच का लंड हाथ में िलए बाथ रूम की
ओर बढ़ गया। िफर मुझेख़याल आया किनका ऊपर अकेली है। किनका की ओर
ध्यान जातेही मेरा लंड तो जैसेछलांगें ही लगानेलगा। मैं दौड़ कर छत पर चला
आया।
किनका बेसुध हुई सोई थी। उसनेपीलेरंग की ःकटर् पहन रखी थी और अपनी एक
टांग मोड़ेकरवट िलए सोई थी। ःकटर् थोड़ी सी ऊपर उठी थी। उसकी पतली सी पेंटी
में फ़सी उसकी चूत का चीरा तो साफ़ नजर आ रहा था। पेंटी उसकी चूत की दरार में
घुसी हुई थी और चूत के छेद वाली जगह गीली हुई थी। उसकी गोरी गोरी मोटी जांघें
देख कर तो मेरा जी करनेलगा िक अभी उसकी कुलबुलाती चूत में अपना लंड डाल
ही दँ।ू
मैं उसके पास बैठ गया। और उसकी जाँघों पर हाथ फेरनेलगा। वाह.. क्या मःत
मुलायम संग-ए-मरमर सी नाज़ुक जांघें थी। मैंनेधीरेसेपेंटी के ऊपर सेही उसकी
चूत पर अंगुली िफराई। वो तो पहलेसेही गीली थी। आह … मेरी अंगुली भी भीग सी
गई। मैंनेउस अंगुली को पहलेअपनी नाक सेसूंघा। वाह क्या मादक महक थी।
कच्चेनािरयल जैसी जवान चूत के रस की मादक महक तो मुझेअन्दर तक मःत
कर गई। मैंनेअंगुली को अपनेमुंह में लेिलया। कुछ खट्टा और नमकीन सा
िलजिलजा सा वो रस तो बड़ा ही मजेदार था।
मैं अपनेआप को कैसेरोक पाता। मैंनेएक चुम्बन उसकी जाँघों पर लेही िलया। वो
थोडा सा कुनमुनाई पर जगी नहीं। अब मैंनेउसके उरोज देखे। वह क्या गोल गोल
अमरुद थे। मैंनेकई बार उसेनहातेहुए नंगा देखा था। पहलेतो इनका आकार नींबू
िजतना ही था पर अब तो संतरेनहींतो अमरुद तो जरूर बन गए हैं। गोरेगोरेगाल
चाँद की रोशनी में चमक रहेथे। मैंनेएक चुम्बन उन पर भी लेिलया। मेरेहोंठों का
ःपशर् पातेही किनका जग गई और अपनी आखँ ों को मलतेहुए उठ बैठी।
"क्या कर रहेहो भाई?" उसनेउिनन्दी आँखों सेमुझेघूरा।
"वो. वोÉ मैं तो प्यार कर रहा था ?"
"पर ऐसेकोई रात को प्यार करता हैक्या ? "
"प्यार तो रात को ही िकया जाता है ?" मैंनेिहम्मत करके कह ही िदया।
उसके समझ में पता नहींआया या नहीं। िफर मैंनेकहा,"किनका एक मजेदार खेल
देखोगी ?"
"क्या ?" उसनेहैरानी सेमेरी और देखा।
"आओ मेरेसाथ !" मैंनेउसका बाजूपकड़ा और सीिढ़यों सेनीचेलेआया और हम
िबना कोई आवाज िकयेउसी िखड़की के पास आ गए। अन्दर का दृँय देख कर तो
किनका की आँखें फटी की फटी ही रह गई। अगर मैंनेजल्दी सेउसका मुंह अपनी
हथेली सेनहींढक िदया होता तो उसकी चीख ही िनकल जाती। मैंनेउसेइशारेसेचुप
रहनेको कहा। वो हैरान हुई अन्दर देखनेलगी।
मामी घोड़ी बनी फशर् पर खड़ी थी और अपनेहाथ बेड पर रखेथे। उनका िसर बेड पर
था और िनतम्ब हवा में थे। मामा उसके पीछेउसकी कमर पकड़ कर धक्के लगा रहे
थे। उन 8 इंच का लंड मामी की गांड में ऐसेजा रहा था जैसेकोई िपःटन अन्दर बाहर
आ जा रहा हो। मामा उनके िनतम्बों पर थपकी लगा रहेथे। जैसेही वो थपकी लगाते
तो िनतम्ब िहलनेलगतेऔर उसके साथ ही मामी की सीत्कार िनकलती,"हाईई और
जोर सेमेरेराजा और जोर सेआज सारी कसर िनकाल लो और जोर सेमारो मेरी
गांड बहुत प्यासी हैयेहाईई …"
"लेमेरी रानी और जोर सेले … या … सऽ िवऽ ताÉ आ.. आ ……" मामा के धक्के
तेज होनेलगेऔर वो भी जोर जोर सेिचलानेलगे।
पता नहींमामा िकतनी देर सेमामी की गांड मार रहेथे। िफर मामा मामी सेजोर से
िचपक गए। मामी थोड़ी सी ऊपर उठी। उनके पपीतेजैसेःतन नीचेलटके झूल रहे
थे। उनकी आँखें बंद थी। और वह सीत्कार िकयेजा रही थी,"िजयो मेरेराजा मज़ा आ
गया !"
मैंनेधीरेधीरेकिनका के वक्ष मसलनेशुरू कर िदए। वो तो अपनेमम्मी पापा की इस
अनोखी रासलीला देख कर मःत ही हो गई थी। मैंनेएक हाथ उसकी पेंटी में भी डाल
िदया। उफ़ … छोटेछोटेझांटों सेढकी उसकी बुर तो कमाल की थी। नीम गीली। मैंने
धीरेसेएक अंगुली सेउसके नमर् नाज़ुक छेद को टटोला। वो तो चुदाई देखनेमें इतनी
मःत थी िक उसेतो तब ध्यान आया जब मैंनेगच्च सेअपनी अंगुली उसकी बुर के
छेद में पूरी घुसा दी।
"उईई माँ …." उसके मुंह सेहौलेसेिनकला। "ओह … भाई येक्या कर रहेहो ?"
उसनेमेरी ओर देखा। उसकी आँखें बोिझल सी थी और उनमें लाल डोरेतैर रहेथा।
मैंनेउसेबाहों में भर िलया और उसके होंठों को चूम िलया।
हम दोनों नेदेखा िक एक पुच्क्क की आवाज के साथ मामा का लंड िफसल कर बाहर
आ गया और मामी बेड पर लुढ़क गई। अब वहाँरुकनेका कोई मतलब नहींरह गया
था। हम एक दसू रेकी बाहों में िसमटेवापस छत पर आ गए।
"किनका ? "
"हाँÉ भाई ?"
किनका के होंठ और जबान कांप रही थी। उसकी आँखों में एक नई चमक थी। आज
सेपहलेमैंनेकभी उसकी आँखों में ऐसी चमक नहींदेखी थी। मैंनेिफर उसेअपनी
बाहों में भर िलया और उसके होंठ चूसनेलगा। उसनेभी बेतहाशा मुझेचूमना शुरू
कर िदया। मैंनेधीरेधीरेउसके ःतन भी मसलनेचालूकर िदए। जब मैंनेउसकी पेंटी
पर हाथ िफराया तो उसनेमेरा हाथ पकड़तेकहा,"नहींभाईÉ इस सेआगेनहीं !"
"क्यों क्या हुआ ? "
"मैं िरँतेमें तुम्हारी बहन लगती हूँ, भलेही ममेरी ही हूँपर आिखर हूँतो बहन ही ना
? और भाई और बहन में ऐसा नहींहोना चािहए !"
"अरेतुम िकस ज़मानेकी बात कर रही हो ? लंड और चूत का िरँता तो कुदरत ने
बनाया है। लंड और चूत का िसफर् एक ही िरँता होता हैऔर वो हैचुदाई का। येतो
केवल तथाकिथत सभ्य कहेजानेवालेसमाज और धमर् के ठेकेदारों का बनाया हुआ
ढकोसला (ूपंच) है। असल में देखा जाए तो येसारी कायनात ही इस ूेम रस में डूबी
हैिजसेलोग चुदाई कहतेहैं।" मैं एक ही सांस में कह गया।
"पर िफर भी इंसान और जानवरों में फकर् तो होता हैना ?"
"जब चूत की िकःमत में चुदना ही िलखा हैतो िफर लंड िकसका हैइससेक्या फकर्
पड़ता है ? तुम नहींजानती किनका तुम्हारा येजो बाप हैअपनी बहन, भाभी, साली
और सलहज सभी को चोद चुका हैऔर येतुम्हारी मम्मी भी कम नहींहै। अपने
देवर, जेठ, ससुर, भाई और जीजा सेना जानेिकतनी बार चुद चुकी हैऔर गांड भी
मरवा चुकी है ?"
किनका मेरी ओर मुंह बाए देखेजा रही थी। उसेयेसब सुनकर बड़ी हैरानी हो रही थी
" नहींभाई तुम झूठ बोल रहेहो ? "
"देखो मेरी बहना तुम चाहेकुछ भी समझो येजो तुम्हारा बाप हैना वो तो तुम्हें भी
भोगनेके चक्कर में है ? मैंनेअपनेकानों सेसुना है !"
"क … क्या … ?" उसेतो जसै ेमेरी बातों पर यकीन ही नहींहुआ। मैंनेउसेसारी बातें
बता दी जो। आज मामा मामी सेकह रहेथे। उसके मुंह सेतो बस इतना ही िनकला
"ओहÉ नोऽऽ ?"
"बोलो … तुम क्या चाहती हो अपनी मज सेप्यार सेतुम अपना सब कुछ मुझेसौंप
देना चाहोगी या िफर उस 45 साल के अपनेखडूश और ठरकी बाप सेअपनी चूत और
गांड की सील तुड़वाना चाहती हो … बोलो ?"
"मेरी समझ में तो कुछ नहींआ रहा है ?"
"अच्छा एक बात बताओ ?"
"क्या ?"
"क्या तुम शादी के बाद नहींचुदवाओगी ? या सारी उॆ अपनी चूत नहींमरवाओगी
?"
"नहींपर येसब तो शादी के बाद की बात होती है ?"
"अरेमेरी भोली बहना ! येतो खाली लाइसेंस लेनेवाली बात है। शादी िववाह तो
चुदाई जैसेमहान काम को शुरू करनेका उत्सव है। असल में शादी का मतलब तो
बस चुदाई ही होता है !"
"पर मैंनेसुना हैिक पहली बार में बहुत ददर् होता हैऔर खनू भी िनकलता है ? "
"अरेतुम उसकी िचंता मत करो ! मैं बड़ेआराम सेकरूँगा ! देखना तुम्हें बड़ा मज़ा
आएगा !"
"पर तुम गांड तो नहींमारोगेना ? पापा की तरह ?"
"अरेमेरी जान पहलेचूत तो मरवा लो ! गांड का बाद में सोचेंगे !" और मैंनेिफर उसे
बाहों में भर िलया।
उसनेभी मेरेहोंठों को अपनेमुंह में भर िलया। वह क्या मुलायम होंठ थे, जैसेसंतरे
की नमर् नाज़कु फांकें हों। िकतनी ही देर हम आपस में गथंु ेएक दसू रेको चूमतेरहे।
अब मैंनेअपना हाथ उसकी चूत पर िफराना चालूकर िदया। उसनेभी मेरेलंड को
कस कर हाथ में पकड़ िलया और सहलानेलगी। लंड महाराज तो ठुमके ही लगाने
लगे। मैंनेजब उसके उरोज दबायेतो उसके मुंह सेसीत्कार िनकालनेलगी।
"ओहÉ। भाई कुछ करो ना ? पता नहींमुझेकुछ हो रहा है !"
उेजना के मारेउसका शरीर कांपनेलगा था साँसें तेज होनेलगी थी। इस नए
अहसास और रोमांच सेउसके शरीर के रोएँखड़ेहो गए थे। उसनेकस कर मुझे
अपनी बाहों में जकड़ िलया।
अब देर करना ठीक नहींथा। मैंनेउसकी ःकटर् और टॉप उतार िदए। उसनेॄा तो
पहनी ही नहींथी। छोटेछोटेदो अमरुद मेरी आँखों के सामनेथे। गोरेरंग के दो रस
कूप िजनका एरोला कोई एक रुपयेके िसक्के िजतना और िनप्पल्स तो कोई मूंग के
दानेिजतनेिबलकुल गुलाबी रंग के। मैंनेतड़ सेएक चुम्बन उसके उरोज पर ले
िलया। अब मेरा ध्यान उसकी पतली कमर और गहरी नािभ पर गया।
जैसेही मैंनेअपना हाथ उसकी पेंटी की ओर बढ़ाया तो उसनेमेरा हाथ पकड़तेहुए
कहा,"भाई तुम भी तो अपनेकपड़ेउतारो ना ?"
"ओहÉ हाँ ?"
मैंनेएक ही झटके में अपना नाईट सूट उतार फें का। मैंनेचड्डी और बिनयान तो
पहनी ही नहींथी। मेरा 7 इंच का लंड 120 िडमी पर खड़ा था। लोहेकी रॉड की तरह
िबलकुल सख्त। उस पर ूी-कम की बूँद चाँद की रोशनी में ऐसेचमक रही थी जैसे
शबनम की बूँद हो या कोई मोती।
"किनका इसेप्यार करो ना ?"
"कैसे ? "
"अरेबाबा इतना भी नहींजानती? इसेमुंह में लेकर चूसो ना ?"
"मुझेशमर् आती है ?"
मैं तो िदलो जान सेइस अदा पर िफ़दा ही हो गया। उसनेअपनी िनगाहें झुका ली पर
मैंनेदेखा था िक कनिखयों सेवो अभी भी मेरेत लंड को ही देखेजा रही थी िबना
पलकें झपकाए।
मैंनेकहा,"चलो, मैं तुम्हारी बुर को पहलेप्यार कर देता हूँिफर तुम इसेप्यार कर
लेना ?"
"ठीक है !" भला अब वो मना कैसेकर सकती थी।
और िफर मैंनेधीरेसेउसकी पेंटी को नीचेिखसकाया :
गहरी नािभ के नीचेहल्का सा उभरा हुआ पेडूऔर उसके नीचेरेशम सेमुलायम छोटे
छोटेबाल नजर आनेलगे। मेरेिदल की धड़कनेबढ़नेलगी। मेरा लंड तो सलामी ही
बजानेलगा। एक बार तो मुझेलगा िक मैं िबना कुछ िकये-धरेही झड़ जाऊँगा।
उसकी चूत की फांकें तो कमाल की थी। मोटी मोटी संतरेकी फांकों की तरह। गुलाबी
चट्ट। दोनों आपस में िचपकी हुई। मैंनेपेंटी को िनकाल फें का। जसै ेही मैंनेउसकी
जाँघों पर हाथ िफराया तो वो सीत्कार करनेलगी और अपनी जांघें कस कर भींच ली।
मैं जानता था िक यह उेजना और रोमांच के कारण है। मैंनेधीरेसेअपनी अंगुली
उसकी बुर की फांकों पर िफराई। वो तो मःत ही हो गई। मैंनेअपनी अंगुली ऊपर से
नीचेऔर िफर नीचेसेऊपर िफराई। 3-4 बार ऐसा करनेसेउसकी जांघें अपनेआप
चौड़ी होती चली गई। अब मैंनेअपनेदोनों हाथों सेउसकी बुर की दोनों फांकों को
चौड़ा िकया। एक हलकी सी पुट की आवाज के साथ उसकी चूत की फांकें खुल गई।
आह. अन्दर सेिबलकुल लाल चुटर्। जैसेिकसी पके तरबूज की िगरी हो। मैं अपने
आप को कैसेरोक पाता। मैंनेअपनेजलतेहोंठ उन पर रख िदए। आह … नमकीन
सा नािरयल पानी सा खट्टा सा ःवाद मेरी जबान पर लगा और मेरी नाक में जवान
िजःम की एक मादक महक भर गई। मैंनेअपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया
और उसके छोटेसेटींट (मदनमिण) पर िटका िदया। उसकी तो एक िकलकारी ही
िनकल गई। अब मैंनेऊपर सेनीचेऔर नीचेसेऊपर जीभ िफरानी चालूकर दी।
उसनेकस कर मेरेिसर के बालों को पकड़ िलया। वो तो सीत्कार पर सीत्कार िकये
जा रही थी।
बुर के छेद के नीचेउसकी गांड का सुनहरा छेद उसके कामरज सेपहलेसेही गीला हो
चुका था। अब तो वो भी खुलनेऔर बंद होनेलगा था। किनका आंह … उन्ह … कर
रही थी। ऊईई … मा..आÉ एक मीठी सी सीत्कार िनकल ही गई उसके मुंह से।
अब मैंनेउसकी बुर को पूरा मुंह में लेिलया और जोर की चुःकी लगाई। अभी तो मुझे
2 िमनट भी नहींहुए होंगेिक उसका शरीर अकड़नेलगा और उसनेअपनेपैर ऊपर
करके मेरी गदर्न के िगदर् लपेट िलए और मेरेबालों को कस कर पकड़ िलया। इतनेमें
ही उसकी चूत सेकाम रस की कोई 4-5 बूँदें िनकल कर मेरेमुंह में समांगई। आह
क्या रसीला ःवाद था। मैंनेतो इस रस को पहली बार चखा था। मैं उसेपूरा का पूरा
पी गया।
अब उसकी पकड़ कुछ ढीली हो गई थी। पैर अपनेआप नीचेआ गए। 2-3 चुिःकयां
लेनेके बाद मैंनेउसके एक उरोज को मुंह में लेिलया और चूसना चालूकर िदया।
शायद उसेइन उरोजों को चुसवाना अच्छा नहींलगा था। उसनेमेरा िसर एक और
धकेला और झट सेमेरेखड़ेलंड को अपनेमुंह में लेिलया। मैं तो कब सेयही चाह
रहा था। उसनेपहलेसुपाड़ेपर आई ूी कम की बूँदें चाटी और िफर सुपाड़ेको मुंह में
भर कर चूसनेलगी जैसेकोई रस भरी कुल्फी हो।
आह … आज िकसी नेपहली बार मेरेलंड को ढंग सेमुंह में िलया था। किनका नेतो
कमाल ही कर िदया। उसनेमेरा लंड पूरा मुंह में भरनेकी कोिशश की पर भला सात
इंच लम्बा लंड उसके छोटेसेमुंह में पूरा कैसेजाता।
मैं िच लेटा था और वो उकडूसी हुई मेरेलंड को चूसेजा रही थी। मेरी नजर उसकी
चूत की फांकों पर दौड़ गई। हलके हलके बालों सेलदी चूत तो कमाल की थी। मैंने
कई लूिफल्मों में देखा था की चूत के अन्दर के होंठों की फांके 1.5 या 2 इंच तक
लम्बी होती हैं पर किनका की तो बस छोटी छोटी सी थी। िबलकुल लाल और गुलाबी
रंगत िलए। मामी की तो िबलकुल काली काली थी। पता नहींमामा उन काली काली
फांकों को कैसेचूसतेहैं।
मैंनेकिनका की चूत पर हाथ िफराना चालूकर िदया। वो तो मःत हुई मेरेलंड को
िबना रुके चूसेजा रही थी। मुझेलगा अगर जल्दी ही मैंनेउसेमना नहींिकया तो
मेरा पानी उसके मुंह में ही िनकल जाएगा और मैं आज की रात िबना चूत मारेही रह
जाऊँगा। मैं ऐसा हरिगज नहींचाहता था।
मैंनेउसकी चूत में अपनी अगं लु ी जोर सेडाल दी। वो थोड़ी सी िचहुंकी और मेरेलंड
को छोड़ कर एक और लुढ़क गई।
वो िच लेट गई थी। अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चूमनेलगा।
एक हाथ सेउसके उरोज मसलनेचालूकर िदए और एक हाथ सेउसकी चूत की
फांकों को मसलनेलगा। उसनेभी मेरेलंड को मसलना चालूकर िदया। अब लोहा
पूरी तरह गमर् हो चुका था और हथोड़ा मारनेका समय आ गया था। मैंनेअपने
उफनतेहुए लंड को उसकी चूत के मुहानेपर रख िदया। अब मैंनेउसेअपनेबाहों में
जकड़ िलया और उसके गाल चूमनेलगा। एक हाथ सेउसकी कमर पकड़ ली। इतने
में मेरेलंड नेएक ठुमका लगाया और वो िफसल कर ऊपर िखसक गया।
किनका की हंसी िनकल गई।
मैंनेदबु ारा अपनेलंड को उसकी चूत पर सेट िकया और उसके कमर पकड़ कर एक
जोर का धक्का लगा िदया। मेरा लंड उसके थूक सेपूरा गीला हो चुका था और िपछले
आधेघंटेसेउसकी चूत नेभी बेतहाशा कामरज बहाया था। मेरा आधा लंड उसकी
कंुवारी चूत की सील को तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया।
इसके साथ ही किनका की एक चीख हवा में गूंज गई। मैंनेझट सेउसका मुंह दबा
िदया नहींतो उसकी चीख नीचेतक चली जाती।
कोई 2-3 िमनट तक हम िबना कोई हरकत िकयेऐसेही पड़ेरहे। वो नीचेपड़ी
कुनमुना रही थी। अपनेहाथ पैर पटक रही थी पर मैंनेउसकी कमर पकड़ रखी थी
इस िलए मेरा लंड बाहर िनकालनेका तो सवाल ही पैदा नहींहोता था। मुझेभी अपने
लंड के सुपाड़ेके नीचेजहांधागा होता हैजलन सी महसूस हुई। येतो मुझेबाद में
पता चला िक उसकी चूत की सील के साथ मेरेलंड की भी सील (धागा) टूट गई है।
चलो अच्छा हैअब आगेका राःता दोनों के िलए ही साफ़ हो गया है। हम दोनों को ही
ददर् हो रहा था। पर इस नए ःवाद के आगेयेददर् भला क्या मानेरखता था।
"ओह … भाई मैं तो मर गई रे …." किनका के मुंह सेिनकला "ओह … बाहर
िनकालो मैं मर जाउंगी !"
"अरेमेरी बहना रानी ! बस अब जो होना था हो गया है। अब ददर् नहींबस मजा ही
मजा आएगा। तुम डरो नहींयेददर् तो बस 2-3 िमनट का और हैउसके बाद तो बस
जन्नत का ही मजा है !"
"ओह. नहींप्लीज. बाहरÉ िनका … लो … ओह... या... आÉ. उन्ह … याÉ"
मैं जानता था उसका ददर् अब कम होनेलगा हैऔर उसेभी मजा आनेलगा है। मैंने
हौलेसेएक धक्का लगाया तो उसनेभी अपनी चूत को अन्दर सेिसकोड़ा। मेरा लंड
तो िनहाल ही हो गया जैसे। अब तो हालत यह थी िक किनका नीचेसेधक्के लगा
रही थी। अब तो मेरा लंड उसकी चूत में िबना िकसी रुकावट अन्दर बाहर हो रहा था।
उसके कामरज और सील टूटनेसेिनकलेखनू सेसना मेरा लंड तो लाल और गलु ाबी
सा हो गया था।
"उईई . मा .. आह .. मजा आ रहा हैभाई तेज करो ना .. आह ओर तेज या ..."
किनका मःत हुई बड़बड़ा रही थी।
अब उसनेअपनेपैर ऊपर उठा कर मेरी कमर के िगदर् लपेट िलए थे। मैंनेभी उसका
िसर अपनेहाथों में पकड़ कर अपनेसीनेसेलगा िलया और धीरेधीरेधक्के लगाने
लगा। जैसेही मैं ऊपर उठता तो वो भी मेरेसाथ ही थोड़ी सी ऊपर हो जाती और जब
हम दोनों नीचेआतेतो पहलेउसके िनतम्ब गेपर िटकतेऔर िफर गच्च सेमेरा
लंड उसकी चूत की गहराई में समांजाता। वो तो मःत हुई आह उईई माँ. ही करती
जा रही थी। एक बार उसका शरीर िफर अकड़ा और उसकी चूत नेिफर पानी छोड़
िदया। वो झड़ गई थी। आह ……। एक ठंडी सी आनंद की सीत्कार उसके मुंह से
िनकली तो लगा िक वो पूरी तरह मःत और संतु हो गई है।
मैंनेअपनेधक्के लगानेचालूरखे। हमारी इस चुदाई को कोई 20 िमिनट तो जरूर हो
ही गए थे। अब मुझेलगानेलगा िक मेरा लावा फूटनेवाला है।
मैंनेकिनका सेकहा तो वो बोली,"कोई बात नहीं, अन्दर ही डाल दो अपना पानी ! मैं
भी आज इस अमृत को अपनी कंुवारी चूत में लेकर िनहाल होना चाहती हूँ !"
मैंनेअपनेधक्कों की रझतार बढ़ा दी और िफर गमर् गाढ़ेरस की ना जानेिकतनी
िपचकािरयाँिनकलती चली गई और उसकी चूत को लबा लब भरती चली गई। उसने
मुझेकस कर पकड़ िलया। जैसेवो उस अमृत का एक भी कतरा इधर उधर नहींजाने
देना चाहती थी। मैं झड़नेके बाद भी उसके ऊपर ही लेटा रहा।
मैंनेकहींपढ़ा था िक आदमी को झड़नेके बाद 3-4 िमनट अपना लंड चूत में ही डाले
रखना चािहए इस सेउसके लंड को िफर सेनई ताकत िमल जाती है। और चूत में भी
ददर् और सूजन नहींआती।
थोड़ी देर बाद हम उठ कर बैठ गए। मैंनेकिनका सेपूछा,"कैसी लगी पहली चुदाई
मेरी जान ?"
"ओह बहुत ही मजेदार थी मेरेभैया ?"
"अब भैया नहींसैंया कहो मेरी जान ! "
"हाँहाँमेरेसैंया ! मेरेसाजन ! मैं तो कब की इस अमृत की प्यासी थी। बस तुमनेही
देर कर रखी थी !"
"क्या मतलब ?"
"ओह. तुम भी िकतनेलल्लूहो। तुम क्या सोचतेहो मुझेकुछ नहींपता ?"
"क्या मतलब ? "
"मुझेसब पता हैतुम मुझेनहातेहुए और मूततेहुए चुपके चुपके देखा करतेहो और
मेरा नाम लेलेकर मुट्ठ भी मारतेहो ?"
"ओह … तुम भी ना … एक नंबर की चुकड़ हो ?"
"क्यों ना बनूँआिखर खानदान का असर मुझ पर भी आएगा ही ना ?" और उसने
मेरी और आखँ मार दी। और िफर आगेबोली "पर तुम्हें क्या हुआ मेरेभैया ?"
"चुप साली अब भी भैया बोलती है ! अब तो मैं िदन में ही तुम्हारा भैया रहूँगा रात में
तो मैं तुम्हारा सैंया और तुम मेरी सजनी बनोगी !" और िफर मैंनेएक बार उसे
अपनी बाहों में भर िलया। उसेभला क्या ऐतराज हो सकता था।
बस यही कहानी हैतरुण की। यह कहानी आपको कैसी लगी मुझेजरुर बताएं।
आपका ूेम गुरु
खानेका हक नहींहोना चािहए ? या िजस िकसान नेइतनेप्यार सेफसल तैयार की
हैउसेउसके के अनाज को खानेका हक नहींहोना चािहए ? अब अगर मैं अपनी बेटी
को चोदना चाहता हूंतो क्या गलत है ?"
…. इसी कहानी से
मेरा एक ई-िमऽ हैतरुण ! बस ऐसेही जान पहचान हो गई थी। वो मेरी कहािनयों का
बड़ा ूशंसक था। उसेिकसी लड़की को पटानेके टोटके पता करनेथे। एक िदन जब
मैं अपनेमेल्स चेक कर रहा था तो उस सेचाट पर बात हुई थी। िफर तो बातों ये
िसलसला चल ही पड़ा। यह कहानी उसके साथ हुई बातों पर आधािरत है। लीिजये
उसकी जबानी सुिनए :
दोःतों मेरा नाम तरुण है। 20 साल का हूँ। कॉलेज में पढता हूँ। िपछलेसाल गिमयर् ों
की छुिट्टयों में मैं अपनेनािनहाल अमतृ सर घूमनेगया हुआ था। मेरेमामा का छोटा
सा पिरवार है। मेरेमामाजी रुःतम सेठ 45 साल के हैं और मामी सिवता 42 के
अलावा उनकी एक बेटी हैकिनका 18 साल की। मःत क़यामत बन गई हैअब तो
अच्छे-अच्छो का पानी िनकल जाता हैउसेदेख कर। वो भी अब मोहल्लेके लौंडे
लपाडों को देख कर नैन मट्टका करनेलगी है।
एक बात खास तौर पर बताना चाहूँगा िक मेरेनानाजी का पिरवार लाहोर से
अमृतसर 1947 में आया था और यहाँआकर बस गया। पहलेतो सजी की छोटी सी
दकू ान ही थी पर अब तो काम कर िलए हैं। खालसा कॉलेज के सामनेएक जनरल
ःटोर हैिजसमें पिलक टेलीफ़ोन, कंप्यूटर और नेट आिद की सुिवधा भी है। साथ में
जसू बार और फलों की दकू ान भी है। अपना दो मंिजला मकान हैऔर घर में सब
आराम है। िकसी चीज की कोई कमी नहींहै। आदमी को और क्या चािहए। रोटी
कपड़ा और मकान के अलावा तो बस सेक्स की जरुरत रह जाती है।
मैं बचपन सेही बहुत शमला रहा हूँमुझेअभी तक सेक्स का यादा अनुभव नहीं
था। बस एक बार बचपन में मेरेचाचा नेमेरी गांड मारी थी। जब सेजवान हुआ था
अपनेलंड को हाथ में िलए ही घूम रहा था। कभी कभार नेट पर सेक्सी कहािनयांपढ़
लेता था और लूिफल्म भी देख लेता था। सच पूछो तो मैं िकसी लड़की या औरत को
चोदनेके िलए मरा ही जा रहा था। मामाजी और मामी को कई बार रात में चुदाई
करतेदेखा था। वाहÉ 42 साल की उॆ में भी मेरी मामी सिवता एक दम जवान
पट्ठी ही लगती है। लयब तरीके सेिहलतेमोटेमोटेिनतम्ब और गोल गोल ःतन
तो देखनेवालों पर िबजिलयाँही िगरा देतेहैं। यादातर वो सलवार और कुरता ही
पहनती हैपर कभी कभार जब काली साड़ी और कसा हुआ लाउज पहनती हैतो
उसकी लचकती कमर और गहरी नािभ देखकर तो कई मनचलेसीटी बजानेलगते
हैं। लेिकन दो दो चूतों के होतेहुए भी मैं अब तक प्यासा ही था।
जून का महीना था। सभी लोग छत पर सोया करतेथे। रात के कोई दो बजेहोंगे। मेरी
अचानक आँख खुली तो मैंनेदेखा मामा और मामी दोनों ही नहींहैं। किनका बगल में
लेटी हुई है। मैं नीचेपेशाब करनेचला गया। पेशाब करनेके बाद जब मैं वापस आने
लगा तो मैंनेदेखा मामा और मामी के कमरेकी लाईट जल रही है। मैं पहलेतो कुछ
समझा नहींपर हाईई ओह … या … उईई … की हलकी हलकी आवाज नेमुझे
िखड़की सेझांकनेको मजबूर कर िदया। िखड़की का पदार् थोड़ा सा हटा हुआ था।
अन्दर का दृँय देख कर तो मैं जड़ ही हो गया। मामा और मामी दोनों नंगेबेड पर
अपनी रात रंगीन कर रहेथे। मामा नीचेलेटेथेऔर मामी उनके ऊपर बैठी थी।
मामा का लंड मामी की चूत में घुसा हुआ था और वो मामा के सीनेपर हाथ रख कर
धीरेधीरेधक्के लगा रही थी और आहÉ उन्हÉ। या … की आवाजें िनकाल रही थी।
उसके मोटेमोटेिनतम्ब तो ऊपर नीचेहोतेऐसेलग रहेथेजैसेकोई फ़ुटबाल को
िकक मार रहा हो। उनकी चूत पर उगी काली काली झांटों का झुरमुट तो िकसी
मधुमक्खी के छेजैसा था।
वो दोनों ही चुदाई में मग्न थे। कोई 8-10 िमनट तक तो इसी तरह चुदाई चली होगी।
पता नहींकब सेलगेथे। िफर मामी की रफ्तार तेज होती चली गई और एक जोर की
सीत्कार करतेहुए वो ढीली पड़ गई और मामा पर ही पसर गई। मामा नेउसेकस
कर बाहों में जकड़ िलया और जोर सेमामी के होंठ चूम िलए।
"सिवता डािलग ! एक बात बोलूं ?"
"क्या ? "
"तुम्हारी चूत अब बहुत ढीली हो गई हैिबलकुल मजा नहींआता ?"
"तुम गांड भी तो मार लेतेहो वो तो अभी भी टाइट हैना ?"
"ओह तुम नहींसमझी ?"
"बताओ ना ?"
"वो तुम्हारी बहन बिबता की चूत और गांड दोनों ही बड़ी मःत थी ? और तुम्हारी
भाभी जया तो तुम्हारी ही उॆ की हैपर क्या टाइट चूत हैसाली की ? मज़ा ही आ
जाता हैचोद कर"
"तो येकहो ना िक मुझ सेजी भर गया हैतुम्हारा ?"
"अरेनहींसिवता रानी ऐसी बात नहींहैदरअसल मैं सोच रहा था िक तुम्हारेछोटे
वालेभाई की बीवी बड़ी मःत है। उसेचोदनेको जी करता है ?"
"पर उसकी तो अभी नई नई शादी हुई हैवो भला कैसेतैयार होगी ? "
"तुम चाहो तो सब हो सकता है ?"
"वो कैसे ?"
"तुम अपनेबड़ेभाई सेतो पता नहींिकतनी बार चुदवा चुकी हो अब छोटेसेभी
चुदवा लो और मैं भी उस क़यामत को एक बार चोद कर िनहाल हो जाऊं !"
"बात तो तुम ठीक कह रहेहो, पर अिवनाश नहींमानेगा ?"
"क्यों ?"
"उसेमेरी इस चुदी चुदाई भोसड़ी में भला क्या मज़ा आएगा ?"
"ओह तुम भी एक नंबर की फुूहो ! उसेकिनका का लालच देदो ना ?"
"किनका … ? अरेनहीं. वो अभी बच्ची है !"
"अरेबच्ची कहाँहै ! पूरेअट्ठारह साल की तो हो गई है ? तुम्हें अपनी याद नहींहै
क्या ? तुम तो केवल सोलह साल की ही थी जब हमारी शादी हुई थी और मैंनेतो
सुहागरात में ही तुम्हारी गांड भी मार ली थी !"
"हाँयेतो सच हैपर …."
"पर क्या ?"
"मुझेभी तो जवान लंड चािहए ना ? तुम तो बस नई नई चूतों के पीछेपड़ेरहतेहो
मेरा तो जरा भी ख़याल नहींहैतुम्हें ?"
"अरेतुमनेभी तो अपनेजीजा और भाई सेचुदवाया था ना और गांड भी तो मरवाई
थी ना ?"
"पर वो नए कहाँथेमुझेभी नया और ताजा लंड चािहए बस कह िदया ?"
"ओहÉ तुम तरुण को क्यों नहींतैयार कर लेती ? तुम उसके मज़ेलो और मैं किनका
की सील तोड़नेका मजा लेलूँगा !"
"पर वो मेरेसगेभाई की औलाद हैं क्या यह ठीक रहेगा ?"
"क्यों इसमें क्या बुराई है ?"
"पर वोÉ नहीं ..। मुझेऐसा करना अच्छा नहींलगता !"
"अच्छा चलो एक बात बताओ िजस माली नेपेड़ लगाया हैक्या उसेउस पेड़ के फल
खानेका हक नहींहोना चािहए ? या िजस िकसान नेइतनेप्यार सेफसल तैयार की
हैउसेउस फसल के अनाज को खानेका हक नहींिमलना चािहए ? अब अगर मैं
अपनी इस बेटी को चोदना चाहता हूँतो इसमें क्या गलत है ? "
"ओह तुम भी एक नंबर के ठरकी हो। अच्छा ठीक हैबाद में सोचेंगे ?"
और िफर मामी नेमामा का मुरझाया लंड अपनेमुंह में भर िलया और चूसनेलगी।
मैं उनकी बातें सुनकर इतना उेिजत हो गया था िक मुट्ठ मारनेके अलावा मेरेपास
अब कोई और राःता नहींबचा था। मैं अपना 7 इंच का लंड हाथ में िलए बाथ रूम की
ओर बढ़ गया। िफर मुझेख़याल आया किनका ऊपर अकेली है। किनका की ओर
ध्यान जातेही मेरा लंड तो जैसेछलांगें ही लगानेलगा। मैं दौड़ कर छत पर चला
आया।
किनका बेसुध हुई सोई थी। उसनेपीलेरंग की ःकटर् पहन रखी थी और अपनी एक
टांग मोड़ेकरवट िलए सोई थी। ःकटर् थोड़ी सी ऊपर उठी थी। उसकी पतली सी पेंटी
में फ़सी उसकी चूत का चीरा तो साफ़ नजर आ रहा था। पेंटी उसकी चूत की दरार में
घुसी हुई थी और चूत के छेद वाली जगह गीली हुई थी। उसकी गोरी गोरी मोटी जांघें
देख कर तो मेरा जी करनेलगा िक अभी उसकी कुलबुलाती चूत में अपना लंड डाल
ही दँ।ू
मैं उसके पास बैठ गया। और उसकी जाँघों पर हाथ फेरनेलगा। वाह.. क्या मःत
मुलायम संग-ए-मरमर सी नाज़ुक जांघें थी। मैंनेधीरेसेपेंटी के ऊपर सेही उसकी
चूत पर अंगुली िफराई। वो तो पहलेसेही गीली थी। आह … मेरी अंगुली भी भीग सी
गई। मैंनेउस अंगुली को पहलेअपनी नाक सेसूंघा। वाह क्या मादक महक थी।
कच्चेनािरयल जैसी जवान चूत के रस की मादक महक तो मुझेअन्दर तक मःत
कर गई। मैंनेअंगुली को अपनेमुंह में लेिलया। कुछ खट्टा और नमकीन सा
िलजिलजा सा वो रस तो बड़ा ही मजेदार था।
मैं अपनेआप को कैसेरोक पाता। मैंनेएक चुम्बन उसकी जाँघों पर लेही िलया। वो
थोडा सा कुनमुनाई पर जगी नहीं। अब मैंनेउसके उरोज देखे। वह क्या गोल गोल
अमरुद थे। मैंनेकई बार उसेनहातेहुए नंगा देखा था। पहलेतो इनका आकार नींबू
िजतना ही था पर अब तो संतरेनहींतो अमरुद तो जरूर बन गए हैं। गोरेगोरेगाल
चाँद की रोशनी में चमक रहेथे। मैंनेएक चुम्बन उन पर भी लेिलया। मेरेहोंठों का
ःपशर् पातेही किनका जग गई और अपनी आखँ ों को मलतेहुए उठ बैठी।
"क्या कर रहेहो भाई?" उसनेउिनन्दी आँखों सेमुझेघूरा।
"वो. वोÉ मैं तो प्यार कर रहा था ?"
"पर ऐसेकोई रात को प्यार करता हैक्या ? "
"प्यार तो रात को ही िकया जाता है ?" मैंनेिहम्मत करके कह ही िदया।
उसके समझ में पता नहींआया या नहीं। िफर मैंनेकहा,"किनका एक मजेदार खेल
देखोगी ?"
"क्या ?" उसनेहैरानी सेमेरी और देखा।
"आओ मेरेसाथ !" मैंनेउसका बाजूपकड़ा और सीिढ़यों सेनीचेलेआया और हम
िबना कोई आवाज िकयेउसी िखड़की के पास आ गए। अन्दर का दृँय देख कर तो
किनका की आँखें फटी की फटी ही रह गई। अगर मैंनेजल्दी सेउसका मुंह अपनी
हथेली सेनहींढक िदया होता तो उसकी चीख ही िनकल जाती। मैंनेउसेइशारेसेचुप
रहनेको कहा। वो हैरान हुई अन्दर देखनेलगी।
मामी घोड़ी बनी फशर् पर खड़ी थी और अपनेहाथ बेड पर रखेथे। उनका िसर बेड पर
था और िनतम्ब हवा में थे। मामा उसके पीछेउसकी कमर पकड़ कर धक्के लगा रहे
थे। उन 8 इंच का लंड मामी की गांड में ऐसेजा रहा था जैसेकोई िपःटन अन्दर बाहर
आ जा रहा हो। मामा उनके िनतम्बों पर थपकी लगा रहेथे। जैसेही वो थपकी लगाते
तो िनतम्ब िहलनेलगतेऔर उसके साथ ही मामी की सीत्कार िनकलती,"हाईई और
जोर सेमेरेराजा और जोर सेआज सारी कसर िनकाल लो और जोर सेमारो मेरी
गांड बहुत प्यासी हैयेहाईई …"
"लेमेरी रानी और जोर सेले … या … सऽ िवऽ ताÉ आ.. आ ……" मामा के धक्के
तेज होनेलगेऔर वो भी जोर जोर सेिचलानेलगे।
पता नहींमामा िकतनी देर सेमामी की गांड मार रहेथे। िफर मामा मामी सेजोर से
िचपक गए। मामी थोड़ी सी ऊपर उठी। उनके पपीतेजैसेःतन नीचेलटके झूल रहे
थे। उनकी आँखें बंद थी। और वह सीत्कार िकयेजा रही थी,"िजयो मेरेराजा मज़ा आ
गया !"
मैंनेधीरेधीरेकिनका के वक्ष मसलनेशुरू कर िदए। वो तो अपनेमम्मी पापा की इस
अनोखी रासलीला देख कर मःत ही हो गई थी। मैंनेएक हाथ उसकी पेंटी में भी डाल
िदया। उफ़ … छोटेछोटेझांटों सेढकी उसकी बुर तो कमाल की थी। नीम गीली। मैंने
धीरेसेएक अंगुली सेउसके नमर् नाज़ुक छेद को टटोला। वो तो चुदाई देखनेमें इतनी
मःत थी िक उसेतो तब ध्यान आया जब मैंनेगच्च सेअपनी अंगुली उसकी बुर के
छेद में पूरी घुसा दी।
"उईई माँ …." उसके मुंह सेहौलेसेिनकला। "ओह … भाई येक्या कर रहेहो ?"
उसनेमेरी ओर देखा। उसकी आँखें बोिझल सी थी और उनमें लाल डोरेतैर रहेथा।
मैंनेउसेबाहों में भर िलया और उसके होंठों को चूम िलया।
हम दोनों नेदेखा िक एक पुच्क्क की आवाज के साथ मामा का लंड िफसल कर बाहर
आ गया और मामी बेड पर लुढ़क गई। अब वहाँरुकनेका कोई मतलब नहींरह गया
था। हम एक दसू रेकी बाहों में िसमटेवापस छत पर आ गए।
"किनका ? "
"हाँÉ भाई ?"
किनका के होंठ और जबान कांप रही थी। उसकी आँखों में एक नई चमक थी। आज
सेपहलेमैंनेकभी उसकी आँखों में ऐसी चमक नहींदेखी थी। मैंनेिफर उसेअपनी
बाहों में भर िलया और उसके होंठ चूसनेलगा। उसनेभी बेतहाशा मुझेचूमना शुरू
कर िदया। मैंनेधीरेधीरेउसके ःतन भी मसलनेचालूकर िदए। जब मैंनेउसकी पेंटी
पर हाथ िफराया तो उसनेमेरा हाथ पकड़तेकहा,"नहींभाईÉ इस सेआगेनहीं !"
"क्यों क्या हुआ ? "
"मैं िरँतेमें तुम्हारी बहन लगती हूँ, भलेही ममेरी ही हूँपर आिखर हूँतो बहन ही ना
? और भाई और बहन में ऐसा नहींहोना चािहए !"
"अरेतुम िकस ज़मानेकी बात कर रही हो ? लंड और चूत का िरँता तो कुदरत ने
बनाया है। लंड और चूत का िसफर् एक ही िरँता होता हैऔर वो हैचुदाई का। येतो
केवल तथाकिथत सभ्य कहेजानेवालेसमाज और धमर् के ठेकेदारों का बनाया हुआ
ढकोसला (ूपंच) है। असल में देखा जाए तो येसारी कायनात ही इस ूेम रस में डूबी
हैिजसेलोग चुदाई कहतेहैं।" मैं एक ही सांस में कह गया।
"पर िफर भी इंसान और जानवरों में फकर् तो होता हैना ?"
"जब चूत की िकःमत में चुदना ही िलखा हैतो िफर लंड िकसका हैइससेक्या फकर्
पड़ता है ? तुम नहींजानती किनका तुम्हारा येजो बाप हैअपनी बहन, भाभी, साली
और सलहज सभी को चोद चुका हैऔर येतुम्हारी मम्मी भी कम नहींहै। अपने
देवर, जेठ, ससुर, भाई और जीजा सेना जानेिकतनी बार चुद चुकी हैऔर गांड भी
मरवा चुकी है ?"
किनका मेरी ओर मुंह बाए देखेजा रही थी। उसेयेसब सुनकर बड़ी हैरानी हो रही थी
" नहींभाई तुम झूठ बोल रहेहो ? "
"देखो मेरी बहना तुम चाहेकुछ भी समझो येजो तुम्हारा बाप हैना वो तो तुम्हें भी
भोगनेके चक्कर में है ? मैंनेअपनेकानों सेसुना है !"
"क … क्या … ?" उसेतो जसै ेमेरी बातों पर यकीन ही नहींहुआ। मैंनेउसेसारी बातें
बता दी जो। आज मामा मामी सेकह रहेथे। उसके मुंह सेतो बस इतना ही िनकला
"ओहÉ नोऽऽ ?"
"बोलो … तुम क्या चाहती हो अपनी मज सेप्यार सेतुम अपना सब कुछ मुझेसौंप
देना चाहोगी या िफर उस 45 साल के अपनेखडूश और ठरकी बाप सेअपनी चूत और
गांड की सील तुड़वाना चाहती हो … बोलो ?"
"मेरी समझ में तो कुछ नहींआ रहा है ?"
"अच्छा एक बात बताओ ?"
"क्या ?"
"क्या तुम शादी के बाद नहींचुदवाओगी ? या सारी उॆ अपनी चूत नहींमरवाओगी
?"
"नहींपर येसब तो शादी के बाद की बात होती है ?"
"अरेमेरी भोली बहना ! येतो खाली लाइसेंस लेनेवाली बात है। शादी िववाह तो
चुदाई जैसेमहान काम को शुरू करनेका उत्सव है। असल में शादी का मतलब तो
बस चुदाई ही होता है !"
"पर मैंनेसुना हैिक पहली बार में बहुत ददर् होता हैऔर खनू भी िनकलता है ? "
"अरेतुम उसकी िचंता मत करो ! मैं बड़ेआराम सेकरूँगा ! देखना तुम्हें बड़ा मज़ा
आएगा !"
"पर तुम गांड तो नहींमारोगेना ? पापा की तरह ?"
"अरेमेरी जान पहलेचूत तो मरवा लो ! गांड का बाद में सोचेंगे !" और मैंनेिफर उसे
बाहों में भर िलया।
उसनेभी मेरेहोंठों को अपनेमुंह में भर िलया। वह क्या मुलायम होंठ थे, जैसेसंतरे
की नमर् नाज़कु फांकें हों। िकतनी ही देर हम आपस में गथंु ेएक दसू रेको चूमतेरहे।
अब मैंनेअपना हाथ उसकी चूत पर िफराना चालूकर िदया। उसनेभी मेरेलंड को
कस कर हाथ में पकड़ िलया और सहलानेलगी। लंड महाराज तो ठुमके ही लगाने
लगे। मैंनेजब उसके उरोज दबायेतो उसके मुंह सेसीत्कार िनकालनेलगी।
"ओहÉ। भाई कुछ करो ना ? पता नहींमुझेकुछ हो रहा है !"
उेजना के मारेउसका शरीर कांपनेलगा था साँसें तेज होनेलगी थी। इस नए
अहसास और रोमांच सेउसके शरीर के रोएँखड़ेहो गए थे। उसनेकस कर मुझे
अपनी बाहों में जकड़ िलया।
अब देर करना ठीक नहींथा। मैंनेउसकी ःकटर् और टॉप उतार िदए। उसनेॄा तो
पहनी ही नहींथी। छोटेछोटेदो अमरुद मेरी आँखों के सामनेथे। गोरेरंग के दो रस
कूप िजनका एरोला कोई एक रुपयेके िसक्के िजतना और िनप्पल्स तो कोई मूंग के
दानेिजतनेिबलकुल गुलाबी रंग के। मैंनेतड़ सेएक चुम्बन उसके उरोज पर ले
िलया। अब मेरा ध्यान उसकी पतली कमर और गहरी नािभ पर गया।
जैसेही मैंनेअपना हाथ उसकी पेंटी की ओर बढ़ाया तो उसनेमेरा हाथ पकड़तेहुए
कहा,"भाई तुम भी तो अपनेकपड़ेउतारो ना ?"
"ओहÉ हाँ ?"
मैंनेएक ही झटके में अपना नाईट सूट उतार फें का। मैंनेचड्डी और बिनयान तो
पहनी ही नहींथी। मेरा 7 इंच का लंड 120 िडमी पर खड़ा था। लोहेकी रॉड की तरह
िबलकुल सख्त। उस पर ूी-कम की बूँद चाँद की रोशनी में ऐसेचमक रही थी जैसे
शबनम की बूँद हो या कोई मोती।
"किनका इसेप्यार करो ना ?"
"कैसे ? "
"अरेबाबा इतना भी नहींजानती? इसेमुंह में लेकर चूसो ना ?"
"मुझेशमर् आती है ?"
मैं तो िदलो जान सेइस अदा पर िफ़दा ही हो गया। उसनेअपनी िनगाहें झुका ली पर
मैंनेदेखा था िक कनिखयों सेवो अभी भी मेरेत लंड को ही देखेजा रही थी िबना
पलकें झपकाए।
मैंनेकहा,"चलो, मैं तुम्हारी बुर को पहलेप्यार कर देता हूँिफर तुम इसेप्यार कर
लेना ?"
"ठीक है !" भला अब वो मना कैसेकर सकती थी।
और िफर मैंनेधीरेसेउसकी पेंटी को नीचेिखसकाया :
गहरी नािभ के नीचेहल्का सा उभरा हुआ पेडूऔर उसके नीचेरेशम सेमुलायम छोटे
छोटेबाल नजर आनेलगे। मेरेिदल की धड़कनेबढ़नेलगी। मेरा लंड तो सलामी ही
बजानेलगा। एक बार तो मुझेलगा िक मैं िबना कुछ िकये-धरेही झड़ जाऊँगा।
उसकी चूत की फांकें तो कमाल की थी। मोटी मोटी संतरेकी फांकों की तरह। गुलाबी
चट्ट। दोनों आपस में िचपकी हुई। मैंनेपेंटी को िनकाल फें का। जसै ेही मैंनेउसकी
जाँघों पर हाथ िफराया तो वो सीत्कार करनेलगी और अपनी जांघें कस कर भींच ली।
मैं जानता था िक यह उेजना और रोमांच के कारण है। मैंनेधीरेसेअपनी अंगुली
उसकी बुर की फांकों पर िफराई। वो तो मःत ही हो गई। मैंनेअपनी अंगुली ऊपर से
नीचेऔर िफर नीचेसेऊपर िफराई। 3-4 बार ऐसा करनेसेउसकी जांघें अपनेआप
चौड़ी होती चली गई। अब मैंनेअपनेदोनों हाथों सेउसकी बुर की दोनों फांकों को
चौड़ा िकया। एक हलकी सी पुट की आवाज के साथ उसकी चूत की फांकें खुल गई।
आह. अन्दर सेिबलकुल लाल चुटर्। जैसेिकसी पके तरबूज की िगरी हो। मैं अपने
आप को कैसेरोक पाता। मैंनेअपनेजलतेहोंठ उन पर रख िदए। आह … नमकीन
सा नािरयल पानी सा खट्टा सा ःवाद मेरी जबान पर लगा और मेरी नाक में जवान
िजःम की एक मादक महक भर गई। मैंनेअपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया
और उसके छोटेसेटींट (मदनमिण) पर िटका िदया। उसकी तो एक िकलकारी ही
िनकल गई। अब मैंनेऊपर सेनीचेऔर नीचेसेऊपर जीभ िफरानी चालूकर दी।
उसनेकस कर मेरेिसर के बालों को पकड़ िलया। वो तो सीत्कार पर सीत्कार िकये
जा रही थी।
बुर के छेद के नीचेउसकी गांड का सुनहरा छेद उसके कामरज सेपहलेसेही गीला हो
चुका था। अब तो वो भी खुलनेऔर बंद होनेलगा था। किनका आंह … उन्ह … कर
रही थी। ऊईई … मा..आÉ एक मीठी सी सीत्कार िनकल ही गई उसके मुंह से।
अब मैंनेउसकी बुर को पूरा मुंह में लेिलया और जोर की चुःकी लगाई। अभी तो मुझे
2 िमनट भी नहींहुए होंगेिक उसका शरीर अकड़नेलगा और उसनेअपनेपैर ऊपर
करके मेरी गदर्न के िगदर् लपेट िलए और मेरेबालों को कस कर पकड़ िलया। इतनेमें
ही उसकी चूत सेकाम रस की कोई 4-5 बूँदें िनकल कर मेरेमुंह में समांगई। आह
क्या रसीला ःवाद था। मैंनेतो इस रस को पहली बार चखा था। मैं उसेपूरा का पूरा
पी गया।
अब उसकी पकड़ कुछ ढीली हो गई थी। पैर अपनेआप नीचेआ गए। 2-3 चुिःकयां
लेनेके बाद मैंनेउसके एक उरोज को मुंह में लेिलया और चूसना चालूकर िदया।
शायद उसेइन उरोजों को चुसवाना अच्छा नहींलगा था। उसनेमेरा िसर एक और
धकेला और झट सेमेरेखड़ेलंड को अपनेमुंह में लेिलया। मैं तो कब सेयही चाह
रहा था। उसनेपहलेसुपाड़ेपर आई ूी कम की बूँदें चाटी और िफर सुपाड़ेको मुंह में
भर कर चूसनेलगी जैसेकोई रस भरी कुल्फी हो।
आह … आज िकसी नेपहली बार मेरेलंड को ढंग सेमुंह में िलया था। किनका नेतो
कमाल ही कर िदया। उसनेमेरा लंड पूरा मुंह में भरनेकी कोिशश की पर भला सात
इंच लम्बा लंड उसके छोटेसेमुंह में पूरा कैसेजाता।
मैं िच लेटा था और वो उकडूसी हुई मेरेलंड को चूसेजा रही थी। मेरी नजर उसकी
चूत की फांकों पर दौड़ गई। हलके हलके बालों सेलदी चूत तो कमाल की थी। मैंने
कई लूिफल्मों में देखा था की चूत के अन्दर के होंठों की फांके 1.5 या 2 इंच तक
लम्बी होती हैं पर किनका की तो बस छोटी छोटी सी थी। िबलकुल लाल और गुलाबी
रंगत िलए। मामी की तो िबलकुल काली काली थी। पता नहींमामा उन काली काली
फांकों को कैसेचूसतेहैं।
मैंनेकिनका की चूत पर हाथ िफराना चालूकर िदया। वो तो मःत हुई मेरेलंड को
िबना रुके चूसेजा रही थी। मुझेलगा अगर जल्दी ही मैंनेउसेमना नहींिकया तो
मेरा पानी उसके मुंह में ही िनकल जाएगा और मैं आज की रात िबना चूत मारेही रह
जाऊँगा। मैं ऐसा हरिगज नहींचाहता था।
मैंनेउसकी चूत में अपनी अगं लु ी जोर सेडाल दी। वो थोड़ी सी िचहुंकी और मेरेलंड
को छोड़ कर एक और लुढ़क गई।
वो िच लेट गई थी। अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चूमनेलगा।
एक हाथ सेउसके उरोज मसलनेचालूकर िदए और एक हाथ सेउसकी चूत की
फांकों को मसलनेलगा। उसनेभी मेरेलंड को मसलना चालूकर िदया। अब लोहा
पूरी तरह गमर् हो चुका था और हथोड़ा मारनेका समय आ गया था। मैंनेअपने
उफनतेहुए लंड को उसकी चूत के मुहानेपर रख िदया। अब मैंनेउसेअपनेबाहों में
जकड़ िलया और उसके गाल चूमनेलगा। एक हाथ सेउसकी कमर पकड़ ली। इतने
में मेरेलंड नेएक ठुमका लगाया और वो िफसल कर ऊपर िखसक गया।
किनका की हंसी िनकल गई।
मैंनेदबु ारा अपनेलंड को उसकी चूत पर सेट िकया और उसके कमर पकड़ कर एक
जोर का धक्का लगा िदया। मेरा लंड उसके थूक सेपूरा गीला हो चुका था और िपछले
आधेघंटेसेउसकी चूत नेभी बेतहाशा कामरज बहाया था। मेरा आधा लंड उसकी
कंुवारी चूत की सील को तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया।
इसके साथ ही किनका की एक चीख हवा में गूंज गई। मैंनेझट सेउसका मुंह दबा
िदया नहींतो उसकी चीख नीचेतक चली जाती।
कोई 2-3 िमनट तक हम िबना कोई हरकत िकयेऐसेही पड़ेरहे। वो नीचेपड़ी
कुनमुना रही थी। अपनेहाथ पैर पटक रही थी पर मैंनेउसकी कमर पकड़ रखी थी
इस िलए मेरा लंड बाहर िनकालनेका तो सवाल ही पैदा नहींहोता था। मुझेभी अपने
लंड के सुपाड़ेके नीचेजहांधागा होता हैजलन सी महसूस हुई। येतो मुझेबाद में
पता चला िक उसकी चूत की सील के साथ मेरेलंड की भी सील (धागा) टूट गई है।
चलो अच्छा हैअब आगेका राःता दोनों के िलए ही साफ़ हो गया है। हम दोनों को ही
ददर् हो रहा था। पर इस नए ःवाद के आगेयेददर् भला क्या मानेरखता था।
"ओह … भाई मैं तो मर गई रे …." किनका के मुंह सेिनकला "ओह … बाहर
िनकालो मैं मर जाउंगी !"
"अरेमेरी बहना रानी ! बस अब जो होना था हो गया है। अब ददर् नहींबस मजा ही
मजा आएगा। तुम डरो नहींयेददर् तो बस 2-3 िमनट का और हैउसके बाद तो बस
जन्नत का ही मजा है !"
"ओह. नहींप्लीज. बाहरÉ िनका … लो … ओह... या... आÉ. उन्ह … याÉ"
मैं जानता था उसका ददर् अब कम होनेलगा हैऔर उसेभी मजा आनेलगा है। मैंने
हौलेसेएक धक्का लगाया तो उसनेभी अपनी चूत को अन्दर सेिसकोड़ा। मेरा लंड
तो िनहाल ही हो गया जैसे। अब तो हालत यह थी िक किनका नीचेसेधक्के लगा
रही थी। अब तो मेरा लंड उसकी चूत में िबना िकसी रुकावट अन्दर बाहर हो रहा था।
उसके कामरज और सील टूटनेसेिनकलेखनू सेसना मेरा लंड तो लाल और गलु ाबी
सा हो गया था।
"उईई . मा .. आह .. मजा आ रहा हैभाई तेज करो ना .. आह ओर तेज या ..."
किनका मःत हुई बड़बड़ा रही थी।
अब उसनेअपनेपैर ऊपर उठा कर मेरी कमर के िगदर् लपेट िलए थे। मैंनेभी उसका
िसर अपनेहाथों में पकड़ कर अपनेसीनेसेलगा िलया और धीरेधीरेधक्के लगाने
लगा। जैसेही मैं ऊपर उठता तो वो भी मेरेसाथ ही थोड़ी सी ऊपर हो जाती और जब
हम दोनों नीचेआतेतो पहलेउसके िनतम्ब गेपर िटकतेऔर िफर गच्च सेमेरा
लंड उसकी चूत की गहराई में समांजाता। वो तो मःत हुई आह उईई माँ. ही करती
जा रही थी। एक बार उसका शरीर िफर अकड़ा और उसकी चूत नेिफर पानी छोड़
िदया। वो झड़ गई थी। आह ……। एक ठंडी सी आनंद की सीत्कार उसके मुंह से
िनकली तो लगा िक वो पूरी तरह मःत और संतु हो गई है।
मैंनेअपनेधक्के लगानेचालूरखे। हमारी इस चुदाई को कोई 20 िमिनट तो जरूर हो
ही गए थे। अब मुझेलगानेलगा िक मेरा लावा फूटनेवाला है।
मैंनेकिनका सेकहा तो वो बोली,"कोई बात नहीं, अन्दर ही डाल दो अपना पानी ! मैं
भी आज इस अमृत को अपनी कंुवारी चूत में लेकर िनहाल होना चाहती हूँ !"
मैंनेअपनेधक्कों की रझतार बढ़ा दी और िफर गमर् गाढ़ेरस की ना जानेिकतनी
िपचकािरयाँिनकलती चली गई और उसकी चूत को लबा लब भरती चली गई। उसने
मुझेकस कर पकड़ िलया। जैसेवो उस अमृत का एक भी कतरा इधर उधर नहींजाने
देना चाहती थी। मैं झड़नेके बाद भी उसके ऊपर ही लेटा रहा।
मैंनेकहींपढ़ा था िक आदमी को झड़नेके बाद 3-4 िमनट अपना लंड चूत में ही डाले
रखना चािहए इस सेउसके लंड को िफर सेनई ताकत िमल जाती है। और चूत में भी
ददर् और सूजन नहींआती।
थोड़ी देर बाद हम उठ कर बैठ गए। मैंनेकिनका सेपूछा,"कैसी लगी पहली चुदाई
मेरी जान ?"
"ओह बहुत ही मजेदार थी मेरेभैया ?"
"अब भैया नहींसैंया कहो मेरी जान ! "
"हाँहाँमेरेसैंया ! मेरेसाजन ! मैं तो कब की इस अमृत की प्यासी थी। बस तुमनेही
देर कर रखी थी !"
"क्या मतलब ?"
"ओह. तुम भी िकतनेलल्लूहो। तुम क्या सोचतेहो मुझेकुछ नहींपता ?"
"क्या मतलब ? "
"मुझेसब पता हैतुम मुझेनहातेहुए और मूततेहुए चुपके चुपके देखा करतेहो और
मेरा नाम लेलेकर मुट्ठ भी मारतेहो ?"
"ओह … तुम भी ना … एक नंबर की चुकड़ हो ?"
"क्यों ना बनूँआिखर खानदान का असर मुझ पर भी आएगा ही ना ?" और उसने
मेरी और आखँ मार दी। और िफर आगेबोली "पर तुम्हें क्या हुआ मेरेभैया ?"
"चुप साली अब भी भैया बोलती है ! अब तो मैं िदन में ही तुम्हारा भैया रहूँगा रात में
तो मैं तुम्हारा सैंया और तुम मेरी सजनी बनोगी !" और िफर मैंनेएक बार उसे
अपनी बाहों में भर िलया। उसेभला क्या ऐतराज हो सकता था।
बस यही कहानी हैतरुण की। यह कहानी आपको कैसी लगी मुझेजरुर बताएं।
आपका ूेम गुरु
Thursday, September 2, 2010
नशीली चूत का रस
बात उन िदनो की हैजब मैं १२वींकी बोडर् की परीक्षा देकर ६ी हुआ था और िरजल्ट
आनेमें तीन महीनेका समय था। येवो समय होता हैजब हर लड़का अपनेबढ़ेहुए
लंड के ूित आकािषतर् रहता हैसाथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घंुघराली झांटे
उसका मन जल्दी सेिकसी नशीली चूत का रस पान करनेको ूेिरत करती हैं। मैने
६ी टाइम को सही इःतेमाल करनेके िलयेएक इंगिलश ःपीिकंग कोसर् ज्वाइन कर
िलया। हमारेघर सेथोड़ी दरू पर एक नयेइंगिलश कोिचंग सेंटर खुला था जहांमैं
अपना एडमीशन लेनेपहुंच गया। मेरेलौड़ेकी िकःमत अच्छ थी वहांजातेही मेरा
सामना एक कमिसन, अल्हड़, मदमःत, जवान, औरत सेहुआ जो पता चला वहां
की टीचर है। उसके गोरे-गोरेतन बदन को देखतेही मेरा तो लौड़ा चड्ढी में ही
उचकनेलगा। उसकी खुशबूदार सांसो नेमन मेतूफ़ान पैदा कर डाला था। मन तो
उसके तुरंत चोदनेको कर रहा था पर क्या करता वहांतो पढ़नेगया था।
एडमीशन देतेहुए वो भी मुझेआखं ों ही आखं ों में तौल रही थी। वो २७ साल की भरे
बदन वाली मैडम थी। शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूिचयां) आधा िकलो की थी
और उसके गेदार मोटेचूतड़ (गांड) उभार िलयेसंगमरमर की मूरत सेतराशेहुए
िहलतेऐसेलगतेथेजैसेकह रहेहो- “आजा राजा इस गांड को बजा जा”
मैनेएडमीशन लेकर पूछा “िकतनेबजेआना हैमैडम?” वोह मुःकरा कर बोली
“सुबह ७ बजेआना।” “साथ क्या लाना है?” “वो बोली एक कोपी बस”। मैं घर
वापस आ गया पर सारी रात सुबह होनेके इंतज़ार में सो न सका। रात भर मैडम
की हसीन मुःकान और चेहरा सामनेथा। मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो
कबूतरों का यान कर रहा था जो बाहर आनेको बेताब थे। उनकी चूत कैसी होगी?
गुलाबी चूत पेकाला िसंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला,
मुलायम मीठा या नमकीन, िकतना नशा होगा उनके चूत के रस में? उनकी बुर की
फांके गुलाब की पियों सी फैला दंूतो क्या हो? येकल्पना और मदहोश कर रही थी
िजससेमेरेलंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्ढी में उसनेगीला
पानी छोड़ िदया।
अगलेिदन सुबह, जल्दी सेनहा कर मैं इंगिलश की कोिचंग में टाइम सेपहुंच गया।
उस क्लास में और भी कुछ हसीन लड़िकयांथीं। कुछ खूबसूरत शादी-शुदा औरतें भी
थी जो हाई क्लास सोसाइटी में अपनी धाक जमानेके िलयेइंगिलश सीखना चाह
रही थींतािक हाई क्लास की रंगीिनयों का मज़ा उठाया जा सके। मैं पीछे की सीट
पर बैठ गया। थोड़ी देर में मैडम वहांआयी और गूड मोिनग के साथ मुझ पर नज़र
पड़तेही बोली –“तुम आगेआकर बैठो”। उनके कहनेपर मैं आगेकी सीट पर बैठ
गया। वो सबको अपना पिरचय हुए बोली – हाय मैिनशा हूँ। अब आप लोग अपना
पिरचय दीिजये। हम सबनेअपना-अपना पिरचय िदया। िफर वो ब्लैक बोडर् की
तरफ़ मुड़कर िलखनेलगी। जैसेही वो मुड़ी उनकी गांड मेरेसामनेथी और मन िफर
उनकी गांड मारनेके ख्याल में खो गया। क्या करुं जवानी १८ साल की कहांशांत
रहती।
वो बहुत संुदर लाइट कलर की साड़ी पहनेथी। लाइट िपंक ब्लाउज़ के नीचेउनका
काला ॄा साफ़ िदख रहा था। साड़ी के पल्लुसेउनकी चूची का बोडर्र ज़बान पेपानी
ला रहा था। लालच मन में जगा रहा था। दोनो चुिचयों के बीच की गहरी लाइन ॄा
के ऊपर सेलंड को मःती िदला रही थी। वो मुड़ कर वापस क्लास को बोलनेलगी
मामर के बारेमें और मेरेएकदम पास चली आयी। मैं बैठा था और वो मेरेइतने
करीब खड़ी थी िक उनका खुला पेट वाला िहःसा मेरेमुंह के पास आ चुका था
िजसमेसेउनकी गोल-गोल गहरी टोंडी (नािभ) की महक मेरेनथुनो मेमीठा ज़हर
घोल रही थी। िफर उनका पेन हाथ सेिगरकर मेरेसामनेटपक गया िजसेलेनेवो
नीचेझुकी तो दोनो चुिचयांमेरेमुंह के सामनेपरस गये। उस िदन क्लास ऐसेही
चलता रहा। िफर जब क्लास खम हुआ तो जब सब चलनेलगेतो मैडम नेमुझे
रुकनेको कहा। मैं अपनी कुरसी पर बैठा रहा। सबके चलेजानेके बाद मैडम मेरे
पास आयी और बोली-“ हेंडसम लग रहेहो” मैनेकहा “थैंक यू”। तुम अभी क्या
करतेहो? मैं बोला- अभी १२वींका एक्साम िदया हैअब मैं ६ी हूं। मैडम बोली –
मतलब अब तुम बािलग (एडल्ट) हो गयेहो।” “यस मैडम”, मैं बोला।
“हूऊऊऊउमÉÉ। वो कुछ सोच कर बोली, तुम्हारा केला तो काफ़ी काफ़ी बड़ा है।
‘केला???’ मैं समझ तो गया था िक मैडम मेरेलंड की तरफ़ इशारा कर रही हैं पर मैं
अंजान बना रहा। मैनेपूछा िकस केलेकी बात कर रही हैं आप? “अरेअब इतने
अंजान मत बनो मेरेराजा, तुम्हारा लौड़ा जो काफ़ी बड़ा हैऔर जो इस पैंट के नीचे
सेफूल कर बाहर हवा खानेको बेताब है। शायद इसनेअभी तक गुिझया (चूत) का
ःवाद नहींचखा। असल में मैं क्लास जल्दी पहुंचनेके चक्कर में नहा कर पैंट के
नीचेअंडरवेअर पहनना भूल गया था िजससेमोटा लौड़ा तन कर पैंट में अपनी छाप
िदखा रहा था।
मैडम को ६ी और ६ें क होता देख कर मैनेभी कह िदया “हांमैडम अभी तक िकसी
की चूत का ःवाद नहींचखा है।” वो बोली शिनवार की सुबह ६ बजेमेरेघर आ
सकतेहो, मैं अकेली रहती हूं। दर असल मेरेपित नेवी में हैं और हमारेकोई औलाद
नहींहैं। तुम आजाओगेतो मुझेकम्पनी हो जायेगी। मैनेफ़ौरन हामी भर दी। मैं
जानता तो था िक मैडम को मेरी कम्पनी क्यों चािहयेथी। उनको अपनी बुर की
खुजली िमटानी थी और िफर जब पित नेवी में गांड मरायेतो पी िदन भर जब
टीिचंग सेलौट कर आयेतो चूत चोदनेको कोई लौड़ा तो चािहयेही। इसमेकुछ
गलत नहींहैं। हर औरत की, हर लिडया की चूत में गरमी चढ़ती हैऔर उसकी चूत
की आग िसफ़र् और िसफ़र् लंड ही शांत कर सकता है।
सारी रात मैडम का यान कर मैं सो न सका। सुबह घड़ी में अलामर् लगा िदया ५
बजेका। मम्मी भी सुबह अलामर् की आवाज़ सेउठ गयी और बोली इतनेसुबह कहां
जा रहेहो?? मैनेकहा सुबह रोज़ अब मैं जल्दी उठ कर जोिगंग करनेजाउंगा और
िफर वहींसेक्लास अटेंड कर वापस आउंगा। अब उनसेक्या कहता िक मैडम की
चूत की खजु ली शांत करनेजा रहा हूं। सुबह चाय पीकर मैं तुरंत टैक्सी कर मैडम के
पतेपर कोपी िलयेपहुंच गया। डोरबेल की घंटी बजायी तो थोड़ी देर बाद मैडम
ब्लैक नाइटी पहनेमुःकरा कर दरवाजा खोलती नज़र आयी। उनके नाइटी के दो
बटन ऊपर के खुलेथेऔर ॄा नहींपहनेहोनेके कारण दोनो चूिचयांमुझेसाफ़
िदख रहींथीं। नीचेपेटीकोट भी नहींथा क्योंिक उन्होनेमेरा हाथ कमर पेरख मुझे
अंदर बुलाया िजससेउनका बदन मेरेहाथ में आ गया था।
सामनेखलु ा हुआ सीना मेरेिदल की धड़कन बढ़ा रहा था। वो मुसकरा कर बोली
अब ऐसेही खड़े-खड़ेमेरी सूरत देखतेरहोगेया मुझेअपनी बाहों में उठा कर िबःतर
पेभी लेचलोगे। मेरी जवानी कबसेमोटेलंड की आग में जल रही है, मेरी जवानी के
मज़ेनहींलूटोगे??? मैनेतुरंत कोपी पास पड़ी टेबल पर फें क दी और मैडम को झट
सेअपनी बाहों में उठा िलया। उनके खुलेबाल मेरेहाथ पर थेऔर उन्होनेमेरेहोंठों
को अपनेिलप्स में कैद कर िलया। उनका बेडरूम सामनेही था। मौसम थोड़ा गरम
था इसिलयेमैं उनको पहलेबाथरूम में लेआया जहांउनको थोड़ा नहला कर
मािलश कर गरम कर सकुं।
मैनेमैडम को बाथरूम में खड़ा कर िदया और िफर उनकी काली नाइटी के ऊपर से
पूरा मांसल बदन दबाया िफर सहलाया। उनके हाथ ऊपर कर उनकी काली नाइटी
धीरेसेउतार दी। अब वो पूरी नंगी मेरेसामनेखड़ी थी। दिूधया बदन गोरी-गोरी-
मोटी चूिचयांऔर हल्के कालेघुंघरालेबालों के बीच गुलाबी मुलायम चूत। मैने
शोवर चालुकर िदया पानी ऊपर सेनीचेहर अंग को िभगो रहा था। मैनेउनको
चूमना चाटना शुरु कर िदया। होंठों सेहोंठ िफर गाल सब पर ज़बान फेर कर मज़ा
देता गया। दोनो चूिचयांबार बार दबा कर िनप्पलों को मुंह में भर िलया। उनके
िपंक िनप्पल मोटेऔर बहुत सोझट थे। ज़बान िनकाल कर गोल-गोल िनप्पल पर
घुमा कर चाट कर िपया। वो आअअहअहहÉ।।उअहअहहÉईईःसःससÉमज़ा आ
गया बोली। और िपयो येिनप्पल कब सेतरस रहेथेिक कोई इनको िपये।
मैनेकस कर चूची मदर्न िकया दबा दबा कर िनप्पलों उकेर कर दोनो िनप्पलों पर
जबान सेखूब खुजली की। मैडम भी अपनी ज़बान िनकाल कर मेरेज़बान के साथ
अपनेिनप्पलों चाट रहींथी। उनकी चूिचयांफूल कर बड़ी हो गयी थी और मैं नीचे
उनके नािभ पर आ गया था। गोल नािभ की गहरायी नापनेमें २ िमनट लगा इससे
पहलेचूिचयों का मसाज और िनप्पलों को चूस कर १० िमनट तक उनको प्यार के
नशेमें डुबाता चला गया। इस िबया सेमेरा लौड़ा भी नागराज की तरह फंुकारता
हुआ खड़ा हो कर ७इंच का हो चुका था िजस पर मैडम का हाथ पहुंच गया था। मैने
धीरेसेमैडम को बाथरूम के फ़शर् पर िलटाया तािक उनकी चूत खुल कर मेरेसामने
आ सके और मैं उनकी गुलाबी गुिझया में उंगली डाल सकूँ।
मैं धीरेसेउनकी चूत का रस पीनेके इरादेसेनीचेगया। उनकी झांटों पर पड़ी पानी
की बूंदों नेमुझेउनके झांटों पर चांदी की तरह चमकती बूंदों को पीनेकी चाह जगा
दी। मैं उनकी काली, मुलायम घुंघराली झांटों को अपनेहोंठों में कैद कर अपने
िलप्स सेपीनेलगा। उनकी जब झांटें िखंचती तो वो
अअहअहअहअहअहअहअहÉÉ।।ऊऊऊऊऊअहअहह
…।।अहहाईईइÉÉÉ।ज्जज्जजाआअन्नन्नन्नन्नन्नÉ।।ःसःसःसःसःसःस
ःससÉ करती िजससेमेरा लंड और कड़क हो जाता। उनकी झांटों सेपानी साफ़
करनेके बाद मैनेदोनो उंगिलयों सेउनकी चूत की गहरायी को नापा मतलब दोनो
उंगिलयांअंदर गुलाबी छेद में डाल दी गहरायी तक। िफर ज़बान पास लाकर उनके
चूत का िसंघाड़ा अपनेमुंह में कैद कर िलया। करीब १० िमनट तक उनकी नशीली
चूत का रस अपनी ज़बान सेपीता रहा और उनकी गरम चूत में अपनी ज़बान
चलाता रहा। ऊपर सेनीचेिफर नीचेसेऊपर और िफर ज़बान को कड़ा कर अंदर
बाहर भी। ज़बान सेचूत रस चाटतेव मैनेएक उंगली नीचेखूबसुरत सेिदख रहे
गांड के छेद पेलगा दी। उनको तैयार कर मैनेअपना अंडरवेअर उतारा िजससेमैडम
बाथरूम के फ़शर् पर उठ कर मेरेऊपर मेरी तरफ़ गांड कर ६९ की पोजीशन में लेट
गयी और मेरा लंड अपनेमुंह में डाल िलया।
मैं मैडम की चूत मैं नीचेसेपीछे सेज़बान डाल कर उनका रस चाटेजा रहा था और
मैडम को मेरा गलु ाबी सुपाड़ा बहुत मज़ा देरहा था। वो बच्चो की तरह उसेचूसेजा
रहींथी। क्योंिक उनको लंड बहुत िदनो बाद नसीब हुआ था। मेरा तना लंड उनको
बहुत मज़ा देरहा था वो ५ िमनट तक मेरा लौड़ा अपनेहोंठों में कैद कर चूसती रहीं
ज़बान सेलंड के सुपाड़ेको चाट-चाट कर लाल कर िदया था और लंड तन कर रोड
की तरह पूरा कड़ा हो गया था पर मैडम छोड़ ही नहींरहींथी। मैनेबोला मैडम मैं
झड़नेवाला हूंतो उन्होनेमुझेखड़ा कर िदया और खदु भी मेरेऊपर सेहट गयी।
बोली-आओ राजा मेरी ज़बान पर िगरा दो। वो मेरेलंड के पास मुंह खोल कर ज़बान
िनकाल कर बैठ गयीं। मैनेअपनेहाथ सेिहला कर जल्दी सेअपना सारा गरम
गरम शहद उनकी ज़बान पेिगराया िजसेउन्होनेअपनी आंखेबंद कर जन्नत का
मज़ा िलया। वो मेरेगरम वीयर् की आिखरी बूंद तक चाट गयी। िफर उन्होनेअपना
मुंह धोया और मुझेबोली अब मुझको बेडरूम में लेचलो राजा। मैं भी उनकी चूत
चोदनेको बेताब था।
मैनेउनको उठा िलया और बेड पर िचत िलटा िदया। उनकी दोनो गोरी टांगो को
खूब फैला िदया तािक उनकी गुलाबी चूत मेरेसामनेखुल जायेऔर मुझेउनकी चूत
को चाटनेमें ज़रा भी किठनाई न हो। वो िफर सेमेरेलंड को अपनेहाथ सेपकड़ कर
आगेपीछे िहलानेलगी। उनके येकरनेसेमेरा लंड िफर सेखड़ा होनेलगा। मैने
उनकी नशीली चूत को चाट कर अपनेथूक सेिचकना िकया। वैसेउनकी चूत बहुत
मक्खन सी मुलायम और मलमल सी िचकनी थी। वो गरम-गरम मलाई सेभरपूर
चूत मुझेअब जन्नत सी लग रही थी िजसको अब चोदना बहुत ज़रूरी हो गया था।
मेरेलप-लप कर उनकी चूत को चाटनेसेवो अपनेमुंह से
सीÉसीÉऊऊऊओÉ।अअहअहअहअहअह कर रही थी। बोली मेरेराजा जल्दी से
अपना ७ इंच का शेर मेरी प्यार की गुफ़ा में घुसा दो। जल्दी सेइस चूत की खुजली
शांत करो। बहुत तड़प रहींहूं।
मैनेजल्दी सेउनकी गोरी मांसल जांघो को दरू दरू िकया और लौड़ा पकड़ कर
अपना सुपाड़ा चूत के मुंह पेिटका कर सहलाया। िफर एक धीरेसेज़ोर लगाया
िजससेलंड खच की आवाज़ सेअंदर गरम गरम चूत में अंदर तक समा गया। वो
आखं ें बंद कर मःत होनेलगी। मैं बोला िनशा तुम बहुत मःत हो। वो मुःकुरा दी।
मैनेअपनेलंड का वेग बढ़ा िदया। लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर चलनेलगा। लंड पूरे
ज़ोर सेअंदर बाहर आ जा रहा था िजससेिनशा की चूिचयांभी िहल रही थीं। दोनो
बूब्स को मैनेहाथ में भर कर मसलना शुरु कर िदया था और उनके िनप्पल भी
अपनेहोंठों में चूसनेलगा। िनशा की जवानी लूट कर १० िमनट तक गरम लंड रोड
सा उसकी बुर को फाड़ता रहा। िफर मैनेउसकी चूत सेलंड बाहर िनकाला और
अपना गरम वीयर् उसकी चूत के ऊपर और टोंढी के छेद में डाल िदया।
अब वो शांत हो चुकी थींऔर मेरा पहला प्यार का क्लास १ घंटेमें खतम हुआ था।
सेक्स की इस क्लास में मुझको मज़ा िमला था। अनोखा मज़ा।
आनेमें तीन महीनेका समय था। येवो समय होता हैजब हर लड़का अपनेबढ़ेहुए
लंड के ूित आकािषतर् रहता हैसाथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घंुघराली झांटे
उसका मन जल्दी सेिकसी नशीली चूत का रस पान करनेको ूेिरत करती हैं। मैने
६ी टाइम को सही इःतेमाल करनेके िलयेएक इंगिलश ःपीिकंग कोसर् ज्वाइन कर
िलया। हमारेघर सेथोड़ी दरू पर एक नयेइंगिलश कोिचंग सेंटर खुला था जहांमैं
अपना एडमीशन लेनेपहुंच गया। मेरेलौड़ेकी िकःमत अच्छ थी वहांजातेही मेरा
सामना एक कमिसन, अल्हड़, मदमःत, जवान, औरत सेहुआ जो पता चला वहां
की टीचर है। उसके गोरे-गोरेतन बदन को देखतेही मेरा तो लौड़ा चड्ढी में ही
उचकनेलगा। उसकी खुशबूदार सांसो नेमन मेतूफ़ान पैदा कर डाला था। मन तो
उसके तुरंत चोदनेको कर रहा था पर क्या करता वहांतो पढ़नेगया था।
एडमीशन देतेहुए वो भी मुझेआखं ों ही आखं ों में तौल रही थी। वो २७ साल की भरे
बदन वाली मैडम थी। शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूिचयां) आधा िकलो की थी
और उसके गेदार मोटेचूतड़ (गांड) उभार िलयेसंगमरमर की मूरत सेतराशेहुए
िहलतेऐसेलगतेथेजैसेकह रहेहो- “आजा राजा इस गांड को बजा जा”
मैनेएडमीशन लेकर पूछा “िकतनेबजेआना हैमैडम?” वोह मुःकरा कर बोली
“सुबह ७ बजेआना।” “साथ क्या लाना है?” “वो बोली एक कोपी बस”। मैं घर
वापस आ गया पर सारी रात सुबह होनेके इंतज़ार में सो न सका। रात भर मैडम
की हसीन मुःकान और चेहरा सामनेथा। मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो
कबूतरों का यान कर रहा था जो बाहर आनेको बेताब थे। उनकी चूत कैसी होगी?
गुलाबी चूत पेकाला िसंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला,
मुलायम मीठा या नमकीन, िकतना नशा होगा उनके चूत के रस में? उनकी बुर की
फांके गुलाब की पियों सी फैला दंूतो क्या हो? येकल्पना और मदहोश कर रही थी
िजससेमेरेलंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्ढी में उसनेगीला
पानी छोड़ िदया।
अगलेिदन सुबह, जल्दी सेनहा कर मैं इंगिलश की कोिचंग में टाइम सेपहुंच गया।
उस क्लास में और भी कुछ हसीन लड़िकयांथीं। कुछ खूबसूरत शादी-शुदा औरतें भी
थी जो हाई क्लास सोसाइटी में अपनी धाक जमानेके िलयेइंगिलश सीखना चाह
रही थींतािक हाई क्लास की रंगीिनयों का मज़ा उठाया जा सके। मैं पीछे की सीट
पर बैठ गया। थोड़ी देर में मैडम वहांआयी और गूड मोिनग के साथ मुझ पर नज़र
पड़तेही बोली –“तुम आगेआकर बैठो”। उनके कहनेपर मैं आगेकी सीट पर बैठ
गया। वो सबको अपना पिरचय हुए बोली – हाय मैिनशा हूँ। अब आप लोग अपना
पिरचय दीिजये। हम सबनेअपना-अपना पिरचय िदया। िफर वो ब्लैक बोडर् की
तरफ़ मुड़कर िलखनेलगी। जैसेही वो मुड़ी उनकी गांड मेरेसामनेथी और मन िफर
उनकी गांड मारनेके ख्याल में खो गया। क्या करुं जवानी १८ साल की कहांशांत
रहती।
वो बहुत संुदर लाइट कलर की साड़ी पहनेथी। लाइट िपंक ब्लाउज़ के नीचेउनका
काला ॄा साफ़ िदख रहा था। साड़ी के पल्लुसेउनकी चूची का बोडर्र ज़बान पेपानी
ला रहा था। लालच मन में जगा रहा था। दोनो चुिचयों के बीच की गहरी लाइन ॄा
के ऊपर सेलंड को मःती िदला रही थी। वो मुड़ कर वापस क्लास को बोलनेलगी
मामर के बारेमें और मेरेएकदम पास चली आयी। मैं बैठा था और वो मेरेइतने
करीब खड़ी थी िक उनका खुला पेट वाला िहःसा मेरेमुंह के पास आ चुका था
िजसमेसेउनकी गोल-गोल गहरी टोंडी (नािभ) की महक मेरेनथुनो मेमीठा ज़हर
घोल रही थी। िफर उनका पेन हाथ सेिगरकर मेरेसामनेटपक गया िजसेलेनेवो
नीचेझुकी तो दोनो चुिचयांमेरेमुंह के सामनेपरस गये। उस िदन क्लास ऐसेही
चलता रहा। िफर जब क्लास खम हुआ तो जब सब चलनेलगेतो मैडम नेमुझे
रुकनेको कहा। मैं अपनी कुरसी पर बैठा रहा। सबके चलेजानेके बाद मैडम मेरे
पास आयी और बोली-“ हेंडसम लग रहेहो” मैनेकहा “थैंक यू”। तुम अभी क्या
करतेहो? मैं बोला- अभी १२वींका एक्साम िदया हैअब मैं ६ी हूं। मैडम बोली –
मतलब अब तुम बािलग (एडल्ट) हो गयेहो।” “यस मैडम”, मैं बोला।
“हूऊऊऊउमÉÉ। वो कुछ सोच कर बोली, तुम्हारा केला तो काफ़ी काफ़ी बड़ा है।
‘केला???’ मैं समझ तो गया था िक मैडम मेरेलंड की तरफ़ इशारा कर रही हैं पर मैं
अंजान बना रहा। मैनेपूछा िकस केलेकी बात कर रही हैं आप? “अरेअब इतने
अंजान मत बनो मेरेराजा, तुम्हारा लौड़ा जो काफ़ी बड़ा हैऔर जो इस पैंट के नीचे
सेफूल कर बाहर हवा खानेको बेताब है। शायद इसनेअभी तक गुिझया (चूत) का
ःवाद नहींचखा। असल में मैं क्लास जल्दी पहुंचनेके चक्कर में नहा कर पैंट के
नीचेअंडरवेअर पहनना भूल गया था िजससेमोटा लौड़ा तन कर पैंट में अपनी छाप
िदखा रहा था।
मैडम को ६ी और ६ें क होता देख कर मैनेभी कह िदया “हांमैडम अभी तक िकसी
की चूत का ःवाद नहींचखा है।” वो बोली शिनवार की सुबह ६ बजेमेरेघर आ
सकतेहो, मैं अकेली रहती हूं। दर असल मेरेपित नेवी में हैं और हमारेकोई औलाद
नहींहैं। तुम आजाओगेतो मुझेकम्पनी हो जायेगी। मैनेफ़ौरन हामी भर दी। मैं
जानता तो था िक मैडम को मेरी कम्पनी क्यों चािहयेथी। उनको अपनी बुर की
खुजली िमटानी थी और िफर जब पित नेवी में गांड मरायेतो पी िदन भर जब
टीिचंग सेलौट कर आयेतो चूत चोदनेको कोई लौड़ा तो चािहयेही। इसमेकुछ
गलत नहींहैं। हर औरत की, हर लिडया की चूत में गरमी चढ़ती हैऔर उसकी चूत
की आग िसफ़र् और िसफ़र् लंड ही शांत कर सकता है।
सारी रात मैडम का यान कर मैं सो न सका। सुबह घड़ी में अलामर् लगा िदया ५
बजेका। मम्मी भी सुबह अलामर् की आवाज़ सेउठ गयी और बोली इतनेसुबह कहां
जा रहेहो?? मैनेकहा सुबह रोज़ अब मैं जल्दी उठ कर जोिगंग करनेजाउंगा और
िफर वहींसेक्लास अटेंड कर वापस आउंगा। अब उनसेक्या कहता िक मैडम की
चूत की खजु ली शांत करनेजा रहा हूं। सुबह चाय पीकर मैं तुरंत टैक्सी कर मैडम के
पतेपर कोपी िलयेपहुंच गया। डोरबेल की घंटी बजायी तो थोड़ी देर बाद मैडम
ब्लैक नाइटी पहनेमुःकरा कर दरवाजा खोलती नज़र आयी। उनके नाइटी के दो
बटन ऊपर के खुलेथेऔर ॄा नहींपहनेहोनेके कारण दोनो चूिचयांमुझेसाफ़
िदख रहींथीं। नीचेपेटीकोट भी नहींथा क्योंिक उन्होनेमेरा हाथ कमर पेरख मुझे
अंदर बुलाया िजससेउनका बदन मेरेहाथ में आ गया था।
सामनेखलु ा हुआ सीना मेरेिदल की धड़कन बढ़ा रहा था। वो मुसकरा कर बोली
अब ऐसेही खड़े-खड़ेमेरी सूरत देखतेरहोगेया मुझेअपनी बाहों में उठा कर िबःतर
पेभी लेचलोगे। मेरी जवानी कबसेमोटेलंड की आग में जल रही है, मेरी जवानी के
मज़ेनहींलूटोगे??? मैनेतुरंत कोपी पास पड़ी टेबल पर फें क दी और मैडम को झट
सेअपनी बाहों में उठा िलया। उनके खुलेबाल मेरेहाथ पर थेऔर उन्होनेमेरेहोंठों
को अपनेिलप्स में कैद कर िलया। उनका बेडरूम सामनेही था। मौसम थोड़ा गरम
था इसिलयेमैं उनको पहलेबाथरूम में लेआया जहांउनको थोड़ा नहला कर
मािलश कर गरम कर सकुं।
मैनेमैडम को बाथरूम में खड़ा कर िदया और िफर उनकी काली नाइटी के ऊपर से
पूरा मांसल बदन दबाया िफर सहलाया। उनके हाथ ऊपर कर उनकी काली नाइटी
धीरेसेउतार दी। अब वो पूरी नंगी मेरेसामनेखड़ी थी। दिूधया बदन गोरी-गोरी-
मोटी चूिचयांऔर हल्के कालेघुंघरालेबालों के बीच गुलाबी मुलायम चूत। मैने
शोवर चालुकर िदया पानी ऊपर सेनीचेहर अंग को िभगो रहा था। मैनेउनको
चूमना चाटना शुरु कर िदया। होंठों सेहोंठ िफर गाल सब पर ज़बान फेर कर मज़ा
देता गया। दोनो चूिचयांबार बार दबा कर िनप्पलों को मुंह में भर िलया। उनके
िपंक िनप्पल मोटेऔर बहुत सोझट थे। ज़बान िनकाल कर गोल-गोल िनप्पल पर
घुमा कर चाट कर िपया। वो आअअहअहहÉ।।उअहअहहÉईईःसःससÉमज़ा आ
गया बोली। और िपयो येिनप्पल कब सेतरस रहेथेिक कोई इनको िपये।
मैनेकस कर चूची मदर्न िकया दबा दबा कर िनप्पलों उकेर कर दोनो िनप्पलों पर
जबान सेखूब खुजली की। मैडम भी अपनी ज़बान िनकाल कर मेरेज़बान के साथ
अपनेिनप्पलों चाट रहींथी। उनकी चूिचयांफूल कर बड़ी हो गयी थी और मैं नीचे
उनके नािभ पर आ गया था। गोल नािभ की गहरायी नापनेमें २ िमनट लगा इससे
पहलेचूिचयों का मसाज और िनप्पलों को चूस कर १० िमनट तक उनको प्यार के
नशेमें डुबाता चला गया। इस िबया सेमेरा लौड़ा भी नागराज की तरह फंुकारता
हुआ खड़ा हो कर ७इंच का हो चुका था िजस पर मैडम का हाथ पहुंच गया था। मैने
धीरेसेमैडम को बाथरूम के फ़शर् पर िलटाया तािक उनकी चूत खुल कर मेरेसामने
आ सके और मैं उनकी गुलाबी गुिझया में उंगली डाल सकूँ।
मैं धीरेसेउनकी चूत का रस पीनेके इरादेसेनीचेगया। उनकी झांटों पर पड़ी पानी
की बूंदों नेमुझेउनके झांटों पर चांदी की तरह चमकती बूंदों को पीनेकी चाह जगा
दी। मैं उनकी काली, मुलायम घुंघराली झांटों को अपनेहोंठों में कैद कर अपने
िलप्स सेपीनेलगा। उनकी जब झांटें िखंचती तो वो
अअहअहअहअहअहअहअहÉÉ।।ऊऊऊऊऊअहअहह
…।।अहहाईईइÉÉÉ।ज्जज्जजाआअन्नन्नन्नन्नन्नÉ।।ःसःसःसःसःसःस
ःससÉ करती िजससेमेरा लंड और कड़क हो जाता। उनकी झांटों सेपानी साफ़
करनेके बाद मैनेदोनो उंगिलयों सेउनकी चूत की गहरायी को नापा मतलब दोनो
उंगिलयांअंदर गुलाबी छेद में डाल दी गहरायी तक। िफर ज़बान पास लाकर उनके
चूत का िसंघाड़ा अपनेमुंह में कैद कर िलया। करीब १० िमनट तक उनकी नशीली
चूत का रस अपनी ज़बान सेपीता रहा और उनकी गरम चूत में अपनी ज़बान
चलाता रहा। ऊपर सेनीचेिफर नीचेसेऊपर और िफर ज़बान को कड़ा कर अंदर
बाहर भी। ज़बान सेचूत रस चाटतेव मैनेएक उंगली नीचेखूबसुरत सेिदख रहे
गांड के छेद पेलगा दी। उनको तैयार कर मैनेअपना अंडरवेअर उतारा िजससेमैडम
बाथरूम के फ़शर् पर उठ कर मेरेऊपर मेरी तरफ़ गांड कर ६९ की पोजीशन में लेट
गयी और मेरा लंड अपनेमुंह में डाल िलया।
मैं मैडम की चूत मैं नीचेसेपीछे सेज़बान डाल कर उनका रस चाटेजा रहा था और
मैडम को मेरा गलु ाबी सुपाड़ा बहुत मज़ा देरहा था। वो बच्चो की तरह उसेचूसेजा
रहींथी। क्योंिक उनको लंड बहुत िदनो बाद नसीब हुआ था। मेरा तना लंड उनको
बहुत मज़ा देरहा था वो ५ िमनट तक मेरा लौड़ा अपनेहोंठों में कैद कर चूसती रहीं
ज़बान सेलंड के सुपाड़ेको चाट-चाट कर लाल कर िदया था और लंड तन कर रोड
की तरह पूरा कड़ा हो गया था पर मैडम छोड़ ही नहींरहींथी। मैनेबोला मैडम मैं
झड़नेवाला हूंतो उन्होनेमुझेखड़ा कर िदया और खदु भी मेरेऊपर सेहट गयी।
बोली-आओ राजा मेरी ज़बान पर िगरा दो। वो मेरेलंड के पास मुंह खोल कर ज़बान
िनकाल कर बैठ गयीं। मैनेअपनेहाथ सेिहला कर जल्दी सेअपना सारा गरम
गरम शहद उनकी ज़बान पेिगराया िजसेउन्होनेअपनी आंखेबंद कर जन्नत का
मज़ा िलया। वो मेरेगरम वीयर् की आिखरी बूंद तक चाट गयी। िफर उन्होनेअपना
मुंह धोया और मुझेबोली अब मुझको बेडरूम में लेचलो राजा। मैं भी उनकी चूत
चोदनेको बेताब था।
मैनेउनको उठा िलया और बेड पर िचत िलटा िदया। उनकी दोनो गोरी टांगो को
खूब फैला िदया तािक उनकी गुलाबी चूत मेरेसामनेखुल जायेऔर मुझेउनकी चूत
को चाटनेमें ज़रा भी किठनाई न हो। वो िफर सेमेरेलंड को अपनेहाथ सेपकड़ कर
आगेपीछे िहलानेलगी। उनके येकरनेसेमेरा लंड िफर सेखड़ा होनेलगा। मैने
उनकी नशीली चूत को चाट कर अपनेथूक सेिचकना िकया। वैसेउनकी चूत बहुत
मक्खन सी मुलायम और मलमल सी िचकनी थी। वो गरम-गरम मलाई सेभरपूर
चूत मुझेअब जन्नत सी लग रही थी िजसको अब चोदना बहुत ज़रूरी हो गया था।
मेरेलप-लप कर उनकी चूत को चाटनेसेवो अपनेमुंह से
सीÉसीÉऊऊऊओÉ।अअहअहअहअहअह कर रही थी। बोली मेरेराजा जल्दी से
अपना ७ इंच का शेर मेरी प्यार की गुफ़ा में घुसा दो। जल्दी सेइस चूत की खुजली
शांत करो। बहुत तड़प रहींहूं।
मैनेजल्दी सेउनकी गोरी मांसल जांघो को दरू दरू िकया और लौड़ा पकड़ कर
अपना सुपाड़ा चूत के मुंह पेिटका कर सहलाया। िफर एक धीरेसेज़ोर लगाया
िजससेलंड खच की आवाज़ सेअंदर गरम गरम चूत में अंदर तक समा गया। वो
आखं ें बंद कर मःत होनेलगी। मैं बोला िनशा तुम बहुत मःत हो। वो मुःकुरा दी।
मैनेअपनेलंड का वेग बढ़ा िदया। लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर चलनेलगा। लंड पूरे
ज़ोर सेअंदर बाहर आ जा रहा था िजससेिनशा की चूिचयांभी िहल रही थीं। दोनो
बूब्स को मैनेहाथ में भर कर मसलना शुरु कर िदया था और उनके िनप्पल भी
अपनेहोंठों में चूसनेलगा। िनशा की जवानी लूट कर १० िमनट तक गरम लंड रोड
सा उसकी बुर को फाड़ता रहा। िफर मैनेउसकी चूत सेलंड बाहर िनकाला और
अपना गरम वीयर् उसकी चूत के ऊपर और टोंढी के छेद में डाल िदया।
अब वो शांत हो चुकी थींऔर मेरा पहला प्यार का क्लास १ घंटेमें खतम हुआ था।
सेक्स की इस क्लास में मुझको मज़ा िमला था। अनोखा मज़ा।
गरम चूत की कहानी
हेल्लो दोःतों येकहानी एक ऐसी कहानी हैिजसेसोच कर मैं मःती मई झूम उठाता
हूँतो दोःतों कहानी का मज़ा कमिसन हसीना की जबु ानी आप ख़दु ही सुनेतो
ज्यादा ठीक रहेगा
तुम्हारी सेक्सी मेल्स पढ़कर मुझेइतना मज़ा आता हैिक मैं बता नहींसकती .
िजतना मज़ा तुम्हारी मेल नेिदया हैउतना शायद ही कभी मुझेिमला हो . जैसा की
तुम मुझेकह रहेथे , मैं भी तुमको यह सेक्सी मेल िलख रही हूँ . होप यूएन्जॉय .
जहाँतुमनेछोड़ा था उसके आगेसेिलख रही हूँ. तुम मेरेपास आगरा आए थेऔर
होटल के रूम में बुला कर तुमनेमुझेखूब चोदा .
(हाय मैं इतना गन्दा सोच रही हूँ )
तीन बार करनेके बाद , तुम पूरी तरह िनढाल होकर मेरी चूत में अपना लंड डाल
कर मेरेऊपर ही सो गए . सुबह उठकर तुम वािपस चलेगए
एक वीक बाद तुम वािपस आए इस एक वीक में मैं तुम्हारी याद में हःत मैथुन
करती रही .
तुम सुबह १० बजेमेरेरूम पेआए . तुमनेदरवाज़ा खटखटाया िकया . मैं सन्डेहोने
के कारण थोडी देर पहलेही सो के उठी थी . मैंनेजैसेही दरवाज़ा खोला तुम अन्दर
आ गए , पीछे सेदरवाज़ा बंद करके मुझेअपनी बाहों में भर िलया और बेतहाशा
िकस करनेलगे.
तुमनेकहा " मैं पूरेएक हफ्तेसेप्यासा था आज मेरी प्यास बुझा दो ".
मैंनेमजाक में कहा लो पानी पी लो िफर कोल्ड िसंक भी देती हूँ .
तुमनेहँसतेहुए पानी पी िलया और कहा कोल्ड िसंक मैं िगलास सेनहींिपयँूगा
मैंनेपूछा " िफ़र कैसे ". तुम आगेआकर मुझेिकस िकया और मेरेमम्मो को दबाते
हुए बोलेिक नए ःटाइल में िपयँूगा !!!!!!!!!!!!!!.
मैंनेपूछा कौन सा नया ःटाइल . तुमनेकहा अभी बताता हूँ .
मैंनेबीम कलर िक नाईटी पहनी थी नीचेब्लैक ॄा और पैंटी
"तुम बैठो मैं अभी नहा के आती हूँ "
तुम : " चलो मैं तुम्हें नेहलाता हूँ "
मैं : "धत
बेशमर् ". मुझेशमर् आती है"
तुम :" जब मैं तुम्हारी मारता हूँतब तो शमर् नहींआती ".
"अरेनहींआती तो हैपर उस समय मैं इतनी गरम होती हूँिक मुझेहोश ही नहीं
रहता ."
" तो चलो ठीक हैमैं तुम्हें गरम कर के नहलाता हूँ , और कोल्ड िसंक पीनेका नया
तरीका भी तो बताना हैतुम्हें . सच्ची तुम्हें बहुत मज़ा आएगा "
ऐसा हैतो चलो .
और हम दोनों बाथरूम में घुस जातेहैं .
बाथरूम में घुसतेही तुम मुझेपकड़ के कस के चूमतेहो और मेरेमम्मेऔर मेरे
गान्ड पर हाथ फ़ेरतेहो. मुझेमज़ा आनेलगता है. तुम शावर खोल देतेहो और मैं
भीगनेलगती हूं।तुमनेटी-शटर् और जीन्स पहन रखी हैं। भीगनेसेमेरी नाईटी मेरे
शरीर सेिचपक जाती हैऔर मेरेमःत मम्मेॄा में ढके हुए और मेरी पैन्टी साफ़
िदखनेलगती है। यह देख कर तुम गरम हो जातेहो।और मुझेअपनी तरफ़ खींचते
हो।नीचेघुटनों के बल बैठ कर मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी टांगों और जांघों को
चूमतेहुए मेरी पैन्टी तक पहुच जातेहो !!
ःःःःसः् ःःस ँअही अआया आआआः मज़ा आआया आया आ आ रहा है.
तुम दोनो हाथ मेरीपैन्टी के अन्दर डाल देतेहो और दाएंहाथ सेमेरी गान्ड को और
बाएंहाथ सेमेरी चूत को सहलानेलगतेहो आआया आया अआया आआआअअअह
मज़ा आ आ आआया आआया रहा है .
यह करतेहुए तुम मँुह सेमेरीपैन्टी का एलािःटक पकड़ कर उसको धीरेधीरेनीचे
उतारतेहो ..
मेरी गरम चूत देखतेही तुम्हारेमुँह में पानी आ जाता हैऔर तुम मेरेिक्लटोिरस
को चूमनेऔर चाटनेलगतेहो मैं आ आया आ आआआ अआया आआआ आआया
अह आ आआया आआआआआआ अआः करती हूँ. तुम्हारा सर पकड़ कर अपनी
चूत पेदबाती हूंतुम्हारेहाथ मेरेगान्ड के छेद पेहोतेहैं.
इस तरह सेमैं पहली बार ओगार्ःम हो जाआआआआआआताआआआआ है '
आआआआआआआआआआअह मैं मर गई
तुम कहतेहो यह तो शुरुआआआआआआअत है . मेरेचूत का जूस अपने . मेरेचूत
होठों पेलेकर मेरी नाईटी और ऊपर उठातेहो और मेरी ॄा को खोल कर मेरेमम्मे
ज़ोर ज़ोर सेदबातेहो और मेरेहाडर् िनप्प्लेस पर मेरी चूत का जूस अपनेहोठों से
लगा देतेहो ..मेरी ॄा खलु कर नीचेिगर जाती हैमैं नाईटी उतार देती हूंऔर पन्ै टी
सेपैर िनकाल कर बाहर आ जाती हूं। मैं तुम्हारेलन्ड की तरफ़ देखती हूंजो की
एकदम टाईट हो रहा हैऔर तुम्हारी जींस फाड़ कर बाहर आनेको बेताब है.
" अरेजान इसको क्यूँसज़ा देरहेहो , इसको तो बाहर आनेदो ".
हाँयह तो बाहर आएगा ही वरना मज़ा क्या आएगा . और हम दोनों हँसतेहैं. तुम"
अच्छा तुम जाओ ज़रा िचल्लेड कोल्ड िसंक लेकर आओ ".
मैं" अरेकोल्ड िसंक का क्या करोगेअभी " .
तुम : " जाओ न , मुझेप्यास लगी हैमुझेपीना है ". अच्छा बाबा लाती हूं। पर तुम
कपड़ेतो उतारो .
नहींकपड़ेतुम उतरना मेरे , तब असली मज़ा आएगा .
अच्छा मैं जल्दी सेपूरी नंगी हालत में भाग के गई और ृीज सेसुपर -िचल्लेड
कोल्ड िसंक - फ़ैं टा िनकाल के लेआई .
भाग के जानेसेमेरी साँस फूलनेलगी और मेरेमम्मेऊपर नीचेहोनेलगे .
तुम :" जान तुम्हारेमम्मेिकतनेअच्छे हैं "
अच्छा अब मैं थोडी देर बाद कोल्ड िसंक िपयूँगा और तुम लोलीपोप चूसना .
मैं : " लोलीपोप , मैं कोई बच्ची तो नहींहूंजो लोलीपोप चूसंूगी " .
मना तो करो तुम्हारेिलए बहुत टेःटी लोलीपोप लाया हूँ.
"अच्छा ". कहाँहैदो .
पहलेतुम अपनी आँखें बंद करो .
मैं अपनी आखँ ें बंद करती हूं।
अब तुम अपना लन्ड िनकाल कर उस पर थोड़ा सा कोल्ड िसंक िगरा के मुझसेकहते
हो।" जानूअपना मुँह खोलो " मैं अपना मँुह खोलती हूंऔर तुम अपना लन्ड मेरे
मुँह में देदेतेहो .
मैं टंग सेटेःट करती हूँ , अरेयह तो ओरंज फ्लेवर लोलीपोप है ."
तुम्हें अच्छी लगी ". हाँ ; तुम " तो आंखें खोलो और चूसो ".
मैं आखँ ें खोलती हूंऔर तुम्हारा लन्ड देखती हूंतो यह लोलीपोप है ".
हाँ . अब चूसो
मैं तुम्हारा जींस का बटन खोल कर अंडर वेअर नीचेकरके घुटनेतक , तुम्हारा
लन्ड चूसनेलगती हूं।
तुम मेरेसर के पीछे सेपकड़कर कस के चुसवानेलगतेहो।तुम्हारा लंबा मोटा लन्ड
मेरेमुँह में पूरा नहींजा पा रहा होता है . तुम मुझेपकड़कर अपनेलन्ड को ज़ोर से
मेरेमुँह में डाल देतेहो .मुझेददर् होता है , लेिकन अब तक तुम्हारेहाथ मेरेमम्मो
को दबानेलगतेहैं और मुझेमज़ा आनेलगता है .मैं तुम्हारा पूरा लन्ड लोलीपोप की
तरह चूसनेलगती हूं।
तुम : आ आआया आआआआआआआआआअह अअअअह्अअअअह्अअअअछ ओऊ ऊऊ
ऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊह ऊऊऊऊऊ ऊऊऊ उफ " करतेहो .
बस रुक जाआआआआआआओ वरना मैं झर जाऊंगा .
" तो झर जाओ "
तुम : "नहींमुझेअभी तुम्हारी चूत और तुम्हारी गान्ड मारनी है ."
मैहँसतेहुए हट जाती हूं।अब तुम अपनेकपड़ेउतार के आ जातेहो और बोलतेहो
िक अब मुझेकोल्ड िसंक पीनी है
मैं : " वोह कैसे " तुम मुझेअपनेसामनेखड़ा करतेहो और मेरेनंगेशरीर को देख
कर कहतेहो यह हैन ग्लास .
मैं : मतलब ".
तुम कोल्ड िसंक की बोतल लेकर अपनेहोठों सेशुरू करके अपनेमम्मो , अपनी
नावेल अपनी चूत , अपनी गांड जांघो और टांगो पर कोल्ड िसंक डालो धीरेधीरेऔर
मैं पीता जाऊँगा
" वाओ, यह तो बहुत बिढ़या तरीका है ." हैन?
और मैं अपनेहोठों सेकोल्ड िसंक िगरा कर धीरेधीरेनीचेबढती जाती हूं। ठंडी
कोल्ड िसंक सेबदन में िसहरन उठती हैलेिकन तुम्हारेचाटनेसेमज़ा आऽऽऽऽ हऽऽ
आऽऽऽ रहा है। तुम ऐसेही चूसतेऔर कोल्ड िसन्क पीतेजातेहो, मेरेमम्मों पर,
चूत में से, गान्ड में सेनीचेतक।
मैं" अब मेरी बारी."अब तुम खड़ेहो जातेहो और मैं घुटनों के बल तुम्हारेआगेबैठ
जाती हूंऔर तुम्हारेलन्ड पर कोल्ड िसन्क डाल डाल कर पीती रहती हूं। और साथ
ही तुम्हारा लन्ड, तुम्हारी बाल्स भी चुसती जाती हूं। अब तुम िबल्कुल गमर् हो जाते
हो। मैं जसै ेही कोल्ड िसन्क की बोतल रखनेके िलयेपलटती हूं। तुम मुझेपीछे से
पकड़ कर मेरेमम्मेनोच लेतेहो।मेरी चीख िनकल जाती है। इस समय तुम्हारा
लन्ड मेरी गान्ड के छेद के पास गड़ रहा होता है। तुम मुझेऐसेअपनी बाहों में उठा
लेतेहो िक तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड सेरगड़ रहा होता है. और उठा के मुझेबेड के
पास लेजातेहो। वहांपहुंच कर तमु मुझेबेड पेदोनो हाथ और पैर पेबैठनेको
कहतेहो और वैसलीन की शीशी उठा लातेहो। मेरी गान्ड के छेद को खूब चूसतेहो
और उस पर वैसलीन लगातेहो , और अपनेलन्ड पर भी
मैं : आज क्या पहलेगान्ड मारोगे ".
हां
तो ठीक हैऐसेमारना मेरी गान्ड फ़ाड़ देना, ठीक है?"
तुम पहलेदो उंगिलयों सेमेरी गान्ड का छेद बड़ा करतेहो , िफ़र धीरेसेअपना
सख्त लन्ड मेरी गान्ड पर लगातेहो और धीरेसेमेरी गान्ड मारना शुरू करतेहो।
धीरेधीरेधक्के देतेजातेहो, तुम्हारेहाथ मेरेमम्मों पर आ जातेहैं. और तुम उन्हें
दबानेलगतेहो, बीच बीच में दो उंगिलयों सेमेरेचूत में भी िफ़न्गिरन्ग करतेहो
आऽऽऽहऽऽआआऽऽ मज़ा आऽऽ रहाऽऽ हैÉ और जोर सेऔर जोर से
" मुझेधीरेमें मज़ा नहींआ रहा, जोर सेमारो मेरी गान्ड फ़ड़ दो आज" में हवस के
बहाव में बोलनेलगती हूं।
तुम जोश में आ जातेहो, मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचतेहो और एक
झटके में अपना पूरा लन्ड मेरी गान्ड में डाल देतेहो . मेरी चीख िनकल जाती है
आऽऽऽऽहऽऽआअऽऽऽऽऽऽअऽऽऽऽ मर गयी.
इस सेपहलेिक मैं सम्भल पाती तुम मेरी गान्ड जोर जोर सेमारनेलगतेहो पूरा
लन्ड बाहर िनकाल कर जोर सेएकझटके में अन्दर बाहर करनेलगतेहो.
मुझेबहुत ददर् हो रहा हैलेिकन मज़ा भी आ रहा है
तुम अपनी ःपीड बढातेजातेहो. मैं कहती हूं-रुक जाओ प्लीज बस !.
तुम: " नहींआज सचमुच में तुम्हारी गांऽऽऽऽऽऽड फ़ाड़ के रहूंगाऽऽऽऽ"
मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ हैनाऽऽऽ.
हांऽऽऽऽऽऽऽऽ
तुम िफ़र मेरी गान्ड के पटों पर थप्पड़ मारतेहो सटाक सटाक
मुझेबहुत मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहा है, मेरेचूतड़ िबल्कुल लाल हो गयेऔर मेरी गांड
का बुरा हाल हो गया, लेिकन तुम रुकनेका नाम ही नहींलेरहेहो
मेरेबहुत कहनेपर तुम रुके पर एक शतर् पर िक मैं तुम्हारेलन्ड पर बैठ कर कूदंगू ी
क्योंिक तुम्हें अभी मेरी गान्ड और भी मारनी है
i." मैं अच्छा बाबा अच्छा कअती हूंऔर तुम नीचेलेट जातेहो मैं तुम्हारेलन्ड पर
तुम्हारी तरफ़ मंुह करके बैठ जाती हूंऔर कूदना शुरू कर देती हूं। अब तुम्हें बहुत
मज़ा आनेलगता हैआऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ , मेरेलन्ड पर ऐसेही कूदती रहो इस
पोजीशन में तुम्हारा लन्ड बहुत अन्दर तक जा रहा होता है। एक हाथ सेतुम बारी
बारी मेरेमम्मों को मसल रहेहोतेहो और दसू रेसेमेरी चूत को
मेर क्लाईमैक्स आ रहा होता हैआऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ
आऽऽऽऽहऽऽआअऽऽऽऽऽऽअऽऽऽऽ मर गयी.
उझझझझफ़्झझझझफ़्झझझझफ़्झझफ़ मेरी चूत के जसू तुम्हारेहाथ पर और तुम्हारेपेट
पर फ़ैल जातेहैं.' मैं थक गयी कूद कूद के"
अच्छा तो हट जाओ
तुम मेरी चूत क जूस मेरेमम्मों पेलगा देतेहो और जोर जोर सेचूसतेहो . मेरे
मम्मों के बीच िटशुपेपर लगाकर अपना लन्ड रगड़तेहो और साफ़ कर लेतेहो"
तुम मुझेपेट के बल लेटनेको कहतेहो और तीन तिकयेमेरेपेट के नीचेरख देते
हो. " मैं डर जाती हूं" क्या अभी और गान्ड मारनेका इरादा है".
नहींजान , अब तुम्हारी चूत की बारी है.
अरेचूत तो आगेसेमारी जाती है,
यह नया ःटाईल है
अच्छा कैसे?
तुम तिकयेमेरेपेट के नीचेरखकर मेरी चूत पर हाथ फ़ेरतेहो और मेरी टांगें फ़ैला
देतेहो। िफ़र एक झटके में अपना लन्ड मेरी चूत में डाल देतेहो।मेरी िफ़र सेचीख
िनकल जाती है।
हाऽऽऽऽऽऽय आऽऽज क्या जान िनकालनेका इरादा है?
नहीं, लेिकन जब ददर् होता हैतभी तो मज़ा आता है
हांवो तो है
और तुम जोर जोर सेमेरी चूत मारनेलगतेहो।तुम दोनो हाथों की उन्गिलयों के
बीच में मेरेसख्त चूचकों को दबा दबा के खींच रहेहो और जीभ सेचाट और चूस भी
रहेहो। मैं मंुह नीचेकर के देखती हूं। तुम्हारा लन्ड िपःटन की तरह मेरी चूत में जा
रहा होता है.
यह देख कर मेरा िफ़र सेपानी िनकल जाता है.
मैं पूछती हूं, तुम्हारा एक बार भी नहींझड़ा?
तुम कहतेहो नहीं ! आज जी भर चोदनेके बाद ही झड़ूंगा।
िफ़र तुम मुझेघसीट के बेड के िकनारेपर लेआतेहो, खुद जमीन पर खड़ेहो जाते
हो और मेरी टांगें चौड़ी कर के अपनेकन्धों पेरख लेतेहो और पूरी गित में चोदने
लगतेहो .इस िःथित में तुम्हारा लन्ड पूरा मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जा रहा है।
तुम जोर सेझटका मारतेहो और मेरी चूत में कुछ गरम गरम लगता है।
मैं पूछती हूं- येक्या है, क्या तुम्हारा िनकल गया?
तुम: नहींमैंनेतुम्हारी चूत में मूत िदया है, तुम्हें मज़ा आ रहा हैना?
मुझेइतना मज़ाऽऽऽ आऽऽ रहाऽ हैिक मेरा एक बार और नुकल जाता है। १० िमनट
तक ऐसेही चोदनेके बाद, तुम मुझेउठा के मेज़ के िकनारेपर बैठा देतेहो और
मेरी टांगें अपनी पीठ में गोल घेरेके रूप में बांध लेतेहो और जोर के झटकों के साथ
मुझेचोदनेलगतेहो।
पूरी ताकत सेपूरी ताकत सेचोदो. फाड़ दो मेरी चूत को भी
और तुम वाःतव में राजधानी एक्सूेस की तरह फुल ःपीड में मेरी चूत की बेदद से
चुदाई करतेजा रहेहो और मेरेमम्मो सेखेल रहेहो .
अब तुम्हारी साँसें तेज़ होनेलगती हैं
तुम आ आआआआआआआआआआआआआआअह उफ़
फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ मर गया
आआआआआआअ मेरा िनकलनेवाला हैिचल्लानेलगतेहो
मैं अपनी टांगों का घेरा बनके तुम्हें अपनी तरफ़ ज़ोर ज़ोर सेखीच रही हूं।तुम
अचानक मुझेअपनी बाहों में उठा लेतेहो इस तरह की मेरी चूत मैं तुम्हारा लन्ड
घुसा हुआ हैऔर मेरेमम्मेबुरी तरह उछल रहेहैं
५ िमनट मुझेिहलनेको कहतेहो और मुझेज़ोर ज़ोर सेइसी पोिसशन में उछालते
जातेहो . तुम्हारी ःपीड बढती जाती हैऔर मुँह सेआ
आआआआआआआआआआआआआआआआआआह आया आया
आआआआआआआआआआआआआआआअह ईईईईईईईईईईईईईईईइ ईई
आआआआआआआ आआआआआआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊअअअअह्ह की
आवाजें आती जाती है
मुझेऐसेही उछलातेतुम एक ज़ोर का झटका मारतेहो और तुम्हारा होत व्हाइट
जूस तुम्हारेमोटेहाडर् लन्ड सेिनकल कर सीधा मेरी चूत की आग को शांत करते
हुए िगर जाता है .मेरेचूत में सेएक बार और जसू िनकलता है .
तुम मुझेलेकर बेड पर पास आ जातेहो और मेरेऔर तुम्हारेजूस बेड पर टपकतेहैं
.
हम कुछ देर इसी तरह पड़ेरहतेहैं
िफ़र उठ के मैं तुम्हारेऔर अपनेिलए खाना बनाती हूँ
और हम खाना खातेहैं
इस पूरेदौरान मैं और तुम पूरेनंगेरहतेहैं .
खाना खा के हम दोनों एक दसू रेकी बाहों में सो जातेहैं, दो घंटेबाद उठके िफ़र
अलग अलग जगह और पोज में खूब चुदाई करतेहैं.
रात को भी एक बार चुदाई का सेिःसओंहोता हैऔर तुम अपना लन्ड मेरी चूत में
डाल कर ही मुझेअपनी बाहों में भर के सो जातेहो .
सुबह उठकर हम लोग एक दसू रेको ६९ पोिसशन में ओरल सेक्स करतेहैं .
तुम कहतेहो एक िदन में इतना मज़ा मैंनेिज़न्दगी में कभी नहींिकया और शायद
तुम्हारेिबना कर भी नहींपाता .
मैं भी कहती हूंहाँवाःतव में िजतनेप्यार सेऔर मज़ेसेतुमनेमेरी चूत और गान्ड
मारी हैशायद ही कोई और मारता .
आई लव यूजानू .
तुम तैयार होतेहो जानेके िलए तो मैं उदास हो जाती हूं।
तुम कहतेहो िचंता मत करो मैं जल्दी ही आऊंगा और अपनेःसथ एक दोःत को
भी लाऊंगा .हम दोनों िमलकर तुम्हारी मारेंगे . सोचो एक लन्ड तुम्हारी चूत में और
एक तुम्हारी गान्ड में एक साथ हो तो िकतना मज़ा आएगा .
मैंनेकहा हाँिफ़र मैं अपनी सहेली को भी बुला लूंगी और हम सब िमलकर मुप
सेक्स करेंगे.
इसी वादेके साथ तुम चलेजातेहो .
जानूयह तुम्हारी मेल और तुम्हारी चैट का नतीजा हैजो मैंनेयह मेल िलखी है
तुम्हें कैसी लगी .
अब तुम इस सेभी सेक्सी और लम्बी मेल मुझेिलखना .
तुम्हारेलंड की प्यासी
अनािमका
हूँतो दोःतों कहानी का मज़ा कमिसन हसीना की जबु ानी आप ख़दु ही सुनेतो
ज्यादा ठीक रहेगा
तुम्हारी सेक्सी मेल्स पढ़कर मुझेइतना मज़ा आता हैिक मैं बता नहींसकती .
िजतना मज़ा तुम्हारी मेल नेिदया हैउतना शायद ही कभी मुझेिमला हो . जैसा की
तुम मुझेकह रहेथे , मैं भी तुमको यह सेक्सी मेल िलख रही हूँ . होप यूएन्जॉय .
जहाँतुमनेछोड़ा था उसके आगेसेिलख रही हूँ. तुम मेरेपास आगरा आए थेऔर
होटल के रूम में बुला कर तुमनेमुझेखूब चोदा .
(हाय मैं इतना गन्दा सोच रही हूँ )
तीन बार करनेके बाद , तुम पूरी तरह िनढाल होकर मेरी चूत में अपना लंड डाल
कर मेरेऊपर ही सो गए . सुबह उठकर तुम वािपस चलेगए
एक वीक बाद तुम वािपस आए इस एक वीक में मैं तुम्हारी याद में हःत मैथुन
करती रही .
तुम सुबह १० बजेमेरेरूम पेआए . तुमनेदरवाज़ा खटखटाया िकया . मैं सन्डेहोने
के कारण थोडी देर पहलेही सो के उठी थी . मैंनेजैसेही दरवाज़ा खोला तुम अन्दर
आ गए , पीछे सेदरवाज़ा बंद करके मुझेअपनी बाहों में भर िलया और बेतहाशा
िकस करनेलगे.
तुमनेकहा " मैं पूरेएक हफ्तेसेप्यासा था आज मेरी प्यास बुझा दो ".
मैंनेमजाक में कहा लो पानी पी लो िफर कोल्ड िसंक भी देती हूँ .
तुमनेहँसतेहुए पानी पी िलया और कहा कोल्ड िसंक मैं िगलास सेनहींिपयँूगा
मैंनेपूछा " िफ़र कैसे ". तुम आगेआकर मुझेिकस िकया और मेरेमम्मो को दबाते
हुए बोलेिक नए ःटाइल में िपयँूगा !!!!!!!!!!!!!!.
मैंनेपूछा कौन सा नया ःटाइल . तुमनेकहा अभी बताता हूँ .
मैंनेबीम कलर िक नाईटी पहनी थी नीचेब्लैक ॄा और पैंटी
"तुम बैठो मैं अभी नहा के आती हूँ "
तुम : " चलो मैं तुम्हें नेहलाता हूँ "
मैं : "धत
बेशमर् ". मुझेशमर् आती है"
तुम :" जब मैं तुम्हारी मारता हूँतब तो शमर् नहींआती ".
"अरेनहींआती तो हैपर उस समय मैं इतनी गरम होती हूँिक मुझेहोश ही नहीं
रहता ."
" तो चलो ठीक हैमैं तुम्हें गरम कर के नहलाता हूँ , और कोल्ड िसंक पीनेका नया
तरीका भी तो बताना हैतुम्हें . सच्ची तुम्हें बहुत मज़ा आएगा "
ऐसा हैतो चलो .
और हम दोनों बाथरूम में घुस जातेहैं .
बाथरूम में घुसतेही तुम मुझेपकड़ के कस के चूमतेहो और मेरेमम्मेऔर मेरे
गान्ड पर हाथ फ़ेरतेहो. मुझेमज़ा आनेलगता है. तुम शावर खोल देतेहो और मैं
भीगनेलगती हूं।तुमनेटी-शटर् और जीन्स पहन रखी हैं। भीगनेसेमेरी नाईटी मेरे
शरीर सेिचपक जाती हैऔर मेरेमःत मम्मेॄा में ढके हुए और मेरी पैन्टी साफ़
िदखनेलगती है। यह देख कर तुम गरम हो जातेहो।और मुझेअपनी तरफ़ खींचते
हो।नीचेघुटनों के बल बैठ कर मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी टांगों और जांघों को
चूमतेहुए मेरी पैन्टी तक पहुच जातेहो !!
ःःःःसः् ःःस ँअही अआया आआआः मज़ा आआया आया आ आ रहा है.
तुम दोनो हाथ मेरीपैन्टी के अन्दर डाल देतेहो और दाएंहाथ सेमेरी गान्ड को और
बाएंहाथ सेमेरी चूत को सहलानेलगतेहो आआया आया अआया आआआअअअह
मज़ा आ आ आआया आआया रहा है .
यह करतेहुए तुम मँुह सेमेरीपैन्टी का एलािःटक पकड़ कर उसको धीरेधीरेनीचे
उतारतेहो ..
मेरी गरम चूत देखतेही तुम्हारेमुँह में पानी आ जाता हैऔर तुम मेरेिक्लटोिरस
को चूमनेऔर चाटनेलगतेहो मैं आ आया आ आआआ अआया आआआ आआया
अह आ आआया आआआआआआ अआः करती हूँ. तुम्हारा सर पकड़ कर अपनी
चूत पेदबाती हूंतुम्हारेहाथ मेरेगान्ड के छेद पेहोतेहैं.
इस तरह सेमैं पहली बार ओगार्ःम हो जाआआआआआआताआआआआ है '
आआआआआआआआआआअह मैं मर गई
तुम कहतेहो यह तो शुरुआआआआआआअत है . मेरेचूत का जूस अपने . मेरेचूत
होठों पेलेकर मेरी नाईटी और ऊपर उठातेहो और मेरी ॄा को खोल कर मेरेमम्मे
ज़ोर ज़ोर सेदबातेहो और मेरेहाडर् िनप्प्लेस पर मेरी चूत का जूस अपनेहोठों से
लगा देतेहो ..मेरी ॄा खलु कर नीचेिगर जाती हैमैं नाईटी उतार देती हूंऔर पन्ै टी
सेपैर िनकाल कर बाहर आ जाती हूं। मैं तुम्हारेलन्ड की तरफ़ देखती हूंजो की
एकदम टाईट हो रहा हैऔर तुम्हारी जींस फाड़ कर बाहर आनेको बेताब है.
" अरेजान इसको क्यूँसज़ा देरहेहो , इसको तो बाहर आनेदो ".
हाँयह तो बाहर आएगा ही वरना मज़ा क्या आएगा . और हम दोनों हँसतेहैं. तुम"
अच्छा तुम जाओ ज़रा िचल्लेड कोल्ड िसंक लेकर आओ ".
मैं" अरेकोल्ड िसंक का क्या करोगेअभी " .
तुम : " जाओ न , मुझेप्यास लगी हैमुझेपीना है ". अच्छा बाबा लाती हूं। पर तुम
कपड़ेतो उतारो .
नहींकपड़ेतुम उतरना मेरे , तब असली मज़ा आएगा .
अच्छा मैं जल्दी सेपूरी नंगी हालत में भाग के गई और ृीज सेसुपर -िचल्लेड
कोल्ड िसंक - फ़ैं टा िनकाल के लेआई .
भाग के जानेसेमेरी साँस फूलनेलगी और मेरेमम्मेऊपर नीचेहोनेलगे .
तुम :" जान तुम्हारेमम्मेिकतनेअच्छे हैं "
अच्छा अब मैं थोडी देर बाद कोल्ड िसंक िपयूँगा और तुम लोलीपोप चूसना .
मैं : " लोलीपोप , मैं कोई बच्ची तो नहींहूंजो लोलीपोप चूसंूगी " .
मना तो करो तुम्हारेिलए बहुत टेःटी लोलीपोप लाया हूँ.
"अच्छा ". कहाँहैदो .
पहलेतुम अपनी आँखें बंद करो .
मैं अपनी आखँ ें बंद करती हूं।
अब तुम अपना लन्ड िनकाल कर उस पर थोड़ा सा कोल्ड िसंक िगरा के मुझसेकहते
हो।" जानूअपना मुँह खोलो " मैं अपना मँुह खोलती हूंऔर तुम अपना लन्ड मेरे
मुँह में देदेतेहो .
मैं टंग सेटेःट करती हूँ , अरेयह तो ओरंज फ्लेवर लोलीपोप है ."
तुम्हें अच्छी लगी ". हाँ ; तुम " तो आंखें खोलो और चूसो ".
मैं आखँ ें खोलती हूंऔर तुम्हारा लन्ड देखती हूंतो यह लोलीपोप है ".
हाँ . अब चूसो
मैं तुम्हारा जींस का बटन खोल कर अंडर वेअर नीचेकरके घुटनेतक , तुम्हारा
लन्ड चूसनेलगती हूं।
तुम मेरेसर के पीछे सेपकड़कर कस के चुसवानेलगतेहो।तुम्हारा लंबा मोटा लन्ड
मेरेमुँह में पूरा नहींजा पा रहा होता है . तुम मुझेपकड़कर अपनेलन्ड को ज़ोर से
मेरेमुँह में डाल देतेहो .मुझेददर् होता है , लेिकन अब तक तुम्हारेहाथ मेरेमम्मो
को दबानेलगतेहैं और मुझेमज़ा आनेलगता है .मैं तुम्हारा पूरा लन्ड लोलीपोप की
तरह चूसनेलगती हूं।
तुम : आ आआया आआआआआआआआआअह अअअअह्अअअअह्अअअअछ ओऊ ऊऊ
ऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊह ऊऊऊऊऊ ऊऊऊ उफ " करतेहो .
बस रुक जाआआआआआआओ वरना मैं झर जाऊंगा .
" तो झर जाओ "
तुम : "नहींमुझेअभी तुम्हारी चूत और तुम्हारी गान्ड मारनी है ."
मैहँसतेहुए हट जाती हूं।अब तुम अपनेकपड़ेउतार के आ जातेहो और बोलतेहो
िक अब मुझेकोल्ड िसंक पीनी है
मैं : " वोह कैसे " तुम मुझेअपनेसामनेखड़ा करतेहो और मेरेनंगेशरीर को देख
कर कहतेहो यह हैन ग्लास .
मैं : मतलब ".
तुम कोल्ड िसंक की बोतल लेकर अपनेहोठों सेशुरू करके अपनेमम्मो , अपनी
नावेल अपनी चूत , अपनी गांड जांघो और टांगो पर कोल्ड िसंक डालो धीरेधीरेऔर
मैं पीता जाऊँगा
" वाओ, यह तो बहुत बिढ़या तरीका है ." हैन?
और मैं अपनेहोठों सेकोल्ड िसंक िगरा कर धीरेधीरेनीचेबढती जाती हूं। ठंडी
कोल्ड िसंक सेबदन में िसहरन उठती हैलेिकन तुम्हारेचाटनेसेमज़ा आऽऽऽऽ हऽऽ
आऽऽऽ रहा है। तुम ऐसेही चूसतेऔर कोल्ड िसन्क पीतेजातेहो, मेरेमम्मों पर,
चूत में से, गान्ड में सेनीचेतक।
मैं" अब मेरी बारी."अब तुम खड़ेहो जातेहो और मैं घुटनों के बल तुम्हारेआगेबैठ
जाती हूंऔर तुम्हारेलन्ड पर कोल्ड िसन्क डाल डाल कर पीती रहती हूं। और साथ
ही तुम्हारा लन्ड, तुम्हारी बाल्स भी चुसती जाती हूं। अब तुम िबल्कुल गमर् हो जाते
हो। मैं जसै ेही कोल्ड िसन्क की बोतल रखनेके िलयेपलटती हूं। तुम मुझेपीछे से
पकड़ कर मेरेमम्मेनोच लेतेहो।मेरी चीख िनकल जाती है। इस समय तुम्हारा
लन्ड मेरी गान्ड के छेद के पास गड़ रहा होता है। तुम मुझेऐसेअपनी बाहों में उठा
लेतेहो िक तुम्हारा लन्ड मेरी गान्ड सेरगड़ रहा होता है. और उठा के मुझेबेड के
पास लेजातेहो। वहांपहुंच कर तमु मुझेबेड पेदोनो हाथ और पैर पेबैठनेको
कहतेहो और वैसलीन की शीशी उठा लातेहो। मेरी गान्ड के छेद को खूब चूसतेहो
और उस पर वैसलीन लगातेहो , और अपनेलन्ड पर भी
मैं : आज क्या पहलेगान्ड मारोगे ".
हां
तो ठीक हैऐसेमारना मेरी गान्ड फ़ाड़ देना, ठीक है?"
तुम पहलेदो उंगिलयों सेमेरी गान्ड का छेद बड़ा करतेहो , िफ़र धीरेसेअपना
सख्त लन्ड मेरी गान्ड पर लगातेहो और धीरेसेमेरी गान्ड मारना शुरू करतेहो।
धीरेधीरेधक्के देतेजातेहो, तुम्हारेहाथ मेरेमम्मों पर आ जातेहैं. और तुम उन्हें
दबानेलगतेहो, बीच बीच में दो उंगिलयों सेमेरेचूत में भी िफ़न्गिरन्ग करतेहो
आऽऽऽहऽऽआआऽऽ मज़ा आऽऽ रहाऽऽ हैÉ और जोर सेऔर जोर से
" मुझेधीरेमें मज़ा नहींआ रहा, जोर सेमारो मेरी गान्ड फ़ड़ दो आज" में हवस के
बहाव में बोलनेलगती हूं।
तुम जोश में आ जातेहो, मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचतेहो और एक
झटके में अपना पूरा लन्ड मेरी गान्ड में डाल देतेहो . मेरी चीख िनकल जाती है
आऽऽऽऽहऽऽआअऽऽऽऽऽऽअऽऽऽऽ मर गयी.
इस सेपहलेिक मैं सम्भल पाती तुम मेरी गान्ड जोर जोर सेमारनेलगतेहो पूरा
लन्ड बाहर िनकाल कर जोर सेएकझटके में अन्दर बाहर करनेलगतेहो.
मुझेबहुत ददर् हो रहा हैलेिकन मज़ा भी आ रहा है
तुम अपनी ःपीड बढातेजातेहो. मैं कहती हूं-रुक जाओ प्लीज बस !.
तुम: " नहींआज सचमुच में तुम्हारी गांऽऽऽऽऽऽड फ़ाड़ के रहूंगाऽऽऽऽ"
मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ हैनाऽऽऽ.
हांऽऽऽऽऽऽऽऽ
तुम िफ़र मेरी गान्ड के पटों पर थप्पड़ मारतेहो सटाक सटाक
मुझेबहुत मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहा है, मेरेचूतड़ िबल्कुल लाल हो गयेऔर मेरी गांड
का बुरा हाल हो गया, लेिकन तुम रुकनेका नाम ही नहींलेरहेहो
मेरेबहुत कहनेपर तुम रुके पर एक शतर् पर िक मैं तुम्हारेलन्ड पर बैठ कर कूदंगू ी
क्योंिक तुम्हें अभी मेरी गान्ड और भी मारनी है
i." मैं अच्छा बाबा अच्छा कअती हूंऔर तुम नीचेलेट जातेहो मैं तुम्हारेलन्ड पर
तुम्हारी तरफ़ मंुह करके बैठ जाती हूंऔर कूदना शुरू कर देती हूं। अब तुम्हें बहुत
मज़ा आनेलगता हैआऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ , मेरेलन्ड पर ऐसेही कूदती रहो इस
पोजीशन में तुम्हारा लन्ड बहुत अन्दर तक जा रहा होता है। एक हाथ सेतुम बारी
बारी मेरेमम्मों को मसल रहेहोतेहो और दसू रेसेमेरी चूत को
मेर क्लाईमैक्स आ रहा होता हैआऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ
आऽऽऽऽहऽऽआअऽऽऽऽऽऽअऽऽऽऽ मर गयी.
उझझझझफ़्झझझझफ़्झझझझफ़्झझफ़ मेरी चूत के जसू तुम्हारेहाथ पर और तुम्हारेपेट
पर फ़ैल जातेहैं.' मैं थक गयी कूद कूद के"
अच्छा तो हट जाओ
तुम मेरी चूत क जूस मेरेमम्मों पेलगा देतेहो और जोर जोर सेचूसतेहो . मेरे
मम्मों के बीच िटशुपेपर लगाकर अपना लन्ड रगड़तेहो और साफ़ कर लेतेहो"
तुम मुझेपेट के बल लेटनेको कहतेहो और तीन तिकयेमेरेपेट के नीचेरख देते
हो. " मैं डर जाती हूं" क्या अभी और गान्ड मारनेका इरादा है".
नहींजान , अब तुम्हारी चूत की बारी है.
अरेचूत तो आगेसेमारी जाती है,
यह नया ःटाईल है
अच्छा कैसे?
तुम तिकयेमेरेपेट के नीचेरखकर मेरी चूत पर हाथ फ़ेरतेहो और मेरी टांगें फ़ैला
देतेहो। िफ़र एक झटके में अपना लन्ड मेरी चूत में डाल देतेहो।मेरी िफ़र सेचीख
िनकल जाती है।
हाऽऽऽऽऽऽय आऽऽज क्या जान िनकालनेका इरादा है?
नहीं, लेिकन जब ददर् होता हैतभी तो मज़ा आता है
हांवो तो है
और तुम जोर जोर सेमेरी चूत मारनेलगतेहो।तुम दोनो हाथों की उन्गिलयों के
बीच में मेरेसख्त चूचकों को दबा दबा के खींच रहेहो और जीभ सेचाट और चूस भी
रहेहो। मैं मंुह नीचेकर के देखती हूं। तुम्हारा लन्ड िपःटन की तरह मेरी चूत में जा
रहा होता है.
यह देख कर मेरा िफ़र सेपानी िनकल जाता है.
मैं पूछती हूं, तुम्हारा एक बार भी नहींझड़ा?
तुम कहतेहो नहीं ! आज जी भर चोदनेके बाद ही झड़ूंगा।
िफ़र तुम मुझेघसीट के बेड के िकनारेपर लेआतेहो, खुद जमीन पर खड़ेहो जाते
हो और मेरी टांगें चौड़ी कर के अपनेकन्धों पेरख लेतेहो और पूरी गित में चोदने
लगतेहो .इस िःथित में तुम्हारा लन्ड पूरा मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जा रहा है।
तुम जोर सेझटका मारतेहो और मेरी चूत में कुछ गरम गरम लगता है।
मैं पूछती हूं- येक्या है, क्या तुम्हारा िनकल गया?
तुम: नहींमैंनेतुम्हारी चूत में मूत िदया है, तुम्हें मज़ा आ रहा हैना?
मुझेइतना मज़ाऽऽऽ आऽऽ रहाऽ हैिक मेरा एक बार और नुकल जाता है। १० िमनट
तक ऐसेही चोदनेके बाद, तुम मुझेउठा के मेज़ के िकनारेपर बैठा देतेहो और
मेरी टांगें अपनी पीठ में गोल घेरेके रूप में बांध लेतेहो और जोर के झटकों के साथ
मुझेचोदनेलगतेहो।
पूरी ताकत सेपूरी ताकत सेचोदो. फाड़ दो मेरी चूत को भी
और तुम वाःतव में राजधानी एक्सूेस की तरह फुल ःपीड में मेरी चूत की बेदद से
चुदाई करतेजा रहेहो और मेरेमम्मो सेखेल रहेहो .
अब तुम्हारी साँसें तेज़ होनेलगती हैं
तुम आ आआआआआआआआआआआआआआअह उफ़
फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ मर गया
आआआआआआअ मेरा िनकलनेवाला हैिचल्लानेलगतेहो
मैं अपनी टांगों का घेरा बनके तुम्हें अपनी तरफ़ ज़ोर ज़ोर सेखीच रही हूं।तुम
अचानक मुझेअपनी बाहों में उठा लेतेहो इस तरह की मेरी चूत मैं तुम्हारा लन्ड
घुसा हुआ हैऔर मेरेमम्मेबुरी तरह उछल रहेहैं
५ िमनट मुझेिहलनेको कहतेहो और मुझेज़ोर ज़ोर सेइसी पोिसशन में उछालते
जातेहो . तुम्हारी ःपीड बढती जाती हैऔर मुँह सेआ
आआआआआआआआआआआआआआआआआआह आया आया
आआआआआआआआआआआआआआआअह ईईईईईईईईईईईईईईईइ ईई
आआआआआआआ आआआआआआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊअअअअह्ह की
आवाजें आती जाती है
मुझेऐसेही उछलातेतुम एक ज़ोर का झटका मारतेहो और तुम्हारा होत व्हाइट
जूस तुम्हारेमोटेहाडर् लन्ड सेिनकल कर सीधा मेरी चूत की आग को शांत करते
हुए िगर जाता है .मेरेचूत में सेएक बार और जसू िनकलता है .
तुम मुझेलेकर बेड पर पास आ जातेहो और मेरेऔर तुम्हारेजूस बेड पर टपकतेहैं
.
हम कुछ देर इसी तरह पड़ेरहतेहैं
िफ़र उठ के मैं तुम्हारेऔर अपनेिलए खाना बनाती हूँ
और हम खाना खातेहैं
इस पूरेदौरान मैं और तुम पूरेनंगेरहतेहैं .
खाना खा के हम दोनों एक दसू रेकी बाहों में सो जातेहैं, दो घंटेबाद उठके िफ़र
अलग अलग जगह और पोज में खूब चुदाई करतेहैं.
रात को भी एक बार चुदाई का सेिःसओंहोता हैऔर तुम अपना लन्ड मेरी चूत में
डाल कर ही मुझेअपनी बाहों में भर के सो जातेहो .
सुबह उठकर हम लोग एक दसू रेको ६९ पोिसशन में ओरल सेक्स करतेहैं .
तुम कहतेहो एक िदन में इतना मज़ा मैंनेिज़न्दगी में कभी नहींिकया और शायद
तुम्हारेिबना कर भी नहींपाता .
मैं भी कहती हूंहाँवाःतव में िजतनेप्यार सेऔर मज़ेसेतुमनेमेरी चूत और गान्ड
मारी हैशायद ही कोई और मारता .
आई लव यूजानू .
तुम तैयार होतेहो जानेके िलए तो मैं उदास हो जाती हूं।
तुम कहतेहो िचंता मत करो मैं जल्दी ही आऊंगा और अपनेःसथ एक दोःत को
भी लाऊंगा .हम दोनों िमलकर तुम्हारी मारेंगे . सोचो एक लन्ड तुम्हारी चूत में और
एक तुम्हारी गान्ड में एक साथ हो तो िकतना मज़ा आएगा .
मैंनेकहा हाँिफ़र मैं अपनी सहेली को भी बुला लूंगी और हम सब िमलकर मुप
सेक्स करेंगे.
इसी वादेके साथ तुम चलेजातेहो .
जानूयह तुम्हारी मेल और तुम्हारी चैट का नतीजा हैजो मैंनेयह मेल िलखी है
तुम्हें कैसी लगी .
अब तुम इस सेभी सेक्सी और लम्बी मेल मुझेिलखना .
तुम्हारेलंड की प्यासी
अनािमका
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